Shekhar Chandra Mitra Language: Hindi 3940 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 18 Next Shekhar Chandra Mitra 30 Sep 2022 · 1 min read देश के गद्दार औरतों की बदहाली के लिए ज़िम्मेदार कौन हैं! आदिवासियों और दलितों के गुनहगार कौन हैं! हमें पहले तो सिर्फ़ शक था लेकिन अब बिल्कुल यक़ीन है! कि हमारे देश के... Hindi · कविता 310 Share Shekhar Chandra Mitra 30 Sep 2022 · 1 min read इंकलाब की तैयारी हक़ के लिए एहतिजाज़ की तैयारी में लग जाइए! बगावत से लबरेज़ अंदाज़ की तैयारी में लग जाइए! आने वाला दौर निहायत संगीन होने वाला है! अब एक और इंकलाब... Hindi · कविता 161 Share Shekhar Chandra Mitra 30 Sep 2022 · 1 min read आम आदमी ख़ुद की ही बनाई हुई चक्कियों में पीसता रहा है आम आदमी! ख़ुद के ही बनाए हुए दलदलों में धंसता रहा है आम आदमी!! जीनियस वही जो बाहर हो जाए... Hindi · कविता 1 190 Share Shekhar Chandra Mitra 29 Sep 2022 · 1 min read भगतसिंह की जेल डायरी इंकलाब लिखा! बगावत लिखी!! पूरी शिद्दत से हिमाकत लिखी!! मैंने बिना किसी लाग-लपेट के! इंसाफ़, हक़ और सदाकत लिखी!! #क्रांतिकारी #Revolution #जनवादी #महंगाई #बेरोजगारी #आदिवासी #दलित #औरत #जातिवाद #विद्रोही #सांप्रदायिकता... Hindi · कविता 1 166 Share Shekhar Chandra Mitra 29 Sep 2022 · 1 min read भारत की बागडोर अगर युवकों के हाथों में भारत की बागडोर हो! तो दुनिया में इस देश की शान ही कुछ और हो! रोशन चिराग़ों की ज़रूरत तब और भी बढ़ जाती है!... Hindi · कविता 354 Share Shekhar Chandra Mitra 29 Sep 2022 · 1 min read बोलना ही पड़ेगा साथी, तुझे अब बोलना ही होगा! दिल का हर राज़ खोलना ही होगा!! तू कहीं पड़ी-पड़ी पत्थर न हो जाए! अपनी जगह से डोलना ही होगा!! Shekhar Chandra Mitra #feministpoetry... Hindi · कविता 1 201 Share Shekhar Chandra Mitra 29 Sep 2022 · 1 min read नाराज़ जनता चेहरा दिखाना मुश्किल हुआ आजकल संसार को! चौपट करके रख दिया उसने देश के कारोबार को!! अपनी उल्टी-पुल्टी हरकतों से वह ना बाज आई तो! उखाड़ फेंकेगी नाराज़ जनता जल्द... Hindi · कविता 1 165 Share Shekhar Chandra Mitra 28 Sep 2022 · 1 min read भगतसिंह रिटर्न्स जो क़ैद होकर भी आज़ाद रहा है! जो फ़ना होकर भी आबाद रहा है!! हां, मैं वही भगतसिंह हूं-जिस पर बागी रूहों को बहुत नाज़ रहा है!! इस देश के... Hindi · कविता 173 Share Shekhar Chandra Mitra 28 Sep 2022 · 1 min read भगतसिंह की फांसी अगर भगतसिंह बच गए होते ज़ुल्मत के दिन लद गए होते! अफ़ीम के नशे में सोए हुए मेहनतकश जाग गए होते!! जो सदियों से इस देश की छाती पर नंगा... Hindi · कविता 202 Share Shekhar Chandra Mitra 28 Sep 2022 · 1 min read एक टीस रह गई मन में भगतसिंह, अगर तुम कुछ और साल ज़िंदा रह जाते तो जातिवाद, सांप्रदायिकता, और पोंगापंथ जैसी इस देश की जाने कितनी लानतें यहां से दूर हो गई होतीं! #इंकलाब #सामंतवाद #बगावत... Hindi · लेख 1 331 Share