Rashmi Sanjay Language: Hindi 200 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Rashmi Sanjay 6 Sep 2023 · 1 min read गुरु बदल देते हैं जीवन-मूल्य, विस्मृत कर देते हैं बड़ी से बड़ी भूल। सुलझा देते हैं मन का हर उलझा-भाव, लुप्त हो जाते हैं जीवन के अभाव जब मेरे पास होते... Hindi · कविता 5 126 Share Rashmi Sanjay 30 Aug 2023 · 1 min read रक्षाबंधन मेरी कलाई को सहेजे यह रक्षासूत्र मेरी संपूर्णता को अपनी दुआओं से नवाजता रहता है! संवेदनाओं से गलबहियाॅं करता हुआ यह बन्धन जब-तब मुझे निखारता रहता है, सॅंभालता रहता है!... Hindi · कविता 3 243 Share Rashmi Sanjay 11 Aug 2023 · 1 min read सिंदूरी भावों के दीप ओ प्रिय! तुम्हारी दहलीज़ मेरे महावर भरे पाँवों से सिंदूरी भावों से रंग गई है, बिखर गये हैं शुभकामनाओं के असीम अक्षत, जल गए हैं प्रेम के अलौकिक दीप, अब... Hindi · कविता 1 131 Share Rashmi Sanjay 6 Jul 2023 · 1 min read प्रेम तुम्हारा जीवंत प्रेम रेल की पटरियों से दौड़ता हुआ बादलों के गुच्छों से लिपट जाता है। शब्दों के मकड़जाल में नहीं उलझता। न किचकिच करता है भावनाओं से! न हठधर्मी... Hindi · कविता 4 396 Share Rashmi Sanjay 29 Jun 2023 · 1 min read तुम याद आए बस यूॅं ही तुम याद आए! और याद आए बेसाख़्ता खिलखिलाते लम्हें अभिभूत करते सपने! छू गईं मन का कोना.. पुचकारती संभावनाऍं कुछ ठहरी हुई मन्नतें! चुपचाप.. साथ निभाता मिला... Hindi · कविता 2 2 186 Share Rashmi Sanjay 31 May 2023 · 1 min read उजियारी ऋतुओं में भरती उजियारी ऋतुओं में भरती भावनाऍं संगीत। विचरते मौसम में कुछ गीत। सलोने मन में.. घुलती प्रीत! रश्मि लहर Hindi · Quote Writer · मुक्तक 223 Share Rashmi Sanjay 18 Mar 2023 · 1 min read मुक्तक शैल विषमताओं का है तो कहीं प्रेम का झरना होगा। अपने पथ के शूल हटाकर सफ़र तुम्हें तय करना होगा। मिलन उबासी से जो भर दें , डरना है उन... Hindi · मुक्तक 3 1 317 Share Rashmi Sanjay 7 Mar 2023 · 1 min read फगुवाई है प्रतीक्षा फगुवाई है प्रतीक्षा बाट जोहते रंग। मग सुनने को है विकल प्रियतम के पद-कंज। रश्मि लहर Hindi · Quote Writer · कोटेशन 211 Share Rashmi Sanjay 21 Feb 2023 · 1 min read वंदना वीणा-वादिनि! पथ-प्रकाशिनी, उन्नति का वर दे। हो सशक्त लेखनी सदा ही, ज्ञान सघन भर दे।। रोली घोल भावनाओं की,धवल माथ सज दूॅं। निज मस्तक को, चंदन-सम तव चरणों की रज... Hindi · कविता 2 328 Share Rashmi Sanjay 20 Feb 2023 · 1 min read . *विरोध* "अम्मा जी! ननदोई जी के साथ हम होली नहीं खेलेंगे, उनके ढंग ठीक नहीं हैं।वो होली के बहाने इधर–उधर छूने लगते हैं!" कहते–कहते शिप्रा का चेहरा क्रोध से भर गया... Hindi · लघु कथा 1 185 Share Rashmi Sanjay 6 Feb 2023 · 5 min read अहा! लखनऊ के क्या कहने! गोमती की सरल लहरों को अपने आगोश में समेटता एक शहर ...