मदन मोहन सक्सेना 176 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Next मदन मोहन सक्सेना 15 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल ( खुद से अनजान) ग़ज़ल ( खुद से अनजान) जानकर अपना तुम्हे हम हो गए अनजान खुद से दर्द है क्यों अब तलक अपना हमें माना नहीं नहीं है अब सुबह से शाम तक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 350 Share मदन मोहन सक्सेना 15 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (लाचारी ) ग़ज़ल (लाचारी ) कुछ इस तरह से हमने अपनी जिंदगी गुजारी है जीने की तमन्ना है न मौत हमको प्यारी है लाचारी का दामन आज हमने थाम रक्खा है उनसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 305 Share मदन मोहन सक्सेना 14 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (मुसीबत यार अच्छी है) मुसीबत यार अच्छी है पता तो यार चलता है कैसे कौन कब कितना, रंग अपना बदलता है किसकी कुर्बानी को किसने याद रक्खा है दुनिया में जलता तेल और बाती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 390 Share मदन मोहन सक्सेना 14 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (ये जीबन यार ऐसा ही ) ग़ज़ल (ये जीबन यार ऐसा ही ) ये जीबन यार ऐसा ही ,ये दुनियाँ यार ऐसी ही संभालों यार कितना भी आखिर छूट जाना है सभी बेचैन रहतें हैं ,क्यों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 317 Share मदन मोहन सक्सेना 14 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (आज के हालात ) ग़ज़ल (आज के हालात ) आज के हालात में किस किस से हम शिकवा करें हो रही अपनों से क्यों आज यारों जंग है खून भी पानी की माफिक बिक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 238 Share मदन मोहन सक्सेना 14 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (अब समाचार ब्यापार हो गए ) ग़ज़ल (अब समाचार ब्यापार हो गए ) किसकी बातें सच्ची जानें अब समाचार ब्यापार हो गए पैसा जब से हाथ से फिसला दूर नाते रिश्ते दार हो गए जिटल डिजिटल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 275 Share मदन मोहन सक्सेना 14 Jul 2016 · 1 min read गज़ल (ये कैसा परिवार) गज़ल (ये कैसा परिवार) मेरे जिस टुकड़े को दो पल की दूरी बहुत सताती थी जीवन के चौथेपन में अब ,वह सात समन्दर पार हुआ रिश्तें नातें -प्यार की बातें... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 295 Share मदन मोहन सक्सेना 13 Jul 2016 · 1 min read मुक्तक(अमाबस की अंधेरी में ज्यों चाँद निकल आया है ) तुम्हारा साथ ही मुझको करता मजबूर जीने को तुम्हारे बिन अधूरे हम बिबश हैं जहर पीने को तुम्हारा साथ पाकर के दिल ने ये ही पाया है अमाबस की अंधेरी... Hindi · मुक्तक 554 Share मदन मोहन सक्सेना 13 Jul 2016 · 1 min read मुक्तक (जान) मुक्तक (जान) ये जान जान कर जान गया ,ये जान तो मेरी जान नहीं जिस जान के खातिर जान है ये, इसमें उस जैसी शान नहीं जब जान वह मेरी... Hindi · मुक्तक 569 Share मदन मोहन सक्सेना 13 Jul 2016 · 1 min read तुम्हारा तुम जानो तुम्हारा तुम जानो जहां तक मेरा सवाल है हर रात्रि सोने से पहले और हर सुबह उठने से पहले तुम्हारा ख्याल जेहन में आ जाता है। हर समय ये ख्याल... Hindi · कविता 320 Share मदन मोहन सक्सेना 13 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल(ये किसकी दुआ है ) ग़ज़ल(ये किसकी दुआ है ) मैं रोता भला था , हँसाया मुझे क्यों शरारत है किसकी , ये किसकी दुआ है मुझे यार नफ़रत से डर ना लगा है प्यार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 270 Share मदन मोहन सक्सेना 13 Jul 2016 · 1 min read गज़ल (कुदरत) गज़ल (कुदरत) क्या सच्चा है क्या है झूठा अंतर करना नामुमकिन है. हमने खुद को पाया है बस खुदगर्जी के घेरे में .. एक जमी बक्शी थी कुदरत ने हमको... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 437 Share मदन मोहन सक्सेना 13 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (मेरे मालिक मेरे मौला ) ग़ज़ल (मेरे मालिक मेरे मौला ) मेरे मालिक मेरे मौला ये क्या दुनिया बनाई है किसी के पास खाने को मगर बह खा नहीं पाये तेरी दुनियां में कुछ बंदें,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 249 Share मदन मोहन सक्सेना 13 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (चार पल) ग़ज़ल (चार पल) प्यार की हर बात से महरूम हो गए आज हम दर्द की खुशबु भी देखो आ रही है फूल से दर्द का तोहफा मिला हमको दोस्ती के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 296 Share मदन मोहन सक्सेना 13 Jul 2016 · 1 min read गज़ल (बात करते हैं ) गज़ल (बात करते हैं ) सजाए मौत का तोहफा हमने पा लिया जिनसे ना जाने क्यों बो अब हमसे कफ़न उधार दिलाने की बात करते हैं हुए दुनिया से बेगाने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 523 Share मदन मोहन सक्सेना 13 Jul 2016 · 1 min read गज़ल (ख्बाब) गज़ल (ख्बाब) ख्बाब था मेहनत के बल पर , हम बदल डालेंगे किस्मत ख्बाब केवल ख्बाब बनकर, अब हमारे रह गए हैं कामचोरी, धूर्तता, चमचागिरी का अब चलन है बेअरथ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 423 Share मदन मोहन सक्सेना 13 Jul 2016 · 1 min read गज़ल ( बात अपने दिल की ) गज़ल ( बात अपने दिल की ) सोचकर हैरान हैं हम , क्या हमें अब हो गया है चैन अब दिल को नहीं है ,नींद क्यों आती नहीं है बादियों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 479 Share मदन मोहन सक्सेना 13 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (इनायत) ग़ज़ल (इनायत) दुनिया बालों की हम पर जब से इनायत हो गयी उस रोज से अपनी जख्म खाने की आदत हो गयी शोहरत की बुलंदी में ,न खुद से हम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 504 Share मदन मोहन सक्सेना 13 Jul 2016 · 1 min read गज़ल (मेरे हमसफ़र ) गज़ल (मेरे हमसफ़र ) मेरे हमनसी मेरे हमसफ़र ,तुझे खोजती है मेरी नजर तुम्हें हो ख़बर की न हो ख़बर ,मुझे सिर्फ तेरी तलाश है मेरे साथ तेरा प्यार है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 290 Share मदन मोहन सक्सेना 13 Jul 2016 · 1 min read गज़ल ( आगमन नए दौर ) गज़ल ( आगमन नए दौर ) आगमन नए दौर का आप जिसको कह रहे बह सेक्स की रंगीनियों की पैर में जंजीर है सुन चुके है बहुत किस्से वीरता पुरुषार्थ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 463 Share मदन मोहन सक्सेना 13 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (हार-जीत) ग़ज़ल (हार-जीत) पाने को आतुर रहतें हैं खोने को तैयार नहीं है जिम्मेदारी ने मुहँ मोड़ा ,सुबिधाओं की जीत हो रही साझा करने को ना मिलता , अपने गम में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 365 Share मदन मोहन सक्सेना 13 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल( ये कल की बात है ) ग़ज़ल( ये कल की बात है ) उनको तो हमसे प्यार है ये कल की बात है कायम ये ऐतबार था ये कल की बात है जब से मिली नज़र... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 421 Share मदन मोहन सक्सेना 12 Jul 2016 · 1 min read गज़ल (बहुत मुश्किल ) गज़ल (बहुत मुश्किल ) अँधेरे में रहा करता है साया साथ अपने पर बिना जोखिम उजाले में है रह पाना बहुत मुश्किल ख्वाबों और यादों की गली में उम्र गुजारी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 269 Share मदन मोहन सक्सेना 12 Jul 2016 · 1 min read गज़ल (खेल जिंदगी) गज़ल (खेल जिंदगी) दिल के पास है लेकिन निगाहों से बह ओझल हैं क्यों असुओं से भिगोने का है खेल जिंदगी। जिनके साथ रहना हैं ,नहीं मिलते क्यों दिल उनसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 228 Share मदन मोहन सक्सेना 12 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (दोस्ती आती नहीं है रास अब बहुत ज्यादा पास की) ग़ज़ल (दोस्ती आती नहीं है रास अब बहुत ज्यादा पास की) नरक की अंतिम जमीं तक गिर चुके हैं आज जो नापने को कह रहे , हमसे बह दूरियाँ आकाश... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 588 Share मदन मोहन सक्सेना 12 Jul 2016 · 1 min read गज़ल ( सेक्युलर कम्युनल ) गज़ल ( सेक्युलर कम्युनल ) जब से बेटे जबान हो गए मुश्किल में क्यों प्राण हो गए किस्से सुन सुन के संतों के भगवन भी हैरान हो गए आ धमके... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 362 Share मदन मोहन सक्सेना 12 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (मौका) ग़ज़ल (मौका) गजब दुनिया बनाई है, गजब हैं लोग दुनिया के मुलायम मलमली बिस्तर में अक्सर बह नहीं सोते यहाँ हर रोज सपने क्यों, दम अपना तोड़ देते हैं नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 245 Share मदन मोहन सक्सेना 11 Jul 2016 · 1 min read गज़ल (बोल) गज़ल (बोल) उसे हम बोल क्या बोलें जो दिल को दर्द दे जाये सुकूं दे चैन दे दिल को , उसी को बोल बोलेंगें जीवन के सफ़र में जो मुसीबत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 262 Share मदन मोहन सक्सेना 11 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल( ऐतबार) ग़ज़ल( ऐतबार) जालिम लगी दुनिया हमें हर शख्श बेगाना लगा हर पल हमें धोखे मिले अपने ही ऐतबार से नफरत से की गयी चोट से हर जखम हमने सह लिया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 291 Share मदन मोहन सक्सेना 11 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल(मन करता है) ग़ज़ल(मन करता है) लल्लू पंजू पप्पू फेंकू रबड़ी को अब देख देख कर अब मेरा भी राजनीती में मन आने को करता है सच्ची बातें खरी खरी अब किसको अच्छी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 252 Share मदन मोहन सक्सेना 11 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल ( सच्चा झूठा) ग़ज़ल ( सच्चा झूठा) क्या सच्चा है क्या है झूठा अंतर करना नामुमकिन है हमने खुद को पाया है बस खुदगर्जी के घेरे में एक जमी वख्शी थी कुदरत ने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 454 Share मदन मोहन सक्सेना 11 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल ( खुदा का रूप ) ग़ज़ल ( खुदा का रूप ) गर कोई हमसे कहे की रूप कैसा है खुदा का हम यकीकन ये कहेंगे जिस तरह से यार है संग गुजरे कुछ लम्हों की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 249 Share मदन मोहन सक्सेना 11 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (खेल देखिये) ग़ज़ल (खेल देखिये) साम्प्रदायिक कहकर जिससे दूर दूर रहते थे राजनीती में कोई अछूत नहीं ,ये खेल देखिये दूध मंहगा प्याज मंहगा और जीना मंहगा हो गया छोड़ दो गाड़ी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 225 Share मदन मोहन सक्सेना 11 Jul 2016 · 1 min read गज़ल (रचना ) गज़ल (रचना ) कभी गर्दिशों से दोस्ती कभी गम से याराना हुआ चार पल की जिन्दगी का ऐसे कट जाना हुआ इस आस में बीती उम्र कोई हमें अपना कहे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 354 Share मदन मोहन सक्सेना 11 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल ( जिंदगी का सफ़र) ग़ज़ल ( जिंदगी का सफ़र) बीती उम्र कुछ इस तरह कि खुद से हम न मिल सके जिंदगी का ये सफ़र क्यों इस कदर अंजान है प्यासा पथिक और पास... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 259 Share मदन मोहन सक्सेना 11 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (हिम्मत साथ नहीं देती) ग़ज़ल (हिम्मत साथ नहीं देती) किसको अपना दर्द बतायें कौन सुनेगा अपनी बात सुनने बाले ब्याकुल हैं अब अपना राग सुनाने को हिम्मत साथ नहीं देती है खुद के अंदर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 494 Share मदन मोहन सक्सेना 11 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल ( जिंदगी जिंदगी) ग़ज़ल ( जिंदगी जिंदगी) तुझे पा लिया है जग पा लिया है अब दिल में समाने लगी जिंदगी है कभी गर्दिशों की कहानी लगी थी मगर आज भाने लगी जिंदगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 516 Share मदन मोहन सक्सेना 11 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (ऐतवार) ग़ज़ल (ऐतवार) बोलेंगे जो भी हमसे बह ,हम ऐतवार कर लेगें जो कुछ भी उनको प्यारा है ,हम उनसे प्यार कर लेगें बह मेरे पास आयेंगे ये सुनकर के ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 494 Share मदन मोहन सक्सेना 11 