मोहित शर्मा ज़हन 58 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 मोहित शर्मा ज़हन 2 Dec 2017 · 5 min read कलरब्लाइंड साजन “देखना ये सही शेड बना है? आना ज़रा…” “मैं नहीं आ रही! जब कोई काम कर रही होती हूँ तभी तुम्हे बुलाना होता है।” अपने कलाकार पति आशीष को ताना... Hindi · कहानी 252 Share मोहित शर्मा ज़हन 2 Dec 2017 · 5 min read झुलसी दुआ सरकारी नौकरी की तैयारी में कई वर्ष बिताने के बाद सोमेश का चयन अग्निशमन कर्मी पद पर हुआ। जहाँ घरवालों में जोखिम भरी नौकरी को लेकर सवाल और चिंता थी... Hindi · कहानी 243 Share मोहित शर्मा ज़हन 2 Dec 2017 · 1 min read खाना ठंडा हो रहा है! साँसों का धुआं, कोहरा घना, अनजान फितरत में समां सना, फिर भी मुस्काता सपना बुना, हक़ीक़त में घुलता एक और अरमान खो रहा है... ...और खाना ठंडा हो रहा है।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 261 Share मोहित शर्मा ज़हन 2 Dec 2017 · 1 min read पैमाने के दायरों में रहना... पैमाने के दायरों में रहना, छलक जाओ तो फिर ना कहना... जो जहां लकीरों की कद्र में पड़ा हो उस से पंखों के ऊपर ना उलझना... किन्ही मर्ज़ियों में बिना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 205 Share मोहित शर्मा ज़हन 2 Dec 2017 · 2 min read समूह वाली मानसिकता प्राकृतिक और सामाजिक कारणों से हम सभी की पहचान कुछ समूहों से जुड़ जाती है। उदाहरण के लिए एक इंसान की पहचान कुछ यूँ - महिला, भारतीय, अच्छा कद, गेहुँआ... Hindi · लेख 305 Share मोहित शर्मा ज़हन 2 Dec 2017 · 3 min read जीवन में विलेन ढूँढने की आदत कॉमिक्स लेखन में एक कहावत है, “विलेन भी अपनी नज़रों में हीरो होता है।” खलनायक अपनी छोटी भूल से लेकर जघन्य अपराधों तक का इतनी चपलता से स्पष्टीकरण देता है... Hindi · लेख 392 Share मोहित शर्मा ज़हन 2 Dec 2017 · 5 min read इंटरनेटिया बहस के मादक प्रकार (व्यंग लेख) दो या अधिक लोगों, गुटों में किसी विषय पर मतभेद होने की स्थिति के बाद वाली चिल्ल-पों को बहस कहते हैं। वैसे कभी-कभी तो विषय की ज़रुरत ही नहीं पड़ती... Hindi · लेख 196 Share मोहित शर्मा ज़हन 2 Dec 2017 · 5 min read "…और मैं अनूप जलोटा का सहपाठी भी था।" *कलाकार श्री सत्यपाल सोनकर पिछले शादी के सीज़न से ये आदत बनायी है कि पैसों के लिफाफे के साथ छोटी पेंटिंग उपहार में देता हूँ। पेंटिंग से मेरा मतलब फ्रेम... Hindi · लेख 196 Share Previous Page 2