Rajesh Kumar Kaurav Language: Hindi 194 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 Rajesh Kumar Kaurav 18 Mar 2018 · 1 min read शुभकामना नवसंवत्सर की (कविता) नवसंवत्सर आ गया अब, खुशियों का त्यौहार। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि, सृष्टि सृजन आधार। सृष्टिकर्ता ब्रह्मा जी दीना, संयोगों का उपहार। शुभकामना नवसंवत्सर की, सब ही को बारम्बार। नवरात्र का... Hindi · कविता 764 Share Rajesh Kumar Kaurav 6 Mar 2018 · 1 min read योद्धा नहीं सिर्फ वो (कविता) योद्धा नहीं सिर्फ वो, जो रणभूमि को जाते। समाज में रहने वाले कब, उनसे कम आंके जाते। ना देखा युद्ध क्षेत्र कभी, ना तलवार गही हाथ में। दयानंद, शंकराचार्य,स्वामी विवेकानंद,... Hindi · कविता 299 Share Rajesh Kumar Kaurav 6 Mar 2018 · 1 min read योद्धा नहीं सिर्फ वो (कविता) योद्धा नहीं सिर्फ वो, जो रणभूमि को जाते। समाज में रहने वाले कब, उनसे कम आंके जाते। ना देखा युद्ध क्षेत्र कभी, ना तलवार गही हाथ में। दयानंद, शंकराचार्य,स्वामी विवेकानंद,... Hindi · कविता 906 Share Rajesh Kumar Kaurav 3 Jan 2018 · 1 min read भूलें नहीं नववर्ष भूलें नहीं नववर्ष हमारा, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को आता है। सृष्टि का यह जन्म दिवस, सत्य ,सनातन , शाश्वत है। वह असीम संस्कृति हमारी, जिसमें सभी समाहित है। अध्यात्मिक व... Hindi · कविता 1 277 Share Rajesh Kumar Kaurav 31 Dec 2017 · 1 min read नववर्ष पर सूर्य संदेश नववर्ष पर भेजा सूर्यदेव ने, प्रथम किरण के साथ संदेश। चुनौतियों से भरा वर्ष है, सम्हलो, छोड़ो राग द्वेष। बीते वर्षों से भी सीखों, रूठा है प्रकृति परिदृश्य। सत्ता,स्वार्थ, लोलुपता... Hindi · कविता 579 Share Rajesh Kumar Kaurav 21 Dec 2017 · 1 min read युग सृजेता सम्मेलन युग सृजेता सम्मेलन गूंज रही है दसों दिशाएं, शंखनाद अब व्याप्त है। युवा क्रांति की हलचल से, युग परिवर्तन की आश है। उत्तर-दक्षिण पूरब पश्चिम, चहुंओर जोर की आंधी है।... Hindi · कविता 306 Share Rajesh Kumar Kaurav 10 Dec 2017 · 1 min read अभिव्यक्ति (कविता) अभिव्यक्ति की आज़ादी है, जो चाहो सो बोलो। पर वाणी की भी मर्यादा है, जहर न उसमें घोलो। मीठी भाषा में कह सकते, अच्छे हो या बुरे विचार। गंदी भाषा... Hindi · कविता 5k Share Rajesh Kumar Kaurav 4 Dec 2017 · 1 min read भर्ती(व्यंग्य कविता) पटवारी की भर्ती पर, अभी नहीं कोई भरोसा। यू टर्न कब हो जावे, रखना सदा अंदेशा। अतिथि बनने फार्म भरे, लगभग माह जुलाई में। दिसंबर तक चर्चा नहीं, भूले सभी... Hindi · कविता 549 Share Rajesh Kumar Kaurav 29 Nov 2017 · 1 min read गीता बोध जगद्गुरु भगवानश्री कृष्ण से, शिष्य अर्जुन सुनता गीता है। मानव प्रतिनिधि अर्जुन संग, संवाद वाणी ही श्री गीता है। शब्द-अक्षर के ही नहीं श्लोक, दिव्य ऊर्जाओं के स्रोत है। सूत्ररूप... Hindi · कविता 669 Share Rajesh Kumar Kaurav 20 Oct 2017 · 1 min read कानून तोड़ना (व्यंग्य) गुलामी में तोड़ा था कानून, आज भी पढ़ते इतिहास में। सराहा जाता है उन्हें हरदम, सम्मिलित जो नमक कानून में। आज आजादी के बाद तोड़ते, कानून हम नित नए। पर... Hindi · कविता 678 Share Rajesh Kumar