sushil sarna 1174 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid sushil sarna 24 Nov 2024 · 2 min read प्यार कर रहा हूँ . . . . प्यार कर रहा हूँ . . . . रोज की तरह आज भी भोर ने एक नये जोश के साथ धरती पर अपने पाँव पसारे और चिडियों की चहचहाट ने... 10 Share sushil sarna 24 Nov 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . . कल दोहा पंचक. . . . कल कल में कल की कामना, छल करती हर बार । कल के चक्कर में फँसा, यह सारा संसार । । कल तो नाम है... 1 11 Share sushil sarna 23 Nov 2024 · 1 min read दोहा दशम . . . क्रोध दोहा दशम . . . क्रोध जितना संभव हो सके , वश में रखना क्रोध । घातक होते हैं बड़े, क्रोध जनित प्रतिशोध ।1। देना अपने क्रोध को, पल भर... 9 Share sushil sarna 22 Nov 2024 · 1 min read दोहा त्रयी. . . दोहा त्रयी. . . पन्ने पीले पड़ गए, बीते कल के यार । धुँधली आँखें बीनती , बिखरे स्वप्न हजार ।। कुछ भूले कुछ याद हैं, जीवन के वो मोड़... 11 Share sushil sarna 21 Nov 2024 · 1 min read इस घर से .... इस घर से .... कितना इठलाती थी शोर मचाती थी मोहल्ले की नींद उड़ाती थी आज उदास है स्पर्श को बेताब है आहटें शून्य हैं अपनी शून्यता के साथ एक... 16 Share sushil sarna 21 Nov 2024 · 1 min read दोहा त्रयी. . . . . दोहा त्रयी. . . . . बिना आग उठता नहीं, धुआँ कभी सरकार । कह देती है आँख सब, हाल दिलों का यार ।। लिव इन के नव रोग से,... 15 Share sushil sarna 20 Nov 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . . शीत दोहा पंचक. . . . शीत अलसायी सी गुनगुनी , उतरी नभ से धूप । बड़ा सुहाना भोर में, लगता उसका रूप ।। धुन्ध चीर कर आ गई, आखिर मीठी... 10 Share sushil sarna 19 Nov 2024 · 1 min read बातों में उस बात का, बातों में उस बात का, अजब हुआ आगाज । संकेतों में खुल गए, बिन बोले सब राज ।। सुशील सरना / 19-11-24 Quote Writer 1 25 Share sushil sarna 19 Nov 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . . मतभेद दोहा पंचक. . . . मतभेद इतना भी मत दीजिए, मतभेदों को तूल । चाट न ले दीमक सभी , रिश्ते कहीं समूल ।। मतभेदों को भूलकर, प्रेम करो जीवंत... 1 2 19 Share sushil sarna 19 Nov 2024 · 1 min read संकेतों के हो गए, जब पूरे दस्तूर । संकेतों के हो गए, जब पूरे दस्तूर । लाज लजीली हो गई, बांहों में मजबूर । साँसों की सरगोशियाँ, तन्हाई का शोर - दौर समर्पण का चला, मद में तन... 17 Share sushil sarna 16 Nov 2024 · 1 min read रोला छंद. . . . माँ रोला छंद. . . . माँ देती है सन्तान, आज तो दर्द घनेरे । मात - पिता से दूर , चैन के हुए सवेरे । ममता की अब आँख, बहाती... 16 Share sushil sarna 16 Nov 2024 · 1 min read बात हुई कुछ इस तरह, उनसे मेरी यार । बात हुई कुछ इस तरह, उनसे मेरी यार । रात ढले खामोशियों, टूटी सौ- सौ बार ।। सुशील सरना / 16-11-24 15 Share sushil sarna 15 Nov 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . . . नजर दोहा पंचक. . . . . नजर नजरों से नजरें करें, नजरों का व्यापार । नजरों का यह सिलसिला , दिल छलता सौ बार ।। झुकी नजर में है निहित,... 