C S Santoshi Language: Hindi 58 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid C S Santoshi 10 Oct 2024 · 1 min read दूल्हे की चढ़त मेरा दूल्हा सजा है कैसा, किसी नगरी का राजा जैसा, बिन दूल्हे के घोड़ी भी सूनी, सुन सुन बाजा नफीरी, भर भर नाचे चौकड़ी दूनी, देखो सुंदर झलकता सेहरा, हल्दी... Hindi 21 Share C S Santoshi 10 Oct 2024 · 1 min read माँ दुर्गा अष्टमी कैसे सजे हैं और क्यों सजे हैं, सब मदिंर के द्वारे, पूनम का चाँद नहीं है ये, ना अर्ध चद्रं और संगी तारे , सारे मदिंर पुलकित ज्यादा , नभ... Hindi 21 Share C S Santoshi 10 Oct 2024 · 1 min read शुभ सवेरा आया वैसे तो नव वर्ष है, भरी आशा का उत्कर्ष है l बेशक बीता सघंर्ष है, याद करें तो कर्ष है l ना लौटे अशुभ ये अर्ज है, उन्हें भूले... Hindi 16 Share C S Santoshi 3 Oct 2024 · 1 min read हरियाली तीज माँ क्यों ना पंखा आज चला, अर क्यू मम्मी गर्मी लगी l ना आई निंदिया मुझे, ना तुम खेलन तीज गई ll सूरज से गर्मी तपी, बादल सूखे उमड़ रहे... Hindi 39 Share C S Santoshi 3 Oct 2024 · 1 min read दूषित पर्यावरण जल्दी सूरज छिपता सा लगता, माँ घनी अँधेरी छाई है, कितनी गर्मी आज पड़ी है, अब ठंडी चली पुरवाई है l दिन अभी डूबा नही है, देखो तुम बाहर आसमान... Hindi 44 Share C S Santoshi 3 Oct 2024 · 1 min read जीवन के दो पहलू बहार आई हर उपवन में, बसतं ऋतु के आने पर, तितली झूमी हर फूलों पर, पक्षी नाचे गाने पर l ऐसा पतझड़ सूखा आया, वे सारे डंडल बन गये, दिवाली... Hindi 32 Share C S Santoshi 2 Oct 2024 · 1 min read कुछ खो गया एक हूल उठी सीने मे, मुश्किल पड़ गई जीने मे l सहते ही रहे हम रोते, यादों में आंसू खोते ll क्यू प्यार जताया इतना, हमने सच्चा समझा सपना l... Hindi 26 Share C S Santoshi 2 Oct 2024 · 1 min read नट का खेल ना देखा था कोई सपना, जब पड़ा त्यागना अपना l कुछ फंसे जाल में ऐसे मुख सांप छछूंद जैसे ll अंदर लेने मे मरता, बाहर लाने मे फंसता l जब... Hindi 30 Share C S Santoshi 1 Oct 2024 · 1 min read श्याम पर्दा लगा दो करेंगे बतियॉ श्याम पर्दा लगा, दो करेंगे बतियॉ, आई बरसाने से, गोपी करन रसिया l आते हो कन्हा, जब वदंवन में, बांसुरी की धुन, उठे मेरे मन में l दौड़ी दौड़ी आई,... Hindi 40 Share C S Santoshi 1 Oct 2024 · 1 min read कसक भेद की साथी भेद छिपा ना कोई, छोटा सा जीवन है सब का, बेल दुखो की बोई, साथी भेद छिपा ना कोई l अभेद बनाना भेद को चाहा, मन दीवाना होई, साथी... Hindi 29 Share C S Santoshi 1 Oct 2024 · 1 min read दिल के पहरेदार दिल किसी को ढूढ़ता है, बेशक करता इज़हार नही l जब मिल जाता है कोई साथी, हो जाता है प्यार वही ।। प्यार का कोई वक़्त नही, ऊपर इसके पहरेदार... Hindi 30 Share C S Santoshi 1 Oct 2024 · 1 min read प्यासी तड़प देखा जो तेरा, खिल हुआ मुखड़ा, बनना चाहा, तेरे दिल का टुकड़ा l चाहत में प्यासा, जीता पपीहा, स्वाति बूँद की, बनती मसीहा l अगर मिलती ना, कोई बूँद "स्वाति",... Hindi 28 Share C S Santoshi 1 Oct 2024 · 1 min read वो चिट्ठी तेरी आंखों की गहराई, मेरे दिल मे उतर आई l कोई होगा दीवानापन, इस ख्याल से जोड़ दिया मन ll एक गहरी चाह छिपी थी, तेरी चिट्टी से उभरी थी... Hindi 29 Share C S Santoshi 1 Oct 2024 · 1 min read हमारी भूले तुम कर्म करोगे जैसा, फल पाओगे वैसा l तूने