Kaurav 16 Oct 2017 · 1 min read हमारी संस्कृति हमारी संस्कृति शश्ववत है, सनातन है मानवता वाही है। न जाति की न सम्प्रदाय की, प्रकृति पोषक सत्य स्वीकार है। पर वर्तमान में क्यों होता पक्षपात, पश्चिमी सभ्यता को होते... Hindi · कविता 440 Share Rajesh Kumar Kaurav 12 Oct 2017 · 1 min read दीपपर्व की सीख दीपावली आती हैं , लाती है संदेश। साफ सफाई करने से, स्वच्छ होगा सारा देश। जो भी हो धार्मिक व सांस्कृतिक, मान्यता त्योहार की। पर स्वच्छता से जुड़ी सीख, नहीं... Hindi · कविता 829 Share Rajesh Kumar Kaurav 30 Sep 2017 · 2 min read रावण का साक्षात्कार(व्यंग्य) रावण का साक्षात्कार?? दशहरा पर मिल गया, रावण मैदान में। डरते हुए पूछा मैने, कैसा लग रहा इस हाल में। रावण बोला पश्चाताप है मुझे, आज तकविभीषण जिंदा है। उसी... Hindi · कविता 1 1 686 Share Rajesh Kumar Kaurav 28 Sep 2017 · 1 min read नवदुर्गाओं के औषधिय रूप दैत़्य रूपी रोगे से लडती, दुर्गा औषधि रूप में । 'हरड़' रूप धर शैलपुत्री, लडती उदर विकार में।। ब्रह्मचारिणी है ब्राह्मी 'में, बुद्धी देती विचार में । चन्द्रघण्टा वसती 'चंदूसुर'में,... Hindi · कविता 1 492 Share Rajesh Kumar Kaurav 14 Sep 2017 · 2 min read हिन्दी की आत्म कथा हिन्दी की आत्मकथा मैं हिन्दी हूँ, देव भाषा संस्कृत से मेरा प्रादर्भाव हुआ है। मेरे जन्म काल का वास्तविक पता न तो मुझे है न ही इतिहास को क्योकि युगो... Hindi · लेख 2 6k Share Rajesh Kumar Kaurav 14 Sep 2017 · 1 min read मैं हिन्दी हूँ । (हिन्दी दिवस पर) मैं हिन्दी हूँ, भारत की राजभाषा । सात दशक से खड़ी, लेकर मन में एक अभिलाषा। राष्ट्रभाषा का सपना, पूरा होगा एक दिन । स्वतंत्रता की प्राप्ति, पूरी नहीं मातृभाषा... Hindi · कविता 1 633 Share Rajesh Kumar Kaurav 5 Sep 2017 · 1 min read गजानन मत-जाना मत जाना भगवान गजानन मत जाना । राह राह झगड़े होते है, चक्का जाम अांदोलन होते है, जानता करें पुकार गजानन मत-जाना । रोड़ टूट रहे,रेल पलट रहीं, लेट लतीफ... Hindi · गीत 1 392 Share Rajesh Kumar Kaurav 5 Sep 2017 · 1 min read शिक्षक संकल्प शिक्षक दिवस दिया है हमको, उनको शत शत कोटि प्रणाम । वरन शिक्षक कि मिट जाति, पूछ परख सिर्फ बचता नाम। शिक्षक भी गौरव को भूला, किया कलंकित अपना काम।... Hindi · कविता 1 329 Share Rajesh Kumar Kaurav 5 Sep 2017 · 1 min read शिक्षक संकल्प शिक्षक दिवस दिया है हमको, उनको शत शत कोटि प्रणाम । वरन शिक्षक कि मिट जाति, पूछ परख सिर्फ बचता नाम। शिक्षक भी गौरव को भूला, किया कलंकित अपना काम।... Hindi · कविता 1 501 Share Rajesh Kumar Kaurav 6 Aug 2017 · 1 min read रक्षाबंधन की शुभकामना रक्षाबंधन के अवसर पर, कोटि कोटि शुभकामना । विजयी हो मेरा भाई, हर बहिन करती कामना ।। न पूजा किसी देवी देव की, न आरती न किसी की प्रार्थना। नारी... Hindi · कविता 1 548 Share Rajesh Kumar Kaurav 27 Jul 2017 · 1 min read शिक्षा की हालत आज भी एकलव्य, मिट्टी के पुतले से शिक्षा पाता है। पहले राजवंश था, अब गरीबी से नहीं पढ़ पाता है।। लिखाता है नाम, सरकारी स्कूल भी जाता है। शिक्षक विहीन... Hindi · कविता 1 454 Share Rajesh Kumar Kaurav 1 Jul 2017 · 1 min read विश्व