Chitra Bisht 205 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Chitra Bisht 23 Oct 2024 · 1 min read फिर करना है दूर अँधेरा फिर करना है दूर अँधेरा, फिर लाना है जगमग सवेरा, खिले हर चेहरे पर रोशनी खुशियों की चमक उठे हर आँगन, गाँव और बस्ती पुरानी सोच के आवरण बदले नई... Hindi · कविता 24 Share Chitra Bisht 22 Oct 2024 · 1 min read रिश्तों की आड़ में रिश्तों की आड़ में सब कुछ ले लिया मासूम बन पूछते हैं हमने क्या किया चित्रा बिष्ट Quote Writer 33 Share Chitra Bisht 22 Oct 2024 · 1 min read आह, ये नशा जीवन के हर रंग से जुड़कर जीता मरता फिर भी मोह तज न पाए आह, ये जीवन का नशा कुछ बनने का नशा आगे बढ़ने का नशा श्रृंगार का नशा... Hindi · कविता 1 19 Share Chitra Bisht 21 Oct 2024 · 1 min read चला गया आज कोई चला गया आज कोई किसी दूसरे जहान में वजूद उसका नजर आयेगा बस यादों और ख्वाब में चित्रा बिष्ट Quote Writer 28 Share Chitra Bisht 20 Oct 2024 · 1 min read कभी-कभी अकेला होना कभी-कभी अकेला होना देता है अजब सुकून ना ख्वाहिशों की तकलीफें ना उम्मीदों का जुनून चित्रा बिष्ट Quote Writer 33 Share Chitra Bisht 19 Oct 2024 · 1 min read जो खुद को हमारा जो खुद को हमारा जानिसार कहते है मुश्किल हालात में वो भी रास्ता बदल लेते है चित्रा बिष्ट Quote Writer 1 43 Share Chitra Bisht 19 Oct 2024 · 1 min read चाहत थी कभी आसमान छूने की चाहत थी कभी आसमान छूने की ऊंचाईयों से भी ऊंचा होने की वक्त ने ली करवट हालात बदल गए गिरने के डर से उड़ने के इरादे बदल दिए चित्रा बिष्ट Quote Writer 1 28 Share Chitra Bisht 19 Oct 2024 · 1 min read पुरानी डायरी के पन्ने पुरानी डायरी के पन्ने संभाल के खोलना कुछ सूखे फूल वहाँ आज भी साॅस लेते है चित्रा बिष्ट Quote Writer 36 Share Chitra Bisht 19 Oct 2024 · 1 min read साँसें थम सी जाती है साँसें थम सी जाती है धड़कनें भी बढ जाती है मर्ज ये लाइलाज लगता है जब दिल्ली में प्रदुषण बढ़ता है चित्रा बिष्ट Quote Writer 29 Share Chitra Bisht 18 Oct 2024 · 1 min read ज़मीन से जुड़े कलाकार ज़मीन से जुड़े हैं ये कलाकार मिट्टी की चीज़ें बना पालते हैं परिवार दिया, खिलौने, मटकी हाथी, घोड़े, लड़का, लड़की घर, बर्तन, पालकी मूर्तियाँ देवी देवताओं की कुछ रूपयों में... Hindi · कविता 1 26 Share Chitra Bisht 18 Oct 2024 · 1 min read बड़ा आदर सत्कार बड़े आदर सत्कार के साथ घर में लाए पूजा,अर्चना, दीप जला स्वागत गीत गाये मोदक, पूरन, मेवा आदि छप्पन भोग लगाए लेकिन पर्व समाप्ति पर विसर्जित किए जाए आप की... Hindi · कविता 2 34 Share Chitra Bisht 18 Oct 2024 · 1 min read आगे बढ़ निरंतर आगे बढ़ निरंतर नई राहों पे हो अग्रसर चाहे अकेला ही सही खुद पर यकीन कर भीङ का हिसा मत बन अपनी राह चुन बेफिक्र साथ की जिद छोड़ कर... Hindi · कविता 1 30 Share Chitra Bisht 18 Oct 2024 · 1 min read निर्मोही से लगाव का निर्मोही से लगाव का दर्द तुम क्या जानो, जाने के बाद भी होता है इंतजार, मर्ज़ ये ला इलाज तुम क्या जानो चित्रा बिष्ट Quote Writer 1 38 Share Chitra Bisht 17 Oct 2024 · 1 min read ध्यान करने परमपिता का ध्यान करने परमपिता का बैठे जब हम ध्यान में फूल, फल, दक्षिणा, धूप ध्यान खींचा इन्हीं सामान ने चित्रा बिष्ट Quote Writer 28 Share Chitra Bisht 17 Oct 2024 · 1 min read सज सवंर कर श्रीमती जी ने सज सवंर कर श्रीमती जी ने कुछ ऐसी बिजली गिराई, बिना तेल के फिसली कढ़ाई और कुकर ने सीटी बजाई चित्रा बिष्ट Quote Writer 37 Share Chitra Bisht 17 Oct 2024 · 1 min read कर्ण कृष्ण संवाद रण क्षेत्र में कर्ण का जब आया अंत समय हाथ जोड़ कृष्ण से उत्तर मांगे प्रश्न के हे मुरलीधर, हे देवकीनंदन क्यों इतना कष्टपूर्ण था मेरा जीवन जन्म देते ही... Hindi · कविता 29 Share Chitra Bisht 17 Oct 2024 · 1 min read प्रत्यक्ष खड़ा वो कौन था प्रत्यक्ष खड़ा वो कौन था अपना था तो क्यों मौन था घिर आए काले काले बादल फिर फिर आए अंधियारे बादल डरकर जो किया करूण रुदन वो दुख से क्यों... Hindi · कविता 2 28 Share Chitra Bisht 17 Oct 2024 · 1 min read निरर्थक शब्दों में अर्थ निरर्थक शब्दों में अर्थ ढूंढते किया दिन व्यर्थ होते अगर समर्थ तज देते निज स्वार्थ करते कुछ परमार्थ चित्रा बिष्ट Quote Writer 41 Share Chitra Bisht 16 Oct 2024 · 1 min read रिश्ते को इस तरह रिश्ते को इस तरह भी निभाया है बेरूखी को नजराना समझ अपनाया है चित्रा बिष्ट Hindi · Quote Writer · शेर 1 27 Share Chitra Bisht 16 Oct 2024 · 1 min read खूबसूरती से बड़ी ही खूबसूरती से बात करते हैं प्यार करने वाले चुपके से आघात करते हैं रिश्तों में बंधना, बंधन में रहना जो कहा मानना, जो सुना करना जो अपनी करो... Hindi · कविता 22 Share Chitra Bisht 16 Oct 2024 · 1 min read समय की बहती धारा में समय की बहती धारा में कितने आगे निकल गए हम न बदल सके खुद को तुम कितने बदल गए गुफ्तगू होती थी हर रोज कभी हफ्ता बीतते आ जाती थी... Hindi · कविता 21 Share Chitra Bisht 15 Oct 2024 · 1 min read कभी यूं ही कभी यूं ही निकल जाओ अनजान रास्तों पे, कभी हाथ तो मिलाओ यूं ही अजनबियों से है बेहद खूबसूरत जिंदगी रंग बिरंगे नजारों से सजी कभी लुत्फ तो उठाओ इसका... Hindi · कविता 21 Share Chitra Bisht 15 Oct 2024 · 1 min read सुबह का मंजर सुबह का मंजर है कितना हसीन हवा में ताजगी मध्यम सी रोशनी चित्रा बिष्ट Quote Writer 18 Share Chitra Bisht 15 Oct 2024 · 1 min read माॅ के गम में हुई जब विदाई बना दी पराई बिछड़े सखी सखा छूट गया मायका मां की स्नेह डोर से रिश्ते रहे जुड़े नहीं रही मां अंदर कुछ टूटा मायका दोबारा छूटा चित्रा... Hindi · कविता 23 Share Chitra Bisht 15 Oct 2024 · 1 min read आस्था का घर शहर में आज त्योहार की धूम है मंदिर के बाहर उमड़ा लोगों का हुजूम है सभी की है चाहतें, उम्मीदें और इच्छाऐं नतमस्तक होकर जगतपिता को सुनाएं बाहर आती शंखनाद... Hindi · कविता 24 Share Chitra Bisht 14 Oct 2024 · 1 min read उसकी याद में क्यों उसकी याद में क्यों आंसू बहाये