Jatashankar Prajapati 102 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Jatashankar Prajapati 8 Jan 2020 · 1 min read जाड़े ने डाला है डेरा थर थर थर थर कांप रहे हैं आग जलाकर ताप रहे हैं ऐसा जाड़ा क्यों है आता हमको तो गरमी ही भाता जाड़े ने डाला है डेरा ढूंढ रहे सब... Hindi · कविता 2 450 Share Jatashankar Prajapati 7 Jan 2020 · 1 min read जीना तुम ऐसे कभी दिनकर की किरणों मे, कभी बादल की छांवोंं मेंं कभी उन तंग गलियों में, कभी खुशहाल गाँवों मेंं बिता के चार दिन इस जिन्दगी के जाना तुम ऐसे फिजां... Hindi · मुक्तक 5 2 545 Share Previous Page 3