ओनिका सेतिया 'अनु ' Language: Hindi 1919 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 11 Next ओनिका सेतिया 'अनु ' 28 Feb 2022 · 2 min read स्वार्थी पंछी यह कैसे पंछी है जो , हरे भरे वृक्ष को छोड़कर , चले जाते है और अधिक , दाना पानी की तलाश में। क्या यह वास्तव में जरूरतमंद होते है... Hindi · कविता 2 4 353 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 28 Feb 2022 · 1 min read अश्क ए आब जिंदगी बेनूर सी हो जाती है उस पर अश्क ए आब , एक तेरे आने से पहले एक तेरे जाने के बाद । Hindi · शेर 2 148 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 28 Feb 2022 · 1 min read कुर्बान क्या लुत्फ हो उस मौत का जिसे दुनिया देखे , मुहोबत की राह में जो इस तरह कुर्बान हो गया । Hindi · शेर 2 389 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 26 Feb 2022 · 1 min read बेवफा तकदीर यह कैसा शहर है पत्थरों का, यहां की तो हवाएं भी बेवफा है। लोगों से क्या शिकवा करें हम, जब तकदीर ही अपनी बेवफा है। Hindi · शेर 1 3 206 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 26 Feb 2022 · 1 min read दिलवाला इंसान मिलते हैं जब कदम से कदम , फासले कम होते हैं तभी। गुरूर के करीब तो कोई आता नहीं, परस्पर प्रेम ही करीब लाता है , दोनो ओर फलता हो... Hindi · कविता 4 191 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 26 Feb 2022 · 1 min read दस्तक ज़रा सी आहट होती है , और फिर दस्तक भी होती है , कभी कभी । इस शेदाई मन को लगता है , जैसे कोई आया हो , अभी अभी... Hindi · कविता 4 262 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 26 Feb 2022 · 1 min read समुंद्र की खिड़कियां खुलती हैं जब आसमान की , समुंद्र के लिए खिड़कियां । एकाकार होकर एक दूजे से, करते तो होंगे प्यारी बत्तियां । आभास तो होता है क्षितिज का , एक... Hindi · कविता 2 234 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 26 Feb 2022 · 1 min read अहंकारी देश होकर ताकत के अभिमान में चूर , कमज़ोरों पर सितम ढाते हैं। ऐसे देश और इंसान जरूर मिट्टी , में मिला दिए जाते हैं। अभिमान तो रावण का भी न... Hindi · कविता 2 4 314 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 26 Feb 2022 · 1 min read जिजीविषा की हत्या हत्या वह ही केवल नहीं होती , जो जिसकी जान लेकर की जाती है। हत्या वह भी होती है जब किसी से , उसकी जीने की इच्छा छीन ली जाती... Hindi · कविता 2 5 539 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 25 Feb 2022 · 1 min read इंसान नहीं यह कोई और है ... किस किस तरह से रंग बदला है ये इंसान, ये देख कर यारों ! गिरगिट भी है परेशान। कहां से पाई है ऐसी खूंखार तबियत ? इंसान है या कुछ... Hindi · शेर 2 304 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 24 Feb 2022 · 1 min read हे ईर्ष्या ! तू न जाने वाली दिलों से ... जाने क्यों कुछ लोग , न खुद जीते है ना , औरों को जीने देते हैं। बेवजह ही औरों के जीवन में , खलल डालते रहते हैं। ना जाने क्यों... Hindi · कविता 1 2 259 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 24 Feb 2022 · 1 min read सोच सोच में फर्क एक माता -पिता की नज़र में यदि उनकी बेटी राजकुमारी होती है, तो सास -ससुर की नज़र में उनकी वधु रानी क्यों नहीं हो सकती । क्या ही अच्छा हो... Hindi · लेख 3 2 201 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 24 Feb 2022 · 1 min read गद्दारी रहना -खाना मेरे भारत में , और गुणगान दुश्मन देश का करना । वाह खूब आता है तुम्हें जिस थाली में खाना उसी में छेद करना । Hindi · शेर 1 2 289 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 24 Feb 2022 · 1 min read वतन का अज़ार जाने क्या मेरे वतन को हो गया आजार। सिसकता है,रोताहै,तड़पता है बार-बार। ज़ख़्मी है वोह बड़ा अपनों के दिए नश्तरों से , खुदाया एक बार तो सुन लो टूटे हुए... Hindi · शेर 1 2 156 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 24 Feb 2022 · 1 min read कश्मीर : हमारे देश के सर का ताज कश्मीर मेरे वतन के सर का ताज है , काट दिए जायेंगे तुम्हारे हाथ , हाथ बढ़ा के तो देखो । छीन ली जाएगी वोह जुबां , गर मेरे वतन... Hindi · मुक्तक 1 2 371 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 23 Feb 2022 · 1 min read किराए के भक्त खुदा जाने यह सियासतदानों ने , कैसा चलन बनाया है। अपनी गिनी चुनी उपलब्धियों और तारीफों , के लिए एक मजमा बनाया हुआ है । और उस मजमें में चंद... Hindi · कविता 1 2 378 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 23 Feb 2022 · 1 min read चिकने घड़े प्रहार पर प्रहार करते है एक दूसरे पर , फिर भी घायल यह होते नहीं । शर्मसार तो होते रहते हैं नित्य प्रति अपराधों से , मगर चेतन्य फिर भी... Hindi · कविता 4 195 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 23 Feb 2022 · 1 min read संयम जरूरी है ... सदा तिल का ताड़ मत बनाया कीजिए , समस्याओं को अतिशीघ्र सुलझा लिया कीजिए । बढ़ता है जब मसला तो अजाब बन जाता है , बैर क्रोध का अचार या... Hindi · मुक्तक 2 351 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 22 Feb 2022 · 1 min read असली गुरु और नकली गुरु में अंतर सच्चे गुरु व् नकली गुरु में निम्नलिखित अंतर होता है .-- १, सच्चा गुरु दीन भाव से रहता है ,जबकि नकली गुरु अकड़े रहता है . २, सच्चा गुरु खुद... Hindi · लेख 4 4 658 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 22 Feb 2022 · 2 min read रोमन लिपि का उपयोग क्यों ? हमारी प्यारी राष्ट्र-भाषा हिंदी की पहचान और उसकी सुंदरता उसके वास्तविक रूप से ही है , देवनागरी लिपि हमारी हिंदी की आत्मा है. उसका जीवन है . अंग्रीज़ी के मशहूर... Hindi · लेख 1 2 369 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 22 Feb 2022 · 1 min read शर्म करो ... शर्म करो ... तुममें है बस इतनी क़ाबलियत , की तुम्हें बस हंगामा करना आता है,। तोड़-फोड़कर ,आगजनी कर, राष्ट्रिय संपत्ति का नुकसान करना आता है,। आरक्षण के बहाने ज़रुरतमंदों... Hindi · कविता 1 2 256 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 21 Feb 2022 · 2 min read और कालू चला गया ... पुण्यात्मा था वो , कुछ हटके था उसका आचरण । और कोई लालच नहीं , बस चंद बिस्कुट खाने को धरता था चरण । और कभी घूमते घामते , आ... Hindi · कविता 1 2 341 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 21 Feb 2022 · 1 min read गृहणी का वेतन गृहणियों को नहीं मिलता , अपनी सेवा और त्याग के बदले , वेतन कोई । पति और संतान का प्रेम , उनकी देखभाल , उनके चेहरों की मुस्कान , और... Hindi · कविता 1 350 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 21 Feb 2022 · 1 min read माता पिता का सहारा बनो .. चार पैसे क्या कमा लिए , रुतबा इतना ऊंचा हो गया ! घर में माता पिता का दखल , नागवार ,नापसंद हो गया । दो पीढ़ियों के वैचारिक भेद ,... Hindi · कविता 4 4 1k Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 19 Feb 2022 · 1 min read कुपथ आजकल दूध का धुला कौन है , सब जन है कीचड़ से लथपथ । बातें करें बड़े धर्म कर्म की , मगर चलें सदैव यह कुपथ । Hindi · मुक्तक 2 210 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 19 Feb 2022 · 1 min read कपटी की संगत बड़ी दुखदाई ह्रदय परिवर्तन नहीं होता आजकल लोगों का , हां ! एक भ्रम सा जगा दिया जाता है गैरों के मन में , के हम सुधर गए ,मगर सुधरे हुए नहीं... Hindi · लेख 253 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 19 Feb 2022 · 1 min read नामुमकिन सा ख्वाब हिजाब पहनकर वजीर ए आजम , बनने की बात कर रही हो । कितनी नादान हो नामुमकिन सा ख्वाब , देख रही हो । Hindi · शेर 224 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 19 Feb 2022 · 1 min read खुदगर्जी या मजहब ! आंखों में हया नहीं , और हिजाब की बात करती हो । ऐ मशरीफ के रंग में रंगी तितलियों ! अपनी खुदगर्जी के दरम्यान मजहब को , क्यों ले आई... Hindi · शेर 199 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 19 Feb 2022 · 1 min read जमाने का हाजमा खराब है भाई !.... आज के ज़माने में शुद्ध चीजें लोगों को रास नहीं आती ।चाहे वो शुद्ध देशी घी ,हो या शुद्ध प्यार । तभी तो शुद्ध देसी खाने से लोगों का हाजमा... Hindi · लेख 1 2 557 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 18 Feb 2022 · 1 min read गृहणी भी एक मनुष्य है ... गृहणी ही करती दिखती सदा , पूरे परिवार की सेवा । मगर मजाल क्या उसे कोई , एक गिलास पानी का भी पिला दे । वही देखभाल करती रहती सबकी... Hindi · कविता 1 2 193 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 18 Feb 2022 · 1 min read गृहणियों की सेवा निर्वति कब ? गृहणियों के हिस्से में क्यों , कभी सेवा निर्विती का समय आता। सारा जीवन उसका गृहकार्य एवं , परिवार की सेवा / कर्तव्य निर्वाह में गुजर जाता । Hindi · मुक्तक 1 2 185 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 17 Feb 2022 · 1 min read संगीत की आत्मा खो गई ... संगीत को महसूस करने की जो , तबियत लोगों में थी कभी । वोह अब रह ना गई। इसीलिए संगीत की समझ भी , लोगों में न रह गई। तभी... Hindi · कविता 302 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 17 Feb 2022 · 1 min read जुबानी जंग प्रतियोगिता चुनावों में वोट पाने की ही नहीं, अपनी जुबान की धार तेज करने की भी चल रही है। कोई कितनी सीमा तक जहर उगल सकता है , ईमान से... Hindi · मुक्तक 2 3 220 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 17 Feb 2022 · 1 min read फूल पौधों से प्यार देखकर दुनिया की असलियत , उससे दिल बेजार हो गया । इसीलिए मेरे अजीज दोस्तों ! हमें फूल पौधों से प्यार हो गया । Hindi · मुक्तक 2 3 388 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 16 Feb 2022 · 1 min read यह परिवर्तन हमें रास नहीं आ रहा ... जाने क्या बात है जो , भारतीय संगीत के वृक्ष से , सभी पुराने पत्ते बारी बारी से क्यों झर रहे है ? यह आगाज तो है परिवर्तन का, मगर... Hindi · कविता 1 165 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 16 Feb 2022 · 1 min read नजरों का हिजाब हिजाब और बुरखा पहनने से बलात्कार , रुकते है तो इसे हर महिला धारण करे । अन्यथा आदर भरी नजर बड़े बुजुर्गों के लिए , और चण्डी जैसे आंखों में... Hindi · मुक्तक 1 2 189 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 15 Feb 2022 · 2 min read कांग्रेस की ढहती इमारत ... जब इमारत के निवासी मान चुके । इसका अंजाम भी वो जान चुके । छोड़ कर जा रहे है बारी बारी सभी , जो अंधकार इसके भविष्य का देख चुके... Hindi · कविता 2 6 404 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 14 Feb 2022 · 1 min read प्रेम की