पंकज प्रियम 55 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid पंकज प्रियम 13 Aug 2023 · 1 min read भारत की पुकार भारत की पुकार जहाँ-जहाँ पे होगी खुदाई, वहीं पे मन्दिर निकलेगा। मुगलों ने कुकर्म किया जो, राज वो सारा खोलेगा।। गौरी, गजनी और बाबर ने जमकर भारत लूटा था, आतंकी... Hindi · कविता · देशभक्ति गीत 2 1 321 Share पंकज प्रियम 18 Jun 2023 · 1 min read राम नाम प्रभु राम मर्यादा पुरुषोत्तम, सीता स्वयं पुनीता है। रामकथा प्रासंगिक हर युग, हर संवाद ही गीता है। आदिपुरुष में रामायण का चीर हरण करने वालों- भारतभूमि का तो कण-कण, राम... Hindi · कविता 918 Share पंकज प्रियम 11 Jun 2023 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल इस क़दर आदमी आजमाया गया, बेवज़ह भी उसे तो रुलाया गया। दर्द से कब यहाँ फ़िक्र किसको हुई ज़ख्म देकर तमाशा दिखाया गया। दोष ईश्वर को देते मगर सच... Poetry Writing Challenge 4 3 369 Share पंकज प्रियम 11 Jun 2023 · 1 min read याद तुझे तो आती होगी याद तुझे तो आती होगी- ओ परदेसी दौलत उसकी, बेशक़ तुझको भाती होगी, लेकिन मेरी पाक मुहब्बत, याद तुझे तो आती होगी। ओ परदेशी मेरी मुहब्बत, याद तुझे तो आती... Poetry Writing Challenge 2 487 Share पंकज प्रियम 11 Jun 2023 · 1 min read परदेशी ओ परदेशी रौनक उसकी, खूब तुझे तो भाती होगी, लेकिन अपने देश की मिटटी , याद तुझे तो आती होगी। भारत अपना देश है प्यारा, लगता सबसे है ये न्यारा... Poetry Writing Challenge 1 318 Share पंकज प्रियम 11 Jun 2023 · 1 min read पिता पिता पिता अभिमान होता है, पिता अरमान होता है। सृजन के जान पे आयी पिता कुर्बान होता है।। जवानी धूप में खोता, बुढापा तन्हा ढोता है। बच्चों की याद आये... Poetry Writing Challenge 1 288 Share पंकज प्रियम 11 Jun 2023 · 1 min read आबादी पल-पल बढ़ रही, सबको ये डंस रही, सुरसा के मुंह जैसी, रोज फैल जाती है। धरती आकार वही, सब घरबार वही, आबादी के बढ़ने से, जमीं घट जाती है। जंगल... Poetry Writing Challenge 1 315 Share पंकज प्रियम 11 Jun 2023 · 1 min read मणिकर्णिका झाँसी की वो रानी थी काशी की वो मणिकर्णिका,.... रानी लक्ष्मीबाई थी। विठुर से लेकर झाँसी तक, गोरों को धूल चटायी थी।। मोरोपन्त की मनु दुलारी, पेशवा प्यारी छबीली थी।... Poetry Writing Challenge 1 387 Share पंकज प्रियम 11 Jun 2023 · 1 min read बातें कर बस ज्ञान की बातें कर बस ज्ञान की जात-पात की बात करो तुम, बात करें हम ज्ञान की। ज्ञान तनिक जो पाया होता, तुम करते न अज्ञान की। हम भी कब कमजोर पड़े... Poetry Writing Challenge 1 384 Share पंकज प्रियम 11 Jun 2023 · 1 min read प्रेम प्रतीक प्रेम प्रतीक ताज़महल को मानते, सभी प्रेम आधार। लेकिन सब नहीं जानते, क्या है सच्चा प्यार? मूरख मानुष मानते, जिसको प्रेम प्रतीक। लहू सना इक मक़बरा, कैसे इश्क़ अतीक? मुर्दा... Poetry