Rashmi Sanjay Tag: कविता 114 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Rashmi Sanjay 10 Jun 2021 · 1 min read बरसात बचपन की' ' भरे नैन, आंसू छलका था.. आँगन में बस! जल ही जल था.. क्षुधा संग, उलझा बचपन था.. बाढ़ में बहता, अपना घर था। कुछ अभाव , कुछ भीगा मन... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 3 278 Share Rashmi Sanjay 10 Jun 2021 · 1 min read 'नारी अबला नहीं' 'नारी अबला नहीं' अनंत अश्रु-बूँदों से लेकर नेह का पूरा आसमान.. सहेजे रहती है ..अपने आँचल में! ज़िम्मेदारियों और आलोचनाओं का जबरन पहनाया गया लिबास, सहेजे रहती है संतुष्टि के... Hindi · कविता 227 Share Rashmi Sanjay 8 Jun 2021 · 1 min read बरसात मृदा मुदित हो तृप्ति से गीत गा चली है। वसुधा की सरसों-चादर सरकी-गिरी मिली है। सज्जित वसुंधरा भी मिलती धुली-धुली है। नयनों से मेघ उलझे बरसात आ मिली है।। पूजे... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 9 611 Share Rashmi Sanjay 8 Jun 2021 · 1 min read 'अपने से पूछताछ' अरे ख़ुद को भी तो महसूस करो अपने से भी थोड़ी पूछताछ करो! ऐसा ना हो कि सील जाए तुमसे तुम्हारा अपना रिश्ता! और फैल जाये दीमक पूरे अंर्तमन पर!... Hindi · कविता 302 Share Rashmi Sanjay 8 Jun 2021 · 1 min read विहंसती विभावरी अलकों ने पलकों संग झुककर अभिवादन है कर डाला। इतराई अभिलाषाओं ने नवचिंतन हृद् भर डाला।। आख्याओं का सूना जीवन अनुभूति से सजल रहा। वातायन का हाथ पकड़ उर-मिलन भाव... Hindi · कविता 2 263 Share Rashmi Sanjay 6 Jun 2021 · 1 min read सब तेरा हो गया उनकी महफिल में तेरा यूँ चर्चा हुआ तू वहीं पर तो था..गुमशुदा क्यूं रहा जब मोहब्बत की बाँतें किनारों ने की एक टपका जो मोती समंदर बहा। हाथ धीरे से... Hindi · कविता 3 263 Share Rashmi Sanjay 3 Jun 2021 · 1 min read आंख की ओट में ठोकरों को नया रोज़ पत्थर मिला पूजने को नहीं एक शंकर मिला दर्द का इक जख़ीरा भी अंदर मिला। आँख की ओट में एक समंदर मिला। सर झुका मेरा जब... Hindi · कविता 1 2 465 Share Rashmi Sanjay 1 Jun 2021 · 1 min read "एक नया इतिहास" अरे माँ ! सुनो ना, मेरे भी तो कुछ सपने हैं.. माना वो उम्र में मुझसे दुगुने हैं! पर मेरे मन की ज़मीन पर उगने हैं.. अरे माँ ! मुझे... Hindi · कविता 2 783 Share Rashmi Sanjay 27 May 2021 · 1 min read पुकारो कलम से.. 5.4.2021 डुबो दो खुशी में, लिखो न उदासी। तुम्हें फिर है लिखना कोई गीत साथी।। भरो भावनाएं अलंकृत करो नेह, पुकारो कलम से कोई मीत साथी।। पुकारो कलम से कोई... Hindi · कविता 2 362 Share Rashmi Sanjay 25 May 2021 · 1 min read सुकून भरी चाय! सुकून भरी चाय.. अब तक ..ना पी पाये! शीतल हवा.. सपनों सा झरना हंसती सी शाखो का अपना सा लगना.. माथे की सिलवट जीवन उलझाए सुकून भरी चाय... अब तक... Hindi · कविता 3 487 Share Rashmi Sanjay 24 May 2021 · 1 min read आशीष उन सभी लोगों को समर्पित जो एक दूसरे की मदद कर रहे हैं.. एक पड़ेगा कदम अकेला और अनागिनत साथ पग चल देंगे। मुखरित आलंबन चुन-बिन कर, सौहार्द भरे लोचन... Hindi · कविता 1 274 Share Rashmi Sanjay 24 May 2021 · 1 min read आज के नाम विस्मयकारी ये बीमारी, पड़ गई जगत पर है भारी। कोई दुश्वारी से दूर हुआ, कोई रह तन्हा, मजबूर हुआ। है जगत रूका, इंसा काँपे, कर जोड़े निशा, भोर जागे। कोई... Hindi · कविता 490 Share Rashmi Sanjay 23 May 2021 · 1 min read किसलिए किसलिए.. भूल कर रास्ता हर सफर किसलिए चाँद उगने लगा अब इधर किसलिए आँख सुलगी ये शामो-सहर किसलिए झील में आग फैली मगर किसलिए गर्द दिल पर जमी है मेरे... Hindi · कविता 3 2 268 Share Rashmi Sanjay 19 May 2021 · 1 min read मृत्यु आ जाने से पहले... मृत्यु आ जाने से पहले, प्रेम का चंदन ले आओ। क्षीण बाहें कांपती हैं, नेह आलिंगन ले आओ।। पट रही है ये धरा अब, मानवी-निश्चेष्ट तन से, खुल चुकी हैं... Hindi · कविता 3 307 Share Previous Page 3