पं आलोक पाण्डेय Language: Hindi 110 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 3 पं आलोक पाण्डेय 15 Jan 2017 · 1 min read मंगलमय पुकार करूँ यदि जीवित रहूँ माते, तेरा ही श्रृंगार करूँ अर्पण करूँ सर्वस्व तूझे, हर त्याग से सत्कार करूँ; हो त्याग ऐसा वीरों सी, कलुषित विविध विकार हरूँ पुष्पित - पल्लवित कर... Hindi · कविता 1 524 Share पं आलोक पाण्डेय 15 Jan 2017 · 1 min read वीरों की यादें धरा के भव्य सुत तू राष्ट्र रक्षक दूत तू कहाँ करता विश्राम तू स्वाभिमानी बलवान तू; अनन्त कोटि जननायक तू मानवता के लायक तू अरिमर्दन यतींद्र तू हे वीर! व्रती... Hindi · कविता 1 480 Share पं आलोक पाण्डेय 14 Jan 2017 · 1 min read शक्ति - पुँज धन -धान्य संपदा यौवन जिनके भूतल में समाये जन्मभूमि के रक्षक जिनने अनेकों प्राण गवाये। जिनके आत्म- शक्ति धैर्य से अगणित अरि का दमन हुआ देखा जग अकूत शौर्य तप,... Hindi · कविता 1 250 Share पं आलोक पाण्डेय 14 Jan 2017 · 1 min read गौरव उत्थान भारतभूमी की भारत भू वीरोँ का गौरव वीरोँ का स्थान ऋषि मुनि यति तपस्वी योगी करते पुण्य सुखद विश्राम । जहाँ सत्यशोधक लोग बढ़े पूर्ण अहिँसा का स्थान, दया दान करुणा की... Hindi · कविता 1 201 Share पं आलोक पाण्डेय 13 Jan 2017 · 1 min read अखंड भारत की ओर आघातोँ की राहोँ मेँ सुन्दर मुस्कान बढाता जा, राष्ट्रदूत हे वीर व्रती भारत को भव्य सजाता जा, सुस्थिरता को लाता जा । अगणित कर्तव्योँ के पुण्य पथ पर शील, मर्यादाओँ... Hindi · कविता 1 363 Share पं आलोक पाण्डेय 13 Jan 2017 · 1 min read विध्वंस धरा पर क्यों ? तेरी यादों में जन मुरझाये हुए हैं सोच सोच कर भी सुखाये हुए हैं; क्या यही हश्र होता रहेगा देश कब तक लाल खोता रहेगा! भावनावों में जन आज खो... Hindi · कविता 1 312 Share पं आलोक पाण्डेय 13 Jan 2017 · 1 min read चिर विभूति की ओर एक दिवस ना जाने किस दृश्य को भूला ना पाया होगा 'वो' न जाने कहाँ से आया होगा। शिथिल शांत स्वरों के बीच, निरभ्र अंबर को देखे जा रहा था... Hindi · कविता 1 366 Share पं आलोक पाण्डेय 13 Jan 2017 · 1 min read स्वदेशी लोग स्वदेशी लोग उदासीन जीवन को ले क्या-क्या करते होंगे वे लोग न जाने किन-किन स्वप्नों को छोड़ कितने बिलखते होंगो वे लोग। कितने संघर्ष गाथाओं में, अपनी एक गाथा जोड़ते... Hindi · कविता 1 612 Share पं आलोक पाण्डेय 13 Jan 2017 · 2 min read आर्यावर्त की गौरव गाथा आर्यावर्त की गौरव गाथा भ्रमण करते ब्रह्मांड में असंख्य पिण्ड दक्षिणावर्त सुदुर दिखते कहीं दृग में अन्य कोई वामावर्त हर विधा की नवीन कथा में निश्चय आधार होता आवर्त सभी... Hindi · कविता 4 3 661 Share पं आलोक पाण्डेय 11 Jan 2017 · 1 min read नववर्ष धरा पर कब? क्रुर संस्कृति, निकृष्ट परंपरा का यह अपकर्ष हमें अंगीकार नहीं, धुंध भरे इन दिनों में यह नववर्ष हमें स्वीकार नहीं । अभी ठंड , सर्वत्र धुंध कुहासा , अलसाई अंगड़ाई... Hindi · कविता 1 1k Share Previous Page 3