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और मौन कहीं खो जाता है
और मौन कहीं खो जाता है
Atul "Krishn"
तपाक से लगने वाले गले , अब तो हाथ भी ख़ौफ़ से मिलाते हैं
तपाक से लगने वाले गले , अब तो हाथ भी ख़ौफ़ से मिलाते हैं
Atul "Krishn"
किरणों का कोई रंग नहीं होता
किरणों का कोई रंग नहीं होता
Atul "Krishn"
धुंध इतनी की खुद के
धुंध इतनी की खुद के
Atul "Krishn"
जो हुआ वो गुज़रा कल था
जो हुआ वो गुज़रा कल था
Atul "Krishn"
क्या लिखते हो ?
क्या लिखते हो ?
Atul "Krishn"
ख़ियाबां मेरा सारा तुमने
ख़ियाबां मेरा सारा तुमने
Atul "Krishn"
बुझे अलाव की
बुझे अलाव की
Atul "Krishn"
मन भर बोझ हो मन पर
मन भर बोझ हो मन पर
Atul "Krishn"
बदलते वख़्त के मिज़ाज़
बदलते वख़्त के मिज़ाज़
Atul "Krishn"
सितमज़रीफ़ी
सितमज़रीफ़ी
Atul "Krishn"
बस अणु भर मैं
बस अणु भर मैं
Atul "Krishn"
बस अणु भर मैं बस एक अणु भर
बस अणु भर मैं बस एक अणु भर
Atul "Krishn"
रिसाइकल्ड रिश्ता - नया लेबल
रिसाइकल्ड रिश्ता - नया लेबल
Atul "Krishn"
आइये झांकते हैं कुछ अतीत में
आइये झांकते हैं कुछ अतीत में
Atul "Krishn"
मत कुरेदो, उँगलियाँ जल जायेंगीं
मत कुरेदो, उँगलियाँ जल जायेंगीं
Atul "Krishn"
क्षितिज के पार है मंजिल
क्षितिज के पार है मंजिल
Atul "Krishn"
क्षितिज पार है मंजिल
क्षितिज पार है मंजिल
Atul "Krishn"
उम्र  बस यूँ ही गुज़र रही है
उम्र बस यूँ ही गुज़र रही है
Atul "Krishn"
अतीत के “टाइम मशीन” में बैठ
अतीत के “टाइम मशीन” में बैठ
Atul "Krishn"
अतीत - “टाइम मशीन
अतीत - “टाइम मशीन"
Atul "Krishn"
प्रकृति का बलात्कार
प्रकृति का बलात्कार
Atul "Krishn"
काल के काल से - रक्षक हों महाकाल
काल के काल से - रक्षक हों महाकाल
Atul "Krishn"
तेरी यादों के आईने को
तेरी यादों के आईने को
Atul "Krishn"
स्याही की
स्याही की
Atul "Krishn"
वायदे के बाद भी
वायदे के बाद भी
Atul "Krishn"
आसमाँ  इतना भी दूर नहीं -
आसमाँ इतना भी दूर नहीं -
Atul "Krishn"
उन कचोटती यादों का क्या
उन कचोटती यादों का क्या
Atul "Krishn"
द़ुआ कर
द़ुआ कर
Atul "Krishn"
सफर में हमसफ़र
सफर में हमसफ़र
Atul "Krishn"
नालिश भी कर नहीं सकता 
नालिश भी कर नहीं सकता 
Atul "Krishn"
उम्र  बस यूँ ही गुज़र रही है 
उम्र  बस यूँ ही गुज़र रही है 
Atul "Krishn"
फ़ना
फ़ना
Atul "Krishn"
माज़ी में जनाब ग़ालिब नज़र आएगा
माज़ी में जनाब ग़ालिब नज़र आएगा
Atul "Krishn"
क़तरा क़तरा कटती है जिंदगी यूँ ही
क़तरा क़तरा कटती है जिंदगी यूँ ही
Atul "Krishn"
ईश्वर का
ईश्वर का "ह्यूमर" रचना शमशान वैराग्य -  Fractional Detachment  
Atul "Krishn"
"सूर्य -- जो अस्त ही नहीं होता उसका उदय कैसे संभव है" ! .
Atul "Krishn"
उस
उस"कृष्ण" को आवाज देने की ईक्षा होती है
Atul "Krishn"
जिंदगी - चौराहे - दृष्टि भ्रम
जिंदगी - चौराहे - दृष्टि भ्रम
Atul "Krishn"
अहसास से नम  नहीं करतीं रिश्तों की मुलायिमत
अहसास से नम  नहीं करतीं रिश्तों की मुलायिमत
Atul "Krishn"
"मनुज बलि नहीं होत है - होत समय बलवान ! भिल्लन लूटी गोपिका - वही अर्जुन वही बाण ! "
Atul "Krishn"
एक शायर खुद रहता है खंडहरों में - पता महलों का बताता है
एक शायर खुद रहता है खंडहरों में - पता महलों का बताता है
Atul "Krishn"
मज़िल का मिलना तय है
मज़िल का मिलना तय है
Atul "Krishn"
ज़ेहन हमारा तो आज भी लहूलुहान है
ज़ेहन हमारा तो आज भी लहूलुहान है
Atul "Krishn"
हर बूँद  भैरवी है - हर बूँद है मल्हार
हर बूँद  भैरवी है - हर बूँद है मल्हार
Atul "Krishn"
तुम हो एक आवाज़
तुम हो एक आवाज़
Atul "Krishn"
स्याही की इक बूँद
स्याही की इक बूँद
Atul "Krishn"
HOW MANY TIME , ONE GETS UP AND WALK AGAIN.
HOW MANY TIME , ONE GETS UP AND WALK AGAIN.
Atul "Krishn"
वक्त
वक्त
Atul "Krishn"
हर रात की
हर रात की "स्याही"  एक सराय है
Atul "Krishn"
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