जहाँ सुकून है , शांति है , सभ्यता है , तसल्ली है , प्रेम है और रिश्तों की गुनगुनाहट... Hindi · लेख 1 184 Share Rashmi Sanjay 18 Jan 2023 · 1 min read इस बार फागुन में खिला टेसू पलक भीगी मिलो इस बार फागुन में। चुनरिया भी तनिक बहकी मिलो इस बार फागुन में।। हुए शाखों के रक्तिम से, कपोलों को तनिक देखो। कली रचने लगी... Hindi · ग़ज़ल 178 Share Rashmi Sanjay 7 Jan 2023 · 1 min read लेखनी चलती रही शैशवी मन के पुलक की कल्पना लिखती रही। ज़िंदगी धर मृदुल-पग, प्रस्तावना लिखती रही।। हो वसंती-सा गया मन, नववधू-सी वेदना, कल्पना मधुयामिनी की कामना लिखती रही। भावना ने प्रेम-पूरित छंद-लय... Hindi · ग़ज़ल 2 2 185 Share Rashmi Sanjay 10 Dec 2022 · 1 min read सजल सजल माथ ढूॅंढता चंदन लिख ! करे तिरंगा वंदन लिख !! पगडंडी की सिसकी पढ़! बाट जोहती विरहन लिख !! प्रेम अपरिमित अनगढ़ है! कृष्ण-राधिका बंधन लिख!! जीवन-नेत्र छलकते हैं!... Hindi · कविता 174 Share Rashmi Sanjay 17 Nov 2022 · 1 min read आग्रह बस एक बार आ जाना तुम ! उधार रखी है.. सपनों की देह की छुअन! चुका जाना ब्याज .. लालसाओं का भी चुपचाप ! छोड़ जाना मेरे पास .. सुरसरि... Hindi · कविता 162 Share Rashmi Sanjay 14 Nov 2022 · 1 min read बाट जोहती इक दासी चितवन नेह छुपा न पाये सुधि विरहन बनकर बैठी है। फिर ऋतुराज कनखियों देखें कोयल की बोली बहकी है।। महुवा की सुरभित चंचलता मन में भरती मिली उमंग कुछ मलंग... Hindi · कविता 269 Share Rashmi Sanjay 14 Nov 2022 · 1 min read अकेले-अकेले प्रकाशित किये दीप हमने अकेले सफर तय किया बस अकेले -अकेले कहाॅं कोई रिश्ता जुड़ा अब मिला था चुराई निगाहें सभी ने अकेले.. लगा रोशनी तुम तलक भी गई पर... Hindi · ग़ज़ल 1 171 Share Rashmi Sanjay 6 Nov 2022 · 1 min read अनवरत का सच दुनिया कहती है पर सुनती नहीं स्त्रियों के सपनों की सुदृढ़ आहट.. और चौंक जाती है तब जब खोद डालती हैं स्त्रियाॅं सपनों के रेगिस्तान में आशाओं का कुॅंआ और... Hindi · कविता 3 4 193 Share Rashmi Sanjay 6 Nov 2022 · 1 min read सुनो स्त्री सुनो स्त्री! अपनी इच्छाओं के उत्पीड़न की चोटिल ध्वनि को वृद्ध होती काॅंपती सी अपनी उर्वरक ऑंखों की नमी को स्वीकारो नव-विकसित चेतनाओं का साथ मिला लो झुर्रीदार, थरथराते हाथों... Hindi · कविता 3 4 262 Share Rashmi Sanjay 3 Nov 2022 · 1 min read दिव्यांग भविष्य की नींव कितना आसान है तुम्हारे लिये .... नव-रसों में भीगे भावों को झकझोर कर ... अपनी पैनी निगाहों से टटोलकर उधड़ने की प्रक्रिया से गुजरने वाली स्त्री पर कुछ जुमले उछाल... Hindi · कविता 3 3 266 Share Rashmi Sanjay 3 Nov 2022 · 1 min read प्रवाह