अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' Language: Hindi 1261 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 18 Mar 2024 · 2 min read सत्य सत्य सत्य के एक छोर पर पुरुष है, तो दूसरे छोर पर स्त्री सत्य के एक छोर पर पौरुष है, तो दूसरे छोर पर स्त्रीत्व सत्य का एक छोर जीवन... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · सत्य · सत्य की खोज 2 116 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 18 Mar 2024 · 1 min read सत्य सत्य सत्य की बातें करो तुम सत्य जीता हर सदी में सत्य खोज एक जटिल विषय मांगता अनगिनत परीक्षण सत्य प्राप्ति के चरण में सत्य पढ़ो तुम सत्य गुनो तुम... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · सत्य · सत्य की खोज 3 115 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 18 Mar 2024 · 1 min read सत्य का संधान सत्य का संधान सत्य का संधान सत्य का संधान तमस से ज्योति की ओर एक यात्रा अन्धकार से प्रकाश की ओर प्रस्थान कुत्सित विचारों का अंत कर सदविचारों का आत्मसात... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता · सत्य की खोज 3 130 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 8 Mar 2024 · 1 min read तेरे जागने मे ही तेरा भला है तेरे जागने मे ही तेरा भला है सो कर तू क्या पाएगा यूँ ही सपनों में भटकता रह जाएगा हाथ ना तेरे कुछ आएगा पीर जो दूसरों की मिटाएगा खुद... Hindi · कविता 1 125 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 10 Feb 2024 · 1 min read मुक्तक - वक़्त वक़्त जब भी हाथ से फिसल जाता है अनगिनत घावों का समंदर दे जाता है जब भी वक़्त को काबू में रखा जाता है सफलताओं का कारवाँ रोशन हो जाता... Hindi 1 150 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 7 Feb 2024 · 1 min read मुक्तक जहां भी मिल जाती है ठंडी मीठी छांव वहीं रात गुजर कर लेता हूं चंद फूलों की खुशबू को ही फूलों का गुलशन कर लेता हूं l नहीं इंतजार करता... Hindi · मुक्तक 1 239 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 6 Feb 2024 · 1 min read बहके जो कोई तो संभाल लेना बहके जो कोई तो संभाल लेना फिर चाहे अपना हो या हो पराया चंद मुस्कान रोशन कर देना फिर चाहे अपना हो या पराया सिसकने नहीं देना किसी को भी... Hindi · कविता 1 157 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 Jan 2024 · 1 min read जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर मुझमे तुझमे , यहीं कहीं आसपास हैं ईश्वर किसी के जीवन की कहानी के कहानीकार हैं ईश्वर तो किसी के संगीतमय जीवन के... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 527 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 Jan 2024 · 1 min read मातृभूमि मातृभूमि पर तू अपना सर्वस्व वार दे वतन की खातिर दुश्मनों को जमीं में गाड़ दे वतन परस्ती की राह में खुद को तू निसार दे आँख जो पड़े दुश्मन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 173 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 Jan 2024 · 1 min read जब तक हो तन में प्राण जब तक हो तन में प्राण जुबाँ पर हो एक तेरा नाम गिरने जो लगूं तो संभाल लेना रोने जो लगूं तो हँसा देना किसी को सिसकते देखूं तों चल... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 204 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 Jan 2024 · 1 min read भाग्य प्रबल हो जायेगा जब हर एक दिन को शुभ समझोगे भाग्य प्रबल हो जाएगा जब हर एक कर्म को सत्कर्म करोगे भाग्य प्रबल हो जायेगा जब जीवन को जीवन समझोगे भाग्य प्रबल हो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 178 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 Jan 2024 · 1 min read स्वयं का न उपहास करो तुम , स्वाभिमान की राह वरो तुम स्वयं का न उपहास करो तुम , स्वाभिमान की राह वरो तुम फरेबियों से बच कर रहना , दुर्बलता का त्याग करो तुम पंकज से तुम पावन रहना , सत्य... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 129 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 Jan 2024 · 1 min read चलो एक बार फिर से ख़ुशी के गीत गायें चलो एक बार फिर से ख़ुशी के गीत गायें चलो किसी नवजात को मुस्कुराना सिखाएं आम के बागों में घूमें , डालियों को झूला बनायें चलो एक बार फिर से... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 118 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 Jan 2024 · 1 min read ईश्वर से साक्षात्कार कराता है संगीत ईश्वर से साक्षात्कार कराता है संगीत ख़ुदा की इबादत सिखाता है संगीत दिल के कोने में जब गुनगुनाता है संगीत स्वयं का खुदा से परिचय कराता है संगीत कहीं माँ... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 157 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 28 Jan 2024 · 2 min read आज के बच्चों की बदलती दुनिया आज के बच्चों की बदलती दुनिया बालपन में बचपन को खोजती दुनिया लट्टू की थाप पर थिरकती दुनिया को खोजती पतंग की डोर संग, आसमां छूती दुनिया को टोहती आज... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 98 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 2 min read हमने देखा है हिमालय को टूटते हमने देखा है हिमालय को टूटते सुनी है उसकी अन्तरात्मा की टीस स्वयं के अस्तित्व को टटोलता मानव मन को टोहता सहज अनुभूतियों के झिलमिलाते रंग फीके पड़ते एक नई... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 132 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read कुदरत है बड़ी कारसाज कुदरत है बड़ी कारसाज, आओ करें इससे प्यार कुदरत के नज़ारे हज़ार , आओ करें इससे प्यार कुदरत के किस्से हज़ार , आओ करें इससे प्यार कुदरत की महिमा अपार... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 112 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला दुर्लभ हुईं सात्विक विचारों की श्रृंखला सामान्य हुईं सात्विक विचारों भयावहता नज़र अब नहीं आतीं संवेदना और भावुकता लज्जित कर रही काम पूर्ण मानसिकता अस्तित्व को टटोलते संस्कृति व संस्कार... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 203 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read युगों की नींद से झकझोर कर जगा दो मुझे युगों की नींद से झकझोर कर जगा दो मुझको सो रही अन्तरात्मा की आवाज जगा दो मुझको बिखर न जाएँ जिन्दगी में ख़ुशी के पल आशा की नई किरणों से... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 98 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read विनाश नहीं करती जिन्दगी की सकारात्मकता विनाश नहीं करती जिन्दगी की सकारात्मकता भूल जाओ जिन्दगी के नकारात्मक पलों की भयावहता चित्त को जीवन के सचेत तुम रखो न होने दो विचारों को नकारात्मकता से अचेत आत्मविश्वास... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 140 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read समय समय पर जागो , समय पर सोओ समय पर अपना काम करो समय पर पढ़ना , समय पर लिखना रोशन अपना नाम करो समय पर पूजा , काम न दूजा... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 146 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read कोशिश करना आगे बढ़ना कोशिश करना आगे बढ़ना , तेरा यही प्रयास हो मुश्किलों से तू न डरना , हौसलों की आस हो रहना सजग तुम हमेशा , खामोशी का न साथ हो कीर्ति... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 207 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं फूल अब खिलते नहीं , खुशबू का हमको पता नहीं भागते फिर रहे हैं हम , मंजिल का हमको पता नहीं ज्ञान के पीछे भागते हम , पुस्तकें हमको भाती... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 131 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read बस जाओ मेरे मन में , स्वामी होकर हे गिरधारी बस जाओ मेरे मन में , स्वामी होकर हे गिरधारी धर्म राह पर ले चल मुझको , हे मुरलीधर हे बनवारी तुम करुणा के सागर मेरे , बस जाओ मन... Poetry Writing Challenge-2 · कान्हा भजन 1 134 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read कागज़ की नाव सी, न हो जिन्दगी तेरी कागज़ की नाव सी ,न हो जिन्दगी तेरी मांझी की पतवार सी , हो जिन्दगी तेरी बंज़र ज़मीं सी ,न हो जिन्दगी तेरी फूलों की खुशबू की मानिंद ,हो जिन्दगी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 103 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read खिलेंगे फूल राहों में खिलेंगे फूल राहों में ज़रा दो कदम तो चल बिछेंगे फूल राहों में ज़रा दो कदम तो चल कौन कहता है सुबह होगी नहीं हौसलों को तू अपने आसमां की... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 93 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं खुशनुमा – खुशनुमा सी लग रही है ज़मीं खुशनुमा – खुशनुमा सा लग रहा है आसमां चारों तरफ फूल खिलखिलाने लगे हैं पंक्षी भी मधुर स्वर में गुनगुनाने लगे हैं... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 131 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया खुशियों का दौर गया , चाहतों का दौर गया हम भी हैं नाखुश , अपनेपन का दौर गया नाइंसाफी का दौर नया , नाउम्मीदी का शोर नया नाकाबिल चरित्रों का... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 182 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read सत्य से सबका परिचय कराएं आओ कुछ ऐसा करें सत्य से सबका परिचय कराएं , आओ कुछ ऐसा करें सिंहासन डोल जाएँ , आओ कुछ ऐसा करें वीरों के लहू का कतरा – कतरा देश काम आए दिलों में... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 127 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read कुछ काम करो , कुछ काम करो कुछ काम करो , कुछ काम करो जग में अपना नाम करो भाग्य भरोसे मत बैठो तुम कुछ काम करो , कुछ काम करो आगे बढ़ना नियति तुम्हारी कर्म राह... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 114 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read मुझको अपनी शरण में ले लो हे मनमोहन हे गिरधारी मुझको अपनी शरण में ले लो ,हे मनमोहन हे गिरधारी चरण कमल तेरे बलि – बाले जाऊं ,हे मनमोहन हे गिरधारी मिथ्या अभिमान से दूर रखो तुम, हे मनमोहन हे... Poetry Writing Challenge-2 · कान्हा भजन 1 211 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read फ़ितरत को ज़माने की, ये क्या हो गया है फ़ितरत को ज़माने की, ये क्या हो गया है भाई अपने भाई से, जुदा हो गया है | रिश्तों की मर्यादा ने , सीमाएं लांघ दी हैं इंसानियत का जज़्बा... Poetry Writing Challenge-2 · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · फितरत 1 114 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read जी करता है , बाबा बन जाऊं – व्यंग्य जी करता है बाबा बन जाऊं बाबा बनके प्रॉपर्टी बनाऊं अपना खुद का बिज़नेस चलाऊं जी करता है , बाबा बन जाऊं जी करता है , बाबा बन जाऊं धर्म... Poetry Writing Challenge-2 · व्यंग्य 1 195 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read दीपों की माला दीपों की माला में , जीवन पिरो लो खुशियों से खुद को, सराबोर कर लो बिखेर दो रोशनी , आँगन मे सभी के रंगोली के रंग , जीवन में भर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 120 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 27 Jan 2024 · 1 min read बस इतनी सी अभिलाषा मेरी चाँद बनकर मुस्कराऊँ सूर्य सा मैं ओज पाऊं पुष्प बन खुशबू बिखेरूं सालिला का कल – कल संगीत हो जाऊं बस इतनी सी अभिलाषा मेरी ………………. पक्षियों का कलरव हो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 108 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 18 Jan 2024 · 1 min read बस इतनी सी अभिलाषा मेरी चाँद बनकर मुस्कराऊँ सूर्य सा मैं ओज पाऊं पुष्प बन खुशबू बिखेरूं सालिला का कल - कल संगीत हो जाऊं बस इतनी सी अभिलाषा मेरी ................... पक्षियों का कलरव हो... Hindi · अभिलाषा · कविता 2 181 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 10 Jan 2024 · 4 min read नन्ही परी और घमंडी बिल्ली मिनी एक थी बिल्ली , नाम था मिनी | पूरे जंगल में उसके जैसा चालाक कोई और नहीं था | उसके चार बच्चे थे | एक बार की बात है मिनी... Hindi · कहानी · परी की कहानी 1 501 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 6 Jan 2024 · 1 min read नए वर्ष की इस पावन बेला में नए वर्ष की इस बेला में कुछ नई रीत अपनाएँ बच्चों में संस्कार जगाएं बेटियों को भी पढ़ाएं नए वर्ष की इस पावन बेला में .................... पूरब की संस्कृति से... Hindi · कविता · नए वर्ष की पावन बेला 2 127 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 26 Dec 2023 · 4 min read डर - कहानी जीवन अग्रवाल जी का एक ही पुत्र था प्रणय | बचपन से ही वह संकोची प्रवृत्ति का था | उसे जो भी काम दिया जाता उसे वह या तो पूरा... Hindi · कहानी · प्रेरणादायक कहानी · बाल कहानी 1 286 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 24 Dec 2023 · 4 min read दोस्ती की कीमत - कहानी विवेक और पारस गहरे दोस्त थे | वे दोनों एक दूसरे के पड़ोसी थे | उनके पिता भी एक ही कार्यालय में कार्यरत थे | दोनों परिवारों में काफी गहरे... Hindi · कहानी · बाल कहानी 2 595 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 20 Dec 2023 · 3 min read मोनू बंदर का बदला जंगल में एक पेड़ पर बंदरों का एक झुण्ड रहता था | सर्दी , गर्मी , बरसात सभी मौसम में यही पेड़ इन बंदरों के बसेरा हुआ करता था |... Hindi · कहानी · बाल कहानी 3 2 529 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 17 Dec 2023 · 4 min read आक्रोश - कहानी विजय को बचपन से ही खेलकूद का शौक था | वह अपने घर में दो बड़ी बहनों के बाद सबसे छोटा था | पिता सब्जी बेचने का ठेला चलाकर अपने... Hindi · कहानी · प्रेरणादायक कहानी 1 473 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 15 Nov 2023 · 1 min read विचार विचार मानवीय संवेदनाएं ही मानव जीवन की सबसे बहुमूल्य धरोहर होती हैं l इन्हें ही दूसरे शब्दों में संस्कृति और संस्कार कहते हैं l संवेदनाओं से परिपूर्ण मानव ही पूर्ण... Hindi · Quote Writer 2 226 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 12 Nov 2023 · 1 min read दीपों की माला दीपों की माला में जीवन पिरो लो खुशियों से खुद को सराबोर कर लो बिखेर दो रोशनी आँगन मे सभी के रंगोली के रंग जीवन में भर लो चांद तारे... Hindi · Hindi Poem ( हिन्दी कविता ) · दीवाली 1 205 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 23 Oct 2023 · 4 min read दादी माँ - कहानी यादव जी एक प्रशासनिक पद पर कार्यरत थे | घर में माता जी साथ थीं , पत्नी संतोषी और दो बच्चे रीमा और राघव | एक बहन प्रियंका जिसकी शादी... Hindi · कहानी · प्रेरणादायक कहानी · सामाजिक कहानी 4 2 580 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 1 Oct 2023 · 1 min read दो दिन की जिंदगानी रे बन्दे दो दिन की जिंदगानी रे बन्दे क्यूँ करता अभिमान रे बन्दे महल अटारी सब छूटेंगे खाली हाथ है , जाना रे बन्दे *क्यूँ करता अभिमान रे बन्दे* क्या लाया था... Hindi · कविता · भजन 2 184 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 17 Sep 2023 · 1 min read जी करता है , बाबा बन जाऊं - व्यंग्य जी करता है बाबा बन जाऊं बाबा बनके प्रॉपर्टी बनाऊं अपना खुद का बिज़नेस चलाऊं जी करता है , बाबा बन जाऊं जी करता है , बाबा बन जाऊं धर्म... Hindi · व्यंग्य कविता 2 363 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 17 Sep 2023 · 2 min read आज के बच्चों की बदलती दुनिया आज के बच्चों की बदलती दुनिया बालपन में बचपन को खोजती दुनिया लट्टू की थाप पर थिरकती दुनिया को खोजती पतंग की डोर संग, आसमां छूती दुनिया को टोहती आज... Hindi · कविता · बालपन 3 185 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 7 Sep 2023 · 1 min read चीर हवाओं का सीना, इस पार आए हैं चीर हवाओं का सीना, इस पार आए हैं चीर समंदर की लहरों को, इस पार आए हैं l क्या रोके हमे कोई, क्या टोके हमे कोई हम तो मंजिल के... Hindi · मुक्तक 1 109 Share अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम' 7 Sep 2023 · 1 min read सद्विचार आपको कोई अधिकार नहीं है कि आप किसी को बदलने का प्रयास करें और आप चाहकर भी किसी को बदल नहीं सकते l परिवर्तन मन से होता है l इसलिए... Hindi · विचार 1 101 Share Previous Page 2 Next