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मुक्तक – रिश्ते नाते
Sonam Puneet Dubey
दुःख पहाड़ जैसे हों
Sonam Puneet Dubey
ज़िंदा रहने से तो बेहतर है कि अपनें सपनों
Sonam Puneet Dubey
दुःख पहाड़ जैसे हों
Sonam Puneet Dubey
अपना सम्मान हमें ख़ुद ही करना पड़ता है। क्योंकी जो दूसरों से
Sonam Puneet Dubey
हम यथार्थ सत्य को स्वीकार नहीं कर पाते हैं
Sonam Puneet Dubey
स्वयं पर नियंत्रण रखना
Sonam Puneet Dubey
जिन्हें बरसात की आदत हो वो बारिश से भयभीत नहीं होते, और
Sonam Puneet Dubey
हमेशा समय रहते दूसरों की गलतियों से सीख लेना
Sonam Puneet Dubey
अगर मन वचन और कर्मों में मर्यादा न हो तो
Sonam Puneet Dubey
सुख और दुःख को अपने भीतर हावी होने न दें
Sonam Puneet Dubey
इस प्रथ्वी पर जितना अधिकार मनुष्य का है
Sonam Puneet Dubey
जो मेरा है... वो मेरा है
Sonam Puneet Dubey
अच्छा लिखने की तमन्ना है
Sonam Puneet Dubey
जो प्राप्त है वो पर्याप्त है
Sonam Puneet Dubey
जब तक आप जीवित हैं, जीवित ही रहें, हमेशा खुश रहें
Sonam Puneet Dubey
वह व्यवहार किसी के साथ न करें जो
Sonam Puneet Dubey
अगर आपमें क्रोध रूपी विष पीने की क्षमता नहीं है
Sonam Puneet Dubey
मैंने मेरे हिसाब से मेरे जीवन में
Sonam Puneet Dubey
ज़िंदगी से शिकायतें बंद कर दो
Sonam Puneet Dubey
ये बेजुबान हैं
Sonam Puneet Dubey
करूणा का अंत
Sonam Puneet Dubey
अच्छा है कि प्रकृति और जंतुओं में दिमाग़ नहीं है
Sonam Puneet Dubey
अगर कोई लक्ष्य पाना चाहते हो तो
Sonam Puneet Dubey
शब्द ढ़ाई अक्षर के होते हैं
Sonam Puneet Dubey
न अच्छे बनो न बुरे बनो
Sonam Puneet Dubey
गृहणी
Sonam Puneet Dubey
तन, मन, धन
Sonam Puneet Dubey
सच जानते हैं फिर भी अनजान बनते हैं
Sonam Puneet Dubey
आज़ के पिता
Sonam Puneet Dubey
रिश्ते सालों साल चलते हैं जब तक
Sonam Puneet Dubey
रम्मी खेलकर लोग रातों रात करोड़ पति बन रहे हैं अगर आपने भी स
Sonam Puneet Dubey
भगवान भले ही मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, और चर्च में न मिलें
Sonam Puneet Dubey
उनका सम्मान तब बढ़ जाता है जब
Sonam Puneet Dubey
कभी कभी हम हैरान परेशान नहीं होते हैं बल्कि
Sonam Puneet Dubey
आज़ के रिश्ते.........
Sonam Puneet Dubey
वैसे तो चाय पीने का मुझे कोई शौक नहीं
Sonam Puneet Dubey
किसी के दुःख को अपनें भीतर भरना फिर एक
Sonam Puneet Dubey
गाना..... पन्ना की तमन्ना है कि हीरा मुझे मिल जाए...........
Sonam Puneet Dubey
संस्कारों का चोला जबरजस्ती पहना नहीं जा सकता है यह
Sonam Puneet Dubey
जो लिख रहे हैं वो एक मज़बूत समाज दे सकते हैं और
Sonam Puneet Dubey
स्त्री हूं केवल सम्मान चाहिए
Sonam Puneet Dubey
परिवर्तन चाहिए तो प्रतिवर्ष शास्त्रार्थ कराया जाए
Sonam Puneet Dubey
लेखक होने का आदर्श यही होगा कि
Sonam Puneet Dubey
मुझसे गलतियां हों तो अपना समझकर बता देना
Sonam Puneet Dubey
भीतर से तो रोज़ मर ही रहे हैं
Sonam Puneet Dubey
तुझसे लिपटी बेड़ियां
Sonam Puneet Dubey
अगर प्रेम में दर्द है तो
Sonam Puneet Dubey
अन्याय होता है तो
Sonam Puneet Dubey
Sonam Puneet Dubey
Sonam Puneet Dubey