Dr. Swati Gupta Language: Hindi 110 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Dr. Swati Gupta 15 Jun 2018 · 1 min read पापा? माँ है दुलार तो अनुशासन हैं पापा। माँ सम्भालती है घर को ,तो घर बनाते हैं पापा। माँ बनाती है खाना प्यार से, खाने का इंतजाम करते हैं पापा। माँ... Hindi · कविता 2 289 Share Dr. Swati Gupta 14 Jun 2018 · 1 min read रक्तदान 14 जून- विश्व रक्तदाता दिवस पर बधाई। रक्तदान है महादान,जिंदगी का हो यह ईमान। अनमोल है बहुत,पर नही है इसका कोई दाम। पुनः जीवन दे सकते हैं औरो को स्वरक्त... Hindi · कविता 1 296 Share Dr. Swati Gupta 14 Jun 2018 · 1 min read माँ की ममता 1-शिशु निहारे, माँ फैलाये आँचल, दुख बिसारे। 2-माँ गावे लोरी, शिशु झूले पालना, सुख दिलावे। 3-माँ की अंगुली, बालक छोड़ दिये, नाच नचावे। 4- आँखों का तारा, शिशु घुटनों चले... Hindi · हाइकु 3 471 Share Dr. Swati Gupta 14 Jun 2018 · 1 min read पिता और बेटी पर हाइकू-एक प्रयास 1- पापा हैं खुश नवजात है शिशु हर्ष उल्लास। 2-पापा की परी, महकाये आँगन, घर की कली। 3-प्यारी बिटिया, चहकती चिड़िया, मन को भाती। 4-राजदुलारी, सजन घर चली, सूना मायका।... Hindi · हाइकु 3 427 Share Dr. Swati Gupta 14 Jun 2018 · 1 min read बेटी की विदाई बाबुल बिटिया तेरी हुई परायी थी, तेरे आँगन से उसकी हुई विदाई थी। पहला क़दम जब पड़ा मेरा घर में, पूरे घर ने खुशियां मनाई थी, नज़र का टीका लगाकर... Hindi · कविता 1 452 Share Dr. Swati Gupta 13 Jun 2018 · 2 min read बहु और बेटी न समझो मुझको पराया,मुझे अपना बनाकर देखो, माना कि बहु हूँ तुम्हारी,पर बेटी समझकर कर देखो, बचपन से सुना था मैंने,मैं धन हूँ एक पराया, जब कन्यादान हुआ मेरा,तब मुझको... Hindi · कविता 2 557 Share Dr. Swati Gupta 13 Jun 2018 · 1 min read ग़ज़ल आज अपने दिल की बात बता रही हूँ, शब्दों में नहीं, आंखों से समझा रही हूँ। नैनों की भाषा समझ ले तू सनम, प्यार का गीत गुनगुना रही हूँ। तेरी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 398 Share Dr. Swati Gupta 13 Jun 2018 · 1 min read मुझपे हक है तेरा जताया करो। गजल प्यार अपना हमें दिखाया करो, हमको भी दिल से तुम लगाया करो। इश्क तुमको है हमसे हमे भी पता, दिल मे इसको न यूँ छिपाया करो। खामोशी तेरी रास... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 620 Share Dr. Swati Gupta 12 Jun 2018 · 1 min read सच और झूठ सुनना तो चाहते हैं सच मगर सच बोलने से क्यूँ कतरा जाते हैं लोग, यदा कदा परहित में झूठ बोल सकते हैं, स्वहित के लिए क्यूँ झूठ बोल जाते हैं... Hindi · कविता 1 243 Share Dr. Swati Gupta 11 Jun 2018 · 1 min read छुट्टियां हुई खत्म छुट्टियां खत्म हुई और स्कूल खुल गया बच्चों के स्कूल जाने से घर सूना हो गया, अलार्म की आवाज़ पर हुआ अलर्ट घर, देर से उठना सुबह अब बन्द हो... Hindi · कविता 1 248 Share Previous Page 3