Mahender Singh Language: Hindi 807 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 17 Mahender Singh 9 Sep 2017 · 1 min read ?"सत्ता और रसोई"का"व्यंग्यात्मक संबंध"? "रसोई और सत्ता"का"व्यंग्यात्मक संबंध" प्याज ने हमसे दिल्ली छीनी, टमाटर तू..... लाल-किला छीन न लेना, समझ नहीं आया तेरा व्यवहार, ऊपर से आया दीवाली का त्यौहार, हरियाणा मिल गया, गम... Hindi · कविता 1 1 545 Share Mahender Singh 2 Sep 2017 · 1 min read "एक कदम भगवता की ओर" लोग वर्षों से एक ही सवाल पूछते आ रहे है .... कि आपकी बिरादरी क्या है ? आपका धर्म क्या है ? मजहब क्या है ? आपका ईमान क्या है... Hindi · कविता 1 1 370 Share Mahender Singh 30 Aug 2017 · 1 min read कुछ की चाहत सीमित की चाह में ..सीमित ही रह गए, वरन् सब चाहने वाले ..अपने ही थे, असीमित की चाह में ..भटक गए, ये सोच.. चाहत ही छोड़ दी चाह की, इसी... Hindi · कविता 1 1 221 Share Mahender Singh 29 Aug 2017 · 1 min read सोच सम्मोहन और हकीकत जिनकी सोच प्राकृतिक नहीं होती है, वे सदा से यही सोचते आएं हैं, विचार वा विवेक सिर्फ उनकी बपौती है, कूटनीति उनका ही खेल है, वरन् सबको मालूम है, ये... Hindi · लेख 1 1 287 Share Mahender Singh 28 Aug 2017 · 1 min read साध और संगत.....खुद की भली, परिणाम चाहिए, सम्मोहन से बचे, स्वावलंबी बने, स्वतंत्रता की पहली शिक्षा, आप्त-वचन किसी महापुरुष के वचन हैं, आपके नहीं, उनका अंध-अनुकरण या अंध-अनुशरण की बजाय उसका अनुभव लेकर स्वयं सिद्ध... Hindi · लेख 1 1 469 Share Mahender Singh 16 Aug 2017 · 1 min read मनोबल बढ़ाया-सफलता मिली, चलकर देखा है, मैने अपनी चाल से भी तेज.....! फिर भी वक़्त और तकदीर से पीछे ही रहा.....! . बना सकता था, सवारी इनको, इतना मुझे याद न रहा, .... Hindi · कविता 1 1 200 Share Mahender Singh 14 Aug 2017 · 1 min read मजदूर की व्यथा (पीड़ा) "मजदूर की व्यथा" दो वक्त की रोटी को, जिंदगी छोटी पड़ जाती है, सुबह का निवाला खाकर, जब धूप निकल आती है, . संध्या होने तक कष्ट सहा-भरपूर, कष्ट और... Hindi · कविता 1 1 1k Share Previous Page 17