अनुराग दीक्षित Tag: कविता 185 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 4 अनुराग दीक्षित 14 Sep 2017 · 1 min read आदत भी है बलाय रे भैया, आदत भी है बलाय । आदत भी है बलाय रे भैया, आदत भी है बलाय। खेल-खेल मे शौक-शौक मे देखो ये लग जाय, लागी सी फिर ना ये छूटे, छूटे जग मुश्किल पड जाय आदत... Hindi · कविता 286 Share अनुराग दीक्षित 14 Sep 2017 · 1 min read आए कोई पास मेरे, अपना बनाने आए ! आए कोई पास मेरे, अपना बनाने आए ! खोलकर अपनी उनीदी पलकें, अपने ख्वाबों को मेरे दिल में सजाने आए राह कट जाएगी यूँ ही चलके दो कदम जो वो... Hindi · कविता 222 Share अनुराग दीक्षित 13 Sep 2017 · 1 min read तुमको ढूँढूं मैं कहाँ अरे, तुम सारी दुनिया से हो परे! तुमको ढूँढूं मैं कहाँ अरे, तुम सारी दुनिया से हो परे! फूलों फलियों और कलियों में, सब सब में हैं तुम्हारे रंग भरे, तुमको ढूँढूं मैं कहाँ अरे, हर नर... Hindi · कविता 230 Share अनुराग दीक्षित 12 Sep 2017 · 1 min read नियति मार्ग मे पग पग पर है ठोकर लाती, कर्मवीर का धैर्य मगर है कहाँ डिगाती । नियति मार्ग मे पग पग पर है ठोकर लाती, कर्मवीर का धैर्य मगर है कहाँ डिगाती । जो राह बनाते सदा चीर प्रस्तर की कारा, साहस से भय भूत सदा... Hindi · कविता 427 Share अनुराग दीक्षित 10 Sep 2017 · 1 min read नव वर्ष सन्देश !! नव वर्ष सन्देश !! नया वर्ष कहता है प्रतिपल, नया कार्य कर दिखलाओ, इस दुनियां में भाइयों अपनी कर्मठता तुम दिखलाओ, मुझे गंवाया व्यर्थ ही तुमने तो भाइयो पछिताओगे, इस... Hindi · कविता 275 Share अनुराग दीक्षित 10 Sep 2017 · 1 min read नारी अबला नहीं अपितु वह ही तो है बल दाता ! नारी अबला नहीं अपितु वह ही तो है बल दाता ! वह ही माता वही विधाता वो ही तो सुख दाता, उस से ही यह सृष्टि बनी है, उसकी सब... Hindi · कविता 816 Share अनुराग दीक्षित 10 Sep 2017 · 1 min read मृत्यु शाश्वत सत्य ! मृत्यु शाश्वत सत्य ! माया भ्रम से मनुज मृत्यु को कहाँ याद रखता है, प्रति पल प्रति छण वह धन पाने की चेष्टा करता है, जीवन के अन्त्य छणो तक... Hindi · कविता 962 Share अनुराग दीक्षित 10 Sep 2017 · 1 min read स्वार्थ जीवन का गूढ़ विधान, स्वार्थ जीवन का गूढ़ विधान, समझना जिसे नहीं आसान ! स्वार्थ वश जुड़े सत्य सम्बन्ध, आस के रचे जहाँ नव छंद पतित छुद्रतम स्वार्थ अभिशाप, बना जो नित जीवन को... Hindi · कविता 517 Share अनुराग दीक्षित 9 Sep 2017 · 1 min read मेरे प्यारे भारत देश जो पूछे कोई तेरा वेश ! मेरे प्यारे भारत देश जो पूछे कोई तेरा वेश ! कहीं विस्तृत -विस्तृत हैं खेत, कहीं है फैली बालू रेत, छटा नहरों की कहीं विशेष, जो पूछे कोई तेरा वेश... Hindi · कविता 212 Share अनुराग दीक्षित 9 Sep 2017 · 1 min read चीटी के प्रति ! चीटी के प्रति ! ढो रही है तू कितना भार, ला रही है अपना आहार, अरे तू सहती कष्ट अपार, यही है तेरे सुख का सार, तेरा जीवन है बड़ा... Hindi · कविता 329 Share अनुराग दीक्षित 9 Sep 2017 · 1 min read प्रभु अनुपम सुमन खिला दो ! प्रभु अनुपम सुमन खिला दो ! मेरे उजड़े उपवन में प्रभु अनुपम सुमन खिला दो, मेरे सूने जीवन में आशा के दीप जला दो, इस शुष्क जलाशय में प्रभु निर्मल... Hindi · कविता 422 Share अनुराग दीक्षित 9 Sep 2017 · 1 min read मन में जो शीतलता भर दे वो नव गीत