सिद्धार्थ गोरखपुरी Language: Hindi 721 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Next सिद्धार्थ गोरखपुरी 20 Jun 2022 · 1 min read नहीं चाहता मुस्कुराहट मेरे लब को छू लेगी अब पर ये ज़ालिम जमाना नहीं चाहता कौन है जग में जो कभी तन्हा न हुआ कौन है जो मुस्कुराना नहीं चाहता कोरी झूठी... Hindi · कविता 567 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 20 Jun 2022 · 1 min read जद है मेरी अपनी जद है तुम्हारी अपनी जद है तेरे मेरे दरमयाँ वैसे एक बनी सरहद है ये सरहद अक्सर खिंच जाती है जिम्मेदार हालात हैं और गलफमियां भी वैसे होती... Hindi · ग़ज़ल 143 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 17 Jun 2022 · 1 min read लम्स लम्स की आरजू मरकूज है बस खयालों तक वो मेरे रूबरू हो तो फिर कुछ याद नहीं रहता - सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 1 2 227 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 16 Jun 2022 · 1 min read डीह बाबा से विजया के अर्जी मऊर बताईं कब चढ़ी हमरे कपार पे लागल बाटी शादी खातिर कबसे कतार में अगुआ से कहत - कहत जान हमार जाता दूसरा के का बुझाई जवन हमका बुझाता शादी... Hindi · शेर 260 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 16 Jun 2022 · 1 min read बशर्ते पाषाण -ए - हर्ट में ग्रो कर जाता है बीज -ए - मोहब्बत, बशर्ते क्वालिटी उम्दा, बेहतरीन और वाकमाल रहे -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 1 2 191 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 15 Jun 2022 · 1 min read मर्जी आदमी को ग़ुमान था के सब उसकी जद में है मर्जी ऊपर वाले की चली... और गुरुर टूट गया -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 1 148 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 14 Jun 2022 · 1 min read आता है कभी??? मेरा खयाल आता है कभी ??? हकीकत जानते हैं मगर पूछते हैं सभी -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 124 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 14 Jun 2022 · 1 min read खबर पुराने अख़बार में मिलेगी खबर मेरी है तो गड्डी में मगर रद्दी भी तो है -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 137 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 14 Jun 2022 · 1 min read ढूढ़ा जाऊंगा पुराने अखबार की जरूरी खबर हूँ मैं जब जरूरत होगी तो ढूंढा जाऊंगा -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 3 4 507 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 11 Jun 2022 · 1 min read खुशियाँ समेट कर फेंक दो अपनी उम्मीदों को सफ़ेद चादर लपेट कर वरना हर शख्स ले जाएगा तुम्हारी खुशियाँ समेट कर -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 3 123 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 9 Jun 2022 · 1 min read भरोसे का मानक किस्मत बुलंद होती मशहूर कथानक होता काश के भरोसे का भी कोई मानक होता कथित अपनापन महज दिखावा है यारों समझ से परे एकमात्र छलावा है यारों घेर के खड़े... Hindi · कविता 1 4 250 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 8 Jun 2022 · 1 min read किस्मत काश कोई किस्मत तक मेरी बात ले चले के किस्मत पकड़ के हाथ अपने साथ ले चले -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 1 344 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 7 Jun 2022 · 1 min read पीछा जिन्दगी के रास्ते को ऊँचा -नीचा कर रहा हूँ मैं एक अरसे से खुद का पीछा कर रहा हूँ -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 3 121 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 6 Jun 2022 · 1 min read बहुत कुछ बहुत कुछ याद आता है बहुत कुछ भूल जाने को आदमी क्यों नहीं लगता खुद का मूल पाने को -सिद्धार्थ Hindi · शेर 341 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 5 Jun 2022 · 1 min read पैरवी ऐतबार तुमपे न किया जाएगा कान में पैरवी अब पैसों की है - सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 1 132 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 3 Jun 2022 · 1 min read कमतर यार वो कमतर दिखाई दे रहा है क्या मुझे बदतर दिखाई दे रहा है? -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 310 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 3 Jun 2022 · 1 min read खाक वक़्त के इशारे को इत्तेफाक समझते रहे बात ग़र यही है तो क्या खाक समझते रहे -सिद्धार्थ Hindi · शेर 132 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 3 Jun 2022 · 1 min read पिता ऐसा अचूक प्रमेय है पद पिता का संभ्रांत है पर प्रेम सदा ही ध्येय है अनसुलझे सवालों का हल है ये पिता ऐसा अचूक प्रमेय है त्याग व तप का प्रमाण है जिसका त्याग... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 5 7 255 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 3 Jun 2022 · 1 min read बचपन पुराना रे ढूंढ़ के ला दो कोई बचपन पुराना रे पुराना जमाना हाँ पुराना जमाना रे बड़ी - बड़ी बातें हम खूब बतियाते थे दोस्तों से मार खाते उनको भी लतियाते थे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 618 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 3 Jun 2022 · 1 min read बात चले पाँव आहिस्ते से रखकर मेरे जज़्बात चले आँखें खुली रहीं और सामने मेरे रात चले बारात तारों की लेकर घूम रहा है चंदा सूरज निकले तो मेरी भी कोई बात... Hindi · मुक्तक 1 450 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 2 Jun 2022 · 1 min read पिता गलतफहमी है के अलाव सा है पिता घना वृक्ष है पीपल की छाँव सा है पिता लहजा थोड़ा अलग होता है माना पर प्रेम अंतस में लबालब भरा है अपने... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 7 11 489 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 2 Jun 2022 · 1 min read दो जून खुशियाँ रेहन हैं दो जून की रोटी के एवज में आदमी खुश हो जाए या तो रोज पेट भरे -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 2 162 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 31 May 2022 · 1 min read मर्जी न पूछ सवाल ये के कहाँ - कहाँ रख दी हमारी बात थी हमने जहाँ मर्जी वहां रख दी -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 220 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 31 May 2022 · 1 min read गिले -शिकवे परोसकर अरसे बाद शाम को उसके घर मैं क्या गया उसने रख दी थाली सामने गिले - शिकवे परोसकर -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 289 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 31 May 2022 · 1 min read शिवाला जाएगा भले ही मुझे मेरे मन से निकाला जाएगा जुबान - जुबान है हमसे न टाला जाएगा आदतन मजबूर हूँ के कोई भूखा न रहे फिर कैसे मेरे मुँह में निवाला... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 310 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 30 May 2022 · 1 min read अखबार के मौज हो गयी अब खोजी पत्रकार के जबसे टूट गए हर मानक अख़बार के सत्ता की हनक से निज हनक खो दिया लिख रहा न्यूज़ अब शासन के व्यवहार से... Hindi · कविता 162 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 29 May 2022 · 1 min read आँखें भी बोलती हैं न जीभ है न कंठ है कहने का न कोई अंत है दिखने में महज ये बात है पर मामला थोड़ा ज्वलंत है आँखें भावनाओं के इर्द -गिर्द जब भी... Hindi · कविता 2 1 329 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 29 May 2022 · 1 min read बिसात पत्थरों पर भी शजर उगते हैं ऐ बंजर तेरी बिसात क्या है? -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 172 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 29 May 2022 · 1 min read सिक्के निकाल लेते थे जेबों से सिक्के टटोल के वे दिन भी लद गए और सिक्के भी लद गए -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 126 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 29 May 2022 · 1 min read बाईलाज में ग़र सब कुछ लिखा जिन्दगी के बाईलाज में तो फिर गलतफहमियाँ आज़ भी क्यों लाईलाज हैं -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 159 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 29 May 2022 · 1 min read अय्यारी यार के अय्यारी से निजात पाना है? खुद को खुद का रहबर बना के देख जरा -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 334 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 28 May 2022 · 1 min read फनकार आदमी बदल रहा है रूप, रंग, नीयत अपनी क्या सच में बहुत बड़ा फनकार हो गया है?? -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 1 2 248 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 27 May 2022 · 1 min read माना के माना के हैसियत नहीं है मेरी पर सुनना वसीयत नहीं है मेरी -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 133 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 27 May 2022 · 1 min read फ़ितरत फितरत वक़्त के आगे बेबस है अभी वक़्त को बेबस न कर दे तो आदमी कैसा? -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 1 195 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 27 May 2022 · 1 min read रस्ता रास्ता नीरस है,सुनसान है खुद तक जाने का तय तुम्हे करना है के जाना है या नहीं -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 118 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 27 May 2022 · 1 min read हार जाता है गुरुर बड़ा होने का है मगर ये जान लो यारों प्यास की बात आती है तो समंदर हार जाता है जिसे था गुमां ये के दुनियाँ जीत ली उसने फिर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 163 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 25 May 2022 · 1 min read सावन बना दो किसने तुमसे कह दिया के आँख को सावन बना दो हो छटा बस तेरी सम्मुख इतना बस पावन बना दो साँवरी सूरत तुम्हारी मन को रह - रह छू रही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 275 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 24 May 2022 · 1 min read राब्ता उसका मुझसे बस इतना राब्ता है जिसे सब चाहते है वो मुझे चाहता है -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 264 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 24 May 2022 · 1 min read नीम का छाँव लेकर धूप में हम चल रहे जेहन में नीम का छाँव लेकर दूजी भाषा बोलते हैं अंतस में समूचा गाँव लेकर गर्म है धरती शहर की नम नहीं कोमल हृदय है... Hindi · कविता 2 2 623 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 24 May 2022 · 1 min read आफ़ताब आफ़ताब कहते हो न खुद को जान लो दुनिया सिर्फ दाग देखती है -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 145 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 23 May 2022 · 1 min read राशन कार्ड राशन वाले दिन अब लद गए गाँव के लैंड लार्ड के सरकार ने मानक बदल डाले जबसे राशन कार्ड के सरकार श्री का राशन खजाना मुफ्त में अब ना जायेगा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 215 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 22 May 2022 · 1 min read दलीलें झूठी हो सकतीं हैं मन की अदालत में मै खड़ा हूँ दिल मेरी वकालत कर रहा है ..... दलीलें झूठी हो सकतीं हैं -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 1 223 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 22 May 2022 · 1 min read झूठ का बीज शब्द शहद सा बरसे ग़र तो सावधान होकर तुम सुनना कटु सत्य के फिर आगे चिकनी बातों को क्योंकर सुनना चिकनी - चुपड़ी बातों के पीछे घात लगाए अंतस बैठा... Hindi · कविता 2 2 189 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 21 May 2022 · 1 min read चाय हो जाए ठंडा - वंडा, काफ़ी - वाफी महज ढकोसला है यारों चाय का दिन है! चाय हो जाए -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 221 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 19 May 2022 · 1 min read मना कौन करे तुम्हे हक है मुझे गुनहगार समझो तुम्हारे हक में वक़्त है तो फिर मना कौन करे -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 181 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 18 May 2022 · 1 min read यूँही वक़्त तय करता है क़ीमत सबकी लोग यूँही बेशकीमती बने जा रहे हैं -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 250 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 18 May 2022 · 1 min read सब बदल जाते हैं लहजा, सज्जा, छज्जा, मज्जा सब बदल जाते हैं समय और उम्र जब भी ढलने लगता है -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 105 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 18 May 2022 · 1 min read ऐ मेघ ऐ मेघ ले - ले जद में अपने इस समूचे आसमां को कर दे गर्मी शांत अब तो उन्माद भरे इस तपिश की फिर दिखा दे इस जहाँ को के... Hindi · कविता 1 4 477 Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 15 May 2022 · 1 min read प्रारब्ध प्रबल है जीवन पथ पर कुछ खो जाने पर मानव हो जाता अधिक विकल है सबल -निबल नहीं है मानव बस केवल प्रारब्ध प्रबल है नीयत तय करती है नियति क्या खोना... Hindi · कविता 3 2 1k Share सिद्धार्थ गोरखपुरी 15 May 2022 · 1 min read कौन चाहे मतलबी भीड़ में मशहूर होना कौन चाहे आखिर खुद से बहुत दूर होना कौन चाहे -सिद्धार्थ गोरखपुरी Hindi · शेर 161 Share Previous Page 4 Next