DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE Tag: कविता 88 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 10 Mar 2019 · 1 min read तू ना कभी घबराना. कल कल करती तुफानो मे... तूफ़ानों से घबराकर नाविक पथ से ना डिग जाना लहरें आती जाती रहती, तू बस बहते जाना. चाहे हो आंधी की बयार, चाहे हो तूफ़ानी... Hindi · कविता 2 448 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 10 Mar 2019 · 1 min read नए युग का प्रारम्भ आसमान मैं उड़ती मेट्रो जीवन का राग सुनाती मेट्रो, हवा हवाई, धुप सुनहरी, नया जंहा दिखलाती मेट्रो, समय बचत,इको फ्रेंडली, सुरक्षित मंजिल पहुचाती मेट्रो, कभी ना थकना आगे बढना हम... Hindi · कविता 3 217 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 10 Mar 2019 · 1 min read ऐसा मेरा भारत है .. ऐसा मेरा भारत है .. छूता हिमालय नील गगन को हर तरफ हरियाली है वीर जावानो की कुर्बानी है ऐसा मेरा भारत है ऐसा मेरा भारत है.... एक तरफ गंगा... Hindi · कविता 2 180 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 10 Mar 2019 · 1 min read ईश्वर से साक्षात्कार यह इंद्रधनुष है या केवल रंगो का मेल या केवल एक एहसास है प्रकृति का चमत्कार है देता है सन्देश हमें जीवन की गहराईंयों का सात स्तर अध्यात्म का चेतना... Hindi · कविता 2 336 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 10 Mar 2019 · 1 min read ........अनंत यात्रा ........ लाखों से शुन्य की कुछ है से खुश नहीं की, आकार से निराकार की यह यात्रा है अनंत की... टाइम स्पेस के बाहर की सुख दुःख से परे की मन... Hindi · कविता 2 334 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 10 Mar 2019 · 1 min read ......।।। हम कसौधन है ।।।...... भले ही दृष्टिकोण अलग है लेकिन दृष्टिलक्ष्य एक है हम कसौधन है। कांटो से भरी आसान नही राह लेकिन लोग साथ है हम कसौधन है। कथा नही, साक्षी भाव मे... Hindi · कविता 2 553 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 10 Mar 2019 · 1 min read ....उस पार ... ....उस पार ... चल उठ, नया आकाश, राह तके .. जीवन की नैया को पार लगा उस पार जंहा मानवता का मानवता से प्रेम है.. इंसानो की भीड़ में, ना... Hindi · कविता 2 209 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 10 Mar 2019 · 1 min read जा तेरे सपने बड़े हो.. जा तेरे सपने बड़े हो, तू हसे मुस्कुराये, पवन की तरह उड़ान भरे जा तेरे सपने बड़े हो, जल्द ही भावना की गोद से उतरे नाचे, खेले, कूदे फूलों की... Hindi · कविता 2 276 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 10 Mar 2019 · 1 min read अवरोध अपना अवरोध ना बन तू आगे बढ़ युद्ध कर अपने विकार को समाप्त कर बस युद्ध कर जीवन एक उपहार है यूँ न उसे नष्ट कर तू आगे बढ़ तू... Hindi · कविता 2 236 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 10 Mar 2019 · 1 min read इंसान ही अकेला है लोग साथ है सड़क भरे है इंसानों के भीड़ में इंसान ही अकेला है नई रांहे अमर उजाले है दिशा नई फिर भी खोया इंसान है फैलाएं बाहें सूरज ताक... Hindi · कविता 2 210 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 9 Mar 2019 · 1 min read पथिक अंधियारे जंहा में मशाल ले कर चला हूँ, कई पथिक यंहा से गुजरेंगे उनके रास्ते बनाने चला हूँ.. आंधी तूफ़ान बारिश सभी का सामना करते चला हूँ, दुनियावी चीजों में... Hindi · कविता 2 430 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 9 Mar 2019 · 1 min read उद्योग ऊर्जा गीत ...!! उद्योग ऊर्जा गीत नई भावना बहने लगी कश्तियों को किनारा मिला सहारा मिला काम मिला हर हाथ को उद्योग मिला रग रग में ऊर्जा संचार हुआ व्यवसाय को पहचान मिला... Hindi · कविता 2 259 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 9 Mar 