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**बकरा बन पल मे मै हलाल हो गया**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
******** प्रेम भरे मुक्तक *********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
********* कुछ पता नहीं *******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
भैया के माथे तिलक लगाने बहना आई दूर से
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*कंचन काया की कब दावत होगी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*राज दिल के वो हम से छिपाते रहे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जग मग दीप जले अगल-बगल में आई आज दिवाली
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
****** धनतेरस लक्ष्मी का उपहार ******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*कभी प्यार में कोई तिजारत ना हो*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
यारा तुम बिन गुजारा नही
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
********* हो गया चाँद बासी ********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*निकला है चाँद द्वार मेरे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हरियाणा दिवस की बधाई
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*नींद आँखों में ख़ास आती नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आत्म चिंतन करो दोस्तों,देश का नेता अच्छा हो
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
* कैसे अपना प्रेम बुहारें *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*हम नदी के दो किनारे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*देश के नेता खूठ बोलते फिर क्यों अपने लगते हैँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*मन में पर्वत सी पीर है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*दर्द का दरिया प्यार है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*सत्य विजय का पर्व मनाया*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*मन के मीत किधर है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
* दिल बहुत उदास है *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
* दिल का खाली गराज है *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
** जिंदगी मे नहीं शिकायत है **
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*लम्हा प्यारा सा पल में गुजर जाएगा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*आ गई है खबर बिछड़े यार की*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*याद तेरी यार आती है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*हुई हम से खता,फ़ांसी नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हम जियें या मरें तुम्हें क्या फर्क है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*आँखों से ना दूर होती*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*गम को यूं हलक में पिया कर*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*तुम हुए ना हमारे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*राज सारे दरमियाँ आज खोलूँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
**पी कर मय महका कोरा मन***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
* वक्त ही वक्त तन में रक्त था *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कदम बढ़े मदिरा पीने को मदिरालय द्वार खड़काया
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*स्वर्ग तुल्य सुन्दर सा है परिवार हमारा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
तुम अपना भी जरा ढंग देखो
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*खुद को खुदा समझते लोग हैँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*कभी मिटा नहीं पाओगे गाँधी के सम्मान को*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*यदि हम खास होते तो तेरे पास होते*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
**तीखी नजरें आर-पार कर बैठे**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*कैसे बताएँ कैसे जताएँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
**मन में चली हैँ शीत हवाएँ**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*भगत सिंह हूँ फैन सदा तेरी शराफत का*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*वो खफ़ा हम से इस कदर*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
****** घूमते घुमंतू गाड़ी लुहार ******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*गुड़िया प्यारी राज दुलारी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*तुम और मै धूप - छाँव जैसे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत