विजय कुमार अग्रवाल 149 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid विजय कुमार अग्रवाल 11 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ खुशियाँ नहीँ मनाई जाती , क्यों बेटी जब जन्म है लेती । हर घर को खुशियोंकाखजाना ,जबकि अधिकतर बेटी देती ॥ ज्यों ज्यों बेटी बढ़ती जाती ,माँ की जिम्मेदारी लेती... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 5 936 Share विजय कुमार अग्रवाल 19 Feb 2017 · 1 min read शिक्षित वोटर अनपढ़ नेता जिस प्रदेश में नारी की सुनवाई नहीँ हो सकती है । उस प्रदेश में कैसे जनता सुख की नींद सो सकती है ॥ जिस प्रदेश का संरक्षक , घर की... Hindi · कविता 3 978 Share विजय कुमार अग्रवाल 9 Sep 2022 · 1 min read औरत तेरी यही कहानी एक औरत की सुनो कहानी, बोल ना पाई जो अपनी वानी। जब जब उसने बोलना चाहा,तब तब क्या कह उसको चुप करवाया।। बचपन में उसने जो बोलना चाहा, माँ ने... Hindi · कविता 3 815 Share विजय कुमार अग्रवाल 27 Apr 2020 · 1 min read जन्मदिन 28 अप्रैल था वो दिन जिस दिन हमने तुमको पाया। खुशियों की बौछार हुई और घर में हमने पर्व मनाया।। जैसे जैसे पली बढ़ी तू घर में सबको खूब हंसाया।... Hindi · कविता 6 676 Share विजय कुमार अग्रवाल 1 Nov 2016 · 1 min read कश्मीर का दर्द शिक्षा आज निशाना बन गई इस प्रदेश के गलियारों में । सुलग रहा हर रोज़ निकेतन क्या होगा उन परिवारों में ॥ जिनके बालक और बालिकाएं पढ़ने स्कूल सुबहा जाते... Hindi · कविता 3 2 640 Share विजय कुमार अग्रवाल 3 Sep 2017 · 1 min read नारी आज देश का बच्चा हमसे पुछे बारमंबार है। क्यो नारी पर ही समाज मे होते अतयाचार हैं।। जिस समाज का नारी देखो खुद करती निर्माण है। कौन बताये उस समाज... Hindi · कविता 3 664 Share विजय कुमार अग्रवाल 13 Nov 2016 · 1 min read परिवर्तन की लहर चली है परिवर्तन की लहर चली है भ्रष्टाचार है पहला निशाना । क़दम से क़दम मिलाना होगा तभी तो होगा आगे जाना ॥ कठिनाई तो आती ही है जनता को है यह... Hindi · कविता 3 1 641 Share विजय कुमार अग्रवाल 10 Nov 2016 · 1 min read पत्नी पीढ़ा मोदी जी ने दिया देश को सबसे बड़ा उपहार । बंद कर दिया नोट अचानक पान्च्सौ और हजार ॥ अफरा तफरी का आलम है हर घर सोच विचार । कैसे... Hindi · कविता 3 1 640 Share विजय कुमार अग्रवाल 4 Nov 2016 · 1 min read बंटते हिन्दू बंटता देश आतंकी थे वो सीम्मी के पुलिस ने जिनको मार गिराया । नींद उडी क्यों नेताओ की आज तलक ये समझ ना आया ॥ देश का बेटा रोज़ मर रहा आतंकी... Hindi · कविता 3 668 Share विजय कुमार अग्रवाल 23 Dec 2016 · 1 min read स्वस्थ समाज क्या समाज की परिभाषा है , क्यों समाज निर्माण हुआ है । हर घर में कोहराम मचा है , क्यों भाई भाई से चिढ़ा हुआ है ॥ हिन्दू और मुस्लिम... Hindi · कविता 3 567 Share विजय कुमार अग्रवाल 12 Nov 2016 · 1 min read कैसे होगा भला देश का कैसे होगा भला देश का मोदीजी ने यही बताया । नींद उड़ गई पडोसियो की काला धन सब बाहर आया ॥ राजनिती के इतिहास में कोई नहीँ ऐसा कर पाया... Hindi · कविता 3 3 605 Share विजय कुमार अग्रवाल 29 Dec 2016 · 1 min read मात पिता नये साल में कसम उठाओ , जीने का अंदाज़ बदल दो । मात पिता की सेवा करलो , घर के सारे नियम बदल दो ॥ कष्ट उन्हे नहीँ होने देंगे... Hindi · कविता 3 621 Share विजय कुमार अग्रवाल 27 Nov 2016 · 1 min read कन्या दान पढ़ा लिखा कर बड़ा किया है ,मैं इस पर अभिमान करूँ । नहीँ मानता हूँ कोई अंतर , इसीलिये सम्मान करूँ ॥ वस्तु नहीँ है मेरी बेटी, क्यों इसका अपमान... Hindi · कविता 3 574 Share विजय कुमार अग्रवाल 30 Oct 2016 · 1 min read दीपावली दीप जलाओ द्वार सजाओ खुशी मनाओ मिल कर आज । आई दिवाली लाई खुशहाली दीप जलेंगे हर घर आज ॥ सारा देश यूं झूम रहा है,हर घर दीपों से सजा... Hindi · कविता 3 602 Share विजय कुमार अग्रवाल 18 Nov 2016 · 1 min read नोट बदल गये देश बदलेगा सुबहा से उठकर लाइन में लग गये शाम को मेरा नम्बर आया । खुशी के मारे उछल पड़ा मैं नया नोट जब हाथ में पाया ॥ कैसी कैसी कठिनाई थी... Hindi · कविता 3 543 Share विजय कुमार अग्रवाल 2 Nov 2016 · 1 min read व्यथा पेड़ की एक पेड़ था सुंदर वन में जिस पर था उल्लू का डेरा । इसी वजह से कोई पक्षी नहीँ लगाता पेड़ का फेरा ॥ दुःखी बहुत था पेड़ सोचकर किसको... Hindi · कविता 3 2 506 Share विजय कुमार अग्रवाल 3 Dec 2016 · 1 min read वो भी कभी बेटी होती है खुशियाँ नहीँ मनाई जाती , क्यों बेटी जब जन्म है लेती । हर घर को खुशियोंकाखजाना ,जबकि अधिकतर बेटी देती ॥ ज्यों ज्यों बेटी बढ़ती जाती ,माँ की जिम्मेदारी लेती... Hindi · कविता 3 528 Share विजय कुमार अग्रवाल 24 Jul 2022 · 1 min read बारिश का मौसम बारिश का मौसम क्यों घर में, सबको सबसे सुहाना लगता है। अक्सर साथ बैठ जाते हैं सब,चाय के साथ पकौड़ी खाना अच्छा लगता है।। सुबह देर तक सोना फिर उठ... Hindi · कविता 8 2 575 Share विजय कुमार अग्रवाल 12 Mar 2017 · 1 min read ईमानदार भारत [3/12, 11:10] Vijay Kumar Agarwal: रंगो का त्योहार है आया ,घर घर देश मे कमल खिलाया उत्तर प्रदेश की जनता बोली ,मोदी के संग खेले होली उत्तराखंड ने साथ निभाया... Hindi · कविता 3 536 Share विजय कुमार अग्रवाल 9 Nov 2016 · 1 min read बंद हो गये नोट नोट बड़े सब बंद हो गये । हिंदुस्तानी दंग हो गये ॥ मोदी जी देखो दुनिया में । पहली आज पसंद हो गये ॥ आने वाले इस चुनाव में कैसे... Hindi · कविता 3 529 Share विजय कुमार अग्रवाल 6 Dec 2017 · 4 min read हौंसला हौसला प्रत्येक ब्यक्ति ने जीवन में कभी ना कभी इस शब्द को अवश्य ही सुना होगा और अनेक रूप में इस शब्द को अपने जीवन में उपयोग भी किया होगा... Hindi · लेख 5 517 Share विजय कुमार अग्रवाल 6 Dec 2016 · 1 min read नेता की पेंशन साठ साल तक खोद खोद कर , देश खोखला कर डाला । हर नेता ने देश को बेचा , और अपना घर भर डाला ॥ टाटा बिरला या अम्बानी ,... Hindi · कविता 4 1 526 Share विजय कुमार अग्रवाल 1 Dec 2019 · 2 min read सुदर्शन क्रिया *सुदर्शन क्रिया* वर्ष 1981 में श्री श्री रविशंकर जी द्वारा आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन की स्थापना की गई जिसका उद्देश्य प्रत्येक व्यक्ति के व्यक्तित्व को निखारने हेतु अनेक कार्यक्रम बनाना... Hindi · लेख 4 459 Share विजय कुमार अग्रवाल 15 Dec 2016 · 1 min read परीक्षण मानवता के इतिहास में शायद पहली बार हुआ है । नोट बन्दी के एक नियम का हर व्यक्ति पर असर हुआ है ॥ धैर्यवान होना जीवन में बहुत बड़ा गुण... Hindi · कविता 3 522 Share विजय कुमार अग्रवाल 28 Nov 2016 · 1 min read भारत आज बन्द नहीँ होगा कितना भी तुम जोर लगा लो ,भारत आज बन्द नहीँ होगा । सब मिल जुल कर पूल बना लो ,भारत आज बन्द नहीँ होगा ॥ जे एन यू शिक्षा का... Hindi · कविता 3 480 Share विजय कुमार अग्रवाल 31 Dec 2016 · 1 min read बाय बाय 2016 कैसे सोलह शुरू हुआ था ,जिसका आज आखरी दिन है । नमन हमारा आप सभी को , साल का देखो अंतिम दिन है ॥ पहले माफ़ी हाथ जोड़ कर ,गर... Hindi · कविता 3 1 510 Share विजय कुमार अग्रवाल 7 Aug 2017 · 1 min read रक्षाबंधन बहना हर राखी पर हमको याद तुम्हारी आती है। बचपन की वो सारी बातें आ आ हमें सताती हैं।। कैसे तुम मम्मी से मेरी सभी शिकायत करती थी। और सजा... Hindi · कविता 3 415 Share विजय कुमार अग्रवाल 3 May 2020 · 1 min read रिश्ते रिश्तों की गरमाहट मिट गई, लाज हया सब खत्म हो गई। क्यों भाई से भाई लड़ रहा, बहन बहन से अलग हो गई।। मात पिता ने दी थी शिक्षा, मिलजुलकर... Hindi · कविता 4 2 427 Share विजय कुमार अग्रवाल 20 Nov 2016 · 1 min read देश बने सोने की चिड़िया जनता का आवाहन देखो करना मैं चाहता हूँ यार । आओ आज बताये सबको कैसे चलती है सरकार ॥ चाहे कोई करे नौकरी चाहे कोई करे व्यापार । पूरे दिन... Hindi · कविता 3 1 416 Share विजय कुमार अग्रवाल 19 Dec 2016 · 1 min read नया वर्ष है आने वाला स्वागत करने को व्याकुल है , नया वर्ष है आने वाला । खुशियों का करना है स्वागत , अतीत का दुःख जाने वाला ॥ सोचो तुमने इस जीवन में ,... Hindi · कविता 3 422 Share विजय कुमार अग्रवाल 6 Nov 2016 · 1 min read आतंकवाद भारतीय परम्परा के अनुसार देश का सैनिक हमेशा ही देश का सर्वाधिक सम्मानित नागरिक रहा है आजादी से पहले और आजादी के बाद भी देश ने अनेकों लडाईयां लड़ी जिनमें... Hindi · लेख 3 391 Share विजय कुमार अग्रवाल 19 May 2020 · 1 min read बहिष्कार चीन का चीन नाम का देश है ऐसा, जिस पर सब ने किया भरोसा। लेकिन चीन ने पूरे विश्व को, थाली में रख कोरोना परोसा।। सब ने ही विश्वास किया था, सब... Hindi · कविता 4 358 Share विजय कुमार अग्रवाल 2 Aug 2022 · 1 min read खुशियाँ ही अपनी हैं हर व्यक्ति ही चाहता दिल में,खुशियां ही खुशियां हों जीवन में। कैसे आयें बहुत सी खुशियां, हमारे इस नन्हें मुन्ने से जीवन में।। संपत्ति और समृद्धि के पीछे क्यों,भागे हरेक... Hindi · कविता 4 377 Share विजय कुमार अग्रवाल 31 Dec 2016 · 1 min read नया साल नया साल है नई सुबह है , धुंध हर जगह छाई हुई है । प्रथम प्रष्ठ लिखना है सबको , नई डायरी आई हुई है ॥ तीन सौ पैसठ प्रष्ठ... Hindi · कविता 3 383 Share विजय कुमार अग्रवाल 14 May 2020 · 1 min read नया भारत आवाहन हो गया देश में, अब स्वदेशी ही अपनाना है। स्वावलंबी है भारतवासी, यही हमें बस दिखलाना है।। अपना ही इंफ्रास्ट्रक्चर, अपना ही होगा कच्चा माल। भारत का मज़दूर बनाये,... Hindi · कविता 5 353 Share विजय कुमार अग्रवाल 23 Jul 2022 · 1 min read जीवन यात्रा जियो ये जीवन सफर समझकर,मंजिल को आसान बनाना है। छोड़ बुरी यादों को सफर में,अच्छी यादों को अपनाना है।। रंगों को अपनाते चलना है,और रोगों को छोड़ते जाना है। बुरे... Hindi · कविता 6 420 Share विजय कुमार अग्रवाल 8 Jun 2023 · 1 min read लालची नेता बंटता समाज क्या समाज की परिभाषा है , कैसे समाज का निर्माण हुआ है । हर घर में कोहराम मचा है , क्यों व्यक्ति व्यक्ति से चिढ़ा हुआ है ॥ हिन्दू और... Poetry Writing Challenge · कविता 7 575 Share विजय कुमार अग्रवाल 3 Nov 2016 · 1 min read राजनीति का गिरता स्तर राजनीति का स्तर देखो गिरने की कोई लिमिट नहीँ है । एक सिपाही मरा सड़क पर ड्रामा करना हमे यहीं है हमसे बड़ा हितैषी उसका आज देश में कोई नहीँ... Hindi · मुक्तक 3 349 Share विजय कुमार अग्रवाल 7 Nov 2016 · 1 min read वाह वाह दिल्ली कैसे बचें और कैसे बचाये ज़हर हवा में फैल गया है । दो दो सरकारें दिल्ली में ढूंड रही है इलाज क्या है ॥ जे एन यू का छात्र खो... Hindi · कविता 3 350 Share विजय कुमार अग्रवाल 24 Jan 2017 · 1 min read आरक्षण आरक्षण क्यों कर लाये थे , सबको आज समझना होगा । देष मॆ पिछडापन अधिक है , इसलिये लागू करना होगा ॥ सत्तर साल के बाद भी देखो , पिछडापन... Hindi · कविता 3 351 Share विजय कुमार अग्रवाल 16 Jun 2017 · 1 min read सुदर्शन क्रिया योग से तन कुंदन होता है,क्रिया से खिल जाये आपका जीवन । एक सुदर्शन क्रिया कर रही,मुक्त रोग से आपका तन मन।। जो भी इसको अपना लेगा ,उसकी चिंता मिट... Hindi · कविता 3 295 Share विजय कुमार अग्रवाल 17 Jul 2022 · 1 min read चाँद मेरा चाँद मुझे लगता है हमेशा,तेरे चाँद से बहुत ही बेहतर है। जब चाहुँ मैं देख लूँ अपने चाँद को,तेरे चाँद को देखना मुश्किल है।। मेरा चाँद है हमेशा पहुंच... Hindi 6 346 Share विजय कुमार अग्रवाल 15 Nov 2016 · 1 min read जान भी और इमान भी पैसा हर विकार की जड़ है पैसा , हर मुश्किल का इलाज है पैसा । क्यों माता ने खोया बेटा ,क्यों नहीँ काम आया यह पैसा ॥ अस्पताल और चिकित्सकों का... Hindi · कविता 3 295 Share विजय कुमार अग्रवाल 22 Nov 2016 · 1 min read आपकी अदालत सुप्रीम कोर्ट का जज कहता है ,देश में दंगा हो सकता है । लाइन लगी है लम्बी लम्बी , जनता का धैर्य खो सकता है ॥ जज साहेब को कौन... Hindi · कविता 3 296 Share विजय कुमार अग्रवाल 4 Mar 2018 · 1 min read देश की व्यथा चयन प्रक्रिया ध्वस्त हो गयी, युवा शक्ति पस्त हो गयी। भ्रष्टाचार के मकड़जाल मे क्या सरकारें फंस के रह गयी।। जिन युवाओं के दम पर, निर्माण देश का होता है।... Hindi · कविता 4 1 283 Share विजय कुमार अग्रवाल 28 May 2020 · 1 min read सहज सहज तुम्हारा आज जन्मदिन,खुशियां इतनी लाया है। कितने साल के बाद सभी ने, मिलकर आज मनाया है।। तुमने अपनी सहज छवि से,सबको बहुत लुभाया है। सदा सभी को मान दिया,विश्वास... Hindi · कविता 6 266 Share विजय कुमार अग्रवाल 13 May 2020 · 1 min read महामारी 2020 बचपन से सुनते आए हैं, किस्से चीन की गद्दारी के। पूरा विश्व हिला डाला है, छोड़ के कीड़े महामारी के।। चीन ने ऐसा जाल बिछाया , देश ना निकला कोई... Hindi · कविता 5 1 259 Share विजय कुमार अग्रवाल 3 Aug 2022 · 1 min read जीभ का कमाल शुगर और बी पी की जाँच तो,हर व्यक्ति ही करवाता है। किन्तु अपनी जीभ की जाँच, कभी वो क्योंकर नहीं कर पाता है।। क्यों इतनी कड़वी है जीभ यह, क्या... Hindi 5 1 297 Share विजय कुमार अग्रवाल 8 Jun 2023 · 1 min read जीभ शुगर और बी पी की जाँच तो,हर व्यक्ति ही करवाता है। किन्तु अपनी जीभ की जाँच, कभी वो क्योंकर नहीं कर पाता है।। क्यों इतनी कड़वी है जीभ यह, क्या... Poetry Writing Challenge · कविता 5 480 Share विजय कुमार अग्रवाल 16 Jul 2022 · 1 min read अपनापन कार्य करोगे तुम जग में अच्छे,वो जीवन की पहचान बनेंगे। कदम रक्खोगे तुम सोच समझकर,तो वही तुम्हारे निशान बनेंगे।। सोचो कार्य करने से पहले,और फिर जाकर अपने कार्य करो। हरेक... Hindi · Poem 4 298 Share Page 1 Next