2019 · 1 min read दिवाली हर घर मे एक उम्मीद का दिया जलने दो, घर आंगन में खुशियों की रंगोली बनने दो आधार हो अपनो का हर मुश्किल आसान हो बेशर्त प्रेम भाव का फूल... Hindi · कविता 2 391 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 9 Mar 2019 · 1 min read जीवन क्या है सवाल उठा जवाब ढूंढ जीवन क्या है तू बतला जाने किस माहौल में कोई हीरा बन जाये कोई सूरज बन जाये जबाब ढूंढता जा तेरा जवाब अलग होगा मकसद अलग... Hindi · कविता 2 279 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 9 Mar 2019 · 1 min read आनंद ही जीवन की परिभाषा है उम्मीद का दरवाज़ा खटखटाते रहना नई राह है बनानी आशा का दीपक जालायें रखना कई लोग आएंगे साथ चलेंगे, संभलेंगे कुछ रुकेंगे, कुछ आगे निकल जाएंगे वास्ता सभी से बनाये... Hindi · कविता 2 422 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 9 Mar 2019 · 1 min read तुम लगे रहना... तुम लगे रहना लक्ष्य भटकाएँगे तुम्हे चिड़ाएंगे बुराई आजमाएगी नींद गहराएगी मंजिल के पास जाते जाते खो जाओगे लेकिन तुम लगे रहना मान्यता की बोझ को उतारना लोग क्या कहेंगे... Hindi · कविता 2 248 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 9 Mar 2019 · 1 min read मौलिकता !! कॉपी पेस्ट के जमाने में कुछ खोया खोया लगता है अपनी ही प्रतिभा से बहुत लोग अनजान से लगते है जाने क्या शॉर्टकट की लत लग गयी अपनी ही मौलिकता... Hindi · कविता 2 256 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 9 Mar 2019 · 1 min read वह रास्ते आज भी तेरा इंतजार करते है Dear NRI, वह रास्ते आज भी तेरा इंतज़ार करती है जिन्हें तू छोड़ गया था वह मोड़ भी तेरा इंतज़ार करती है जिससे तू मुह मोड़ गया था कदम को... Hindi · कविता 2 214 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 9 Mar 2019 · 1 min read अपना नजरिया चलो आज अपने नज़रिए की खिडकी के कांच साफ़ करते है बचपन मे यह खिड़की की कांच कोरी साफ़ सुथरी थी गलत मान्यताएं कटु अनुभव, अपेक्षाओं ने कांच को मटमैला... Hindi · कविता 1 502 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 9 Mar 2019 · 1 min read जाग की सुबह हो गयी तू कहां खो गयी तू जाग की सुबह हो गयी प्रतीक शक्ति का कहां अबला हो गयी सब रास्ते तेरी तरफ और हर रास्ते तेरी मंजिल की तरफ है तू... Hindi · कविता 400 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 8 Mar 2019 · 1 min read जाग की सुबह हो गयी तू कहां खो गयी तू जाग की सुबह हो गयी प्रतीक शक्ति का कहां अबला हो गयी सब रास्ते तेरी तरफ और हर रास्ते तेरी मंजिल की तरफ है तू... Hindi · कविता 220 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 8 Mar 2019 · 1 min read आज ईश्वर अवकाश पर है.... ईश्वर आज अवकाश पर है ना मंदिर की घंटी बजाइये... जो बैठा है बूढ़ा अकेला पार्क में, उसके साथ समय बिताइये... ईश्वर आज अवकाश पर है ना मंदिर की घंटी... Hindi · कविता 1 469 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 8 Mar 2019 · 1 min read हीरा टूट कर निकला वह खदान से फिर भी वह हीरा था क़ीमत खुद की न वह जानता खुद ही से अनजान था पाया उसने कई दर्द हीरे बनने के सफर... Hindi · कविता 284 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 7 Mar 2019 · 1 min read समाज की तस्वीर समाज की तस्वीर हो समाज की तक़दीर हो महान तुम बनो सदा महानकार्य करो सदा जाना है दूर तुम्हे नए जगत की नीवं हो आलस को त्यागो सदा संगत में... Hindi · कविता 181 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 7 Mar 2019 · 1 min read समाधान शिकायतों के इस दौर में समाधान का हिस्सा बनिये रोज रोज होती रहेंगी दरारें जिन्दगी पर अच्छे विचारों से दरख़्त को भरते रहिए समस्या इसी पल में है तो समाधान... Hindi · कविता 438 