Shyam Sundar Subramanian Language: Hindi 1121 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 21 Next Shyam Sundar Subramanian 6 Dec 2019 · 1 min read कौन है ? कौन है जो भर रहा यह ज़हर लोगों के स़ीने में । कौन है जो डाल रहा यह ख़लल लोगों के जीने में । कौन है ये जो दोस्त को... Hindi · कविता 2 275 Share Shyam Sundar Subramanian 5 Dec 2019 · 1 min read प्यार प्यार की इंतेहा नहीं होती । प्यार की ज़ुबाँ नहीं होती। प्यार तो एक ए़़हसास है । जो दिल से म़हसूस किया नज़रों से बयां किया जाता है । यह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 248 Share Shyam Sundar Subramanian 4 Dec 2019 · 2 min read सफलता इस भागती ज़िन्दगी मे किसी के पास वक्त नही है कि समझ सके जिस दिशा मे वह जा रहा है क्या यह वह दिशा है? जो उसके गन्त्वय तक पहुँचायेगी।... Hindi · लेख 212 Share Shyam Sundar Subramanian 4 Dec 2019 · 1 min read नस़ीहत ज़िन्दगी भर नफ़े नुक़सान का हिस़ाब रखा। जो लम़्हे गवाँ दिए उनका हिस़ाब ना रखा। अपनी खुशगवारी और खुदग़र्ज़ी में मश़गूल रहे दूसरों के दर्द़ का खय़ाल ना रखा ।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 271 Share Shyam Sundar Subramanian 2 Dec 2019 · 1 min read ज़मीर ये क्या हो रहा है हैव़ानियत की इंत़ेहा हो गई है। इंसानिय़त सिस़क रही है। जिंदगी श़र्मसार होकर ख़ौफ से दुब़क कर रह गई है । ना जाने कब जागेगा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 274 Share Shyam Sundar Subramanian 1 Dec 2019 · 2 min read मतभेद कभी-कभी हम छोटी छोटी बातें को इतनी अहमियत दे देते हैं कि हम बड़े बड़े मुद्दों को उन पर विचार करने से टाल देते हैं ।इसका नतीजा ये होता है... Hindi · लेख 210 Share Shyam Sundar Subramanian 30 Nov 2019 · 1 min read बदलती दुनिया मौसम बदलता है हाल़ात बदलते हैं। लोगों के अंदाज़ बदलते हैं । लोगों के अल्फ़ाज़ बदलते हैं । इस रंग बदलती दुनिया में लोगों के ईम़ान बदलते हैं । लोगों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 404 Share Shyam Sundar Subramanian 29 Nov 2019 · 2 min read वचन (बाल कथा) पेड़ पर बैठी चिड़िया ने सोचा। मैं अपना एक घोंसला बनाऊंगी। जिसमें छोटे छोटे बच्चे रहेंगे और जिनको मैं दाना लाकर खिलाऊँगी। फिर वे जब बड़े हो जाएंगे तो उन्हें... Hindi · लघु कथा 1 6 808 Share Shyam Sundar Subramanian 28 Nov 2019 · 1 min read मेरे अपने हम अपने ही शहर में अजनबी से हो गये । जाने पहचाने से रिश्ते अब पराये से हो गये । अब तो बेखुदी का ये आलम है कि अपने से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 307 Share Shyam Sundar Subramanian 26 Nov 2019 · 1 min read तू ही तू तेरे नाम से मेरा नाम है , तेरे द़म से है मेरी ज़िंदगी। मैं जिधर चला तू ही हमसफ़र , है तेरी दुआ़ मेरी रोश़नी । तू मेरा हमनफ़स ,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 272 Share Shyam Sundar Subramanian 25 Nov 2019 · 1 min read हाल़ात सोचता हूं कभी-कभी हाल़ात पर बहुत ज्यादा सोचने के बजाय अपने आपको एक बार उसके हवाले कर देना चाहिए । जब हाल़ात अपने काब़ू मे ना हो तब ज्यादा सोचने... Hindi · लेख 1 220 Share Shyam Sundar Subramanian 22 Nov 2019 · 1 min read फ़र्क सूऱत और सीऱत में क्या फर्क है ग़र हम पहचान पाते । न आते खूब़सूरत