रिकार्ड(व्यंग्य) विश्व रिकार्ड बनाने की, लग रही भारत में हो़ड़। गिनीज बुक में नाम हो, कर रहे सब जोड-तोड।। देश काल और परिस्थिति से, हट रहा अब सबका ध्यान। गिनीज बुक... Hindi · कविता 1 630 Share Rajesh Kumar Kaurav 29 Jun 2017 · 1 min read मन की बात मन मन की सब कोई कहे, दिल की कहे ना कोई। जो कोई दिल की कहे, उसे सुनता नही है कोई। मन पापी मन चोर है, कहते चतुर सुजान। दिल... Hindi · कविता 1 302 Share Rajesh Kumar Kaurav 24 Jun 2017 · 2 min read दुर्गावती की अमर कहानी गढ़ मंडला राज्य की रानी, नाम दुर्गावती वीर मर्दानी। निर्भीक बहादुर वीरांगना थी, जबलपुर था उसकी राजधानी।। बॉदा नरेश कीर्तिसिंह चंदेल की, इकलौती बेटी दुर्गा रानी। जन्माष्टमी को जन्मी वह,... Hindi · कविता 2 1 681 Share Rajesh Kumar Kaurav 18 Jun 2017 · 1 min read झॉसी वाली रानी (बलिदान दिवस ) नाम लक्ष्मी पर दुर्गा थी, मूरत थी स्वाभिमान की।। आज जरूरत फिर भारत में, झॉसी वाली रानी की।। जैसा देश बटा था पहले, राजाओं के अधिकार में। वैसी दलगत राजनीति... Hindi · कविता 1 411 Share Rajesh Kumar Kaurav 23 May 2017 · 1 min read साहित्य की भूमिका साहित्य देता रहा सदा से, दिशा देश अौर समाज को । साहित्यकार बदल देता है, चिन्तन ,चरित्र,व्यवहार को।। राष्ट्र को मिलती रही चेतना, समाज भी चैतन्य होता है। साहित्य सम्पर्क... Hindi · कविता 1 1 1k Share Rajesh Kumar Kaurav 18 May 2017 · 1 min read सच्चा सुख सुख पाने की चाह में, भटक रहा इन्सान। विरले ही पाते इसे, बहुतेरे है अनजान। बढ़ती सुविधा सामग्रियॉ, इन्द्रिय भोग विलास। इन्हें ही सुख मानकर, करता जीवन नास । धन... Hindi · कविता 1 375 Share Rajesh Kumar Kaurav 10 May 2017 · 1 min read प्रथम स्वाधीनता समर प्रथम स्वाधीनता समर अाज भी, घर घर मुँह जवानी है। दस मई सन सन्तावन की गाथा, गौरव पूर्ण कहानी है। सन्तावन के पूर्व भी लडे़ पर, कहा गया हैं दंगाई।... Hindi · कविता 1 686 Share Rajesh Kumar Kaurav 13 Apr 2017 · 1 min read कहाँ है वो भारत कहाँ है वो भारत सोने की चिडि़या। कहाँ वो संस्कृति ललायत थी दुनिया। कहाँ वो देव भूमि राम और कृष्ण की कहाँ वो राजनीत सेवा व धर्म की। कहाँ हैं... Hindi · कविता 2 385 Share Rajesh Kumar Kaurav 10 Apr 2017 · 1 min read कर्म का योग कर्म रहित जीवन नहीं, जी न सकता कोय। कर्म बन्धन के कारण, जीवन - मरण गति होय।। कर्म से दुःख होत हैं, कर्म से मुक्ति होय ।। कर्म बन्धन से... Hindi · कविता 1 434 Share Rajesh Kumar Kaurav 7 Apr 2017 · 1 min read आभार नारी का नारी है सृष्टा की शक्ति, सृष्टि निर्माण की सहभागी। नारी के हैविविध कलेवर, सारी सृष्टि आभारी। माता बन पोषण करती है, संरक्षण अभिवर्धन करती है। वात्सल्य की वर्षा करती, सारी... Hindi · कविता 1 315 Share Rajesh Kumar Kaurav 29 Mar 2017 · 1 min read सृष्टि [29/03, 10:49 AM] A S: मना रही सृष्टि अपना जन्म दिन, सृष्टिकर्ता की चेतनशक्ति को नमन। ज्ञात और अज्ञात सब वही है, एक से अनेक का ही स्फुरण है। युगों... Hindi · कविता 1 325 Share Rajesh Kumar Kaurav 26 Mar 2017 · 1 min read ज्ञान ? सदियों से भटक रहा, ज्ञान की खोज में इंसान। पर मिलता कहाँ संसार में, चैतन्य स्फुरण ही