Shekhar Chandra Mitra 28 Sep 2022 · 1 min read मूर्दों का देश भगतसिंह, तुम्हारी फांसी भी इस मरे हुए देश को ज़िंदा न कर सकी। यह आज भी वही गलतियां दोहराए जा रहा है जिनके कारण यह छोटी-छोटी कौमों से हारा और... Hindi · लेख 237 Share Shekhar Chandra Mitra 28 Sep 2022 · 1 min read आग से खेलने की हिम्मत जैसे भी थे ख़ैर, वे दिन बीत गए! हम आग से खेलना अब सीख गए!! तुम लोग जीतकर भी हार गए! हम लोग हारकर भी जीत गए!! Shekhar Chandra Mitra... Hindi · कविता 1 396 Share Shekhar Chandra Mitra 28 Sep 2022 · 1 min read भगतसिंह तुम्हारा इरादा बड़ा था! तुम्हारा फ़ैसला बड़ा था!! उम्र चाहे छोटी थी लेकिन तुम्हारा हौसला बड़ा था!! #इंकलाब #बग़ावत #revolution #Liberty #Rights #Equality #freedom #BhagatSingh #मनुवाद #भगतसिंह #क्रांति #विद्रोही Hindi · कविता 185 Share Shekhar Chandra Mitra 28 Sep 2022 · 1 min read एक ज़िंदा मौत अपनी ख़ुदी से समझौता कम नहीं खुदकुशी से! कहीं रुसवा न हो जवानी तुम्हारी बुजदिली से!! मालूम है भगतसिंह ने क्या कहा था फांसी से! एक ज़िंदा मौत बेहतर है... Hindi · कविता 1 222 Share Shekhar Chandra Mitra 27 Sep 2022 · 1 min read हौलनाक चीखें दहलाने वाली चीखें आ रहीं दुनिया के कोने कोने से! क्या फ़ायदा है ऐसे में यहां हमारे ज़िंदा होने से!! बेहतर है कि अनलहक़ कहकर हम चढ़ जाएं अब सूली... Hindi · कविता 3 2 170 Share Shekhar Chandra Mitra 27 Sep 2022 · 1 min read औरतों का इंकलाब भारत से लेकर ईरान तक! म्यांमार से लेकर अफ़ग़ानिस्तान तक!! औरतें एक-सी परेशान हैं! बांग्लादेश से लेकर पाकिस्तान तक!! #सामंतवाद #REVOLUTION #हक़ #Equality #IranProtests #girls #बहुजन #मनुवाद #औरत #Hijab #justice... Hindi · कविता 187 Share Shekhar Chandra Mitra 27 Sep 2022 · 1 min read फ़ैसले का वक़्त यही वक़्त है-जागो, ऐ मजलूमों! अपने हुक़ूक़-मांगो, ऐ महरूमों!! डरने की बारी तो-उनकी है अब! झूठ में ही मत-भागो, ऐ महकूमों!! #REVOLUTION #IranProtests #Hijab #WomenRights #UNO #USA #Feudalism #patriarchy #girls... Hindi · कविता 216 Share Shekhar Chandra Mitra 27 Sep 2022 · 1 min read द्रोणाचार्य का डर ऐ द्रोणाचार्य, सच-सच बताना हमसे तुम्हें क्या डर है? यही न कि अगर एकलव्य को बराबरी का मौक़ा मिल गया तो वह एक दिन अर्जुन से भी बेहतर निशानेबाज बन... Hindi · कविता 1 220 Share Shekhar Chandra Mitra 27 Sep 2022 · 1 min read औरतों की हैसियत न मज़हब का न सियासत का! सवाल है यहां इंसानियत का!! मर्दों की हड़पी हुई दुनिया में! हम औरतों की हैसियत का!! #revolution #genderjehad #US #UNO #IranProtests #Hijab #girls #Patriarchy... Hindi · कविता 1 150 Share Shekhar Chandra Mitra 26 Sep 2022 · 1 min read बगावत का आग़ाज़ आगाज़ हुआ है जिसका वह अंज़ाम तक भी पहुंचेगा! मुफलिसों का दर्द कभी तो इंतक़ाम तक भी पहुंचेगा! जो हो रहा है आजकल इस मुल्क में अवाम के साथ! तुम... Hindi · कविता 