Writing Challenge 1 537 Share पंकज प्रियम 11 Jun 2023 · 1 min read आज़ादी आज़ादी कहाँ मिली आज़ादी हमको, बिना खड्ग बिना ढाल। आज़ादी की ख़ातिर कुर्बा, हो गये कितने लाल। बांध कफ़न को सर पे सारे, हाथ को कर हथियार। कूद पड़े आज़ादी... Poetry Writing Challenge 2 276 Share पंकज प्रियम 11 Jun 2023 · 1 min read हो ली होली हो ली होली ******** होली तो बस अब हो ली ले चल अब अपनी डोली। बहुत हो गयी हँसी-ठिठोली फिर उठा लो अपनी झोली। अगले बरस फिर आना है, होली... Poetry Writing Challenge 1 281 Share पंकज प्रियम 11 Jun 2023 · 1 min read भारत की पुकार भारत की पुकार जहाँ-जहाँ पे होगी खुदाई, वहीं पे मन्दिर निकलेगा। मुगलों ने कुकर्म किया जो, राज वो सारा खोलेगा।। गौरी, गजनी और बाबर ने जमकर भारत लूटा था, आतंकी... Poetry Writing Challenge 1 311 Share पंकज प्रियम 11 Jun 2023 · 2 min read देव्यपराधक्षमापन स्तोत्रम देव्यपराधक्षमापन स्तोत्रम नहीं मैं मंत्र ही जानूँ, नहीं मैं तंत्र भी जानूँ, नहीं कुछ ध्यान आवाहन, कथा विनति कोई जानूँ। नहीं मुद्रा समझ आती, नहीं व्याकुल विलापी पर- शरण तेरी... Poetry Writing Challenge 505 Share पंकज प्रियम 11 Jun 2023 · 2 min read यशोधरा का प्रश्न यशोधरा का प्रश्न खुद को दुनिया में बतलाना शुद्ध, आसान बहुत है बन जाना बुध्द। किसी की शवयात्रा को देखकर, एक रात आधीरात को छोड़कर। गहरी नींद में सोयी पत्नी... Poetry Writing Challenge 1 253 Share पंकज प्रियम 11 Jun 2023 · 1 min read क्यूँ? क्यों???? सबने पाली यहाँ इतनी हसरतें क्यों है? हर दिल में बसी इतनी नफ़रतें क्यों है? अपनों को ही यहाँ सब कर के बेगाने खुशियों की तलाश में भटकते क्यों... Poetry Writing Challenge 298 Share पंकज प्रियम 11 Jun 2023 · 1 min read प्यार कर प्यार कर जिन्दगी की तरह मुझसे तू प्यार कर एक पल ही सही मुझपे एतबार कर। चार दिनों की तो फ़क़त जिंदगानी है कर ले मुहब्बत,न कभी तकरार कर। हर... Poetry Writing Challenge 264 Share पंकज प्रियम 11 Jun 2023 · 1 min read सृजन आधार के वो दिन सृजन आधार के दिन जुबाँ अब खोल तू नारी, तनिक कुछ बोल तू नारी, दबा कर दर्द तू तन में, जहर मत घोल तू नारी। नहीं वो रक्त है अपवित्र,... Poetry Writing Challenge 204 Share पंकज प्रियम 11 Jun 2023 · 1 min read चुप्पी तोड़ो चुप्पी तोड़ो चुप्पी तोड़ो स्वस्थ रहो तुम, घर-बाहर अलमस्त रहो तुम। इस मुश्किल में न घबराना- स्वच्छ रहो और स्वस्थ रहो तुम। चार दिनों का दर्द समझना, मुश्किल में औरत... Poetry Writing Challenge 241 Share पंकज प्रियम 11 Jun 2023 · 1 min read अपना बनाकर मानेंगे अपना बना कर मानेंगे धड़कन दिलों की आज बढ़ा कर मानेंगे होश उनके हम तो आज उड़ा कर मानेंगे चले जाओ, जहां आज तुमको है जाना मुहब्बत की शमां आज... Poetry Writing Challenge 183 Share पंकज प्रियम 11 Jun 2023 · 1 min read जीवन मंत्र गरूड़ पुराण में जीवन मंत्र स्वर्ग यहीं है और नर्क भी यहीं है। सुख और दुःख सबकुछ आपके कर्मों पर आधारित है। जिसके लिए हमारे वेदों में बहुत सरल मार्ग... Poetry Writing Challenge 177 Share पंकज प्रियम 11 Jun 2023 · 1 min read सफ़र सफ़र कोई आता यहाँ हरपल, कोई जाता यहाँ हरपल, सफ़र ये ज़िन्दगी ऐसी, कोई रुकता कहाँ इकपल।। गुजर जाता अगर कोई, तनिक पीड़ा भले होती- समय ही ज़ख्म है देता,... Poetry Writing Challenge 263 Share पंकज प्रियम 11 Jun 2023 · 1 min read खोलो त्रिनेत्र खोलो त्रिनेत्र हे शंकर! खोलो तो नेत्र अब खोलो अपना त्रिनेत्र। बहुत बढ़ गया पाप यहाँ हरपल बढ़ा संताप यहाँ। मासूमों का होत दुराचार, बढ़ा है कितना व्यभिचार। हुए कितने... Poetry Writing Challenge 224 Share पंकज प्रियम 11 Jun 2023 · 1 min read बलात्कार क्यों न हो दुराचार 😢😢😢😢😢 हो गया रेप का अब, कानून पास अपराध थमेगा!क्या है ये विश्वास। अगर नहीं बदलेंगे विचार-संस्कार क्यों नहीं होगा, फिर बलात्कार? बात बात पे यहाँ... Poetry Writing Challenge 485 Share पंकज प्रियम 11 Jun 2023 · 1 min read तवायफ़ की पुकार तवायफ़ की पुकार मासूमों का देख बलात्कार तवायफें भी सिसक पड़ी है आ जाओ बहशी दरिंदो! तुम्हारे लिए मुफ्त में खड़ी हैं। चीख चीख कर रही पुकार बच्चों पे क्यों... Poetry Writing Challenge 191 Share पंकज प्रियम 11 Jun 2023 · 1 min read उठो द्रौपदी उठो द्रौपदी! उठो द्रौपदी!सम्भालो वस्त्र छोड़ो लज्जा,उठाओ शस्त्र अब नहीं यहां माधव आएंगे ना तुम्हें कोई अर्जुन बचाएंगे। घरघर शकुनि द्युति बिछाए हर डगर पर दुःशासन बैठा है पुत्र मोह... Poetry Writing Challenge 284 Share पंकज प्रियम 11 Jun 2023 · 1 min read आदमखोर आदमखोर अब नहीं रहा जंगल घनघोर शहर में आ गए आदमखोर। जंगलवाले खून के प्यासे थे शहरवाले हैं जिंदा मांसखोर। वो आदमी मारकर खाते थे अब औरत के हैं जिस्मखोर।... Poetry Writing Challenge 202 Share पंकज प्रियम 15 Jul 2021 · 3 min read बंश बेल सुनीता का मन आज दहाड़ मार कर रोने को कर रहा था लेकिन किसके कांधे पर सर रखकर रोती? उसके आंसू आज कौन पोंछता ? सुनीता ने खुद ही तो... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 4 616 Share पंकज प्रियम 15 Jul 2021 · 3 min read ब्रेकिंग न्यूज़:धर्म का दुष्कर्म "हेलो! सर, हमारे यहां एक 8 साल की बच्ची का रेप हो गया।और लड़की की हत्या भी कर दी गई है। खबर ब्रेक कर दीजिए।थोड़ी देर में पूरी खबर भेजता... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 2 466 Share पंकज प्रियम 15 Jul 2021 · 3 min read बेटी "प्लीज! अपनी दो छोटी छोटी बेटियों को लेकर इतनी रात कहाँ जाऊंगी?" रोहिणी अपने घरवालों के समक्ष गिड़गिड़ा रही थी। "जहां जाना है जाकर मरो!" हमें इससे क्या? उसकी सास... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 1 1 569 Share Page 1 Next