कहाँ से लाऊँ! मन में जो शीतलता भर दे वो नव गीत कहाँ से लाऊँ, खुद्दारी, फितरत है मेरी, पहल न करना कसम तुम्हारी क्यों इतने चुप चुप रहते हो,बोल न दो मुख... Hindi · कविता 352 Share अनुराग दीक्षित 9 Sep 2017 · 1 min read शिक्षा शिक्षा शिक्षा से बुद्धि का विकास होता है, शिक्षा से ज्ञान का विस्तार होता है, शिक्षा के द्वारा ही ये सब काम होता है शिक्षा के द्वारा आदमी का मान... Hindi · कविता 2 783 Share अनुराग दीक्षित 9 Sep 2017 · 1 min read फिर ख्याल आए तेरा तो मैं क्या करूँ ! फिर ख्याल आए तेरा तो मैं क्या करूँ ! हमने चाहा यही हम न चाहें तुम्हें, फिर ख्याल आए तेरा तो मैं क्या करूँ ! दिल में एक आरज़ू की... Hindi · कविता 414 Share अनुराग दीक्षित 9 Sep 2017 · 1 min read प्रेम का दीप, नेह का पुष्प प्रेम का दीप, नेह का पुष्प कब जलेगा कब खिलेगा ह्रदय में हे राम ! कब तलक अपनी सुरभि को आप खोजेंगे सुमन, कब नाभि की मणिगंध पायेगा हिरन अविराम,... Hindi · कविता 270 Share अनुराग दीक्षित 9 Sep 2017 · 1 min read ज़िंदगी जब तुझे नज़दीक से देखा मैंने ! ज़िंदगी जब तुझे नज़दीक से देखा मैंने ! एक धुंधली सी तस्वीर नज़र आयी मुझे, जैसे चलते हुए मुसाफिर को, राह में दिख रही हो परछाईं, राज गहरा है समझना... Hindi · कविता 267 Share अनुराग दीक्षित 9 Sep 2017 · 1 min read दिल कहे चलो चलें उस ओर ! दिल कहे चलो चलें उस ओर ! जहाँ प्रीत का न हो कोई छोर, बरसे प्रेम घटा घनघोर, पपीहा टेर करे जिस ठौर, दिल कहे चलो चलें उस ओर !... Hindi · कविता 207 Share अनुराग दीक्षित 9 Sep 2017 · 1 min read दर्द का मारा होगा गीत ! दर्द का मारा होगा गीत ! बिछुड़ जब जाये किसी का मीत, दर्द का मारा होगा गीत, जहाँ से मन हो जाये उचाट, दर्द भी कोई न ले जब बाँट,... Hindi · कविता 241 Share अनुराग दीक्षित 9 Sep 2017 · 1 min read तुम प्रीत मेरी बिल्कुल ऐसी ! तुम प्रीत मेरी बिल्कुल ऐसी ! तुम मेरे सच्चे गीतों सी तुम मेरे पक्के मीतों सी राधा की मधुर मूरत जैसी तुम प्रीत मेरी बिल्कुल ऐसी! पवन वेदों की ऋचाओं... Hindi · कविता 1 358 Share अनुराग दीक्षित 9 Sep 2017 · 1 min read याद तुम्हारी आएगी ! याद तुम्हारी आएगी ! जब जल से भरकर नभ में सावन की घटा छाएगी, जब बागों में सुरमय कोयल गाएगी जब मन में उठ उठ के कसक रह जाएगी, याद... Hindi · कविता 274 Share अनुराग दीक्षित 9 Sep 2017 · 1 min read बस तुम्हारे लिए ! बस तुम्हारे लिए ! बस तुम्हारे लिए, फूल खिलता है क्यों, दिन निकलता है क्यों, रात ढलती है क्यों, यों तमन्ना किसी की मचलती है क्यों, बस तुम्हारे लिए !... Hindi · कविता 346 Share अनुराग दीक्षित 9 Sep 2017 · 1 min read क्या हुआ है मुझे मैं नहीं जानता बस तेरे पास आने को दिल मांगता ! क्या हुआ है मुझे मैं नहीं जानता बस तेरे पास आने को दिल मांगता! तेरे पास आऊं तुझको ही देखा करूँ तुमसे मिलने की राहें मैं खोजा करूँ हर गली... Hindi · कविता 445 Share अनुराग दीक्षित 9 Sep 2017 · 1 min read न है जब तेरे मिलन की आस चाहिए हमें नहीं मधुमास ! न है जब तेरे मिलन की आस चाहिए हमें नहीं मधुमास ! खिलेंगे जब पतझड़ के फूल चुभेंगे बनकर के नव शूल भ्रमर की गुंजन धुन सुन पास खोल देती... Hindi · कविता 1k Share अनुराग दीक्षित 9 Sep 2017 · 1 min read प्रिय मुझे तुम पास में आने न देना ! प्रिय मुझे तुम पास में आने न देना पास मैं आऊं अगर तुम दूर से ही रोक देना रोक देना रोक देना रोक देना रोक देना पास आने से बढ़ेगी... Hindi · कविता 208 Share अनुराग दीक्षित 9 Sep 2017 · 1 min read याद हमारी आएगी ! याद हमारी आएगी ! जब रजनी के प्रथम प्रहर में कोयल गीत सुनाएगी जब गमले में लग गुलाब की कली कली खिल जाएगी जब उन्मुक्त झरोखों से झर रिमझिम बारिश... Hindi · कविता 212 Share अनुराग दीक्षित 9 Sep 2017 · 1 min read क्या जरूरत है सज के आने की ! क्या जरूरत है सज के आने की, नज़र लग जाए न ज़माने की ! बात करता वो मेरे सामने आखिर क्या क्या, जिद तो थी राज को छुपाने की इतना... Hindi · कविता 264 Share अनुराग दीक्षित 9 Sep 2017 · 1 min read मोहब्बत और आंसू मोहब्बत और आंसू मोहब्बत और आंसू का बड़ा किस्सा पुराना है ये खुश्बू सी सुहानी है, वो ग़म का ताना बाना है कोई खामोश हो रोता किसी के नैन हैं... Hindi · कविता 452 Share अनुराग दीक्षित 9 Sep 2017 · 1 min read मोहब्बत एक खुशबू है ! मोहब्बत एक खुशबू है मोहब्बत एक खुशबू है, रूहानी सी सुहानी है, ये वो अहसास है ज़ालिम कसक जिसकी पुरानी है हो महसूस पल भर में ये किस्सा बेजुवानी है,... Hindi · कविता 503 Share अनुराग दीक्षित 9 Sep 2017 · 1 min read सब राही अपनी राह गए ! सब राही अपनी राह गए सब राही अपनी राह गए क्यों अपलक नैन निहार रहे, नयनो में मृदु अमृत रस भर जन जन का पंथ पखार रहे, कब कौन किसे... Hindi · कविता 1 201 Share अनुराग दीक्षित 9 Sep 2017 · 1 min read तुमको कोई गीत गाना चाहिए, राग दिल का गुनगुनाना चाहिए | तुमको कोई गीत गाना चाहिए, राग दिल का गुनगुनाना चाहिए | नासमझ नादान नाजुक, इस ह्रदय की प्रीत है, गीत का हर शब्द तेरा, तुझपे मेरी जीत है, जीत का... Hindi · कविता 448 Share अनुराग दीक्षित 9 Sep 2017 · 1 min read आस का सूरज उगे चहुॅ ओर प्राची से उजेरा, नव प्रभाती की किरन से आस का मधुमय सवेरा ।।। आस का सूरज उगे चहुॅ ओर, प्राची से उजेरा , नव प्रभाती की किरन से आस का मधुमय सवेरा । लोक गुन्जित हो सकल , नव पुष्प तरु फूलें फलें... Hindi · कविता 353 Share अनुराग दीक्षित 9 Sep 2017 · 1 min read मूरत को मूरत रहने दो ।। मूरत को मूरत रहने दो । हमने अपनी तरुणाई में एक प्यारी सूरत देखी उस सूरत में मन मन्दिर की अनुरागी मूरत देखी, उस मूरत को हृदय बसाकर फिर पूजन... Hindi · कविता 200 Share अनुराग दीक्षित 9 Sep 2017 · 1 min read क्षमा दया नैसर्गिक गुण हैं, ये हम भूल न जाएँ ।। क्षमा दया नैसर्गिक गुण हैं, ये हम भूल न जाएँ !! जीवन सेज सामान नहीं है, मानव भी भगवान् नहीं है, क्रोध शमन आसान नहीं है, किन्तु रहें इंसान बने... Hindi · कविता 211 Share अनुराग दीक्षित 9 Sep 2017 · 1 min read रात भर सौ सवालों मे उलझा रहा, मेरे जज्वात दिल में मचलते रहे ।। रात भर सौ सवालों मे उलझा रहा, मेरे जज्वात दिल में मचलते रहे । प्रीत के बोल मुख से न निकले कभी, हमकदम बन के वस रोज चलते रहे, रुख... Hindi · कविता 320 Share अनुराग दीक्षित 9 Sep 2017 · 1 min read तुम जो फूलों सी खिलने कि कोशिश करो ! तुम जो फूलों सी खिलने कि कोशिश करो, मै भ्रमर बन के गुन्जन सुना जाऊंगा । दूर से प्रीत अहसास दिल मे भरो, गीत जज्बात के गुन गुना जाऊंगा, चांदनी... Hindi · कविता 317 Share Previous Page 4