Rashmi Sanjay 230 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Rashmi Sanjay 12 Dec 2024 · 1 min read ग़ज़ल चमक-दमक से परे, सादगी की बात करें. पकड़ के हाथ चलो दोस्ती की बात करें. सुकून कुछ तो दिले-बेकरार को आये, नज़र मिला के कभी बेखुदी की बात करें. निकल... Hindi · ग़ज़ल 20 Share Rashmi Sanjay 22 Nov 2024 · 1 min read 'सिकुड़न' सुनो न! तुम्हारे साथ का वह पहला मिलन रिश्तों के उन्मादी ! अवसरवादी ! रंगो से परे था। भविष्य को साॅंसें देता वह अद्भुत पल! अब तक मन की दहलीज... Hindi · कविता 1 30 Share Rashmi Sanjay 22 Nov 2024 · 1 min read 'सुनो स्त्री' सुनो स्त्री! अपनी इच्छाओं के उत्पीड़न की चोटिल ध्वनि को वृद्ध होती काॅंपती सी अपनी उर्वरक ऑंखों की नमी को स्वीकारो नव-विकसित चेतना का साथ मिला लो झुर्रीदार, थरथराते हाथों... Hindi · कविता 1 33 Share Rashmi Sanjay 22 Nov 2024 · 1 min read 'बस! वो पल' याद तुम्हारी आने का पल ख़ुद से ऑंख चुराने का पल! रिश्तों के ठुकराने का पल बस दृगबिन्दु छुपाने का पल! बिसरा दो टूटन की बातें ढूॅंढों हास सजाने का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 36 Share Rashmi Sanjay 17 Nov 2024 · 1 min read ग़ज़ल ये बादल के चाँद-सितारे नानी के किस्सों से हारे। धूप कड़ी है मत झुलसो तुम वृद्ध वृक्ष की छांव पुकारे! जारी सफ़र सदा ही रखना चींखें ना ये घाव तुम्हारे!... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 31 Share Rashmi Sanjay 16 Nov 2024 · 1 min read 'न पूछो' मुश्किल था वो दौर न पूछो। उलझन का बस ठौर न पूछो।। हाले -दिल तो पूछ रहे हो पूछो पर इस तौर न पूछो। क्या-क्या गुजर रही है हम पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 30 Share Rashmi Sanjay 16 Nov 2024 · 1 min read सजल माथ ढूॅंढता चंदन लिख ! करे तिरंगा वंदन लिख !! पगडंडी की सिसकी पढ़! बाट जोहती विरहन लिख !! प्रेम अपरिमित अनगढ़ है! कृष्ण-राधिका बंधन लिख!! जीवन-नेत्र छलकते हैं! मत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 36 Share Rashmi Sanjay 16 Nov 2024 · 1 min read प्रतीक्षा प्रिय! तुम्हारी प्रतीक्षा में जला देती हूँ कुछ दीप अनायास तुलसी के आसपास! भर जाता है रोम-रोम में तुलसी की सुरभि से लिपटा तुम्हारा भाव! पत्तियों की ओट से झाॅंकती... Hindi · कविता 1 31 Share Rashmi Sanjay 16 Nov 2024 · 1 min read ग़ज़ल * वो ये कहते थे हम चुप्पियाँ छोड़ दें ज़िद हमारी थी वे तल्ख़ियाँ छोड़ दें खेल नफ़रत का मत खेलिए ये न हो आप जलती हुई बस्तियाँ छोड़ दें... Hindi · ग़ज़ल 2 37 Share Rashmi Sanjay 16 Nov 2024 · 1 min read गीतिका गीत निजता के तनिक मुझको भी रचने दीजिए। मूर्ति सपनों की अधूरी जो, वो गढ़ने दीजिए।। ठेल कर आगे निकलना,आ ही जाएगा मुझे, भीड़ का हिस्सा मुझे इक बार बनने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 31 Share Rashmi Sanjay 6 Sep 2023 · 1 min read गुरु बदल देते हैं जीवन-मूल्य, विस्मृत कर देते हैं बड़ी से बड़ी भूल। सुलझा देते हैं मन का हर उलझा-भाव, लुप्त हो जाते हैं जीवन के अभाव जब मेरे पास होते... Hindi · कविता 5 214 Share