बोये जो कांटे, पडेंगे तन पै तेरे सांटे ll जो बोये तू फूल तेरी माफी होगी कबूल l जो करे गलती... Hindi 15 Share C S Santoshi 25 Sep 2024 · 1 min read गांव सदाबहार छोटा सा एक गांव था, ना दंगा कहीं फसाद था l सब दिन कितने अच्छे थे, हम छोटे से बच्चे थे ll सब कहते राम राम या करते दुआ सलाम... Hindi 26 Share C S Santoshi 25 Sep 2024 · 1 min read भारत अपना प्यारा देश भारत अपना प्यारा देश, एक सूत्र में सारे भेष । दूध दही पानी सा बहाया, सोने की चिड़िया कहलाया । तभी तो आए यहां लुटेरे, कुछ भागें कुछ बसा गए... Hindi 32 Share C S Santoshi 24 Sep 2024 · 1 min read हुस्न खजाना ऐसे बदला है जीवन को, हर घावो को सुखा दिया l शुक्र! खुदा ने पैदा करके, हुस्न – खजाना लुटा दिया ll जो मै पूंछु, ऐ मेरे मौला, ऐसा तूने... Hindi 21 Share C S Santoshi 17 Sep 2024 · 1 min read भाई बहन का प्य सखी री राखी का आया त्यौहार, बाजारों में लगी लंबी कतार, झुंडो में सखियां लेने चली राखियां ,मन में खुशी है अपार, सखी री राखी का आया तोहार बाजारों में... Hindi 20 Share C S Santoshi 17 Sep 2024 · 1 min read देश की अखंडता जो डर से छिपके मिलते, अब कभी कैसे सुनी दलेरी में, जब धूप खिली ओझल थी, कैसे उड़के चली अंधेरे में, पढ़कर इतिहास लगा, किस कारण छाई गुलामी, सतयुग त्रेता... Hindi 22 Share C S Santoshi 17 Sep 2024 · 1 min read टूटता तारा आसमान में चमक दमक थी, रात में टूट गिरा एक तारा, तुमने भी गिरता देखा होगा, ना जाने क्यों हुआ न्यारा, कहां गिरा धरती पर आकर, जंगल जीव वहां होंगे,... Hindi 25 Share C S Santoshi 17 Sep 2024 · 1 min read घटा उमड़ आई कितनी घमस मौसम में आई, चिपक पसीने से नहलाई, देर रात को आँख खुली, तेज परवाई हवा ठंडी चली, मन कहता बरखा ऋतु आई, मानसून भी दिए दिखाई, बादल ने... Hindi 29 Share C S Santoshi 17 Sep 2024 · 1 min read इंतजार किया है कितना नींद छोड़कर अपनी, हम रातों जागे, तुझे ढूंढने बाहर हम, इधर उधर भागे, तू ऐसी बसी नैनों में, जैसे बोतल में बसे शराब. रखे दूध का सेवन बिन जामुन जाये... Hindi 20 Share C S Santoshi 17 Sep 2024 · 1 min read आजादी की धुन हम भूल गये है उनको ,जो दे गये है कुर्बानी। घर छोड़ा देश के हित मे, एक जज्बा था इंसानी।। कुछ घर के समृद्धि मे,कुछ हालत नाजुक वाले। क्रांति धारा... Hindi 19 Share C S Santoshi 11 Sep 2024 · 1 min read सावन की कोकिला बसंत बहारों में कुकी थी, फूलों की तू महक लिए। आमों की डाली पर झूली कितनी ही तू ठुमक लिये।। गर्मी की चिंता ना करके आमों में तू झमू रही।... Hindi 29 Share C S Santoshi 11 Sep 2024 · 1 min read सपनों की धुंधली यादें देखी है बड़ी दूरियां, और दर्द सहा है कितना। सुनकर तेरे दिल की आहें, रोया हूं मैं कितना।। रब जाने कब आएंगे, बीते दिन वो फाकता। लद जाएंगे तभी सवारी,... Hindi 22 Share C S Santoshi 11 Sep 2024 · 1 min read नव वर्ष के आगमन पर याद तुम्हारी आती रही आज भी है और कल भी रही थी, याद तुम्हारी दिल में छिपी थी । हंसते रहे या रोते रहे हों, खाते रहे हो या पीते रहे हों । याद... Hindi 40 Share C S Santoshi 11 Sep 2024 · 1 min read जलती दीवानगी हे रब हो जाए कोई रचना, मिट् जाये हम दीवाने। बंद दिलों को जला रहे हैं, तड़पन में हम परवाने।। जलने से मिटना अच्छा है, प्रेम जन्म की हसरत से।... Hindi 29 Share C S Santoshi 