Umender kumar Tag: कविता 60 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Umender kumar 28 Jul 2021 · 1 min read खफा हूं आज अपने वीराने पन से खफा था आज, क्यों तुने मेरी यादों को बुला लिया क्यों मेरे चैन को बेचैनी में बदल दिया जानता है तू, तू मेरा हमराज है तूने... Hindi · कविता 1 371 Share Umender kumar 28 Jul 2021 · 1 min read बड़ा अफसोस बड़ा अफसोस है तुम्हारे लिए, के, हमारे हिस्से से तो लाखों हुए , मगर तुम्हारे पास एक न आया... किसी ने हमको लूटा , किसी ने अपने पास रखा, लाखों... Hindi · कविता 1 246 Share Umender kumar 28 Jul 2021 · 1 min read वक्त करवट लेता है सुना था वक्त करवट लेता है, सुनकर सुकून मिला, के वक्त करवट लेता है अब इंतजार था, कि वक्त कब करवट लेता है हम अपने में ही आस संजोए रहें... Hindi · कविता 1 233 Share Umender kumar 28 Jul 2021 · 1 min read किसान की आवाज तुम अनमोल हो सस्ते में तुम बिक ना जाना, तुम हमसे हो, यह तुम भूल ना जाना, अभी तक पीछे खड़े हैं तुम्हारे, तभी वजूद है तुम्हारा, अपने आगे खड़ा... Hindi · कविता 1 277 Share Umender kumar 28 Jul 2021 · 1 min read मेरा जुनून दुखों के सागर है मगर हताश नहीं हूं, छुटा है साथ सबका मगर अकेला नहीं हूं, अंधेरों के साए में रहता हूं मगर उम्मीद की किरण साथ है, मुश्किलें हैं... Hindi · कविता 2 316 Share Umender kumar 28 Jul 2021 · 1 min read विरानो से निकलकर जख्म- ए- निशान थे बहुत, दिल पर, कलेजा मुंह को आया था, देख कर। कलेजे को सीने में दफना क्या लिया है हमने, विरानो से निकलकर, अब जिंदगी, जिंदगी सी... Hindi · कविता 3 2 292 Share Umender kumar 27 Jul 2021 · 1 min read तालीम ए इश्क चाहत थे कभी, किसी के जीने की, आज खुद जीने की चाहत नहीं .... जो जिंदगी थे हमारी कभी, वह हमारी जिंदगी से खेल गए.... उन्हें नशा था हमारे इश्क... Hindi · कविता 2 239 Share Umender kumar 27 Jul 2021 · 1 min read “पापा आप बहुत याद आते हो” रोज़ दिन आता है बीत जाता है, पर तुम नहीं आते..... याद आती है, आखो मे पुरानी तस्वीरे तिरती रहती है, पर तुम नहीं आते... भागती जिंदगी के साथ आंगे... Hindi · कविता 2 399 Share Umender kumar 27 Jul 2021 · 1 min read टूटा दिल टूट गया हूं शीशे सा, अगर कोई समेटने भी आता है ना.... ...उसको भी चुभ जाता हूं उमेंद्र कुमार Hindi · कविता 1 289 Share Umender kumar 27 Jul 2021 · 1 min read मेरी बेचैनी दिन इंतजार में है रातें आंसुओं में है और कितना सब्र करूं, यह तो बतला दो मुझे... उमेंद्र कुमार Hindi · कविता 1 254 Share Previous Page 2