Rashmi Sanjay 30 Aug 2023 · 1 min read रक्षाबंधन मेरी कलाई को सहेजे यह रक्षासूत्र मेरी संपूर्णता को अपनी दुआओं से नवाजता रहता है! संवेदनाओं से गलबहियाॅं करता हुआ यह बन्धन जब-तब मुझे निखारता रहता है, सॅंभालता रहता है!... Hindi · कविता 3 294 Share Rashmi Sanjay 30 Aug 2023 · 1 min read भीगी फिर थीं भारी रतियाॅं! भीगी फिर थीं भारी रतियाॅं! किलक उठीं रतनारी सुधियाॅं। जीवन के रेतीले पथ पर ढूॅंढें प्रिय को खारी अंखियाॅं। रश्मि लहर Quote Writer 2 249 Share Rashmi Sanjay 26 Aug 2023 · 1 min read इसरो के हर दक्ष का, इसरो के हर दक्ष का, वंदन बारम्बार। चंद्रयान की हो रही, जग में जय जयकार।। रश्मि लहर Quote Writer 1 385 Share Rashmi Sanjay 25 Aug 2023 · 1 min read मन को आनंदित करे, मन को आनंदित करे, यह अनुपम सौगात। रश्मि धरा की, पुलक में, करे चाँद की बात।। रश्मि लहर Quote Writer 1 401 Share Rashmi Sanjay 11 Aug 2023 · 1 min read सिंदूरी भावों के दीप ओ प्रिय! तुम्हारी दहलीज़ मेरे महावर भरे पाँवों से सिंदूरी भावों से रंग गई है, बिखर गये हैं शुभकामनाओं के असीम अक्षत, जल गए हैं प्रेम के अलौकिक दीप, अब... Hindi · कविता 1 179 Share Rashmi Sanjay 12 Jul 2023 · 1 min read आभा पंखी से बढ़ी , आभा पंखी से बढ़ी , मुरली अधर लुभाय निरखि प्रेममय राधिका, मन ही मन हर्षाय रश्मि लहर Quote Writer 2 2 248 Share Rashmi Sanjay 6 Jul 2023 · 1 min read प्रेम तुम्हारा जीवंत प्रेम रेल की पटरियों से दौड़ता हुआ बादलों के गुच्छों से लिपट जाता है। शब्दों के मकड़जाल में नहीं उलझता। न किचकिच करता है भावनाओं से! न हठधर्मी... Hindi · कविता 4 457 Share Rashmi Sanjay 4 Jul 2023 · 1 min read यूॅं बचा कर रख लिया है, यूॅं बचा कर रख लिया है, एक सुधि तेरी प्रिये! ज्यूॅं छुपा सीपी फिरे है गोद में मोती सदा! रश्मि लहर Quote Writer 2 305 Share Rashmi Sanjay 30 Jun 2023 · 1 min read वो अपना अंतिम मिलन.. वो अपना अंतिम मिलन.. भावों की दूब पर.. अनुभवों की चमकती बूॅंदों सा रुक गया! भर गया तरल उम्मीदों की पॅंखुड़ियों से.. जीवन की थरथराती शाखों को। और.. किसी मौन... Quote Writer 1 1 358 Share Rashmi Sanjay 29 Jun 2023 · 1 min read तुम याद आए बस यूॅं ही तुम याद आए! और याद आए बेसाख़्ता खिलखिलाते लम्हें अभिभूत करते सपने! छू गईं मन का कोना.. पुचकारती संभावनाऍं कुछ ठहरी हुई मन्नतें! चुपचाप.. साथ निभाता मिला... Hindi · कविता 2 2 226 Share Rashmi Sanjay 24 Jun 2023 · 1 min read जीने का हौसला भी जीने का हौसला भी दिलाने चली बारिश धूल उस अतीत-वट से हटाने चली बारिश। ऑंखों के जुगनुओं ने छिपाया जिसे ता-उम्र सुधियों की वो थाती भी लुटाने चली बारिश। रश्मि... Quote Writer 2 281 Share Rashmi Sanjay 7 Jun 2023 · 1 min read दोस्ती गहरी रही दोस्ती गहरी रही तमाम उम्र फिर ढाॅंप कर ऑंखों को ख़्वाब जागता रहा! रश्मि लहर Quote Writer 216 Share Rashmi Sanjay 2 Jun 2023 · 1 min read फगुनाई मन-वाटिका, फगुनाई मन-वाटिका, रंग दिए हैं छाप! मग सुनने को हैं विकल, प्रियतम की पदचाप!! रश्मि लहर Quote Writer 1 485 Share Rashmi Sanjay 31 May 2023 · 1 