निग़ाहों के धोखे में ग़र उनकी नीयत हम जान पाते । ना खाते फरेब उनकी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 259 Share Shyam Sundar Subramanian 21 Nov 2019 · 2 min read फ़ितऱत पता नहीं क्यों लोग छोटी-छोटी बातों को तूल देकर बड़ा बना देते हैं । छोटी-छोटी गलतियों को बड़ा बनाकर प़ेश कर देते हैं । छोटी-छोटी गुस्ताख़ियों को बड़ा बना कर... Hindi · लेख 4 307 Share Shyam Sundar Subramanian 20 Nov 2019 · 2 min read पान की गुमटी शहर की गली के नुक्कड़ पर उस पान वाले की गुमटी थी । उस पर लोगों का जमावड़ा लगा रहता था । जिसमें विद्यार्थी, वकील ,पत्रकार , राजनीति से जुड़े... Hindi · लघु कथा 3 2 696 Share Shyam Sundar Subramanian 18 Nov 2019 · 1 min read प्रदूषण सुबह सुबह जब सैर को निकलता हूं ।तो देखता हूं कि चारों तरफ कोहरा सा छाया हुआ है।जहाँ खुली हवा होना चाहिए वहां पर अजीब सी घुटन महसूस हो... Hindi · लेख 2 2 231 Share Shyam Sundar Subramanian 15 Nov 2019 · 1 min read दोस्त दोस्त तो वो होते हैं जिन्हें हम द़िलो जान से चाहते हैं। जिनकी की ख़ुशी में हम ख़ुश होते हैं। और जिनके ग़मज़दा होने पर हम उनका ग़म बाँटते हैं।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 460 Share Shyam Sundar Subramanian 14 Nov 2019 · 1 min read चिंगारी कहना तो चाहता था बहुत पर कुछ कह ना सका। शायद हालातों ने मेरी जुबां पर ताले लगा दिए। बड़ी शिद्दत से जिसे संभाला था मैंने जिसे वह सब बिखरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 249 Share Shyam Sundar Subramanian 13 Nov 2019 · 2 min read काला सच तंग सुनसान गलियों मे जो कुछ होता है उससे हम अन्जान हैं। रात का अंधेरा छाते ही रोशन हो जाती है ये गलियांँ।और शुरू हो जाता है वह सब कुछ... Hindi · लेख 1 660 Share Shyam Sundar Subramanian 13 Nov 2019 · 2 min read संस्कार भ्रष्टाचार का शाब्दिक अर्थ है भ्रष्ट आचरण । स्वस्थ आचरण अंतर्निहित संस्कारों से परिलक्षित होता है । संस्कारों की शुद्धता स्वस्थ विचारों के पोषण से निर्मित होती है । इसे... Hindi · लेख 669 Share Shyam Sundar Subramanian 12 Nov 2019 · 1 min read चैन कहां-कहां नहीं खोजा तुमको । हस़ीन पहाड़ों की वादियों में । बागों की बहारों में । आलीशान जलसों में। दोस्तों की म़हफिल में। ऐश़ो इश़रत में। मय़खाने की मय़नोशी में।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 407 Share Shyam Sundar Subramanian 11 Nov 2019 · 1 min read सुक़ून की तलाश़ कभी कभी ज़रा सी आह़ट से चौंक जाता हूँ। बार बार पीछे मुड़कर देखने लगता हूँ। जो छूट गये पीछे फिर याद आने लगते हैं। बीते लम्हों के बादल फिर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 264 Share Shyam Sundar Subramanian 9 Nov 2019 · 2 min read अटल इरादा वो आजकल ख़फा ख़फा से रहते हैं । दूसरों का गुस्सा मुझ पर उतारते रहते हैं । मैंने ऐसा क्या कह दिया जिससे वो नाराज़ हैं । मैंने तो कुछ... Hindi · कविता 2 2 232 Share Shyam Sundar Subramanian 9 Nov 2019 · 1 min read जज़्बात जज़्बे ग़म बढ़ता है तो टीस बनकर उभरता है। अल्फ़ाज़ो के नश्तर् दिल को जब घायल करते है क़सक बनकर रह जाते हैं। जिन्हें हम दिलो जान से चाहते हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 308 Share Shyam Sundar Subramanian 8 Nov 2019 · 