सुखविंद्र सिंह मनसीरत Language: Hindi 2395 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 10 Next सुखविंद्र सिंह मनसीरत 29 Oct 2022 · 1 min read चुनाव डयूटी ******* चुनाव-डयूटी ******* ************************* चुनाव ड्यूटी चुनौती बहुत भारी, निपट जाएगी वो भी बारी-बारी। टीम के साथ करेंगे निष्पक्ष काम, शांतिपूर्ण हो चुनाव पूर्ण है तैयारी। आँधी चाहे या आये... Hindi · कविता 65 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 27 Oct 2022 · 1 min read जिंदगी में बहुत गम है जिंदगी में बहुत गम है ****************** जिंदगी में बहुत गम है, जीवन जीने का दम है। सहकर दुनिया के ताने, आँखे मेरी भी नम हैं। पीछे मुड़कर ज़रा देखो, आगे... Hindi · कविता 1 105 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 Oct 2022 · 1 min read हवा प्यार की आने दो ** हवा प्यार की आने दो** ********************* हवा तो प्यार की आने दो, घटा तकरार की जाने दो। हमें गाने से मत रोको तुम, नज़्म मल्हार की गाने दो। दशा... Hindi · ग़ज़ल 102 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 Oct 2022 · 1 min read पथ से भटकाया है **** पथ से भटकाया है **** ************************ मीठी बातों से बहलाया है, पथ से अक्सर ही भटकाया है। बहकावे में ले लेते दिलबर, मन को हमने तो समझाया है। खुद... Hindi · कविता 82 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 Oct 2022 · 1 min read हम बच्चे दीवाली मनाते थे हम बच्चे दीवाली मनाते थे ********************* हम बच्चे दीवाली मनाते थे, पटाखे हम खूब बजाते थे। मुर्गा छाप की वो लंबी लड़ी, बजती थी जैसे लगी झड़ी, कई यूँ ही... Hindi 239 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 Oct 2022 · 1 min read दीपावली का त्योहार ***** दीपावली का त्योहार ****** **************************** दीपावली का आ गया त्योहार है, दीपक जले जग-मग हुए घर द्वार है। मीठी मिठाई बां टते मिल कर सभी, फैला हुआ जन -जन... Hindi · ग़ज़ल 91 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 Oct 2022 · 1 min read जेब म नही पैसा पाई जेब में नहीं पैसा पाई ***************** धूप गई छाया आई, मान गया माया आई। नभ में हैं बादल आये पुरवा चली वर्षा लाई। घर में बैठी बूढ़ी मैया, जेब मे... Hindi · कविता 1 97 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 21 Oct 2022 · 1 min read प्यारी सी प्रेम बरसात हुई *प्यारी सी प्रेम शुरुआत हुई* *********************** हुस्नपरी से है कुछ बात हुई, प्यारी सी प्रेम शुरुआत हुई। खो से गए उल्फ़त नजारों में, दिन ढलने लगा तो रात हुई। बातों... Hindi · कविता 104 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 Oct 2022 · 1 min read वक्त का तराजू *** वक्त का तराजू *** ******************* समय बहुत अनमोल हैं, कोई न वक्त का मोल है। काल-चक्र रुकता नहीं, बजाता न कभी ढोल है। वक्त का तराजू न झुके, झुकता... Hindi · कविता 1 111 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 18 Oct 2022 · 1 min read सरपंच और पंच की खोज *** सरपंच और पंच की खोज *** **************************** जारी सरपंच और पंच की खोज है, ग्रामीण की भारी -भरकम फ़ौज हैं। बंटने लगी खूब शराब की पेटियां, पीने वाले हुए... Hindi · कविता 144 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 17 Oct 2022 · 1 min read जान की बाजी दिलाई जान की बाजी नहीं ********************* हुई तुम से खता माफ़ी नहीं, मिली है मौत पर फांसी नहीं। बड़ी थी शौहरत जो खाक है, सुनाई जो सजा काफ़ी नहीं। खुदा... Hindi · ग़ज़ल 1 132 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 16 Oct 2022 · 1 min read गर लगे आग तुम बुझाना मत गर लगे आग तुम बुझाना मत *********************** गर लगे आग तुम बुझाना मत, ढूंढता राह कुछ बताना मत। वो खड़ा साथ सदा बन हमदम, तुम कभी प्रेम को जताना मत।... Hindi · कविता 151 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 14 Oct 2022 · 1 min read नदी सा बहक जाऊं ****** नदी सा बहक जाऊं ****** ***************************** नदी सा बहक मैं जाऊं तेरी राहों में, लहरों सा मचल जाऊं तेरी बाँहों में। उड़ता-उड़ता गिर जाऊं तेरी गोदी में, बन पखेरू... Hindi · कविता 2 105 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 13 