11 Sep 2024 · 1 min read घुंघट में महफिल वही सही है, ना कविता नई रची है, बस वही गीत याद आया, जो सावन में कभी सुनाया, सावन सी झड़ी लगी है सम्मुख भी तू ही खड़ी है,... Hindi 23 Share C S Santoshi 11 Sep 2024 · 1 min read घर का सूना चूल्हा जब जेब से खाली हो, पिया पीने की लत में । घर में कुछ यार बुलाये, पैसे मांगे सौगंध में ।। कहां से दू मदिरा को, घर का चूल्हा सूना... Hindi 20 Share C S Santoshi 11 Sep 2024 · 1 min read कुछ राखो नाथ भंडारी बंधी हुई है कब से आस तुम्हारी, सूने विदेशवा में बीते, कितने दिन मास नहीं दो चारी। कुछ राखो नाथ भंडारी.... कुछ राखो नाथ भंडारी.... कभी वे भी गए कभी... Hindi 20 Share C S Santoshi 11 Sep 2024 · 1 min read एक गीत सुनाना मैं चाहूं बिछुड गए हैं जो जग से, लौट कोई भी मिलता ना, एक गीत सुनाना मैं चाहूं, कोई आके राग भी सुनता ना।। तस्वीर छिपी है नैनों में, पर काश !... Hindi 64 Share C S Santoshi 11 Sep 2024 · 1 min read इंतजार की घड़ियां बांध सबर का बंधा हुआ है, टूट ना जाए मेरी आस । दूरी से तेरी महक सूघतीं रुकी पड़ी है सूखी सांस ।। छिन छिन भारी कटता कैसे, जैसे करना... Hindi 45 Share C S Santoshi 11 Sep 2024 · 1 min read अंधेरी झाड़ी क्यों घोर अंधेरे में दौड़ी, पैरों में लडखडाहट सी होरी। शायद घर की कोई जल्दी है, कोई मैसेज मिल गया है भाग लो।। पर नहीं मोबाइल हाथ में, एक बैग... Hindi 61 Share C S Santoshi 22 Feb 2024 · 1 min read मै घट हूँ घटनाओ का घट घट को हर कोई माने, पर घट को ना कोई जाने, हम सब उस घट के स्वामी, जहाँ बस्ता सबका अंतरयामी। इस घट को रखना उज्जवल, बस जाए वो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 147 Share C S Santoshi 22 Feb 2024 · 1 min read तू यार सुखी साकी मे बचपन से कभी तू मेरा था, किस्मत का तू धनी सरदार था। मुझे मिली गरीबी घर-बार छिना,मां-बाप गए लावार बना।। तेरी शिक्षा ने मुझे चमकाया था, गया फौज कमिशन पाया... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 92 Share C S Santoshi 22 Feb 2024 · 1 min read मुंबई फिर दहली काली रात कहें या काले दिन, जहां बने मौत के सन्नाटे। ताजमहल नरीमन हाउस जले ओबराय होटल बांके।। मुंबई शहर व्यापारिक नगरी भारत के लक्ष्मी का खजाना, हुए पहले से... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 88 Share C S Santoshi 22 Feb 2024 · 1 min read दहेज बना अभिशाप किसने चलाया कहां पर दीना,इसकी हुई कब शुरुआत, किसी राजघराने से ही होगा, जुड़ा हुआ इसका इतिहास। अपनी शान शौकत में राजे जब कन्यादान किया करते, हीरे मोती जवहारात भर,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 108 Share C S Santoshi 22 Feb 2024 · 1 min read महिला ने करवट बदली यह चारदीवारी पिंजरा मेरी कैद बना के लाया, दे गज भर लंबा घूंघट, मुझे घर में ही अछूत बनाया । पति संगिनी बन जीवन में हर कर्म में हाथ बटाती,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 111 Share C S Santoshi 22 Feb 2024 · 1 min read मधुमाती होली देखो रंग बसंती फागुन का, बौर सुगंधी छाया अमुवन का, चलो सखी जमुना तट पै, संग ग्वाल बाल बंसीधर के। वही खेल रहे होली रंग से, कान्हा को मारे पिचकारी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 116 Share C S Santoshi 22 Feb 2024 · 1 min read मथुरा