में रहो भावना में मत बहो मौन त्यागो अपना भी 'मत' कहो मत कटने दो व्यक्तिव का अंगूठा किसी भी कीमत पर खोलकर रखो एक झरोखा आशाओं का मन की देहरी पर... Hindi · कविता 2 255 Share Rashmi Sanjay 3 Nov 2022 · 1 min read काश! काश! तुम ले जाते ... अपने उस अंतिम मिलन के साथ वो एक सोंधा सा दिन भी! और तुम्हारी भरी–भरी पलकों पर रूकी–रूकी सी वो ... अधूरी रात भी ...... Hindi · कविता 282 Share Rashmi Sanjay 1 Nov 2022 · 1 min read प्रेम कविता रोज आती है गौरैया तुम्हारा संदेश लेकर और खिलखिला पड़ते हैं प्रसून.. वक्त बेवक्त.. रोज मुस्करा देती है प्रतीक्षा.. मुझे देखकर! यूं ही रोज गा उठती है सरगम बेवजह कोयल... Hindi · कविता 455 Share Rashmi Sanjay 1 Nov 2022 · 1 min read मिलना है तुमसे जैसे घुल जाती है हवा मौसम में मिल जाती हैं असंख्य लहरें सागर में.. अनकहे! बस वैसे ही मिलना है मुझे तुमसे एक बार! हॅंसना है तुम्हारे मीठे अधरों पर... Hindi · कविता 1 1 341 Share Rashmi Sanjay 26 Oct 2022 · 5 min read प्रेम के रिश्ते “तुम्हारे घर के आसपास हर बिरादरी के लोग रहते हैं, ऐसा करो ये घर बेच दो भाभी, ग्राहक वगैरह मैं बता दूंगा, सेफ जगह पर चलकर रहो” कविता के देवर... Hindi · कहानी 3 4 309 Share Rashmi Sanjay 25 Oct 2022 · 1 min read प्रणय-बंध प्रेमभरी प्रियतम पाती तेरी ख़ातिर लिखने में उॅंगली काॅंपी तेरी ख़ातिर सोचा था क्या-क्या कहने जाऊॅंगी मैं भावों की नद में बहने जाऊॅंगी मैं जली नेह से मन बाती तेरी... Hindi · कविता 2 2 189 Share Rashmi Sanjay 22 Oct 2022 · 1 min read मन का घाट मन अक्सर बन जाता है मणिकर्णिका घाट! जहाॅं गिर पड़ता है मेरे प्रेम का कर्ण फूल.. पर उसे ढूॅंढने .. वहाॅं तक.. कभी पहुॅंच नहीं पाते हैं.. मेरे शंकर! रश्मि... Hindi · कविता 2 2 252 Share Rashmi Sanjay 22 Oct 2022 · 1 min read लेखनी सुन ओ लेखनी! तू मेरी दोस्त.. तू मेरा साहस! सुख-दुख की साथी.. तू मेरी सजावट! सपना इकलौता, तूने साकार किया। गुमशुदा भावों को, तुमने आकार दिया। अंतिम समय तक.. साथ... Hindi · कविता 1 359 Share Rashmi Sanjay 22 Oct 2022 · 1 min read तुम क्या तुमने सुना है रेत की प्रतीक्षा का शोर.. क्या तुमने समझी है तट को छोड़ कर जाती नदियों के विछोह की पीड़ा? अगर नहीं..तो सुनना.. समझना पत्तों के हरे... Hindi · कविता 1 262 Share Rashmi Sanjay 22 Oct 2022 · 1 min read अनुरोध ऐ मेरी कलम! त्याग कर सारे भ्रम तू चलती रहे निर्विकार भाव से चुभती रह झूठ के सीने पर निर्भय रह नया लिख कुछ संतुष्ट कष्ट कुछ अनुत्तरित प्रश्न मेरी... Hindi · कविता 238 Share Rashmi Sanjay 22 Oct 2022 · 1 min read बावरी बातें प्रेम में बावरा होना भी कितना अद्भुत होता है न.. हर पल कल्पनाओं का क्षितिज आशाओं के मन को