जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 168 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 2 Aug 2024 · 1 min read विरह रस बिछडण थांरो बावळी , मनड़ा मांय कळैह। विरह अगन मं दाझणों, अंतस आग बळैह।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया...✍️ Rajasthani · पुरूष विरह के दोहे 47 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 2 Aug 2024 · 1 min read बाण मां के दोहे दैवळ चमकै दीवलां, जगमग जळती जोत। सेवा करै सीसोदिया, गुण गावै गहलोत।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया..✍️ Rajasthani · बाण माताजी के दोहे 64 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 2 Aug 2024 · 1 min read बाण मां के दोहे उठतां दरसण आपरां, मायड़ राखो लाज। नैड़ी न आवै विपदा, सकल सुधारौ काज।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया..✍️ Rajasthani · बाण माताजी के दोहे 74 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 2 Aug 2024 · 1 min read कुण हैं आपणौ कुण हैं आपणौ अर कुण हैं परायौ इण जीयांजूण री भागम दौड मे की ठांह कोनी पड्यो जणै घणी जरुत पड़ी तौ दूंजा भाई सैण कामै आयां आपणां वाळां तौ... Rajasthani · कविता 90 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 2 Aug 2024 · 1 min read बाण मां के दोहे मनवौं मस्त मगन भयो, आयौ जद दरबार। भूल्यौ सब भ्रम जाळ नै, मां रो कर दीदार।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया...✍️ Rajasthani · बाण माताजी के दोहे 62 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 2 Aug 2024 · 1 min read बाण मां के दोहे ऊंच नीच भाळै नही, छोटा बड़ा न भेद। ममता री थ्हूं मूरती , महिमां भाखै वेद।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया..✍️ Rajasthani · बाण माताजी के दोहे 67 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 2 Aug 2024 · 1 min read बाण मां के दोहे भीड़ पड़ै जद भगत पर, आधै हेलै आय। दयाळु बायण मावड़ी, संकट दै सुळटाय।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया..✍️ Rajasthani · बाण माताजी के दोहे 73 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 2 Aug 2024 · 1 min read बाण मां के दोहे उठतां ध्यावूं आपनै, रसना पर नित नाम। बायण हेलौ सांबळै, सारै सगळां काम।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया..✍️ Rajasthani · बाण माताजी के दोहे 64 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 2 Aug 2024 · 1 min read बाण मां के दोहे सुख करणी दुख हरणी, मोटी थूं महमाय। छत्तर छांया राखजै , नमो नमो सुरराय।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया..✍️ Rajasthani · बाण माताजी के दोहे 83 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 2 Aug 2024 · 1 min read बाण मां रा दोहा बायण थ्हांरी कीरती, मम मुख कथी न जाय। च्यांर कूंट नवखंड में, धजा रयी लहराय।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया..✍️ Rajasthani · बाण माताजी के दोहे 58 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 2 Aug 2024 · 1 min read बाण माताजी के दोहे चरणै आयो संकरी, अरज करू कर जोड़। अबखी वैळां आवजै, धणीयांणी चितौड़।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया...✍️ Rajasthani · बाण माताजी के दोहे 72 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 2 Aug 2024 · 1 min read बाण मां री महिमां चितौड़ तुरकै घेरियौ, कियौ घणौ अनियांव मावड़ी। निरबळ निरधन लूटतां गेहरा दीधा घाव मावड़ी।। हम्मीर हिमत राखियां, आप दियौ दरसाव मावड़ी। पल में मारग दाखियौ, छत्तर राखी छांव मावड़ी।। जबर... Rajasthani 75 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 2 Aug 2024 · 1 min read बाण माताजी री महिमां चितौड़ तुरकै घेरियौ, कियौ घणौ अनियांव मावड़ी। निरबळ निरधन लूटतां गेहरा दीधा घाव मावड़ी।। हम्मीर हिमत राखियां, आप दियौ दरसाव मावड़ी। पल में मारग दाखियौ, छत्तर राखी छांव मावड़ी।। जबर... Rajasthani 64 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 2 Aug 2024 · 1 min read बाण मां सू अरदास म्हैं बाळक नादान मावड़ी आयौ चितौड़ थांन मावड़ी बुधि दहिजै बाण मावड़ी धरूं हरदम ध्यान मावड़ी जुग मे हुवै स्यांन मावड़ी अवल राखै आंन मावड़ी मोकळौ हुवै मांन मावड़ी च्यांरु... Rajasthani · देवी की स्तुति 43 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 2 Aug 2024 · 1 min read बाण मां सूं अरदास चितौड़ राय सदा सिवरूं, थोड़ी दया दाख मावड़ी। अवर नह दीसै आसरौ, छत्तर छायां राख मावड़ी।। अवगुण घणा हैं घट भीतर, सबने बाहरै नांख मावड़ी। अबोध बालक म्हे दुनियां में,... Rajasthani · देवी की स्तुति 54 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 2 Aug 2024 · 1 min read बाण मां सूं अरदास किणनै कहूं कुण सांबळै किणनै सुणावूं पीर मावड़ी। अंतस घणौह अळूझियौ, नैणां झरतौ नीर मावड़ी।। निजर न आवै मारगियौ, धारूं किकर धीर मावड़ी। ममता री थ्हूं मूरती राखै समदां सीर... Rajasthani · देवी की स्तुति 1 85 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 2 Aug 2024 · 1 min read चितौड़ में दरबार डोकरी चितौड़ में दरबार डोकरी बैठी भुजा पसार डोकरी आवै हंस असवार डोकरी भगतां वाळी लार डोकरी छैकी लेजै सार डोकरी वैगी चढ़जै वार डोकरी सुणनै म्हारी पुकार डोकरी करजै मत... Rajasthani · देवी की स्तुति 1 74 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 2 Aug 2024 · 1 min read जिंदगी रो आफळकुटौ अणहूंतै आफळकुटै मांय उळझियोड़ी जिन्दगांणी मजल रौ मारग सोधती नित री खैचळ करती सुपणां री चादर सामट'र नूवां नूवां पाबड़ा भरती अंतस में आस लियोड़ी जीवण री पावड़ियां चढ़ती कदै'क... Rajasthani · कविता 80 Share Previous Page 4