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Tag: मुक्तक
132 posts
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प्यार करने के लिए हो एक छोटी जिंदगी।
प्यार करने के लिए हो एक छोटी जिंदगी।
सत्य कुमार प्रेमी
गम के आगे ही खुशी है ये खुशी कहने लगी।
गम के आगे ही खुशी है ये खुशी कहने लगी।
सत्य कुमार प्रेमी
जाने कब दुनियां के वासी चैन से रह पाएंगे।
जाने कब दुनियां के वासी चैन से रह पाएंगे।
सत्य कुमार प्रेमी
पुजारी शांति के हम, जंग को भी हमने जाना है।
पुजारी शांति के हम, जंग को भी हमने जाना है।
सत्य कुमार प्रेमी
मैंने चांद से पूछा चहरे पर ये धब्बे क्यों।
मैंने चांद से पूछा चहरे पर ये धब्बे क्यों।
सत्य कुमार प्रेमी
जो दूरियां हैं दिल की छिपाओगे कब तलक।
जो दूरियां हैं दिल की छिपाओगे कब तलक।
सत्य कुमार प्रेमी
ऊपर चढ़ता देख तुम्हें, मुमकिन मेरा खुश होना।
ऊपर चढ़ता देख तुम्हें, मुमकिन मेरा खुश होना।
सत्य कुमार प्रेमी
तुझसे मुझे है प्यार ये दिखला रहा हूॅं मैं।
तुझसे मुझे है प्यार ये दिखला रहा हूॅं मैं।
सत्य कुमार प्रेमी
मुक्तक- जर-जमीं धन किसी को तुम्हारा मिले।
मुक्तक- जर-जमीं धन किसी को तुम्हारा मिले।
सत्य कुमार प्रेमी
(मुक्तक) जऱ-जमीं धन किसी को तुम्हारा मिले।
(मुक्तक) जऱ-जमीं धन किसी को तुम्हारा मिले।
सत्य कुमार प्रेमी
तुम्हारे बिन कहां मुझको कभी अब चैन आएगा।
तुम्हारे बिन कहां मुझको कभी अब चैन आएगा।
सत्य कुमार प्रेमी
ईमान धर्म बेच कर इंसान खा गया।
ईमान धर्म बेच कर इंसान खा गया।
सत्य कुमार प्रेमी
दिन भी बहके से हुए रातें आवारा हो गईं।
दिन भी बहके से हुए रातें आवारा हो गईं।
सत्य कुमार प्रेमी
बहुत दिनों से सोचा था, जाएंगे पुस्तक मेले में।
बहुत दिनों से सोचा था, जाएंगे पुस्तक मेले में।
सत्य कुमार प्रेमी
जिंदगी और उलझनें, सॅंग सॅंग चलेंगी दोस्तों।
जिंदगी और उलझनें, सॅंग सॅंग चलेंगी दोस्तों।
सत्य कुमार प्रेमी
इश्क का भी आज़ार होता है।
इश्क का भी आज़ार होता है।
सत्य कुमार प्रेमी
धरती से मिलने को बादल जब भी रोने लग गया।
धरती से मिलने को बादल जब भी रोने लग गया।
सत्य कुमार प्रेमी
मैं शेरे हिंद का सैनिक हूॅं देखूं किस में कुव्वत है।
मैं शेरे हिंद का सैनिक हूॅं देखूं किस में कुव्वत है।
सत्य कुमार प्रेमी
तुमने सोचा मैं चुभता हूं तुम्हें सताने को।
तुमने सोचा मैं चुभता हूं तुम्हें सताने को।
सत्य कुमार प्रेमी
दिल का हर जख्म दिखाना ही गलत है शायद।
दिल का हर जख्म दिखाना ही गलत है शायद।
सत्य कुमार प्रेमी
और क्या चाहिए जिंदगी के लिए।
और क्या चाहिए जिंदगी के लिए।
सत्य कुमार प्रेमी
मंदिर हमारे जो भी हैं अधिकार चाहिए।
मंदिर हमारे जो भी हैं अधिकार चाहिए।
सत्य कुमार प्रेमी
न जाने क्या मुझे सूझी, ये कैसे यार कर बैठै।
न जाने क्या मुझे सूझी, ये कैसे यार कर बैठै।
सत्य कुमार प्रेमी
जिंदगी से अब नहीं शिकवा गिला मुझको।
जिंदगी से अब नहीं शिकवा गिला मुझको।
