Jyoti Khari 102 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Jyoti Khari 4 May 2022 · 4 min read पिता:सम्पूर्ण ब्रह्मांड जब हम छोटे थे..... गिरते थे, कदम लड़खड़ाते थे। तब वो पिता ही थे..... जो हाथ थामकर चलना हमें सिखाते थे। हमारी नन्ही- सी मुस्कान के लिए..... घोड़ा बनकर पीठ... Hindi · कविता 22 20 784 Share Jyoti Khari 2 May 2022 · 1 min read बहन के लिए दिल से निकलती दुआ मेरी प्यारी बहना आपके अंदर, एक अनोखी बात है। सच में, आपके अंदर कुछ तो खास है। आपकी भाषा में..... मुझे विविधता मिलती है। लेकिन, फिर भी इसमें कुछ भी... Hindi · कविता 17 21 446 Share Previous Page 3