पहचान। वेद क़ो ही कहते ज्ञान, ज्ञान का ही वेद नाम है। चार... Hindi · कविता 1 826 Share Rajesh Kumar Kaurav 25 Mar 2017 · 1 min read नवरात्र साधना पर्व आ गया पर्व साधना का, नवरात्रि के नाम से। शक्ति उपासना करके सुधारे, जीवन लक्ष्य सत्कार्य से। पेट प्रजनन आवास ही, जीवन उद्देश्य नहीं है। करें सत्कर्म साधक बन, आत्मोनन्ति... Hindi · कविता 1 743 Share Rajesh Kumar Kaurav 21 Mar 2017 · 1 min read यह हिन्दुस्तान हैं बेटा नदी किनारे बैठा, खीचता मिटाता रकील। निराशा से भरा मन, बैचेनी का बन प्रतीक। सहसा किसी ने टोका, क्या सोच रहे हो नव जवान। वैसक है कोई उलझन, समस्या से... Hindi · कविता 473 Share Rajesh Kumar Kaurav 13 Mar 2017 · 1 min read जीता कौन नाच और गान में, होली का रंग था। कबीर की वाणी हुर्यारों का संग था। चुनाव सी हलचल हार जीत का प्रशन था। कौन जीता कौन हारा, उलझन का गुरूर... Hindi · कविता 610 Share Rajesh Kumar Kaurav 12 Mar 2017 · 1 min read विजयश्री विजयश्री के जश्न में, बजते ढ़लोक और मृदंग । नृत्य गान रंग गुलाल से , बदल गये सबके रंगढंग। मिला श्रेय जो सौभाग्य है, करने को प्रभु के काज ।... Hindi · कविता 367 Share Rajesh Kumar Kaurav 9 Mar 2017 · 1 min read हुडदंग ह़ोली की साहित्यपीडिया परिवार को , होली की शुभकामना। साहित्य संग्रह कर इतिहास रचा, कर चुनौतियों का सामना। रंग बिरंगी कविताओं को, आश्रय दिया गया है। अनगढ़ रचनाकारो को भी, श्रैष्ट कवियों... Hindi · कविता 404 Share Rajesh Kumar Kaurav 27 Feb 2017 · 1 min read बेंटी को उलाहना बेंटी किसे दूँ उलाहना बता दोषी कौन है। बिगडे़ हालात ससुराल में, फिर भी तू मौन है। कल तक मिलकर रहें, संयुक्त परिवार मे, तेरे जाने क्या हुआ, बिखर गयें... Hindi · कविता 320 Share Rajesh Kumar Kaurav 23 Feb 2017 · 1 min read बेंटियों पर क्या लिखू बेंटियों पर क्या लिखूँ , लिख चुके हजारों लोग। दें दी सारी उपमा , कम पड़ा शब्दकोश। लिखनें को कुछ नही, पुछने मन करता है। ढ़ेर रचनाओं के वाद, क्यो... Hindi · कविता 379 Share Rajesh Kumar Kaurav 21 Feb 2017 · 1 min read पत्रकारिता ? पत्रकारिता हो रही बाजारू, कलम बिकती बाजार में। रसूदखोर प्रशंसा पाते, श्रेय मिलता अखवार में।। रीति युग का प्रचलन, हाबी ह़ोता दिख रहा। अधिकारि व नेताओं की, यश गाथा ही... Hindi · कविता 932 Share Rajesh Kumar Kaurav 5 Feb 2017 · 1 min read युग की पुकार कवि,स्वयं बना खलनायक, कविता लुटी वाजार में। कामुकता पर चली कलम, नारी के श्रृगांर में। सीता को दोषी ठहराया, क्यों अकेली कुटिया में। दुशासन की कर प्रशंसा, दोष द्रोपती पहनाव... Hindi · कविता 322 Share Rajesh Kumar Kaurav 2 Feb 2017 · 1 min read युग संदेश उठों पार्थ,संसय को छोडों, आगें बढ़ अब नाते जोडो़ं। शंखनाद कर सबें बुलाओं, स्वच्छता की बात बताओं। मिलजुल कर सबको है चलना, बाह्य शौंच मुक्त भारत को करना। गली गली... Hindi · कविता 260 Share Rajesh Kumar Kaurav 31 Jan 2017 · 1 min read भटकाव कोयल भटकी अपनी उडा़न में, जा पहुँची कौऔं के गाँव में। ड़री सहमी कुछ ब़ोल न पायी, कौओं ने समझा है बिरादरी का भाई। दुबला गया भूख प्यास उड़ान में,... Hindi · कविता 1 476 Share Previous Page 4