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 6 Mar 2019 · 1 min read ।। आओ मिलकर पेड़ लगाए ।। पेड़ उगाओ भरपूर उगाओ प्रकृति की गोद मे जीवन बिताओ हरियाली सा जीवन को सीमेंट का जंगल मत बनाओ सुख रही है धरती देखो बारिश के रूठ जाने से पेड़... Hindi · कविता 174 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 6 Mar 2019 · 1 min read विचार जो चाहोगे वो पाओगे जीवन क्या है प्रतिरूप विचारो का शरीर क्या है दर्पण विचारो का जो सोचते हो बन जाते हो जीवन के हर लक्ष्य पा लेते हो गरीबी... Hindi · कविता 229 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 6 Mar 2019 · 1 min read ........।।। हम कसौधन है ।।।...... भले ही दृष्टिकोण अलग है लेकिन दृष्टिलक्ष्य एक है हम कसौधन है। कांटो से भरी आसान नही राह लेकिन लोग साथ है हम कसौधन है। कथा नही, साक्षी भाव मे... Hindi · कविता 332 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 6 Mar 2019 · 1 min read मौत मौत एक जिद्दी सा मेहमान है वही ज़िंदगी का आखरी सच है चल जाये दुबारा सांसे हर ज़िंदगी की यही आखरी ख्वाहिश है कान तक नही पंहुचती फरियादें ना चेहरा,... Hindi · कविता 259 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 6 Mar 2019 · 1 min read जाग कसौधन, वीर कसौधन जाग कसौधन, वीर कसौधन, मन का दिप जला! गाँव शहर में है अंधियारी गली गली में है चिंगारी उस चिंगारी को मशाल बनाकर एक नया इतिहास बना !! धीरे धीरे... Hindi · कविता 515 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 6 Mar 2019 · 1 min read प्रतिबिम्ब आईने के इस शहर में हर चेहरा अपना सा लगता हैं मैं रूखा रूखा तो सब रूखे रूखे मैं खुशियों का सागर तो सब मौजी लहरें सी लगती है मैं... Hindi · कविता 1 419 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 5 Mar 2019 · 1 min read अपने सपनो को कस कर पकड़ना अपने सपनो को कस कर पकड़ना चुराने वाले बहुत कुछ चुरा ले जाएंगे तुम्हारे सपनो को भी चुरा लिया जाएगा तुम पर हसेंगे, हसाएंगे मज़ाक उड़ाएंगे, बहकाएँगे तुम अपने सपनो... Hindi · कविता 1 262 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 5 Mar 2019 · 1 min read अपने नज़रिए की खिडकी चलो आज अपने नज़रिए की खिडकी के कांच साफ़ करते है बचपन मे यह खिड़की की कांच कोरी साफ़ सुथरी थी गलत मान्यताएं कटु अनुभव, अपेक्षाओं ने कांच को मटमैला... Hindi · कविता 1 219 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 5 Mar 2019 · 1 min read सलाम दुआ करते चलना सलाम दुआ करते रहना ज़िन्दा हो तो ज़िन्दा नज़र आते रहना कभी गलत फहमी हो तो पहले उसे धो देना मन के जालों को साफ करना भट्टी के कच्ची हांडी... Hindi · कविता 1 233 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 5 Mar 2019 · 1 min read वक्त बेवक्त खुद को रोज़ पढ़ता हूँ ज़िन्दगी की किताब मे देर सबेर चले आते है यादो के साये में देखो गुजर रहा है ज़िन्दगी का यह पन्ना फिर एक दिन याद... Hindi · कविता 1 252 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 5 Mar 2019 · 1 min read उस पार चल उठ, नया आकाश, राह तके .. जीवन की नैया को पार लगा उस पार जंहा मानवता का मानवता से प्रेम है.. इंसानो की भीड़ में, ना कोई अकेला ना... Hindi · कविता 1 196 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 5 Mar 2019 · 1 min read युद्ध कर अपना अवरोध ना बन तू आगे बढ़ युद्ध कर अपने विकार को समाप्त कर बस युद्ध कर जीवन एक उपहार है यूँ न उसे नष्ट कर तू आगे बढ़ तू... Hindi · कविता 1 364 Share DR. DINESH GUPTA - AANANDSHREE 5 Mar 2019 · 1 min read प्रतिबिम्ब आईने के इस शहर में हर चेहरा अपना सा लगता हैं मैं रूखा रूखा तो सब रूखे रूखे मैं खुशियों का सागर तो सब मौजी लहरें सी लगती है मैं... Hindi · कविता 1 238 Share Previous Page 2