डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 179 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 15 Feb 2017 · 1 min read ****नीरू के दोहे**** रस की अनुभूति*** १. ****नीरू वाणी बाल की , ****सुन मिठास भर जाए | ****ज्ञान की ज्योति चाहु ओर, ****बिन प्रयास बिखर जाए | २. नीरू सुनत अचंभित ,**** वाणी बाल की आज... Hindi · दोहा 1 576 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 14 Feb 2017 · 1 min read *** सफलता का राज़***स्वम का स्वम पर विश्वास****** *ऊँचाइयों को छूना आसान नहीं होता मझधारों को पार करके किनारों तक पहुँचना हर किसी का काम नहीं होता ******** *जो करते हैं काम अच्छे जग में सिर्फ उन्हीं का... Hindi · कविता 1 268 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 13 Feb 2017 · 2 min read ****दिन है परीक्षा परिणाम का**** बच्चों के साल भर के प्रयास का**** ****परीक्षा परिणाम का दिन जब आता है | *****बच्चों का मन एकदम सहम जाता है | *बच्चों से ज्यादा अभिभावकों को डर सताता है | परीक्षा के बाद परिणाम का... Hindi · कविता 1 5k Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 10 Feb 2017 · 2 min read ***नारी है ***कमजोर नहीं तू *** ***अबला जीवन तेरी यही कहानी*** *******आँचल में है दूध****** ***********और*********** *******आंखों में है पानी****** (((इस कथन को हमें झुठलाना है))) *****नारी तू कमजोर नहीं है***** #*#* सिर्फ शक्ति का खजाना... Hindi · कविता 1 2 2k Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 9 Feb 2017 · 2 min read ****वैलेंटाइन डे****होता है क्या??????? शायद एक भ्रम वैलेंटाइन डे का अर्थ आज तक न मुझे समझ आया है | व्यर्थ के दिनों ने युवाओं को भ्रमित कर डाला है | स्लैप डे ,चॉकलेट डे ,एनिमी डे ,ऐसे... Hindi · कविता 284 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 9 Feb 2017 · 3 min read "नए समाज की ओर"** काव्यात्मक लघु नाटिका पात्र- माँ , बेटी , पिता और सूत्रधार ************************** *** सूत्रधार - आज देश में कई प्रकार की बुराइयाँ फैली हुई है | इन बुराइयों और रूढ़िवादिता को त्याग कर... Hindi · कविता 499 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 8 Feb 2017 · 1 min read *****ज़रा सोचिए????? रोटी का सत्य*** क्या कहें हम किसी से , ये छोटी सी बात | सबने यही कहा कि रोटी बुझाती है , इस भूखे पेट की आग | मगर नहीं सोचा यह कि... Hindi · कविता 379 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 7 Feb 2017 · 2 min read ****उड़ान***( एक काव्यात्मक कथा) मैं उस देश की बेटी जिसमें जन्मी सीता और सती | मुझको मत कमजोर समझ तू , मैं ही धरती और नदी | गंगा जमुना के जैसी हूँ , शीतल... Hindi · कहानी 1 496 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 6 Feb 2017 · 1 min read **** 'सीख' होती है अनमोल***** *पंछी से सीखा है मैंने ऊँचें उड़ना चहचहाना | *सूरज से सीखा है मैंने नई सुबह की किरण फैलाना | *ऊँचे नभ-गगन से सीखा शीतलता का एहसास पुराना| *अपनी इस... Hindi · कविता 329 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 3 Feb 2017 · 2 min read ******पर्दे के पीछे का सच***** ***किसी ने क्या खूब कहा है*** *******कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती | *********लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती | -----आधुनिकता की चकाचौंध में इन पंक्तियों... Hindi · कहानी 766 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 3 Feb 2017 · 1 min read ***जन्मदिन पर शुभकामना संदेश*** १. फूलों ने बोला खुशबू से खुशबू ने बोला भवरों से भवरों ने बोला तितली से तितली ने बोला वर्षा से वर्षा ने बोला मेघों से मेघों ने बोला लहरों... Hindi · कविता 3 2 10k Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 3 Feb 2017 · 1 min read *****'प्रेरणा' ***शक्ति और ऊर्जा की संवाहक*** देखकर बाधा विविध, बहु विघ्न न घबराना | रह भरोसे भाग के, दुख भोग न पछताना | काम जितना भी हो कठिन, किंतु कभी न उबलाना | भीड़ में चंचल... Hindi · कविता 564 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 1 Feb 2017 · 1 min read ****स्वागत है बसंत का आज**** ****समस्त भारतवासियों को बसंत पंचमी की हार्दिक बधाई****** अरुण किरण अंबर में छूटी, नभ में स्वर्णिम लालिमा छाई है | रंग बसंती सजा धरा पर, खेतों में हरियाली आई है... Hindi · मुक्तक 1 1 268 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 31 Jan 2017 · 1 min read ****'खामोशी' भी बोलती है***** *खामोश हूँ,पर कहना अभी बाकी है बहुत कुछ | जिंदगी के लम्हे कम है मगर कहने को बातें अभी बाकी हैं बहुत कुछ | *दिया जो साथ जिंदगी ने खामोशी... Hindi · कविता 1 407 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 29 Jan 2017 · 1 min read ******धुंधली सी यादें****** ************************* आज खामोश है जमाना, बोलती हैं केवल तस्वीरें ही| यही आधुनिकता है, पुरातन नहीं कहीं से भी | रोज सुबह उठती हूँ, सोचती हूँ हर बार | क्या लौटकर... Hindi · कविता 1 575 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 28 Jan 2017 · 1 min read ***प्रदूषण एक बड़ी समस्या*** *प्रदूषण है एक बड़ी समस्या, काबू इस पर पाना है| प्रदूषण को दूर भगाकर स्वच्छ वातावरण हमें लाना है| *प्रदूषण की खातिर लोगों, ओजोन परत हो रही है नष्ट| नहीं... Hindi · कविता 1k Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 27 Jan 2017 · 1 min read --जागो देश के युवाओं--उठो , जागो और कदम बढ़ाओ *नेता जन कहते फिरते हैं, देश का है हो रहा विकास| जरा हमें तुम यह समझाओ, कहाँ जाए यह युवा आज| *पैसा तो रोज ऐठन करते हैं, टैक्स भी नए... Hindi · मुक्तक 595 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 27 Jan 2017 · 1 min read ***'भ्रष्टाचार' है एक अभिशाप***रोको इसे, मत फलने दो *फैला है कैसा भ्रष्टाचार, पढ़े लिखे हैं यहाँ बेकार, *अनपढ़ करते देश पर राज़, ऑफिस दफ्तर या दुकान, हर तरफ है भ्रष्टाचार| *नेता करते हैं व्याभिचार, हर तरफ यहाँ उन्हीं... Hindi · कविता 1 517 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 26 Jan 2017 · 1 min read मेरा वतन मेरा चमन १ रवि जहाँ से उगता है, किरणों को फैलाता है| नई सुबह की खोज में जब, गगनचुंभि तक जाता है| नए जोश और नव निर्माण का, नया उजाला लाता है|... Hindi · शेर 536 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 26 Jan 2017 · 1 min read ***परिचय मेरा बस इतना है**** *आज मैं करवाती हूं, आपका परिचय अपने आप से| शब्द-शक्ति,शब्द-गुण, अलंकार, लय, तुक, छंद, रस,और चित्रात्मक भाषा, यह सभी है मेरे सौंदर्य रूपी संसार में| *मैं कविता हूँ! रस की... Hindi · मुक्तक 524 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 26 Jan 2017 · 1 min read शिक्षक देश के निर्माता कहते हैं,जो राष्ट्र अपने देश के शिक्षकों का सम्मान करता है| उसका भविष्य सदैव उज्ज्वल रहता है| ज्ञान हमें शक्ति देता है| प्रेम हमें परिपूर्णता देता है| पुस्तके वह साधन... Hindi · मुक्तक 328 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 26 Jan 2017 · 1 min read हमारा गर्व है गणतंत्र (गणतंत्र दिवस की सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ) ये 26 जनवरी का दिन, नव उल्लास ले आया| स्वतंत्रता की याद दिलाकर, सजग हमें करने आया| ये 26 जनवरी का दिन, नव... Hindi · कविता 200 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 26 Jan 2017 · 3 min read बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ एक दिन यूँ ही बैठी, कुछ सोच रही थी| अपने आप से पूछे, एक प्रश्न का उत्तर खोज रही थी| क्या? क्या? बेटी होना अभिशाप है, या सृष्टि के लिए... Hindi · कविता 679 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 12 Jan 2017 · 1 min read जीवन १ जिंदगी है एक खेल कभी विरह कभी मेल। २ जीवन रंगीन है कलरव करता संगीत है। ३ नदी का नीर श्वेत और शीत जीवन समृद्य। ४ विधाता जन्मदाता मिट्टी... Hindi · हाइकु 403 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 11 Jan 2017 · 2 min read लहर ' नोट बंदी अभिशाप या वरदान' "यह रचना उस समय लिखी गई जब देशवासी नोट बंदी से बेहाल थे।" मेरे देश में एक नई लहर चली है। नोट बंदी को लेकर एक नई जंग छिड़ी है।... Hindi · कविता 928 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 10 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ नव प्रभात की लालिमा हैं बेटियां, मां-बाप के लिए वरदान हैं बेटियां। सूनी अंगनाई की बहार हैं बेटियां, कलरव करती मीठा गान हैं बेटियां। पराई नहीं, स्वाभिमान हैं बेटियां, बेटे... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 836 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 10 Jan 2017 · 1 min read कविता- 'मां' मेरी प्रेरणा मैं एक छोटी सी नन्ही कलि हूं, अपने जीवन में आगे चली हूं। उस चांद को छूने की चाह को लेकर, सितारों के नभ में उड़ी हूं। मैं एक छोटी... Hindi · कविता 413 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 9 Jan 2017 · 1 min read नदी ' इसे बहने दो ' निर्झरिणी स्वछंद दुग्ध धारा है, कभी ठंडी कभी शीतल जयमाला है। कलकल छलछल बहती,प्यास सभी की बुझाती जा रही है। मगर पहुंचकर तट पर,मैली होती जा रही है। बैठी एक... Hindi · कविता 490 Share डॉ. नीरू मोहन 'वागीश्वरी' 9 Jan 2017 · 1 min read बेटियां नव प्रभात की लालिमा हैं बेटियां, मां-बाप के लिए वरदान हैं बेटियां। सूनी अंगनाई की बहार हैं बेटियां, कलरव करती मीठा गान हैं बेटियां। पराई नहीं, स्वाभिमान हैं बेटियां, बेटे... Hindi · कविता 441 Share Previous Page 4