SATPAL CHAUHAN 62 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 SATPAL CHAUHAN 29 Jan 2024 · 1 min read उपेक्षित फूल कवि राज कुछ करो कविता , निकालो मन मद सरिता । शायद प्रकृति गई कुछ भूल, कितने कांटे सिर्फ एक फूल।। फूल उपेक्षित है यह फूला, झूम रहा अकस्मात ही... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 174 Share SATPAL CHAUHAN 7 May 2023 · 1 min read सागर की हिलोरे सागर की हिलोरे चल रे मन बन पँछी उड़ आकाश भावना को मत दबा, अटखेलिया करता मन क्या नाप सकेगा सागर की थाह? रोजगार की तलाश मे निकले मन मे... Quote Writer 469 Share SATPAL CHAUHAN 6 Jan 2023 · 1 min read राजकीय कन्या प्राथमिक पाठशाला निन्दाना(महम) राजकीय कन्या प्राथमिक पाठशाला निंदाना(महम) शिक्षक का नाम- सतपाल( जे.बी.टी. निंदाना) विद्यालयका नाम-रा.क.प्रा.पाठशालानिंदाना(16983) कर्मचारी पहचान संख्या-2009243 बालगीत शीर्षक- रिश्ते- नाते समाहित दक्षता- रिश्ते नातों का सामाजिक ज्ञान सीखने के प्रतिफल-... Hindi · Poem 337 Share SATPAL CHAUHAN 5 Sep 2022 · 1 min read अध्यापक दिवस अध्यापक दिवस पर सभी गुरुजनों को प्रणाम। हाथ जोड़कर करें विनती जो देते हैं विद्यादान।। गुरु के कारण ही हो जाता है हृदय में प्रकाश, सत्य शील और मानवता की... Hindi · कविता 3 1 480 Share SATPAL CHAUHAN 9 May 2022 · 1 min read बड़ा भाई बोल रहा हूं हेलो हेलो हां भाई छोटे तेरा बड़ा भाई बोल रहा हूँ । बहुत अर्से बाद में दिल की गहराई से बोल रहा हूँ।। याद आए आज मुझे भी तेरे बचपन... Hindi · कविता 2 2 769 Share SATPAL CHAUHAN 6 May 2022 · 1 min read मां की महानता कैसा सुंदर प्यारा प्यारा , मां से ही तो है जग सारा l मां जन्म देती ममता को, मां ही बनती पालनहारा ।। मां के आंचल में ही पलते, शेर... Hindi · कविता 8 9 868 Share SATPAL CHAUHAN 1 May 2022 · 1 min read श्रम दिवस श्रम दिवस पर श्रम करने वालों को करता नमस्कार , जो श्रम पर शर्म करते हैं उनका करता मै तिरस्कार। श्रम करने वालों की कभी भी नहीं होती जग मे... Hindi · कविता 2 1 458 Share SATPAL CHAUHAN 20 Apr 2022 · 1 min read भूमि दिवस भूमि दिवस पर भूमि मां का , मिलकर सब गुणगान करें । हाथ जोड़कर दोनों हम सब , धरती माता को प्रणाम करें।। धरती माता ही हम सब का, पालन... Hindi · कविता 2 4 177 Share SATPAL CHAUHAN 18 Apr 2022 · 1 min read पिता एक हाथ बच्चे को हाथ में संभालना प्यार वाली दूरदर्शी नजर से निहारना गदगद हो जाता है तन -मन दिल के तार -तार में होती है कंपन बच्चे के पैदा... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 8 9 385 Share SATPAL CHAUHAN 17 Apr 2022 · 1 min read अर्थी चली कंगाल की अर्थी चली कंगाल की हाय ! रे बेहाल की चार जन उठाए हुए थे, मंदी मंदी चाल थी। नैनो से आंसू टपक रहे थे, आंखें हो गई लाल थी ।।... Hindi · कविता 2 1 208 Share SATPAL CHAUHAN 7 Apr 2022 · 1 min read उपेक्षित फूल कवि राज कुछ करो कविता , निकालो मन मद सरिता । शायद प्रकृति गई कुछ भूल, कितने कांटे सिर्फ एक फूल।। फूल उपेक्षित है यह फूला, झूम रहा अकस्मात ही... Hindi · कविता 3 273 Share SATPAL CHAUHAN 6 Apr 2022 · 1 min read मन मन मानो मन- मन है , वास्तविकता जन- जन है । खोवत पावत रचत बिगाड़त, खेल विधाता का तन -तन है । सोचत सोचत तन -बन तिनका , मीत मिला... Hindi · कविता 2 176 Share Previous Page 2