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (क्यों हर कोई परेशां है) ग़ज़ल (क्यों हर कोई परेशां है) दिल के पास है लेकिन निगाहों से जो ओझल है ख्बाबों में अक्सर वह हमारे पास आती है अपनों संग समय गुजरे इससे बेहतर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 330 Share मदन मोहन सक्सेना 11 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (किस को गैर कहदे हम) ग़ज़ल (किस को गैर कहदे हम) दुनिया में जिधर देखो हजारो रास्ते दीखते मंजिल जिनसे मिल जाए बह रास्ते नहीं मिलते किस को गैर कहदे हम और किसको मान ले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 410 Share मदन मोहन सक्सेना 8 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (अपनी जिंदगी) ग़ज़ल (अपनी जिंदगी) अपनी जिंदगी गुजारी है ख्बाबों के ही सायें में ख्बाबों में तो अरमानों के जाने कितने मेले हैं भुला पायेंगें कैसे हम ,जिनके प्यार के खातिर सूरज... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 439 Share मदन मोहन सक्सेना 8 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल(दूर रह कर हमेशा हुए फासले ) ग़ज़ल(दूर रह कर हमेशा हुए फासले ) दूर रह कर हमेशा हुए फासले ,चाहें रिश्तें कितने क़रीबी क्यों ना हों कर लिए बहुत काम लेन देन के ,विन मतलब कभी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 275 Share मदन मोहन सक्सेना 8 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल ( दिल की बातें) ग़ज़ल ( दिल की बातें) जिनका प्यार पाने में हमको ज़माने लगे बह अब नजरें मिला के मुस्कराने लगे राज दिल का कभी जो छिपाते थे हमसे बातें दिल की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 607 Share मदन मोहन सक्सेना 8 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (जीबन :एक बुलबुला ) ग़ज़ल (जीबन :एक बुलबुला ) गज़ब हैं रंग जीबन के गजब किस्से लगा करते जबानी जब कदम चूमे बचपन छूट जाता है बंगला ,कार, ओहदे को पाने के ही चक्कर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 240 Share मदन मोहन सक्सेना 8 Jul 2016 · 1 min read सपने सजाने लगा आजकल हूँ सपने सजाने लगा आजकल हूँ मिलने मिलाने लगा आज कल हूँ हुयी शख्शियत उनकी मुझ पर हाबी खुद को भुलाने लगा आजकल हूँ इधर तन्हा मैं था उधर तुम अकेले... Hindi · गीत 243 Share मदन मोहन सक्सेना 8 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (ये कैसा तंत्र) ग़ज़ल (ये कैसा तंत्र) कैसी सोच अपनी है किधर हम जा रहें यारों गर कोई देखना चाहें बतन मेरे वह आ जाये तिजोरी में भरा धन है मुरझाया सा बचपन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 231 Share मदन मोहन सक्सेना 8 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (सबकी ऐसे गुजर गयी) ग़ज़ल (सबकी ऐसे गुजर गयी) हिन्दू देखे ,मुस्लिम देखे इन्सां देख नहीं पाया मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे में आते जाते उम्र गयी अपना अपना राग लिए सब अपने अपने घेरे में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 371 Share मदन मोहन सक्सेना 8 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (कुर्सी और वोट) ग़ज़ल (कुर्सी और वोट) कुर्सी और वोट की खातिर काट काट के सूबे बनते नेताओं के जाने कैसे कैसे , अब ब्यबहार हुए दिल्ली में कोई भूखा बैठा, कोई अनशन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 448 Share मदन मोहन सक्सेना 8 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल ( प्यारे पापा डैड हो गए ) ग़ज़ल ( प्यारे पापा डैड हो गए ) माता मम्मी अम्मा कहकर बच्चे प्यार जताते थे मम्मी अब तो ममी हो गयीं प्यारे पापा डैड हो गए पिज्जा बर्गर कोक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 449 Share मदन मोहन सक्सेना 8 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (दुआ) ग़ज़ल (दुआ) हुआ इलाज भी मुश्किल ,नहीं मिलती दबा असली दुआओं का असर होता दुआ से काम लेता हूँ मुझे फुर्सत नहीं यारों कि माथा टेकुं दर दर पे अगर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 337 Share Previous Page 3 Next