3 min read कुत्ता टैक्स गली में कुत्तों का बड़ा शोर था पता चला कि दूसरी गली का एक कुत्ता गली में आ गया था । जिसके पीछे इस गली के कुत्ते पड़ गए थे... Hindi · लघु कथा 2 539 Share Shyam Sundar Subramanian 6 Nov 2019 · 1 min read दिल की राह वो चेहरे को देखकर मन की बात भाँप लेते हैं । आँखों आँखों में बात कर लेते हैं। कितना भी छुपाऊँ उनसे से मगर वो दिल की बात जान लेते... Hindi · कविता 3 4 535 Share Shyam Sundar Subramanian 5 Nov 2019 · 1 min read दिल की क़िताब दिल की क़िताब खोल कर तो देखो कितनी म़ोहब्बत भरी पड़ी है। तुम अब तक जिससे अन्जान थे । अपने ही जुनून से परेश़ान थे। तुम्हें अब तलक़ ये इल्म़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 249 Share Shyam Sundar Subramanian 5 Nov 2019 · 3 min read लालच आज के समाचार पत्र के मुखपृष्ठ पृष्ठ पर एक बहुत बड़ा विज्ञापन देखा। कि एक बड़ी मार्केटिंग कंपनी का शोरूम का उद्घाटन है जोकि टीवी फ्रिज वाशिंग मशीन और... Hindi · लघु कथा 1 2 290 Share Shyam Sundar Subramanian 3 Nov 2019 · 1 min read प्रज्ञा शक्ति कुछ कहने से पहले कुछ सोचो।और कुछ करने से पहले कुछ समझो। यही सोचो समझ तुम्हारे हाथ में है। क्योंकि शब्द के तीर निकल जाने के बाद वापस नहीं आयेंगे... Hindi · लेख 2 2 351 Share Shyam Sundar Subramanian 2 Nov 2019 · 2 min read ज़िन्दगी जिंदगी कुछ बिखरी बिखरी सी लगती है । लगता है यादों का कारवां जो पीछे छूट गया था अब तक जे़हन पर धुंधली यादों के सफ़र की श़क्ल में पा़बस्ता... Hindi · लेख 1 242 Share Shyam Sundar Subramanian 2 Nov 2019 · 1 min read धुन ज़िन्दगी मे मजबूरियां थी बहुत पर उनसे समझौता न कर सका। बहुत कुछ चाहत थी फिर भी बहुत कुछ हासिल न कर सका। औरों के गम में तो क्या है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 295 Share Shyam Sundar Subramanian 1 Nov 2019 · 3 min read यातायात एवं परिवहन घर से बाहर निकलता हूं तो हर जगह भीड़ और शोर पाता हूं ।सभी जल्दी में है किसी को अपने ऑफिस जाने की जल्दी है ।किसी को अपने स्कूल या... Hindi · लेख 324 Share Shyam Sundar Subramanian 1 Nov 2019 · 1 min read इन्तज़ार दिल के दरवाज़ोंं को खोल कर तो देखो मो़हब्बत भरी सब़ा कब से इन्तज़ार कर रही है। Hindi · मुक्तक 2 265 Share Shyam Sundar Subramanian 31 Oct 2019 · 1 min read बंद मुट्ठी जिंदगी को बंद मुट्ठी की तरह सहेज कर रखना कि सब समझें के उसमें हीरे मोती हैं ।जिसकी इंतिहाँ के इंतजार में सब रहें कि वह कब खुले और उन्हें... Hindi · मुक्तक 2 279 Share Shyam Sundar Subramanian 31 Oct 2019 · 2 min read बवाल आज का मुख्य समाचार कि गली के नुक्कड़ एक कुत्ते का शव पड़ा था । उसके चारों तरफ भीड़ जमा थी लोग तरह तरह की बातें कर रहे थे।... Hindi · लघु कथा 3 389 Share Shyam Sundar Subramanian 31 Oct 2019 · 1 min read पेड़ों की महत्ता एक हवा का झोंका मुझे छू सा गया है। शायद अपनी कोई बात मुझसे कह गया है। कि तुम जो देखते हो वह बहुत दिन तक रहने नहीं वाला। तुम... Hindi · लेख 1 440 Share Shyam Sundar Subramanian 30 Oct 2019 · 1 min read पऱवरिश़ पहले देखा जाता था कि बच्चे रूठते थे जिद्द करते थे। फिर सब कुछ भूल कर मान जाते थे ।