देवी मधु बाला का त्रासदी पूर्ण जीवन प्रेम दिवस पर ही जन्म लिया था मधु ने , मगर प्रेम के लिए यह बाला तरसती रही । गैर तो गैर थे मगर अपनों का सहारा नहीं , किसी... Hindi · मुक्तक 241 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 14 Feb 2022 · 1 min read इकरार ए मुहोबत यूँ तो गुजरने को गुज़र जाती है ज़िदगी, मगर वोह बात कहाँ जो तेरे पहलु में है। दुनिया की मुहोबत बेशक हो साथ मगर, मगर सच्चा इकरार तो तेरे ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 195 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 14 Feb 2022 · 1 min read कोई तो है ...( प्रेम दिवस विशेष ) कोई तो है जो लगता है प्यारा, उसे जानेमन कहने को जी चाहता है। कोई है जो आँखों से दिल में समाया, उसे ही महबूब मानने को जी चाहता है।... Hindi · कविता 398 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 14 Feb 2022 · 1 min read वास्तविक प्रेम दिवस प्रेम दिवस मनाओ तो केवल अपने प्रभु के संग,जो की है तुम्हारे सच्चे मीत . प्रभु के अलावा जो भी रिश्ते है ,वोह है स्वार्थ के मीत . Hindi · कोटेशन 640 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 14 Feb 2022 · 1 min read प्रकृति प्रेम मस्त हवाओं के संग झूमो, पंछियों के संग गुनगुनाओ , पशुओं के संग अठखेलियाँ करो , बादलों के संग लुका- छिपी का खेल खेलो . Hindi · मुक्तक 323 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 14 Feb 2022 · 1 min read देश प्रेम देश रूपी शमा पर जो मिट गए , आज के दिन ज़रा उन परवानों को भी याद कर लो , देखीं होंगी ज़माने में तुमने बहुत से मुहोबतें ,ज़रा इनकी... Hindi · मुक्तक 331 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 14 Feb 2022 · 1 min read प्रेम दिवस की सार्थकता मनुष्य जीवन के आदर्श प्रेम पात्र हैं गुरु,माता पिता व स्वदेश । मेरा प्रेम दिवस समर्पित है इन तीनों को विशेष । Hindi · कोटेशन 258 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 14 Feb 2022 · 1 min read शहीदों का प्रेम दिवस मात्रभूमि पर मरने वालो का हर दिवस है प्रेम दिवस ,जीते मरते है वह जिसके लिए रात्रि - दिवस । Hindi · कोटेशन 1 184 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 14 Feb 2022 · 1 min read प्रेम दिवस पर विशेष " प्यारा देश " मेरी जान वतन , मेरा ईमान वतन , मेरा पहला और आखिरी प्यार वतन । इस प्रेम दिवस पर मेरे देश को शत शत शत नमन ।?? Hindi · मुक्तक 308 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 13 Feb 2022 · 1 min read माता पिता के आहें बद -ज़ुबानी जो करे अपने वालिदेन से , खुदा को वोह नागवार गुज़रती है, जुबां जो दर्द बयां ना करसके , मगर अश्कों के शोले कम नहीं। जिंदगी के हर... Hindi · कविता 1 188 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 13 Feb 2022 · 1 min read कानून के यह कैसे रखवाले उच्च शिक्षा प्राप्त कर कानून के रखवाले ये बने फिरते है । इंसानियत इनमें ज़रा सी भी , नहीं एक मां को इंसाफ के लिए , तड़पाते और तरसाते हैं... Hindi · मुक्तक 260 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 13 Feb 2022 · 1 min read मां के आंसू ए जननी ! तेरी पीड़ा अब सही नहीं जाती । आंखों से बहती खून के आंसुओं की जलधार देखी नहीं जाती , अपनी बेटी के इंसाफ के लिए तेरा गिड़गिड़ाना... Hindi · कविता 1 2 219 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 13 Feb 2022 · 1 min read दुर्भाग्य की पीड़ा जा तन लागी ,वह तन जाने , दुर्भाग्य की पीड़ा , भाग्यशाली क्या जाने ? Hindi · कोटेशन 431 Share Previous Page 11 Next