गमन-जुदाई अजी बांके मोहन करो कुछ शोधन,मथुरा को जाना गवारा नहीं है, दुखियाँ है गोपी,गाये भी रोती, गोकुल से बिसरना सहारा नहीं है। कान्हा कान्हा किसको कहेंगे, गोकुल की गलियाँ ढूंढेंगे,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 86 Share C S Santoshi 22 Feb 2024 · 1 min read पोलियो अभियान सुनो बूंद पोलियों के यह गुण बख्शे जीवन बच्चे का, इससे करें परहेज अगर अंग अपाहिज हो उन बच्चों का, पोलियो जैसी बीमारी से सब बच्चे लाचार बने, रगड़ रगड़... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 96 Share C S Santoshi 22 Feb 2024 · 1 min read जब हमे मिली आजादी भारत ने झेली बहुत गुलामी, लूट मुगलों ने की सरदारी, फिर अंग्रेजो ने एक जाल बिछाया, बना कंपनी व्यापार बढ़ाया।। फूट डाल, भारत को दास बनाया, देसी राज्य हड़पकर, ब्रिटिश... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 60 Share C S Santoshi 22 Feb 2024 · 1 min read शहीदी दिवस की गोष्ठी कल तक खड़ी थी यहां जो प्रतिमा, धूल अटी सी सूखी सी आत्मा, सजावट कर इनको निखारा है ऐसा, लदी फूलों की बेलों का नजारा है जैसा।। नेता अफसर और... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 66 Share C S Santoshi 22 Feb 2024 · 1 min read परिवार नियोजन महंगाई का संकट से इतना दुखित देश अब सारा है। सुरसा दानव् बनकर इसने अपना रूप पसारा है।। प्लाट मकानो के तो सपने जनता के सब टूट गए । नेता,बिल्डर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 67 Share C S Santoshi 22 Feb 2024 · 1 min read मधुर बरसात घमस तपस मौसम में छाई, ठन्डे झोंको से चली पुरवाई, शुरू हो गई अब देखो बरसात, तप्ती गर्मी से मिली निजात, नभ में भूरे काले बादल, कभी बौछारें, कभी रिमझिम... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 68 Share C S Santoshi 22 Feb 2024 · 1 min read सरिता मंजिल बहती रही है युग युग से जितने, तेरे किनारे नापे केवट ने उतने, देखा नहीं तेरा स्रोत है कहां, ऊंचे पर्वतों को चीरती आई है यहां, कहीं झील ही बनी... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 55 Share C S Santoshi 22 Feb 2024 · 1 min read स्वस्थ समाज उठ जाओ मेरे लाल नींद से सारे बच्चे जाग गए, भोर भई है हवा सुहानी तारे सारे भाग गए। रात का राजा चंद छुप गया, दिन का सूरज जागा है,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 60 Share C S Santoshi 22 Feb 2024 · 1 min read झुलसता जीवन मई जून की तपती गर्मी, गरम-गरम लू चले बेशर्मी, सूरज चढ़ा सातवें आकासा, जंगल,जीव,जंतु,जन प्यासा। दिन रात झुलसते सब जग जीवन, दौड़ रहे हैं छाया ढूंढन। पैदल दौड़े ले ले... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 72 Share C S Santoshi 22 Feb 2024 · 1 min read याद तुम्हारी आती रही आज भी है और कल भी रही थी, याद तुम्हारे दिल में छिपी थी, हंसते रहे या रोते रहे, खाते रहे या पीते रहे, याद जुबान पे आती रही, याद... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 71 Share C S Santoshi 22 Feb 2024 · 1 min read मदिरा चर्चा में सुना तुमको जैसी, दुकानों में साथी तुम ऐसी, तुझे मिलने को मन बना लिया, तेरा इधर-उधर से पता लगा लिया। जहाँ भरी हुई एक महफिल थी, तू गले... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 76 Share Page 1 Next