परंतु आज के दौर में बच्चे जिद्द करते हैं और अपनी... Hindi · लेख 424 Share Shyam Sundar Subramanian 29 Oct 2019 · 2 min read औपचारिकता न जाने क्यों मुझे लगता लगता है चारों ओर औपचारिकता का माहौल बस सा गया है । हर विषय में औपचारिकता दिखती है ।चाहे आपसी संबंध हों या किसी विषय... Hindi · लेख 464 Share Shyam Sundar Subramanian 28 Oct 2019 · 1 min read दो पल खुशी के चलो रंजिशें भुलाकर हँस खेलकर दो पल बिता लें। वरना रंजिशें निभाने के लिये ज़िन्दगी पड़ी है। Hindi · मुक्तक 2 415 Share Shyam Sundar Subramanian 27 Oct 2019 · 1 min read दीपावली नवदीप ज्योति , नव आभरण परिपूर्ण मंगलमय बेला के आगमन से संचारित चर्मुत्साह का वातावरण। सुख समृद्धि की कामना उत्प्रेरित करता हुआ नवजीवन का प्रादुर्भाव । सुखद अनुभूति से जीवन... Hindi · मुक्तक 263 Share Shyam Sundar Subramanian 27 Oct 2019 · 1 min read राह अपनी राह खुद ढूँढने वाले ही कामयाबी की मंज़िल तक पहुंच पाते हैं । व़रना औरों के नक़्शे क़दम पर चलने वालों को अक़्सर राह भटकते देखा है। Hindi · मुक्तक 2 217 Share Shyam Sundar Subramanian 27 Oct 2019 · 1 min read अ़सर ग़र्म चट्टानों पर गिरती बरसात की बूँदें जिस कदर बेअ़सर होकर फ़ुँगा बन जातीं हैं। उसी तरह मज़लूमों के आँसुओं का पत्थर दिल ज़ालिमों पर अ़सर नहीं होता। Hindi · मुक्तक 2 2 253 Share Shyam Sundar Subramanian 27 Oct 2019 · 1 min read ख्याति विद्वान की सादगी एवं सरल जीवन उसकी ख्याति को और बढ़ाते हैं। जिस प्रकार सुन्दर फूल मे समाहित सुगंध उसकी मोहकता को और बढ़ा देते हैं। Hindi · मुक्तक 1 306 Share Shyam Sundar Subramanian 26 Oct 2019 · 1 min read गुरू गुरू हमें जीवन दर्शन का ज्ञान प्रदान कर मार्ग प्रशस्त करता है। गुरू के सानिंंध्य के बिना मनुष्य का जीवन उस बंजारे की तरह हो जाता है जिसे अपने गंतव्य... Hindi · लेख 200 Share Shyam Sundar Subramanian 26 Oct 2019 · 1 min read ए़हसासे अज़ीज़ ज़िदगी के सफ़र में हमारे कुछ अज़ीज़ साथ छोड़ जाते हैं । पर उन के साथ बिताये गये लम्हों का ए़हसास हर वक्त हमारे साथ रहता है। उनकी बातें ,उनकी... Hindi · लेख 209 Share Shyam Sundar Subramanian 25 Oct 2019 · 1 min read ग़म लाख कोश़िश करो ग़म नही छुपता है। दर्दे दिल नज़रों मेंं छलकता है। Hindi · मुक्तक 395 Share Shyam Sundar Subramanian 25 Oct 2019 · 1 min read च़िराग हम सब हवाओं के दोस पर रक्खे च़िराग हैंं । हवाओं का रुख़ न जाने कब बदल जाये । और ऱोशनी भरी श़ुआएँ अन्धेरों मेंं खो जाएँ । Hindi · मुक्तक 1 221 Share Shyam Sundar Subramanian 25 Oct 2019 · 1 min read तक़दीर कभी खुद को आइने मे देखकर सँवरता था। अब तो खुद को मिटाकर भी तक़दीर सँवरती नही। Hindi · मुक्तक 258 Share Shyam Sundar Subramanian 25 Oct 2019 · 3 min read समय की पुकार यह क्या हो रहा है। चारों तरफ इंसानी चेहरे लिए दानव नजर आते हैं । क्यों है नफरत इंसान की इंसान के लिए । मौत के खिलौनों से खेलते ये... Hindi · लेख 2 2 232 Share Shyam Sundar Subramanian 24 Oct 2019 · 1 min read दौलत मैने तुम्हारे खतों को सम्भाल कर रक्खा है। यही वो दौलत है जो मैने तुम्हारे प्यार मे कमाई है। Hindi · मुक्तक 1 530 Share Shyam Sundar Subramanian 24 Oct 2019 · 1 min read पहुँच किश्ती पर सवार मुसाफिरों की मंज़िल तक पहुँच माँझी तय करता है। ज़िन्दगी की मंज़िलों के मुका़म तक पहुँच खुदा तय करता है। Hindi · मुक्तक 214 Share Previous Page 21 Next