बहलाता रहता है.. मौसम इंद्रधनुषी सा.. गुनगुनाता रहता है! स्वप्नों की... Hindi · कविता 143 Share Rashmi Sanjay 22 Oct 2022 · 1 min read तुम्हारी छवि तुमने कहा मिटा दो सबकुछ.. मिटने से पहले.. मैंने मिटा दिया अपने रिश्ते का हर सबूत पर मुझे चिढ़ाती रही.. ऑंखों में धरोहर की तरह छुपी तुम्हारी छवि! रश्मि लहर Hindi · कविता 3 2 180 Share Rashmi Sanjay 19 Oct 2022 · 1 min read प्रतीक्षा की स्मित मौसम बदल रहा है.. और … मन भी भरा-भरा है। गौरैया और खेत, गंगा किनारे की रेत.. तुम्हारे आने की मुलायम आहट सुन रहे हैं.. काॅंप रहे हैं.. बाबा के... Hindi · कविता 1 2 218 Share Rashmi Sanjay 18 Oct 2022 · 1 min read ग़ज़ल वो भी कहते रहे चुप्पियां छोड़ दो शर्त मेरी भी थी तल्खियां छोड़ दो ग़ैर वाजिब भी तुम दाम लेते रहो बात ये मान लो अर्थियां छोड़ दो ठंड में... Hindi · ग़ज़ल 1 399 Share Rashmi Sanjay 18 Oct 2022 · 5 min read एक अलग सी दीवाली सपनों की उम्र हर उम्र से बड़ी होती है ....कामिनी वृद्धावस्था में कदम रख चुकी थी ..पर अब तक उसके युवा स्वप्न जीवित थे..अपनी पोती को वो हर गुण से... Hindi · कहानी 2 2 202 Share Rashmi Sanjay 17 Oct 2022 · 2 min read अस्फुट सजलता मैं बहुत उलझन में थी..रोज-रोज की मारपीट मेरे संस्कारों को बदल रही थी.. मैं कल की घटना याद करने लगी.. इन्होंने मेरी पूरी डायरी गैस पर रख दी..एक एक पन्ना... Hindi · लघु कथा 4 2 277 Share Rashmi Sanjay 17 Oct 2022 · 4 min read अपने शून्य पटल से ISBN-978-93-5552-216-0 Rs. 250.00 $15 पुस्तक का नाम – अपने शून्य पटल से (काव्य-संग्रह) रचनाकार का नाम – बाल कृष्ण लाल श्रीवास्तव प्रकाशक – निखिल पब्लिशर्स एण्ड डिस्ट्रीब्यूटर्स – आगरा मोबा:... Hindi · पुस्तक समीक्षा 2 175 Share Rashmi Sanjay 17 Oct 2022 · 1 min read एक नया इतिहास लिखो हृदय ठान लो हे वैदेही! एक नया इतिहास लिखो। जितना तुमने झेला मन में वह अपना संत्रास लिखो।। लिखो तनिक अपने पाॅंवों की, विषम वेदना का अवसर! लिखो टूटकर झरते... Hindi · गीत 2 264 Share Rashmi Sanjay 17 Oct 2022 · 1 min read अक्सर जब-जब भी सहलाने निकले चौंकन्ने हर छाले निकले जमते पाये खून के आँसू हम खुद को बहलाने निकले समय बेचारा रूका मिला था यादों भरे थे आले निकले खंजर छाती... Hindi · ग़ज़ल 4 2 165 Share Rashmi Sanjay 8 Oct 2022 · 1 min read दस्तूर झाँक पड़ीं यादें बीती-सी, खुली अचानक जब मन-खिड़की । कोलाहल, आँगन की गुनगुन, अम्मा की, पायल की रुनझुन । मिली पुरानी अपनी कापी, दौड़ पड़ीं रातें जगराती । हाँफीं दिखीं... Hindi · कविता 2 400 Share Rashmi Sanjay 6 Oct 2022 · 1 min read छुअन लम्हे भर की झुकी सी वो आँखें, छुपाती हैं क्या क्या औ मिलती निगाहें, जताती हैं क्या क्या ये रेखाएं