हमने जिसने किसी और की आगोश में बिताये लम्हे चित्रा बिष्ट Quote Writer 1 32 Share Chitra Bisht 14 Oct 2024 · 1 min read आस्था का घर शहर में आज त्योहार की धूम है मंदिर के बाहर उमड़ा लोगों का हुजूम है सभी की है चाहतें, उम्मीदें और इच्छाऐं नतमस्तक होकर जगतपिता को सुनाएं बाहर आती शंखनाद... Hindi · कविता 24 Share Chitra Bisht 14 Oct 2024 · 1 min read शिकवे शिकायत करना शिकवे शिकायत करना अब छोड़ दिया है हालात ना बदल सकी तो खुद को बदल लिया चित्रा बिष्ट Quote Writer 27 Share Chitra Bisht 14 Oct 2024 · 1 min read रावण, तुम अमर कैसे हो गये हे रावण, तुम अमर कैसे हो गये तुम्हारा अंत तो सतयुग में था निश्चित रामायण में लिखा सत्य है सबको विदित कलियुग में वर्ष दर वर्ष अवतरित कैसा हो गये... Hindi · कविता 20 Share Chitra Bisht 13 Oct 2024 · 1 min read तस्वीरों का सच तस्वीरें हमेशा सच नहीं बोलती दिल में छुपाए जज़्बात नहीं खोलती दिखाती हॅसते मुस्कुराते चेहरे हाथ पकङ करते अनंत बाते माथे पर शिकन का राज़ नहीं खोलती तस्वीरें हमेशा सच... Hindi · कविता 1 20 Share Chitra Bisht 12 Oct 2024 · 1 min read घर के कोने में घर के कोने में मेरी अलमारी है जिसमें रखी चीजें मुझे बेहद प्यारी है जोड़ा है एक एक करके कितने सालों में पहनूं या ना पहनूं दिल करे इनको संभालूं... Hindi · कविता 25 Share Chitra Bisht 12 Oct 2024 · 1 min read इंतज़ार के दिन लम्बे हैं मगर इंतज़ार के दिन लम्बे हैं मगर दिन ये भी कट जायेंगे आसमान में काले बादल हैं पर अँधेरे एक दिन छंट जायेंगे चित्रा बिष्ट Quote Writer 29 Share Chitra Bisht 11 Oct 2024 · 1 min read नवरात्र के नौ दिन नवरात्र के नौ दिनों ने बचपन की याद दिलाई आस पड़ोस में बालिकाओ को कंजक थी जाती खिलाई सुबह से ही नए वस्त्र पहन होना तैयार अगल बगल के घरों... Hindi · कविता 20 Share Chitra Bisht 11 Oct 2024 · 1 min read भीड़ में रहते है मगर भीड़ में रहते है मगर खामोशी की दरकार है ढूंढे ना मिले जो आप ऐसे किरदार हैं चित्रा बिष्ट Quote Writer 1 31 Share Chitra Bisht 11 Oct 2024 · 1 min read कायदों की बेड़ियों कायदों की बेड़ियों में खुद को ना जकड़ो नए रास्तों पर चलो रूढ़िवादी ख़यालत से झगङो चित्रा बिष्ट Quote Writer 33 Share Chitra Bisht 10 Oct 2024 · 1 min read नज़रों से नज़रें मिली जो नज़रों से नज़रें मिली जो नज़र से नज़र उलझ गई नज़रें चुरा ली उसने क्योंकि नज़रों का इशारा समझ गई चित्रा बिष्ट Quote Writer 28 Share Chitra Bisht 10 Oct 2024 · 1 min read दुनिया के मशहूर उद्यमी दुनिया के मशहूर उद्यमी जिनकी पहचान थी सादगी अनगिनत लोगों के मार्गदर्शक दूरदृष्टि वाले और कर्मठ आज हुए धरती से विदा याद आएंगे बहुत, अलविदा हजारों आंखें याद में है... Quote Writer 36 Share Chitra Bisht 10 Oct 2024 · 1 min read दुनिया के मशहूर उद्यमी दुनिया के मशहूर उद्यमी जिनकी पहचान थी सादगी अनगिनत लोगों के मार्गदर्शक दूरदृष्टि वाले और कर्मठ आज हुए धरती से विदा याद आएंगे बहुत, अलविदा हजारों