min read उजियारी ऋतुओं में भरती उजियारी ऋतुओं में भरती भावनाऍं संगीत। विचरते मौसम में कुछ गीत। सलोने मन में.. घुलती प्रीत! रश्मि लहर Quote Writer 3 2 467 Share Rashmi Sanjay 31 May 2023 · 1 min read हार कभी मिल जाए तो, हार कभी मिल जाए तो, मनन करो चुपचाप। दोषारोपण मत करो, निखरो अपनेआप। रश्मि लहर Quote Writer 236 Share Rashmi Sanjay 31 May 2023 · 1 min read लगन लगे जब नेह की, लगन लगे जब नेह की, रुचिकर लगे न भीड़। मन करता, पी संग रहे, रचा-बसा यह नीड़।। रश्मि लहर Quote Writer 175 Share Rashmi Sanjay 31 May 2023 · 1 min read उजियारी ऋतुओं में भरती उजियारी ऋतुओं में भरती भावनाऍं संगीत। विचरते मौसम में कुछ गीत। सलोने मन में.. घुलती प्रीत! रश्मि लहर Hindi · Quote Writer · मुक्तक 268 Share Rashmi Sanjay 24 May 2023 · 1 min read मन के ढलुवा पथ पर अनगिन मन के ढलुवा पथ पर अनगिन प्रतिघातों की भीड़ मिली। पथिक प्रेम से अपने हो गए गले अजनबी पीर मिली। रश्मि लहर Quote Writer 1 206 Share Rashmi Sanjay 18 Mar 2023 · 1 min read मुक्तक शैल विषमताओं का है तो कहीं प्रेम का झरना होगा। अपने पथ के शूल हटाकर सफ़र तुम्हें तय करना होगा। मिलन उबासी से जो भर दें , डरना है उन... Hindi · मुक्तक 3 1 355 Share Rashmi Sanjay 7 Mar 2023 · 1 min read फगुवाई है प्रतीक्षा फगुवाई है प्रतीक्षा बाट जोहते रंग। मग सुनने को है विकल प्रियतम के पद-कंज। रश्मि लहर Hindi · Quote Writer · कोटेशन 273 Share Rashmi Sanjay 6 Mar 2023 · 1 min read * * होली का यह पर्व आपको,* *मंगलमय हो!* *खुशियाँ जीवन में भर जाएँ*, *सब सुखमय हो!* *रिद्धि-सिद्धि-वैभव-धन पाए*, *मिले सफलता;* *पूर्ण सभी हो मनोकामना*, *मन प्रभुमय हो!!* *डा. महेश 'दिवाकर'* Quote Writer 258 Share Rashmi Sanjay 6 Mar 2023 · 1 min read आज फ़िर दिल ने इक तमन्ना की.. आज फ़िर दिल ने इक तमन्ना की.. आज फिर दिल को हमने समझाया जावेद अख़्तर Quote Writer 250 Share Rashmi Sanjay 4 Mar 2023 · 1 min read बढ़ चुकी दुश्वारियों से बढ़ चुकी दुश्वारियों से तंग जीवन हो चला! वस्ल की बातें करो न आज फिर मिलकर ज़रा!! रश्मि लहर लखनऊ Quote Writer 1 258 Share Rashmi Sanjay 23 Feb 2023 · 1 min read प्रेम प्रतीक्षा करता है.. प्रेम प्रतीक्षा करता है.. यही उसका प्रारब्ध है! अधिकार कहाॅं होता है साथी पर.. रश्मि लहर Quote Writer 1k Share Rashmi Sanjay 21 Feb 2023 · 1 min read वंदना वीणा-वादिनि! पथ-प्रकाशिनी, उन्नति का वर दे। हो सशक्त लेखनी सदा ही, ज्ञान सघन भर दे।। रोली घोल भावनाओं की,धवल माथ सज दूॅं। निज मस्तक को, चंदन-सम तव चरणों की रज... Hindi · कविता 2 361 Share Rashmi Sanjay 20 Feb 2023 · 1 min read . *विरोध* "अम्मा जी! ननदोई जी के साथ हम होली नहीं खेलेंगे, उनके ढंग ठीक नहीं हैं।