उनकी हैं इतिहास जैसी, इन्हे देख समझो पढ़ाती हैं क्या क्या मोहब्बत थी... Hindi · ग़ज़ल 1 2 176 Share Rashmi Sanjay 29 Sep 2022 · 1 min read स्पंदित अरदास! ऑंचल के कोने बाॅंधा जो, माॅ थोड़ा बचपन रख देना। मन दीपक की लौ काॅंपे तो , प्रेम हथेली से ढक देना।। बहुत कठिन है वचन निभाना, दुर्गम पथ पर... Hindi · गीत 4 8 215 Share Rashmi Sanjay 29 Sep 2022 · 4 min read पुस्तक समीक्षा ISBN - 978-81-955701-6-4 पुस्तक - हो जाये मन बुद्ध (अनागत दोहा संग्रह) रचनाकार – डा. अजय प्रसून प्रथम संस्करण – 2022 स्वत्वाधिकार – रचनाकार मूल्य – रू. 175/- प्रकाशक –... Hindi · पुस्तक समीक्षा 254 Share Rashmi Sanjay 22 Aug 2022 · 4 min read ISBN-978-1-989656-10-S ebook ISBN-978-1-989656-10-S ebook डा. दाऊ जी गुप्ता : हिन्दी के पुरोधा डा. दाऊ जी गुप्ता (स्मृति ग्रंथ ) पृष्ठ – 125 संपादक :डा. हरिसिंह पाल, प्रकाशक सौजन्य– डा. पदमेश गुप्त (आक्सफोर्ड(यू.के.)... Hindi · पुस्तक समीक्षा 3 4 187 Share Rashmi Sanjay 3 Aug 2022 · 4 min read पुस्तक समीक्षा -'जन्मदिन' 'जन्मदिन' – लेखक – विजय कुमार सूर्यभारती प्रकाशन नई सड़क – दिल्ली – 01123266412 मूल्य – 200/ मुद्रक – निधि एंटरप्राइजेज ISBN- 978-93-83424-98-6 , पृष्ठ – 160 कुल लघुकथाएं –... Hindi · पुस्तक समीक्षा 3 322 Share Rashmi Sanjay 29 Jul 2022 · 1 min read ममता माँ तेरी सकुचाई आँखें झूठमूठ मुस्काई रे। तेरी भीगी पलकों की है व्यथा न मुझको भायी रे।। घर का ऑंगन तेरी ही पायल से गुनगुन करता था। और तुम्हारे गीतों... Hindi · कविता 4 4 209 Share Rashmi Sanjay 25 Jul 2022 · 1 min read पत्र की स्मृति में अभी तक मानस-पटल पर अंकित हैं.. वो सशक्त लम्हें! जब एक पत्र की प्रतीक्षा में.. मन उलझ पड़ता था अतीत और वर्तमान से। झाँक पड़ती थीं स्मृतियाँ प्रतीक्षा के रोशनदान... Hindi · कविता 3 4 391 Share Rashmi Sanjay 25 Jul 2022 · 1 min read अम्मा जी सूप फटकते समय ऑंचल का कोना सॅंभालती-सी अपने में मगन, कुछ गुनगुनाती-सी पसीने की बूंदों से अनुभव सॅंवारती-सी तन्मयता से गेहूं के एक एक दाने को पुचकारती-सी अम्मा! बन जाती... Hindi · कविता 2 2 400 Share Rashmi Sanjay 20 Jul 2022 · 1 min read 'तुम्हारे बिना' तुम्हारे बिना अभावों की रसोईं में उबलती रही ख्वाबों की चाय.. देर तलक! प्रतीक्षा करते रहे मूक कप..असहाय गाढ़ा होता रहा इच्छाओं का रंग ढूॅंढता रहा.. अपनों का संग उड़ती... Hindi · कविता 6 9 542 Share Rashmi Sanjay 13 Jul 2022 · 1 min read 'माॅं बहुत बीमार है' मुझे देख लेती है.. हॅंसकर भी रोती है। हाथों से चादर की.. सिलवट टटोलती है। पापा की सांसो की, व्याकुल सी यादों से, मन के हर कोने में.. उलझन बेशुमार... Hindi · कविता 4 2 184 Share Page 1 Next