Radha jha Language: Hindi 125 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Radha jha 21 Jun 2018 · 1 min read हां नारी हुं मैं हां नारी हुं मैं, दुनिया कि बन्धन कि कड़ी हुं मैं, कहते हैं मेरा कोई अस्तित्व नहीं, पर, बिना मेरे यह दुनिया नहीं, हां नारी हुं मैं, तुलसी की वह... Hindi · कविता 462 Share Radha jha 16 Jun 2018 · 1 min read कर्ण का धर्मसंकट हां केशव, दे रहा था मैं साथ दुराचार का, दे रहा था मैं साथ अन्याय का, लौग कहेंगे मुझे दुराचारी, पर क्या मेरे साथ हुआ था न्याय, जन्म लेते मां... Hindi · कविता 291 Share Radha jha 15 Jun 2018 · 1 min read अधुरा न्याय अग्नि परीक्षा दिलवा कर लाए थे राम, फिर भी त्याग दिया उसे, जब उसे जरूरत थी तुम्हारी, क्या सोचा कौन संभालेगा उसे? जब पीङा होगी उसके कोख में, किसका हाथ... Hindi · कविता 223 Share Radha jha 12 Jun 2018 · 1 min read प्रकृति पिङा धैर्य मेरा बिखर गया, ना जाने कब, कहां किधर गया। टूट गया वचन मेरा, अहिंसा कि राह ,अब हिंसा में बदल गया, अहिंसात्मक ना जाने अब, कहां गया टूट गया... Hindi · कविता 476 Share Radha jha 3 Jun 2018 · 1 min read छुट्टी के बहाने मेडम , अब तो छोड़ दो हमें दर्द हो रहा है हाथों में रोता होगा मेरा पेन भी देख अत्याचार आपके अरे ,कोई समझाओं इन्हें, नन्हे बच्चे हैं हम देखो... Hindi · कविता · बाल कविता 413 Share Radha jha 12 May 2018 · 1 min read सखी निराली मां एक एहसास हैं, मां एक आस है, मां पूर्ण करती दुनिया हमारी मां बिन देखो रूठा है दिल मेरा मैं एक ज्योति तो , मां उस कि रोशनी है,... Hindi · कविता 573 Share Radha jha 6 May 2018 · 1 min read प्यासा नैन रात के अंधेरे में , चांद को न ढ़ुंढ़ो, ढ़ुंढ़ो उस नयना को, जो हर पल खोचती है उस चांद को चांद का क्या अपनी रोशनी से जगमगा जाएगा, पर... Hindi · कविता 239 Share Radha jha 5 May 2018 · 1 min read अंतर्मन दिपिका सुबह का सूरज गया चांद को मनाने दिन में संभाल लुंगा इस दुनिया को पर रात में संभाल लेना तुम देखो दुनिया चल रही है गलत राह पर संभालना है... Hindi · कविता 209 Share Radha jha 17 Apr 2018 · 1 min read मुझे बेटी बनना है ना ईश, अब तो मुझे बेटी हि बनना है, दन्द देने उन दरिंदों को सुन ईश, तुमसे करनी है बात एक तुम रेहना साथ मेरे हर कदम में ताकि ,... Hindi · कविता 485 Share Radha jha 12 Apr 2018 · 1 min read कन्या भ्रूण कि आवाज रो रही थी एक भ्रूण कचरे में, पूछने पर पता चला फेंक दिया मां ने उसको जन्म से पहले। देखो यह आधूनिक समाज, रो -रो वह कह रही थी, पूछ... Hindi · कविता 213 Share Radha jha 7 Apr 2018 · 1 min read आदर आओ बच्चों करें प्रणाम, दुःख - सुख का है साथी राम, सुर्य को करो प्रणाम, दो धन्यवाद उजाले के लिए, नदियां को करो प्रणाम, दो धन्यवाद प्यास बुझाने के लिए,... Hindi · कविता · बाल कविता 241 Share Radha jha 29 Mar 2018 · 1 min read अकेलापन होता है क्या अकेलापन, पुछो उन मां से, लाड़ले जीनके फौज में खङे, पुछो उन बच्चों से, शहीद हो गए जिनके तात, अकेलापन महसूस करना है तुम्है, जाओ ढुंढो उस... Hindi · कविता 2 475 Share Radha jha 26 Mar 2018 · 1 min read इंतजार