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रंग - बिरंगी धूल है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जन-जन को कैसे मैं इम्तिहान दूँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
* बदले-बदले से तौर है *
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*खुशी का कोई भी मोल नहीं है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पहले थी तेरी अब मेटी बारी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
****** फूलों से चोट खाई है *******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*हाल देखा सनम का ऑंखें नम गई*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जब बिना बात तुम मुस्कराओगे
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जब वो मंद मंद मुस्कराती है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
तेरे संग दिन तेरे संग ही रात हो
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*मुझे हर पल तेरा एहसास होने लगा है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
**बीता हुआ पल कब वापिस आया है**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
***रंग बिरंगी होली***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*नारी जितनी सादी उतनी सीधी है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हमारे सपने अनेक हुए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
**आगोश मे तेरे हम चहक गए**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पिया बिना कैसे खेलूँ होली
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*ठगनी माया का क्या करना*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
**दिल मे बसा कर क्या करते***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
गाल छूने को मन करता है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
ਕੀ ਹੋਯਾ ਜੇ ਏ ਪਿਆਰ ਹੋ ਗਿਆ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कैसे कह दूँ तु मेरा नही
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
देखो तुम्हारे प्यार ने जीना सिखा दिया
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कर्म अच्छे कीजिये ये साथ जाएँगे
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
रसीले होंठ गुलाबी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कानन मे उदास मयूरी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
तेरी नजरों के दीवाने है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मेरा महबूब बहुत मगरूर है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हमें तो अब बस तेरा आसरा है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मुद्दत हुई कोई मुलाकात नहीं
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दिल का कहा मान लो तुम
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जी नहीं पाती विधवा रानी
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हर सुबह के बाद शाम होती है
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
घर बुलाने का तो बहाना था
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अधूरी हसरत
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हर रोज जल रहीं हैं बस्तियां
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
फूल तुम्हें क्या भेंट करूँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दो बोल प्यार के बोल
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
हैरान हूं मैं आपको ख्वाब में देख कर
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
तेरे शहर में
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
मिलूं जिस घड़ी नही पहर आया
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बांहों में आओ तो सही
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
टूट कर फिर प्यार में बिखर सकते नहीं
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आंसुओं का मंजर है देखा
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दिल में थोडा प्यार जरुरी हैं
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बेटी बोली बाबुल बातें तो सुन लो
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जुल्फों की छांव में सुला दिया
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
****** कैसे हो जाते हैं अमीर *****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दो कदम फासला चाहिए
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दुनिया के रंग निराले
सुखविंद्र सिंह मनसीरत