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कुछ रिश्ते
Nitu Sah
थोड़ी मेहनत और कर लो
Nitu Sah
कोई ना रहे अकेला
Nitu Sah
हर रिश्तों से बड़ा, पिता
Nitu Sah
मेरी खामोशी का
Nitu Sah
एक बात... पापा, करप्शन.. लेना
Nitu Sah
मैं हूं तेरे साथ
Nitu Sah
क्या हाल हैं दिल से पूछते हों
Nitu Sah
ओ आग था
Nitu Sah
जितना तुम लिख पाओगे
Nitu Sah
अपने ही अपनों को
Nitu Sah
तुम्हारे पापा ने
Nitu Sah
पिता दर्पण
Nitu Sah
जब बेटा पिता पे सवाल उठाता हैं
Nitu Sah
पिता का दर्द
Nitu Sah
जिन्हें रोज देखते थे
Nitu Sah
सबका प्यार मुकबल हो
Nitu Sah
बहते हुए लहरों पे
Nitu Sah
वजह ढूंढोगे तो अंत हो जाएगा
Nitu Sah
क्यो बार-बार आजमाते हो
Nitu Sah
सच में पिता के हाथों में जादू है
Nitu Sah
पापा
Nitu Sah
मेरे बेबसी पे
Nitu Sah
ये दूरियां मिटा दो ना
Nitu Sah
पिता अम्बर हैं इस धारा का
Nitu Sah
प्यारे पापा
Nitu Sah
पापा
Nitu Sah
बदनामी के धुंए
Nitu Sah
नसीहतों की पुजारी
Nitu Sah
रत्नों में रत्न है मेरे बापू
Nitu Sah
मेरे पापा जैसे कोई नहीं.......... है न खुदा
Nitu Sah
मेरे पापा जैसे कोई....... है न ख़ुदा
Nitu Sah
बिखरी रौशनी
Nitu Sah
बाबूजी हमार, हिन्दी के हउवं पापा
Nitu Sah
गांव ,जैसे आम का आचार
Nitu Sah
पापा हमारे
Nitu Sah
अगर उससे निगाहें मिला...समझो गले लगा लेता
Nitu Sah
गलती सब से होती हैं
Nitu Sah
होता ना शरीर राख
Nitu Sah
खुदा के रहमत मान के
Nitu Sah
सभे कहेला, प्यार एक रोग है
Nitu Sah
शमां देखकर ,दिल ना बहलाओ
Nitu Sah
हम सीवान के लड़के हैं
Nitu Sah
मौन खड़े होते हैं अपने
Nitu Sah
जब तक अंधेरा ना छटे
Nitu Sah
तीर नजर के पार गईल
Nitu Sah
तू चांद बारू हमार
Nitu Sah
दुनिया एक शतरंज हैं
Nitu Sah
हम घर से निकल आए हैं
Nitu Sah
लिखो तो कोई बात लिखो
Nitu Sah