17 Share sushil sarna 15 Nov 2024 · 1 min read रोला छंद . . . . रोला छंद . . . . हृदय न माने बात, कभी वो काम न करना । सदा सत्य के साथ , राह पर चलते रहना । पथ में अनगिन शूल... 18 Share sushil sarna 14 Nov 2024 · 1 min read रोला छंद. . . . बाल दिवस रोला छंद. . . . बाल दिवस बाल दिवस पर आज , करें बच्चों की बातें । खेल खिलोने साथ , उन्हें हम दें सौगातें । भोली यह मुस्कान ,... 1 15 Share sushil sarna 14 Nov 2024 · 1 min read जनम जनम के लिए ..... जनम जनम के लिए ..... खनकने लगी अचानक यूँ मेरे हाथ की सुर्ख चूड़ी जैसे किसी की शोखियाँ नसीमे सहर में वस्ल का पैग़ाम लाई हों जैसे ज़िस्म पे किसी... 16 Share sushil sarna 14 Nov 2024 · 1 min read 3 क्षणिकाएँ.... 3 क्षणिकाएँ.... लीन हैं तुम में मेरी कुछ स्वप्निल प्रतिमाएँ कहीं खण्डित न हो जाएँ ये पलकों की हलचल से ................... गहनता में निस्तब्धता निस्तब्धता में अलौकिकता अलौकिकता में मौलिकता... 23 Share sushil sarna 14 Nov 2024 · 1 min read दोहा सप्तक. . . बाल दिवस दोहा सप्तक. . . बाल दिवस क्या जाने यह बचपना, बाल दिवस का अर्थ । अर्थ जाल में पीसते, बचपन चन्द समर्थ ।। बाल दिवस के अर्थ से, बचपन है... 18 Share sushil sarna 13 Nov 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . विविध दोहा पंचक. . . विविध सम्बोधन से हो गया, मधु शब्दों का लोप । सम्बन्धों को लीलता, शब्द शरों का कोप ।। परिवर्तन हर क्षेत्र में, करता नव संचार ।... 20 Share sushil sarna 13 Nov 2024 · 1 min read उजला अन्धकार ... उजला अन्धकार ... होता है अपना सिर्फ़ अन्धकार मुखरित होता है जहाँ स्वयं से स्वयं का साक्षात्कार होता है जिसके गर्भ से भानु का अवतार नोच लेता है जो झूठ... 21 Share sushil sarna 12 Nov 2024 · 1 min read अस्त-व्यस्त सी सलवटें, बिखरे-बिखरे बाल। अस्त-व्यस्त सी सलवटें, बिखरे-बिखरे बाल। रैन द्वन्द्व का कह गई, आँखें सारा हाल। कैसे कह दें रात के , उत्पातों की बात - सोच -सोच के हो गए, सुर्ख़ शर्म... 17 Share sushil sarna 12 Nov 2024 · 1 min read कुंडलिया. . . कुंडलिया. . . राहें देंगी लक्ष्य तक, राही तेरा साथ । पर यकीन से छोड़ना, कभी न अपना हाथ । कभी न अपना हाथ ,कहाँ तक होंगी रातें । चीर... 1 19 Share sushil sarna 11 Nov 2024 · 1 min read इक ज़माना हो जाता है … इक ज़माना हो जाता है … आदमी कितना छोटा हो जाता है जब वो पहाड़ की ऊंचाई को छू जाता है हर शै उसे बौनी नज़र आती है मगर पाँव... 18 Share sushil sarna 11 Nov 2024 · 1 min read कुंडलिया. . . कुंडलिया. . . आँधी आई अर्थ की, दरकी हर दीवार । अपनी ही दहलीज पर, रिश्ते सब लाचार । रिश्ते सब लाचार , मतांतर बढ़ते जाते । मन में घुटते... 20 Share sushil sarna 11 Nov 2024 · 1 min read दोहात्रयी. . . दोहात्रयी. . . राहें देंगी लक्ष्य तक, राही तेरा साथ । पर यकीन से छोड़ना, कभी न अपना हाथ ।। श्रम से जो मुँह मोड़ते, रहें लक्ष्य से दूर ।... 19 Share sushil sarna 10 Nov 2024 · 1 min read बन्धनहीन जीवन :...... बन्धनहीन जीवन :...... क्यों हम अपने दु :ख को विभक्त नहीं कर सकते ? क्यों हम कामनाओं की झील में स्वयं को लीन कर जीवित रहना चाहते हैं ? क्यों... 18 Share sushil sarna 10 Nov 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . . शृंगार दोहा पंचक. . . . शृंगार हुए बंध निर्बंध सब, अधर हुए अंगार । तिमिर मौन खंडित हुआ, बिखरा हरसिंगार ।। दृग से दृग अभिसार का, अजब हुआ परिणाम ।... 18 Share sushil sarna 10 Nov 2024 · 1 min read बंध निर्बंध सब हुए, बंध निर्बंध सब हुए, अधर हुए अंगार । तिमिर मौन खंडित हुआ, बिखरा हरसिंगार ।। सुशील सरना / 10-11-24 Quote Writer 21 Share sushil sarna 9 Nov 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . विविध दोहा पंचक. . . विविध देख उजाला भोर का, डर कर भागी रात । कहीं उजागर रात की, हो ना जाए बात ।। गुलदानों में आजकल, सजते नकली फूल ।... 18 Share sushil sarna 8 Nov 2024 · 1 min read दोहा त्रयी. . . . . दोहा त्रयी. . . . . आँखों से आँखे मिली, चले जाम पर जाम । बंधन टूटा सब्र का, इश्क हुआ बदनाम ।। यह अश्कों के काफिले , आहों के... 18 Share sushil sarna 5 Nov 2024 · 1 min read दोहा त्रयी. . . अज्ञानी दोहा त्रयी. . . अज्ञानी अज्ञानी को ज्ञान का, ज्ञानी दे उपदेश । अपढ़ समझता स्वयं को, जैसे हो अवधेश । अज्ञानी तो ज्ञान पर, करते सदा क्लेश । कैसे... 18 Share sushil sarna 4 Nov 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . . . देह दोहा पंचक. . . . . देह कौन निभाता है भला, जीवन भर तक साथ । अन्तिम घट पर छूटता, हर अपने का हाथ ।। तन में बजती डुगडुगी ,... 21 Share sushil sarna 3 Nov 2024 · 1 min read मन का सावन आँख से, मन का सावन आँख से, जब करता बरसात । यादों की आगोश में, बीते तनहा रात ।। सुशील सरना / 3-11-24 Quote Writer 26 Share sushil sarna 3 Nov 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . दोहा पंचक. . अभिव्यक्ति को दे रहे, नैन नया आयाम । अन्तस के संग्राम का, दृग जल है परिणाम ।। साजन से क्या-क्या हुए, बोल सखी संवाद । कब कपोल... 19 Share sushil sarna 3 Nov 2024 · 1 min read कुंडलिया कुंडलिया साझी छत के प्रेम की , बीत गई बरसात । निजता के सुख तीर पर, मिली दुखों की रात । मिली दुखों की रात , सताती बीती बातें ।... 21 Share sushil sarna 2 Nov 2024 · 1 min read उल्फ़त के अंजाम से, गाफिल क्यों इंसान । उल्फ़त के अंजाम से, गाफिल क्यों इंसान । आँसू, आहें, हिचकियाँ, सब इसके ईनाम ।। सुशील सरना / 2-11-24 24 Share sushil sarna 1 Nov 2024 · 1 min read दोहा पंचक. . . . . कल दोहा पंचक. . . . . कल कल पर कुछ मत छोड़ना, कल का नहीं यकीन । दो साँसों की जिंदगी, होती बड़ी महीन ।। कल में छल का वास... 17 Share sushil sarna 1 Nov 2024 · 1 min read मुकम्मल आसमान ..... मुकम्मल आसमान ..... कल जो गुजरता है जिन्दगी में एक मील का पत्थर बन जाता है और गिनवाता है तय किये गये सफर के चक्र की नुकीली सुइयों पर रखे... 