मदन मोहन सक्सेना Tag: ग़ज़ल/गीतिका 105 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid मदन मोहन सक्सेना 10 Mar 2017 · 1 min read ग़ज़ल (चलो हम भी बोले होली है तुम भी बोलो होली है ) मन से मन भी मिल जाये , तन से तन भी मिल जाये प्रियतम ने प्रिया से आज मन की बात खोली है मौसम आज रंगों का छायी अब खुमारी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 620 Share मदन मोहन सक्सेना 8 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल ( दिल की बातें) ग़ज़ल ( दिल की बातें) जिनका प्यार पाने में हमको ज़माने लगे बह अब नजरें मिला के मुस्कराने लगे राज दिल का कभी जो छिपाते थे हमसे बातें दिल की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 605 Share मदन मोहन सक्सेना 12 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (दोस्ती आती नहीं है रास अब बहुत ज्यादा पास की) ग़ज़ल (दोस्ती आती नहीं है रास अब बहुत ज्यादा पास की) नरक की अंतिम जमीं तक गिर चुके हैं आज जो नापने को कह रहे , हमसे बह दूरियाँ आकाश... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 583 Share मदन मोहन सक्सेना 8 May 2018 · 1 min read आजकल का ये समय भटका हुआ है मूल से प्यार की हर बात से महरूम हो गए आज हम दर्द की खुशबु भी देखो आ रही है फूल से दर्द का तोहफा मिला हमको दोस्ती के नाम पर दोस्तों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 578 Share मदन मोहन सक्सेना 13 Jul 2016 · 1 min read गज़ल ( बात अपने दिल की ) गज़ल ( बात अपने दिल की ) सोचकर हैरान हैं हम , क्या हमें अब हो गया है चैन अब दिल को नहीं है ,नींद क्यों आती नहीं है बादियों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 475 Share मदन मोहन सक्सेना 5 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (माँ का एक सा चेहरा) ग़ज़ल (माँ का एक सा चेहरा) बदलते बक्त में मुझको दिखे बदले हुए चेहरे माँ का एक सा चेहरा , मेरे मन में पसर जाता नहीं देखा खुदा को है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 456 Share मदन मोहन सक्सेना 6 Sep 2016 · 1 min read ग़ज़ल ( क्या जज्बात की कीमत चंद महीने के लिए है ) दर्द को अपने से कभी रुखसत ना कीजिये क्योंकि दर्द का सहारा तो जीने के लिए है पी करके मर्जे इश्क़ में बहका ना कीजिये ख़ामोशी की मदिरा तो सिर्फ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 525 Share मदन मोहन सक्सेना 11 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल ( सच्चा झूठा) ग़ज़ल ( सच्चा झूठा) क्या सच्चा है क्या है झूठा अंतर करना नामुमकिन है हमने खुद को पाया है बस खुदगर्जी के घेरे में एक जमी वख्शी थी कुदरत ने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 452 Share मदन मोहन सक्सेना 11 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल ( जिंदगी जिंदगी) ग़ज़ल ( जिंदगी जिंदगी) तुझे पा लिया है जग पा लिया है अब दिल में समाने लगी जिंदगी है कभी गर्दिशों की कहानी लगी थी मगर आज भाने लगी जिंदगी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 511 Share मदन मोहन सक्सेना 11 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (ऐतवार) ग़ज़ल (ऐतवार) बोलेंगे जो भी हमसे बह ,हम ऐतवार कर लेगें जो कुछ भी उनको प्यारा है ,हम उनसे प्यार कर लेगें बह मेरे पास आयेंगे ये सुनकर के ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 491 Share मदन मोहन सक्सेना 13 Jul 2016 · 1 min read गज़ल (बात करते हैं ) गज़ल (बात करते हैं ) सजाए मौत का तोहफा हमने पा लिया जिनसे ना जाने क्यों बो अब हमसे कफ़न उधार दिलाने की बात करते हैं हुए दुनिया से बेगाने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 516 Share मदन मोहन सक्सेना 5 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (अजब गजब सँसार ) अब जीना दुश्बार हुआ अज़ब गज़ब सँसार हुआ रिश्तें नातें प्यार बफ़ा से सबको अब इन्कार हुआ बंगला ,गाड़ी ,बैंक तिजोरी इनसे सबको प्यार हुआ जिनकी ज़िम्मेदारी घर की वह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 461 Share मदन मोहन सक्सेना 8 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (अपनी जिंदगी) ग़ज़ल (अपनी जिंदगी) अपनी जिंदगी गुजारी है ख्बाबों के ही सायें में ख्बाबों में तो अरमानों के जाने कितने मेले हैं भुला पायेंगें कैसे हम ,जिनके प्यार के खातिर सूरज... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 436 Share मदन मोहन सक्सेना 13 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (इनायत) ग़ज़ल (इनायत) दुनिया बालों की हम पर जब से इनायत हो गयी उस रोज से अपनी जख्म खाने की आदत हो गयी शोहरत की बुलंदी में ,न खुद से हम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 501 Share मदन मोहन सक्सेना 13 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल( ये कल की बात है ) ग़ज़ल( ये कल की बात है ) उनको तो हमसे प्यार है ये कल की बात है कायम ये ऐतबार था ये कल की बात है जब से मिली नज़र... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 420 Share मदन मोहन सक्सेना 1 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (किसी के हाल पर यारों,कौन कब आसूँ बहाता है) दिल के पास है लेकिन निगाहों से जो ओझल है ख्बाबों में अक्सर वह हमारे पास आती है अपनों संग समय गुजरे इससे बेहतर क्या होगा कोई तन्हा रहना नहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 409 Share मदन मोहन सक्सेना 13 Jul 2016 · 1 min read गज़ल ( आगमन नए दौर ) गज़ल ( आगमन नए दौर ) आगमन नए दौर का आप जिसको कह रहे बह सेक्स की रंगीनियों की पैर में जंजीर है सुन चुके है बहुत किस्से वीरता पुरुषार्थ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 459 Share मदन मोहन सक्सेना 11 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (किस को गैर कहदे हम) ग़ज़ल (किस को गैर कहदे हम) दुनिया में जिधर देखो हजारो रास्ते दीखते मंजिल जिनसे मिल जाए बह रास्ते नहीं मिलते किस को गैर कहदे हम और किसको मान ले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 408 Share मदन मोहन सक्सेना 13 Oct 2017 · 1 min read तुम्हारा साथ जब होगा नजारा ही नया होगा तुम्हारी याद जब आती तो मिल जाती ख़ुशी हमको तुमको पास पायेंगे तो मेरा हाल क्या होगा तुमसे दूर रह करके तुम्हारी याद आती है मेरे पास तुम होगे तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 419 Share मदन मोहन सक्सेना 11 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (हिम्मत साथ नहीं देती) ग़ज़ल (हिम्मत साथ नहीं देती) किसको अपना दर्द बतायें कौन सुनेगा अपनी बात सुनने बाले ब्याकुल हैं अब अपना राग सुनाने को हिम्मत साथ नहीं देती है खुद के अंदर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 486 Share मदन मोहन सक्सेना 8 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (कुर्सी और वोट) ग़ज़ल (कुर्सी और वोट) कुर्सी और वोट की खातिर काट काट के सूबे बनते नेताओं के जाने कैसे कैसे , अब ब्यबहार हुए दिल्ली में कोई भूखा बैठा, कोई अनशन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 441 Share मदन मोहन सक्सेना 5 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल ( मम्मी तुमको क्या मालूम ) ग़ज़ल ( मम्मी तुमको क्या मालूम ) सुबह सुबह अफ़रा तफ़री में फ़ास्ट फ़ूड दे देती माँ तुम टीचर क्या क्या देती ताने , मम्मी तुमको क्या मालूम क्या क्या... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 391 Share मदन मोहन सक्सेना 13 Jul 2016 · 1 min read गज़ल (कुदरत) गज़ल (कुदरत) क्या सच्चा है क्या है झूठा अंतर करना नामुमकिन है. हमने खुद को पाया है बस खुदगर्जी के घेरे में .. एक जमी बक्शी थी कुदरत ने हमको... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 436 Share मदन मोहन सक्सेना 23 Mar 2018 · 1 min read किस को गैर कहदे हम और किसको मान ले अपना दुनिया में जिधर देखो हजारो रास्ते दीखते मंजिल जिनसे मिल जाए बह रास्ते नहीं मिलते किस को गैर कहदे हम और किसको मान ले अपना मिलते हाथ सबसे हैं दिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 433 Share मदन मोहन सक्सेना 8 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल ( प्यारे पापा डैड हो गए ) ग़ज़ल ( प्यारे पापा डैड हो गए ) माता मम्मी अम्मा कहकर बच्चे प्यार जताते थे मम्मी अब तो ममी हो गयीं प्यारे पापा डैड हो गए पिज्जा बर्गर कोक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 443 Share मदन मोहन सक्सेना 19 Mar 2018 · 1 min read क्या बताएं आपको हम अपने दिल की दास्ताँ मिली दौलत ,मिली शोहरत,मिला है मान उसको क्यों मौका जानकर अपनी जो बात बदल जाता है किसी का दर्द पाने की तमन्ना जब कभी उपजे जीने का नजरिया फिर उसका... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 478 Share मदन मोहन सक्सेना 13 Jul 2016 · 1 min read गज़ल (ख्बाब) गज़ल (ख्बाब) ख्बाब था मेहनत के बल पर , हम बदल डालेंगे किस्मत ख्बाब केवल ख्बाब बनकर, अब हमारे रह गए हैं कामचोरी, धूर्तता, चमचागिरी का अब चलन है बेअरथ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 418 Share मदन मोहन सक्सेना 11 Apr 2018 · 1 min read ग़ज़ल (किस ज़माने की बात करते हो ) किस ज़माने की बात करते हो रिश्तें निभाने की बात करते हो अहसान ज़माने का है यार मुझ पर क्यों राय भुलाने की बात करते हो जिसे देखे हुए हो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 425 Share मदन मोहन सक्सेना 28 Dec 2017 · 1 min read ग़ज़ल (दुनियाँ जब मेरी बदली तो बदले बदले यार दिखे) ग़ज़ल (दुनियाँ जब मेरी बदली तो बदले बदले यार दिखे) हिन्दू देखे ,मुस्लिम देखे इन्सां देख नहीं पाया मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे में आते जाते उम्र गयी अपना अपना राग लिए... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 405 Share मदन मोहन सक्सेना 5 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (कंक्रीट के जंगल) ग़ज़ल (कंक्रीट के जंगल) कंक्रीटों के जंगल में नहीं लगता है मन अपना जमीं भी हो गगन भी हो ऐसा घर बनातें हैं ना ही रोशनी आये ,ना खुशबु ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 413 Share मदन मोहन सक्सेना 5 Jul 2016 · 1 min read गज़ल ( अहसास) गज़ल ( अहसास) ऐसे कुछ अहसास होते हैं हर इंसान के जीवन में भले मुद्दत गुजर जाये , बे दिल के पास होते हैं जो दिल कि बात सुनता है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 381 Share मदन मोहन सक्सेना 17 May 2018 · 1 min read देखना है गर उन्हें ,साधारण दर्जें की रेल देखिये साम्प्रदायिक कहकर जिससे दूर दूर रहते थे राजनीती में कोई अछूत नहीं ,ये खेल देखिये दूध मंहगा प्याज मंहगा और जीना मंहगा हो गया छोड़ दो गाड़ी से जाना ,मँहगा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 373 Share मदन मोहन सक्सेना 12 Jul 2016 · 1 min read गज़ल ( सेक्युलर कम्युनल ) गज़ल ( सेक्युलर कम्युनल ) जब से बेटे जबान हो गए मुश्किल में क्यों प्राण हो गए किस्से सुन सुन के संतों के भगवन भी हैरान हो गए आ धमके... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 360 Share मदन मोहन सक्सेना 29 Jun 2016 · 1 min read ग़ज़ल(दिल की बातें) ग़ज़ल(दिल की बातें) जिनका प्यार पाने में हमको ज़माने लगे बो अब नजरें मिला के मुस्कराने लगे राज दिल का कभी जो छिपाते थे हमसे बातें दिल की हमें बो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 429 Share मदन मोहन सक्सेना 8 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (सबकी ऐसे गुजर गयी) ग़ज़ल (सबकी ऐसे गुजर गयी) हिन्दू देखे ,मुस्लिम देखे इन्सां देख नहीं पाया मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे में आते जाते उम्र गयी अपना अपना राग लिए सब अपने अपने घेरे में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 370 Share मदन मोहन सक्सेना 14 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (मुसीबत यार अच्छी है) मुसीबत यार अच्छी है पता तो यार चलता है कैसे कौन कब कितना, रंग अपना बदलता है किसकी कुर्बानी को किसने याद रक्खा है दुनिया में जलता तेल और बाती... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 389 Share मदन मोहन सक्सेना 8 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (दुआ) ग़ज़ल (दुआ) हुआ इलाज भी मुश्किल ,नहीं मिलती दबा असली दुआओं का असर होता दुआ से काम लेता हूँ मुझे फुर्सत नहीं यारों कि माथा टेकुं दर दर पे अगर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 331 Share मदन मोहन सक्सेना 15 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल ( खुद से अनजान) ग़ज़ल ( खुद से अनजान) जानकर अपना तुम्हे हम हो गए अनजान खुद से दर्द है क्यों अब तलक अपना हमें माना नहीं नहीं है अब सुबह से शाम तक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 348 Share मदन मोहन सक्सेना 13 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (हार-जीत) ग़ज़ल (हार-जीत) पाने को आतुर रहतें हैं खोने को तैयार नहीं है जिम्मेदारी ने मुहँ मोड़ा ,सुबिधाओं की जीत हो रही साझा करने को ना मिलता , अपने गम में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 359 Share मदन मोहन सक्सेना 5 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (वक़्त की रफ़्तार) ग़ज़ल (वक़्त की रफ़्तार) वक़्त की रफ़्तार का कुछ भी भरोसा है नहीं कल तलक था जो सुहाना कल वही विकराल हो इस तरह से आज पग में फूल से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 331 Share मदन मोहन सक्सेना 11 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (क्यों हर कोई परेशां है) ग़ज़ल (क्यों हर कोई परेशां है) दिल के पास है लेकिन निगाहों से जो ओझल है ख्बाबों में अक्सर वह हमारे पास आती है अपनों संग समय गुजरे इससे बेहतर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 328 Share मदन मोहन सक्सेना 22 Aug 2016 · 1 min read ग़ज़ल( समय से कौन जीता है समय ने खेल खेले हैं) ग़ज़ल( समय से कौन जीता है समय ने खेल खेले हैं) अपनी जिंदगी गुजारी है ख्बाबों के ही सायें में ख्बाबों में तो अरमानों के जाने कितने मेले हैं भुला... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 337 Share मदन मोहन सक्सेना 29 Jun 2016 · 1 min read ग़ज़ल (जिंदगी का ये सफ़र ) कल तलक लगता था हमको शहर ये जाना हुआ इक शक्श अब दीखता नहीं तो शहर ये बीरान है बीती उम्र कुछ इस तरह की खुद से हम न मिल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 338 Share मदन मोहन सक्सेना 23 Sep 2016 · 1 min read ग़ज़ल ( मुहब्बत है इश्क़ है प्यार है या फिर कुछ और ) लोग कत्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होती है हम नजरें भी मिलाते हैं तो चर्चा हो जाती है. दिल पर क्या गुज़रती है जब वह दूर होते हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 333 Share मदन मोहन सक्सेना 15 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (आये भी अकेले थे और जाना भी अकेला है) पैसोँ की ललक देखो दिन कैसे दिखाती है उधर माँ बाप तन्हा हैं इधर बेटा अकेला है रुपये पैसोँ की कीमत को वह ही जान सकता है बचपन में गरीवी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 312 Share मदन मोहन सक्सेना 11 Oct 2017 · 1 min read कौन साथ ले जा पाया है रुपया पैसा महल अटारी कौन किसी का खाता है अपनी किस्मत का सब खाते मिलने पर सब होते खुश हैं ना मिलने पर गाल बजाते कौन साथ ले जा पाया है रुपया पैसा महल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 308 Share मदन मोहन सक्सेना 18 Dec 2017 · 1 min read ग़ज़ल ( शायद दर्द से अपने रिश्ते पुराने लगते हैं) वो हर बात को मेरी क्यों दबाने लगते हैं जब हक़ीकत हम उनको समझाने लगते हैं जिस गलती पर हमको वो समझाने लगते है उस गलती को फिर क्यों दोहराने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 330 Share मदन मोहन सक्सेना 20 Feb 2018 · 1 min read ग़ज़ल( बीते कल को हमसे वो अब चुराने की बात करते हैं) सजाए मौत का तोहफा हमने पा लिया जिनसे ना जाने क्यों वो अब हमसे कफ़न उधार दिलाने की बात करते हैं हुए दुनिया से बेगाने हम जिनके इक इशारे पर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 298 Share मदन मोहन सक्सेना 11 Jul 2016 · 1 min read गज़ल (रचना ) गज़ल (रचना ) कभी गर्दिशों से दोस्ती कभी गम से याराना हुआ चार पल की जिन्दगी का ऐसे कट जाना हुआ इस आस में बीती उम्र कोई हमें अपना कहे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 351 Share मदन मोहन सक्सेना 14 Jul 2016 · 1 min read ग़ज़ल (ये जीबन यार ऐसा ही ) ग़ज़ल (ये जीबन यार ऐसा ही ) ये जीबन यार ऐसा ही ,ये दुनियाँ यार ऐसी ही संभालों यार कितना भी आखिर छूट जाना है सभी बेचैन रहतें हैं ,क्यों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 315 Share Page 1 Next