2758
posts
कोई भी बहाना नही चलेगा
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जो जलता है जलने दीजिए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जो जलता है जलने दीजिए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कैसे हो जाते हैं अमीर
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
रिश्तों में गहरी छांव है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
छोटी सी उम्र को जी भर जी लो
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
विदाई
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
यही मिलता सिला हमको
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
तिरंगा
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हलक पर ही टिकी सांसें
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
करूं क्या काम ऐसा
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बहुत कुछ है सहा हमने
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
तुम बिन हम नही
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कोई हिसाब समझ न् आया
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हर शजर पहरेदार हैं
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ज़ब आपने साथ छोडते है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
लगी नैनों में सावन झड़ी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
रूह
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
घड़ी दो घड़ी ही सही
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
इंतहा इंतजार की
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शजर सी ढह गई तकदीर है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
तू नहीं तो तेरी यादें आती है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
रेशमी जुल्फों का घना साया
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
काली जुल्फ़ें सूरमेदानी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पावन पर्व मकर संक्रान्ति
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
वो हूर नजर आती
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मन मे गम के ठिकाने
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
गोदी मे सिर रख दूँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आन मिल जाओ सजना
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मैं औरत मेरा वजूद है कहाँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अभी दो सांस बाकी है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
भाव दिल में थे न कभी घटे
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बंद डायरी के पन्ने
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
प्रेम से प्यारा नजारा नहीं
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बाबुल मैं तेरे सिर की पगड़ी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बेटी मॉ की है परछाई
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सुनो सखी एक बात बताऊँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ऐसी क्या बात हुई
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
चाँद सितारे झूठे हैं
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अधूरा प्रेम प्रस्ताव
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
रूठे रूठे से हैं वो लगे
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सर्दी की छुट्टियां
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
नशा तेरे प्यार का है छाया अब तक
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आओ मिलकर नया साल मनाएं
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दिल के करीब है तू
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
रोशन सारी हवालात हुई
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
धरती पर ही रब हुआ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हर प्रीत अवतरन दिवस
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मिले दो चार यार पुराने
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
उठ जाग मुसाफिर सुबह होने वाली है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत