Brijpal Singh 103 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 Brijpal Singh 7 Jun 2016 · 1 min read '' सच '' न रहा स्वावलम्बी कोई ये भी रीत बरकरार है , मौत ही एक सच है यहाँ बाकी सब निराधार है !! Hindi · शेर 1 670 Share Brijpal Singh 7 Jun 2016 · 1 min read " पर्दा " घर में है जब पर्दा , बाहर क्यों बेपर्दा ....... आखिर इंसान हूँ मै, देखता क्या न करता !! तेरा महकना भी लाज़मी है वक्त के मुताबिक, मेरे तो अपने... Hindi · कविता 2 1 884 Share Brijpal Singh 6 Jun 2016 · 1 min read "रुको नहीं" लहरें आती है आने दो लहरों को, ढा रही कहरें तो ढा जाने दो कहरों को ! कुछ सीखने की लालसा में अगर फँस गये बीच भंवर में , तो... Hindi · कविता 1 1 367 Share Previous Page 3