22 Share sushil sarna 30 Oct 2024 · 1 min read दोहा त्रयी. . . दोहा त्रयी. . . बाती करती दीप से, बार - बार मनुहार । आज रात भर तू मुझे, करने दे उजियार ।। बाती बोली दीप से, आज बड़ा त्योहार ।... 15 Share sushil sarna 28 Oct 2024 · 1 min read दीप की बाती ... दीप की बाती ... जलने दो मुझे कुछ देर तो जलने दो । मैं साक्षी हूँ तम में विलीन होती सिसकियों की जो उभरी थीं अपने परायों के अंतर से... 29 Share sushil sarna 28 Oct 2024 · 1 min read शब्द नाद .... शब्द नाद .... एक शब्द टूट गया एक शब्द रूठ गया एक शब्द खो गया एक शब्द सो गया एक शब्द आस था एक शब्द उदास था एक शब्द देह... 28 Share sushil sarna 28 Oct 2024 · 1 min read दोहा चौका. . . . दोहा चौका. . . . वैभव का मधुमास तो, कालचक्र का दास । इसी रास पर जिंदगी, करती हरदम रास ।। भूप रंक को एक सी , लगे नीर की... 28 Share sushil sarna 27 Oct 2024 · 1 min read कुण्डलिया कुण्डलिया गीता कहती कर्म का, नहीं जगत में तोड़ । सदकर्मों में लीन हो , फल की चिंता छोड़। फल की चिंता छोड़, कर्म को गहना माना । जान गया... 32 Share sushil sarna 26 Oct 2024 · 1 min read दोहा त्रयी. . . . दोहा त्रयी. . . . गरिमा छिद्रित हो गई, प्यार शब्द की आज । कामुकता ने प्यार का, किया कलंकित ताज ।। पीर वही संसार में, हरे सभी की पीर... 20 Share sushil sarna 25 Oct 2024 · 1 min read रोला छंद रोला छंद व्याकुल मन की बात, किसी से कही न जाती । तनहाई में पीर, प्रेम की बहुत सताती ।। नींद निभाती बैर, आँख भी रो - रो हारी ।... 22 Share sushil sarna 25 Oct 2024 · 1 min read रोला छंद. . . रोला छंद. . . मुदित नयन में दर्द , विरह के रो- रो हारे । कहें हृदय की बात, नयन के सागर खारे ।। काटे कटे न रैन , वियोगिन... 21 Share sushil sarna 25 Oct 2024 · 1 min read दोहा त्रयी. . . दोहा त्रयी. . . जाने यह इंसान क्यों , अक्सर जाता भूल । पुष्प दलों को छेदते, उसके अपने शूल ।। सुख की परतों में कई , अनदेखे हैं शूल... 27 Share sushil sarna 22 Oct 2024 · 1 min read दोहा त्रयी. . . दोहा त्रयी. . . रिश्तों में उगने लगी, द्वेष भाव की घास । मिलने की ओझल हुई, अन्तर्मन में प्यास ।। दीवारों में खो गया , आँगन वाला प्यार ।... 21 Share sushil sarna 21 Oct 2024 · 1 min read रोला छंद. . . . रोला छंद. . . . बचपन जाता बीत , रुके ना कभी जवानी । जरा काल में देह , वक्त की लिखे कहानी ।। काल चक्र की चाल , बड़ी... 35 Share sushil sarna 21 Oct 2024 · 1 min read उस रात ....... उस रात ....... उस रात वो बल्ब की पीली रोशनी देर तक काँपती रही जब तुम मेरी आँखों के दामन में मेरे ख्वाबों को रेज़ा-रेज़ा करके चले गए और मैं... 29 Share Page 1 Next