181 Share Shekhar Chandra Mitra 26 Sep 2022 · 1 min read औरतों की आज़ादी बहुत हुआ अब बस्स! छोड़ो चौधराहट!! हम इसे लेकर मानेंगे! आज़ादी हमारा हक़!! #genderjehad #REVOLUTION #Liberty #IranProtests2022 #Hijab #Equality #Patriarchy #WomensRights #USA #UNO #feudalism #freedom #girls Hindi · कविता 162 Share Shekhar Chandra Mitra 26 Sep 2022 · 1 min read हिजाब विरोधी आंदोलन तोड़ दो वह रिवाज़! छोड़ दो वह समाज!! जिसमें हो ज़रूरी! औरत के लिए हिजाब!! #genderjehad #REVOLUTION #Liberty #IranProtests #Hijab #rights #Equality #इंकलाब #US #UNO #बगावत #मनुवाद #women Hindi · कविता 180 Share Shekhar Chandra Mitra 26 Sep 2022 · 1 min read हम नहीं पहनेंगे हिजाब चाहे उलट जाए अब तख्त! या पलट जाए अब ताज!! लेकिन कह दिए तो कह दिए! हम नहीं पहनेंगे हिजाब!! #इंकलाब #बगावत #REVOLUTION #Liberty #मनुवाद #rights #UNO #women #Equality #feudalism... Hindi · कविता 147 Share Shekhar Chandra Mitra 26 Sep 2022 · 1 min read शायर का फ़र्ज़ किसी शायर के लिए अब यही है मुनासिब! जज़्बात की शिद्दत से होकर वह आजिज़!! अपने ख़ून-ए-दिल से लिखता रहे नज़्में! वक़्त और हालात के तकाज़े के मुताबिक़!! Shekhar Chandra... Hindi · कविता 213 Share Shekhar Chandra Mitra 26 Sep 2022 · 1 min read औरतों की तालीम अगर तुमको आगे बढ़ना है तो किसी हालत में पढ़ना है! दूसरों के बनाए हुए सांचे में क्या अपने आपको गढ़ना है!! तुम्हारी पिछली पीढ़ियों को जिस मंज़िल पर रूकना... Hindi · कविता 285 Share Shekhar Chandra Mitra 26 Sep 2022 · 1 min read बात बराबरी की परदे की वकालत करती है जो वह क़ौम ख़ुद अपनी क़ातिल है! जिल्लत से भरी हुई ज़िंदगी ही उस अभागे मुल्क का हासिल है!! सदियों की गुलामी के बाद भी... Hindi · कविता 177 Share Shekhar Chandra Mitra 25 Sep 2022 · 1 min read आत्मनिर्णय का अधिकार यही बेहतर रहेगा कि हम लोग औरतों को अब ख़ुद तय करने दें कि उन्हें क्या पहनना है और क्या नहीं। वैसे भी अपने-अपने कपड़ों के भीतर हम सभी हैं... Hindi · कविता · हास्य-व्यंग्य 2 178 Share Shekhar Chandra Mitra 25 Sep 2022 · 1 min read कैरेक्टर सर्टिफिकेट अगर हमारा कैरेक्टर सर्टिफिकेट बनाने का अधिकार सचमुच में किसी को है तो वह है गुगल हेड क्वार्टर न कि हमारा कालेज! #JusticeForAllRapeVictims #चरित्रहीन #corruption #युवक #गुमराह #crimes #इंसाफ #Youth... Hindi · हास्य-व्यंग्य 195 Share Shekhar Chandra Mitra 25 Sep 2022 · 1 min read चरित्रहीन आज के किसी भी व्यक्ति का वास्तविक 'चरित्र प्रमाण पत्र' उसके विद्यालय से नहीं, गुगल से मिलेगा! Shekhar Chandra Mitra #JusticeForAllRapeVictims #charactercertificate #crimes #Corruption #चरित्रहीन #युवक Hindi · हास्य-व्यंग्य 201 Share Shekhar Chandra Mitra 25 Sep 2022 · 1 min read चरित्र प्रमाण पत्र जो लोग हर साल दशहरे में रावण का पुतला जलाते हैं उनका 'चरित्र