आंखें याद में है... Quote Writer 32 Share Chitra Bisht 9 Oct 2024 · 1 min read कितना कुछ बाकी था कितना कुछ बाकी था कहने को, समझाने को उम्र छोटी पड़ गई रूठने और मनाने को चित्रा बिष्ट Quote Writer 38 Share Chitra Bisht 8 Oct 2024 · 1 min read उम्र बीत गई उम्र बीत गई इसी कशमकश में तेरे ख्वाब थे ज्यादा या कमी थी मेरी कशिश में चित्रा बिष्ट Quote Writer 33 Share Chitra Bisht 8 Oct 2024 · 1 min read बसेरा एक घर की तमन्ना है रहने को जो सिर्फ मेरा हो कहने को चार दीवारें और एक छत बस इतनी सी है चाहत खाली कमरे को मैं अरमानों से भर... Hindi · कविता 1 26 Share Chitra Bisht 7 Oct 2024 · 1 min read My heart skipped a beat My heart skipped a beat Stopped working for a second Help me please if you can Seems I am nearing my end Tik tok tik tok Keeping busy can't stop... English · Poem 33 Share Chitra Bisht 7 Oct 2024 · 1 min read इंतज़ार का मर्ज है संगीन इंतज़ार का मर्ज है संगीन रास किसी को आता नहीं कोई अँधेरों में गुज़ारें शामें कोई करे महफ़िलें रंगीन चित्रा बिष्ट Quote Writer 1 28 Share Chitra Bisht 7 Oct 2024 · 1 min read आसमान का टुकड़ा भी आसमान का टुकड़ा भी अब होता नहीं मयस्सर जिधर भी नजर डालो ऊंची ऊंची इमारतें, बड़े बड़े घर चित्रा बिष्ट Quote Writer 37 Share Chitra Bisht 7 Oct 2024 · 1 min read Relations Granted by occasion Nurtured with passion Groomed by conventions These binding relations... Tied by obligations, Bound by emotions. Paraphernalia of possessions These binding relations... Suppressed by tradition Strengthened by connection... 16 Share Chitra Bisht 7 Oct 2024 · 1 min read Musings Gritty, harsh floor Coldness, giving sores Understated emotions Numbness in store Brazen truth too abrasive Bonds fragile, people evasive Mindful contusions Monotonous chores Years of cold solitude No respite from... English · Poem 32 Share Chitra Bisht 7 Oct 2024 · 1 min read LOST AND FOUND Submissive life Control of mind Had no thoughts Was barely alive Once was accidentally lost Scared, ran from pillar to post Matured, finally learned to live life Hello to the... English · Poem 30 Share Chitra Bisht 7 Oct 2024 · 1 min read घर का हर कोना घर का हर कोना सजाया है बहुत आज शायद आज कोई आयेगा शायद ख़त्म होगा इंतज़ार चित्रा बिष्ट Quote Writer 32 Share Chitra Bisht 6 Oct 2024 · 2 min read श्रीमान पति महोदय श्रीमान पति महोदय समर्पित है आपको ये काव्य, शिकायत नहीं, उद्गगार है बाकी, रिश्तों में तो प्यार है । राजनीति पर इतनी टीका टिप्पणी दशकों पुराना भरा है ज्ञान कल... 17 Share Chitra Bisht 6 Oct 2024 · 1 min read बदले मौसम बदले मौसम तारीखें बदलें या हो बदलते हालात वही तुम हो और वही मैं बदल नहीं सकते हमारे जज्बात चित्रा बिष्ट Hindi · कविता 1 25 Share Previous Page 2 Next