वो होली के बहाने इधर–उधर छूने लगते हैं!" कहते–कहते शिप्रा का चेहरा क्रोध से भर गया... Hindi · लघु कथा 1 261 Share Rashmi Sanjay 10 Feb 2023 · 1 min read फितरत वो दोस्ती की कहाँ फितरत वो दोस्ती की कहाँ उसमें अब रही? शोहरत मिली है जबसे, वो मगरूर हो गया। रश्मि लहर Quote Writer 2 214 Share Rashmi Sanjay 7 Feb 2023 · 1 min read ज़ुदा हैं रास्ते अपने, ज़ुदा हैं रास्ते अपने, ज़ुदा तकदीर अपनी है! मेरा किरदार तेरी मिल्कियत में आ नहीं सकता। रश्मि लहर Quote Writer 233 Share Rashmi Sanjay 7 Feb 2023 · 1 min read ज़िन्दगी की गोद में ज़िन्दगी की गोद में यादें धरी रहीं। अनमनी होती रहीं ऑंखें भरी रहीं। रश्मि लहर Quote Writer 235 Share Rashmi Sanjay 6 Feb 2023 · 5 min read अहा! लखनऊ के क्या कहने! गोमती की सरल लहरों को अपने आगोश में समेटता एक शहर ...जहाँ सुकून है , शांति है , सभ्यता है , तसल्ली है , प्रेम है और रिश्तों की गुनगुनाहट... Hindi · लेख 1 269 Share Rashmi Sanjay 18 Jan 2023 · 1 min read इस बार फागुन में खिला टेसू पलक भीगी मिलो इस बार फागुन में। चुनरिया भी तनिक बहकी मिलो इस बार फागुन में।। हुए शाखों के रक्तिम से, कपोलों को तनिक देखो। कली रचने लगी... Hindi · ग़ज़ल 216 Share Rashmi Sanjay 7 Jan 2023 · 1 min read लेखनी चलती रही शैशवी मन के पुलक की कल्पना लिखती रही। धर मृदुल-पग ज़िन्दगी, प्रस्तावना लिखती रही।। हो वसंती-सा गया मन, नववधू-सी वेदना, कल्पना मधुयामिनी की कामना लिखती रही। भावना ने प्रेम-पूरित छंद-लय... Hindi · गीतिका 2 2 228 Share Rashmi Sanjay 10 Dec 2022 · 1 min read सजल सजल माथ ढूॅंढता चंदन लिख ! करे तिरंगा वंदन लिख !! पगडंडी की सिसकी पढ़! बाट जोहती विरहन लिख !! प्रेम अपरिमित अनगढ़ है! कृष्ण-राधिका बंधन लिख!! जीवन-नेत्र छलकते हैं!... Hindi · कविता 211 Share Rashmi Sanjay 17 Nov 2022 · 1 min read आग्रह बस एक बार आ जाना तुम ! उधार रखी है.. सपनों की देह की छुअन! चुका जाना ब्याज .. लालसाओं का भी चुपचाप ! छोड़ जाना मेरे पास .. सुरसरि... Hindi · कविता 199 Share Rashmi Sanjay 14 Nov 2022 · 1 min read बाट जोहती इक दासी चितवन नेह छुपा न पाये सुधि विरहन बनकर बैठी है। फिर ऋतुराज कनखियों देखें कोयल की बोली बहकी है।। महुवा की सुरभित चंचलता मन में भरती मिली उमंग कुछ मलंग... Hindi · कविता 307 Share Rashmi Sanjay 14 Nov 2022 · 1 min read अकेले-अकेले प्रकाशित किये दीप हमने अकेले सफर तय किया बस अकेले -अकेले कहाॅं कोई रिश्ता जुड़ा अब मिला था चुराई निगाहें सभी ने अकेले.. लगा रोशनी तुम तलक भी गई पर... Hindi · ग़ज़ल 1 216 Share Rashmi Sanjay 6 Nov 2022 · 1 min read अनवरत का सच दुनिया कहती है पर सुनती नहीं स्त्रियों के सपनों की सुदृढ़ आहट.. और चौंक जाती है तब जब खोद डालती हैं स्त्रियाॅं सपनों के रेगिस्तान में आशाओं का कुॅंआ और... Hindi · कविता 3 4 225 Share Rashmi Sanjay 6 Nov 2022 · 1 min read सुनो स्त्री सुनो स्त्री! अपनी इच्छाओं के उत्पीड़न की चोटिल ध्वनि को वृद्ध होती काॅंपती सी अपनी उर्वरक ऑंखों की नमी को स्वीकारो नव-विकसित चेतनाओं का साथ मिला लो झुर्रीदार, थरथराते हाथों... Hindi · कविता 3 4 293 Share Rashmi Sanjay 3 Nov 2022 · 1 min read दिव्यांग भविष्य की नींव कितना आसान है तुम्हारे लिये .... नव-रसों में भीगे भावों को झकझोर कर ... अपनी पैनी निगाहों से टटोलकर उधड़ने की प्रक्रिया से गुजरने वाली स्त्री पर कुछ जुमले उछाल... Hindi · कविता 3 3 326 Share Page 1 Next