प्रमाण पत्र' उनके विद्यालय के बजाय गुगल से मांग कर देखा जाना चाहिए कि उन्हें इसका अधिकार... Hindi · कविता 293 Share Shekhar Chandra Mitra 25 Sep 2022 · 1 min read बोलना शुरू कीजिए एक दानिश्वर के तौर पर यही है मुनासिब! आप मौजूदा वक़्त के तकाज़े के मुताबिक़!! वह ज़रूर कहिए वह ज़रूर लिखिए! जो हो एकदम ज़रूरी जो हो बिल्कुल वाजिब!! #Waman_Meshram... Hindi · कविता 124 Share Shekhar Chandra Mitra 25 Sep 2022 · 1 min read व्यवस्था परिवर्तन जरूरी बहुजन की यही मज़बूरी है! पूरी मिलती नहीं मज़दूरी है!! सत्ता परिवर्तन काफ़ी नहीं, व्यवस्था परिवर्तन ज़रूरी है!! #Reservation #बामसेफ #Caste #Waman_Meshram #बगावत #Revolution #इंकलाब #Labour Hindi · कविता 1 82 Share Shekhar Chandra Mitra 25 Sep 2022 · 1 min read सोशल मीडिया पर नकेल इरादे नेक नहीं लगते हैं आजकल सरकार के! रूह खौफ़जदा है हमारी बर्बादी के आसार से!! डीजिटल मीडिया को भी लेना चाहती शिकंजे में! वह करने के बाद कब्ज़ा टीवी... Hindi · कविता 2 2 226 Share Shekhar Chandra Mitra 25 Sep 2022 · 1 min read मीडिया की विश्वसनीयता देश की हालत वैसी नहीं है जैसी मीडिया बताती है! जिनसे होता है सिस्टम को खतरा यह उन खबरों को छुपाती है! आमतौर पर तो यह सरकार के सुर में... Hindi · कविता 157 Share Shekhar Chandra Mitra 25 Sep 2022 · 1 min read सोचिएगा ज़रूर इस देश में कभी इंकलाब क्यों नहीं होता है! एक नये दौर का आगाज़ क्यों नहीं होता है!! सबके लिए यहां किसी भेद-भाव के बिना! मुफ़्त में तालीम और इलाज़... Hindi · कविता 1 170 Share Shekhar Chandra Mitra 25 Sep 2022 · 1 min read भांड मीडिया मजदूरों की बेबसी पर क्यों नहीं बोलते? किसानों की खुदकुशी पर क्यों नहीं बोलते? अभिनेताओं की छींक पर छाती पीटने वाले! जवानों की मायूसी पर क्यों नहीं बोलते? #क्रांति #इंकलाब... Hindi · कविता 78 Share Shekhar Chandra Mitra 25 Sep 2022 · 1 min read अधूरी आज़ादी सबके लिए नहीं है जो वह आज़ादी क्या आज़ादी है! औरत-मर्द की बराबरी तो हमारा हक़ बुनियादी है! लड़की से पूछे बग़ैर उसकी तालीम को रोक कर! होती है जो... Hindi · कविता 81 Share Shekhar Chandra Mitra 24 Sep 2022 · 1 min read जातिगत अत्याचार अंगारों पर सोने के बाद भी! जलकर राख होने के बाद भी!! यह जाति है कि जाती ही नहीं! बनकर धुआं खोने के बाद भी!! #liberty #मनुवाद #rights #बहुजन #reservation... Hindi · कविता 1 67 Share Shekhar Chandra Mitra 24 Sep 2022 · 1 min read काम मिलेगा क्या? कबसे बेरोजगार बैठा हूं मुझे काम मिलेगा क्या? मेरी मेहनत का वाजिब मुझे दाम मिलेगा क्या? मैं अपने दिल के ख़ून से लिखता हूं गीत प्यार के! इस सिस्टम में... Hindi · कविता 239 Share Shekhar Chandra Mitra 23 Sep 2022 · 1 min read आत्म निर्णय मैं ख़ुद को बनाना चाहती हूं! मैं ख़ुद को बसाना चाहती हूं!! ज़ेवर नहीं, इल्म और हुनर से! मैं ख़ुद को सजाना चाहती हूं!! #genderjehad #IranProtests #Hijab #Equality #girls #uno... Hindi · कविता 1 209 Share Shekhar Chandra Mitra 23 Sep 2022 · 1 min read तोड़ दे अब जंजीरें तू कर वो सारी तदबीरें जिनसे बदलतीं तक़दीरें! लोग जिन्हें ज़ेवर समझते तू तोड़ दे ऐसी ज़ंजीरें!! दुनिया भर में आए रोज़ छपा करतीं कई किताबें! जो लिखी गई हों... Hindi · कविता 1 4 157 Share Shekhar Chandra Mitra 23 Sep 2022 · 1 min read सदियों की साज़िश हाय,समझा था हमने तुमको किसी भगवान की तरह लेकिन पेश आए तुम हमसे एक शैतान की तरह ... (१) हम तुमसे गाली सुनकर भी तुम्हारी इज्जत करते रहे अपनों को... Hindi · गीत 184 Share Shekhar Chandra Mitra 23 Sep 2022 · 1 min read किताब का जादू जादू की कोई किताब होती है या नहीं यह तो मुझे नहीं मालूम लेकिन किताब में जादू होता है यह मुझे बख़ूबी पता है! #PenGun #books #library #बंदूक #Magic #terror... Hindi · कविता 485 Share Shekhar Chandra Mitra 23 Sep 2022 · 1 min read हिजाब विरोधी आंदोलन हमारी बेटियां तुम्हारी बहनें! कब क्या ओढ़ें कब क्या पहनें!! इसका फ़ैसला अब वही करेंगी! साड़ी, जिंस, हिजाब या गहने!! #इंकलाबी #बगावत #विद्रोही #Islam #धर्मांधता #IranProtests #Hijab #Liberty #genderjehad #Urdu... Hindi · कविता 166 Share Shekhar Chandra Mitra 23 Sep 2022 · 1 min read घर फूंकने का साहस सच के लिए सत्ता से उलझना ठीक नहीं अब सेहत के लिए! कोई नहीं खड़ा हो पाएगा हमारे साथ हिफाजत के लिए! बखूबी यह जानते हुए भी हमें लड़ना है... Hindi · कविता 358 Share Shekhar Chandra Mitra 23 Sep 2022 · 1 min read सच की क़ीमत सच बोलने की हिम्मत आजकल कितनों में है? भेद खोलने की हिम्मत आजकल कितनों में है? जग को अमृत देने के लिए खुशी-खुशी अपने रगों में! ज़हर घोलने की हिम्मत... Hindi · कविता 327 Share Shekhar Chandra Mitra 23 Sep 2022 · 1 min read बोलना शुरू करो सच बोलना ही जहां गुनाह हो जाए! अब क्यों न वह देश तबाह हो जाए!! मेरा क़त्ल-नामा एक चेतावनी है जिससे! वक़्त रहते ही तू आगाह हो जाए!! #GauriLankesh #धर्मांध... Hindi · कविता 190 Share Shekhar Chandra Mitra 23 Sep 2022 · 1 min read जनता की दुर्गति हम तो बेमौत मारे गए कातिल को मसीहा समझकर! कहीं के ना रहे हम तो रहजन को रहनुमा समझकर! इसे हमारी बुजदिली या जहालत ही मान लीजिए कि! चुपचाप हमने... Hindi · कविता 160 Share Shekhar Chandra Mitra 22 Sep 2022 · 1 min read एंटी हिजाब मुवमेंट जब क़ौम पर आता शबाब! तो जल उठते सारे हिजाब!! फिर हाथ में बेलन की जगह! दिखने लगती कोई किताब!! #patriarchy #Hijab #Liberty #IranProtests #genderjehad #women #feminist #Equality #curtain #Arabic... Hindi · कविता 127 Share Shekhar Chandra Mitra 22 Sep 2022 · 1 min read मनु के वंशज हम पढ़ना चाहे पढ़ने न दिए तुम! हम बढ़ना चाहे बढ़ने न दिए तुम!! अपने देश के खातिर जब भी! हम लड़ना चाहे लड़ने न दिए तुम!! Shekhar Chandra Mitra... Hindi · कविता 307 Share Previous Page 18 Next