सत्य कुमार प्रेमी
महगाई रोक पाना मुश्किल सा लग रहा है।
महगाई रोक पाना मुश्किल सा लग रहा है।
सत्य कुमार प्रेमी
आपके पास गर आपकी प्रीत है।
आपके पास गर आपकी प्रीत है।
सत्य कुमार प्रेमी
साहित्य अगर नाव तो पतवार कलम है।
साहित्य अगर नाव तो पतवार कलम है।
सत्य कुमार प्रेमी
दुनियां में निहित ज्ञान का है सार पुस्तकें।
दुनियां में निहित ज्ञान का है सार पुस्तकें।
सत्य कुमार प्रेमी
बलवान उसे कहिए यारो, जो दीन दुखी संताप हरे।
बलवान उसे कहिए यारो, जो दीन दुखी संताप हरे।
सत्य कुमार प्रेमी
बातें वो तेरी प्यार की, सोने नहीं देतीं।
बातें वो तेरी प्यार की, सोने नहीं देतीं।
सत्य कुमार प्रेमी
शिक्षा का अधिकार नहीं था, शिक्षा में वह सुपर हो गये।
शिक्षा का अधिकार नहीं था, शिक्षा में वह सुपर हो गये।
सत्य कुमार प्रेमी
नींद रातों की भी रुखसत हो गई।
नींद रातों की भी रुखसत हो गई।
सत्य कुमार प्रेमी
मन्नत हमारी धर्म औ'र ईमान भी रहे।
मन्नत हमारी धर्म औ'र ईमान भी रहे।
सत्य कुमार प्रेमी
रूह से मिल के बिना, रूहानियत नहीं मिलती।
रूह से मिल के बिना, रूहानियत नहीं मिलती।
सत्य कुमार प्रेमी
दुआ और दवा
दुआ और दवा
सत्य कुमार प्रेमी
मेंहदी
मेंहदी
सत्य कुमार प्रेमी
रँगों से प्यार की बौछार हो, इस बार होली में।
रँगों से प्यार की बौछार हो, इस बार होली में।
सत्य कुमार प्रेमी
स्वाती नक्षत्र जैसा तेरा प्यार जब झरेगा।
स्वाती नक्षत्र जैसा तेरा प्यार जब झरेगा।
सत्य कुमार प्रेमी
दिलों में प्यार हो यारो जो उल्फत में तो अच्छा है।
दिलों में प्यार हो यारो जो उल्फत में तो अच्छा है।
सत्य कुमार प्रेमी
बड़ी सी नाव होती है, तो लघु पतवार होती है।
बड़ी सी नाव होती है, तो लघु पतवार होती है।
सत्य कुमार प्रेमी
दुनियां के वास्ते ये, हमारी है जिंदगी।
दुनियां के वास्ते ये, हमारी है जिंदगी।
सत्य कुमार प्रेमी
ये प्यार कोई शब्द, कोई चीज नहीं है।
ये प्यार कोई शब्द, कोई चीज नहीं है।
सत्य कुमार प्रेमी
शून्य हूं, मूल्य भी शून्य कहलाउंगा।
शून्य हूं, मूल्य भी शून्य कहलाउंगा।
सत्य कुमार प्रेमी
तुम कहो कदमों में अपना प्यार रख दूं।
तुम कहो कदमों में अपना प्यार रख दूं।
सत्य कुमार प्रेमी
छोड़कर सब नेमतें जनता से मिलने आ गये।
छोड़कर सब नेमतें जनता से मिलने आ गये।
सत्य कुमार प्रेमी
देश में फिर से चुनावी चोचले हैं छा गये।
देश में फिर से चुनावी चोचले हैं छा गये।
सत्य कुमार प्रेमी
मन अडिग पक्के इरादे हाथ में पतवार हो।
मन अडिग पक्के इरादे हाथ में पतवार हो।
सत्य कुमार प्रेमी
छोड़ी है देह, वतन की छोड़ी नहीं मिट्टी।
छोड़ी है देह, वतन की छोड़ी नहीं मिट्टी।
सत्य कुमार प्रेमी
संसद हो या जनता हो इन्हें मोल नहीं है।
संसद हो या जनता हो इन्हें मोल नहीं है।
सत्य कुमार प्रेमी
मुख से निकली पहली भाषा हिन्दी है।
मुख से निकली पहली भाषा हिन्दी है।
सत्य कुमार प्रेमी
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