आसमान के नीचे मैं इंतजार कर रही तुम तो भूल गए हमको परन्तु अब भी मैं राह देख रही Hindi · मुक्तक 439 Share Radha jha 25 Mar 2018 · 1 min read विश्वास है मुझे विश्वास है मुझे, तु तो रहेगा, चाहें कोई रहें ना रहें, परन्तु , तु खङा रहेगा, साथ मेरे हर कदम में, जैसे आत्मा रहती देह में, तु तो रहेगा, मेरे... Hindi · कविता 395 Share Radha jha 18 Mar 2018 · 1 min read दिल तोङ दिया ओ कन्हाहि दिल तोङ दिया रे कन्हाहि, अब मैं किते जवा जी, अब मैं किते जवा जी।। काले-काले नैन तेरी, बहुत याद आई रे, मीठी मुस्कान तेरी, हमको सताये रे हमको सताये... Hindi · गीत 504 Share Radha jha 16 Mar 2018 · 1 min read रिती है संसार कि रिती है संसार कि, जीने नहीं देती चैन से। कुछ करो तो भला, ना करो तो बला,। देख नजारा "राम"रे, कैसी है,तेरा" काम "रे। जो रोते वे सुनते, जो हंसते... Hindi · कविता 518 Share Radha jha 5 Mar 2018 · 1 min read संसार कि उल्टी चक्कर लकङी के अर्थी में फूल हजारे जाते हैं, दुनिया के दस्तूर तो देखो, जब हम हंसते, तब गम मनाते जाते हैं, संसार कि उल्टी चक्कर में, हमारे गम में खुशी... Hindi · मुक्तक 396 Share Radha jha 3 Mar 2018 · 1 min read भूकंप आह! पशुपतिनाथ चुप क्यों बैठे हो, अपने भक्तों का रख लो प्राण।। अपने बच्चों को दें दो जीवन दान, टूट गया जब"धरहरा", मर गई सब "हरहरा"।। कांप उठी जब धरा,... Hindi · कविता 293 Share Radha jha 2 Mar 2018 · 1 min read आदमी इन्सानों के दुनिया में, ना जाने क्या- क्या बन जाते हैं। खुद ही उलझते - खुद ही सुलझते, खुद में खुद बन कर रह जाते । अन्य कि जरूरत क्या,... Hindi · कविता 409 Share Radha jha 2 Mar 2018 · 1 min read निगाहों से देखा कि निगाहों से देखा कि, तिर चल गई। लगी जो दिल में , कि आह निकल गई। देखा जो घायल दिल, कि बाह फैल गई।।। Hindi · मुक्तक 238 Share Radha jha 1 Mar 2018 · 1 min read आतंकवाद मानवता शर्मसार हुआ, जग में फिर अंधकार हुआ।। विछोह हुआ भाई बहन में, जल गया चिराग घर का, लुट गया सुहाग किसी का, चला गया वह छोङ अपने मां को।।... Hindi · कविता 434 Share Radha jha 1 Mar 2018 · 1 min read रात के परिंदे रात के परिंदे, प्रियतम को बुला ले। मिलने को बेचैन बहुत, कही वह मुझे भुला ना दे। रात के परिंदे, मुझे राह दिखा दे। तेरे प्रेम के लिए तरस रही,... Hindi · कविता 486 Share Radha jha 28 Feb 2018 · 1 min read खेलगे हम आज होली ये!!! होली के रंग में, कान्हा के संग में, आओ रे आओ खेलें आज होली ये। सखियां भी संग ले,देख सब दंग, खेलन है मुझे आज होली रे। पिचकारी लाई मैं,... Hindi · गीत 228 Share Radha jha 27 Feb 2018 · 1 min read नारी दर्द कुछ शर्म करो,कुछ शर्म करो, मुझे अपना हक मिलने दो, जिसने यह संसार बसाया, उसे भी शर्म आता होगा, देख तुम्हें मानव बनकर। जिसने तुम्हें जन्म दिया, उसी से तुमने... Hindi · कविता 467 Share Radha jha 26 Feb 2018 · 1 min read मैं तो होरि खेलन आऊगी मैं तो होरि खेलन आऊगी, शायामा तेरे नगरिया, राधे तेरे नगरिया। मैं तो बाकें कि हो जाऊगी, राधा तेरी नगरिया, शायामा तेरि नगरिया। मैं तो रंग मल मल लगाऊंगी, शायामा... Hindi · गीत 237 Share Previous Page 3