Oct 2022 · 1 min read करवाचौथ दिवस मनाना हो करवा-चौथ दिवस मनाना हो ********************** प्रियतम का साथ सुहाना हो, खुशियों का भरा खजाना हो। चौथ-चंद्रमा पहर चला आया, करवा-चौथ दिवस मनाना हो। तुम बिन मैं नहीं मेरे बिन तुम,... Hindi · कविता 107 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 12 Oct 2022 · 1 min read फ़लक से उतरी नूर मेरी महबूबा * फ़लक से उतरी नूर मेरी महबूब * *************************** फ़लक से उतरी नूर मेरी महबूब है, परियों सी सुंदर हूर मेरी महबूब है। चढ़ जाए इश्क़िया रंग तन-मन में, इश्क... Hindi · कविता 1 218 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 11 Oct 2022 · 1 min read चिराग योजना * चिराग योजना ने बुझा दी शिक्षा की तकदीर * ************************************* चिराग -योजना ने बुझा दी शिक्षा की तकदीर रै, कौन सुनेगा कौन बदलेगा बालकां की तस्वीर रै। अनपढ़ नेता... Hindi · कविता 106 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 11 Oct 2022 · 1 min read जमीं पर चाँद हो उतरा जमीं पर चाँद हो उतरा ****************** जमीं पर चाँद हो उतरा, जो आये दर पर हमारे। सितारे बारात में आये, चाँदनी रात के नज़राने। खिली है खूब फुलवारी बाग -... Hindi · कविता 219 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 11 Oct 2022 · 1 min read ओस की बूंदें ******* ओस की बूंदें ******** ************************** जमीं पर जमी है ओस की बूंदें, निर्मल निश्छल हैं ओस की बूंदें। नभ से गिरी हैं बनकर सी मोती, दूषण से बड़ी दूर... Hindi · कविता 99 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Oct 2022 · 1 min read जगजीत की याद में *** जगजीत की याद में **** ************************ गजलकार तो बहुत हैं जहां में, पर जैसा कोई जगजीत नहीं। होंठों को छू कर थी दिखाई, देखी ऐसी कोई प्रीत नहीं। उन्हें... Hindi · कविता 2 1 120 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 10 Oct 2022 · 1 min read प्रभु लीला ******* प्रभु-लीला ******** ************************ हे!मालिक रखो हमें चरणों में, हर पल बीते तुम्हारे चरणों में। हम बन्दे सारे मूर्ख अज्ञानी, तेरी लीला हमने नहीं जानी, तन-मन सींच लो तेरे चरणों... Hindi · कविता 145 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 Oct 2022 · 1 min read गहरी नींद सुला दिया **** गहरी नींद सुला दिया ***** *************************** सपनों को गहरी नींद सुला दिया, तारों को महफ़िल में बुला लिया। रात चाँदनी सितारों भरी बारात है। चाँद सी दुल्हन से था... Hindi · कविता 1 188 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 9 Oct 2022 · 2 min read सरकारी स्कूलां दी *हालत हो मंदी सरकारी स्कूलां दी (पंजाबी)* *********************************** हालत होगी मंदी कहिंदे सरकारी स्कूलां दी, पढ़ाई होई ठप कहिंदे सरकारी स्कूलां दी। मारी जांदे न वड्डे गप कोई ख़ोज खबर... Hindi · कविता 133 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 8 Oct 2022 · 2 min read बड़े बड़ेरूआं ने सरकारी स्कूल बनाये बड़े बड़ेरूआं ने सरकारी स्कूल बनाये (हरियाणवी) **************************************** बड़े - बड़ेरूआं ने धरती दे के सरकारी स्कूल बनाये, तन-मन-धन की सेवा दे के सरकारी स्कूल बनाये। नयी पीढ़ी या पढ़... Hindi · गीत 104 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Oct 2022 · 1 min read जन शिक्षा मंच संघर्षशील है *जन शिक्षा मंच संघर्षशील है* ************************ जन शिक्षा मंच संघर्षशील है, स्वीकार नहीं कोई भी ढील है। हाकम हुआ अत्याचारी जहाँ, होती जन गण हानि भारी वहाँ, खोपड़ी में घोपी... Hindi · गीत 226 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 7 Oct 2022 · 1 min read धुंआ धीरे धीरे सुलगता है ** धुंआ धीरे-धीरे सुलगता है ** ************************* वक्त हाथ से जब निकलता है, आदमी रहता हाथ मसलता है। खुद ही करता रहता नादानियाँ, खामख्वाह औरों पर बरसता है। कोई क्या... Hindi · कविता 90 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 6 Oct 2022 · 1 min read शिकवा शिकायत नही ** शिकवा शिकायत नहीं ** *********************** कोई शिकवा शिकायत नहीं, कोई भी की बगावत नहीं। नजरों से दूर रहते सदा, मुख पर आई हिमाक़त नहीं। खोये - खोये दिखे वो... Hindi · ग़ज़ल 144 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Oct 2022 · 1 min read विजयदशमी दशहरा ******* विजयदशमी दशहरा ******** ******************************** विजयदशमी दशहरा पवित्र त्यौहार है, अच्छाई के सामने हर बुराई की हार है। रावण अहंकारी अहम में रहा डूबा सदा, सादगी से भरपूर श्रीराम की... Hindi · कविता 82 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 5 Oct 2022 · 1 min read वक्त ही वक्त पर वक्त न था * वक्त ही वक्त पर वक्त न था * ************************* मैं तुम हम थे पर वक्त न था, मिलने को कभी अनुरक्त न था। मिला कभी वक्त तुमको ज़रा, दो... Hindi · कविता 88 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 4 Oct 2022 · 1 min read पतझड़ से झड़ते अरमान **पतझड़ से झड़ते अरमान** ************************ पतझड़ से झड़ते अरमान हैं, बिक चुका जीने का सामान हैं। दिखावा बना देता कर्ज़दार है, ऊँची दुकान फीका पकवान है। दुख का कोई भी... Hindi · कविता 112 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 1 Oct 2022 · 1 min read मिलकर हम कदम बढ़ाएंगे मिल कर हम कदम बढ़ाएंगे ********************** मिलकर हम कदम बढ़ाएंगे, हर हक अपना हम पाएँगे। कितना भी पथ कंटीला हो, दुश्मन का पंजा पीला हो, जीत का परचम लहराएंगे। मिलकर... Hindi · कविता 255 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 29 Sep 2022 · 1 min read हरदम मिलती मात है हर दम मिलती मात हैं ****************** पल दो पल की बात है, होने वाली रात है। समझो कीमत वक्त की, खाली दोनों हाथ है। कीमत कब है जानता, ख़तरे में... Hindi · ग़ज़ल 1 107 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 29 Sep 2022 · 1 min read सेवानिवृत्ति बीरभान **** सेवानिवृत्ति ******* *********************** बेला सेवानिवृत्ति की आई। नम आँखों से दे हम विदाई। सादगी भरा साथ तुम्हारा था, सच में ही बड़ा जो प्यारा था, साथ चलेगी तेरी परछाई।... Hindi · कविता 88 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 28 Sep 2022 · 1 min read मंजिल बहुत करीब है मंजिल बहुत करीब है ****************** मंजिल बहुत करीब है, सोये मिरे नसीब है। खुद पर यकीं नही रहा, भाग्य ही बदनसीब है। कोई सखा मिला नहीं, दुनिया बड़ी अजीब है।... Hindi · ग़ज़ल 113 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 27 Sep 2022 · 1 min read मन मे जो गहरी पीर है मन में जो गहरी पीर है ******************* मन में जो गहरी पीर है, देती वो दिल को चीर है। दामन है यादों से भरा, आँखों मे भरता नीर है। राँझा... Hindi · कविता 108 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 26 Sep 2022 · 1 min read हर बात में तेरा जिक्र है *हर बात में तेरा जिक्र है* ******************** हर बात में तेरा जिक्र है, क्योंकि हमें तेरी फिक्र है। मैं और तुम नहीं हम सके, भाग्य में लिखा हिज्र है। तू... Hindi · कविता 102 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 Sep 2022 · 1 min read परियों की रानी बिटिया रानी ** परियों की रानी बिटिया रानी ** **************************** बेटा जो जन्मे घर में खुशी मनाते हैं, बेटी होने पर गमी में दुख जताते हैं। कुदरत के दो रंग क्यो करे... Hindi · कविता 187 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 25 Sep 2022 · 1 min read सुन ओ बारिश कुछ तो रहम कर *** सुन ओ बारिश कुछ तो रहम कर *** ********************************* सुन ओ बारिश किसान पर कुछ रहम कर, डूब रही अथक मेहनत कुछ तो रहम कर। लहराती फसलें देख खुश... Hindi · कविता 125 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 24 Sep 2022 · 1 min read जीने को तेरी एक याद काफी है जीने को तेरी बस एक याद काफी है ****************************** जीने को तेरी बस एक याद काफी है, मिलोगे कभी तुम यही मुराद काफ़ी है। ख्वाबों में अपने सजाया है तुझको,... Hindi · गीत 177 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 Sep 2022 · 1 min read नहीं कोई यहाँ अपना ***नहीं कोई यहाँ अपना*** *********************** नहीं कोई यहाँ अपना है, सज़ा झूठा रखा सपना है। बता तो दो तरीका ऐसा, भला कैसे सुखी रखना है। जिगर में आग की लपटें... Hindi · ग़ज़ल 1 124 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 23 Sep 2022 · 1 min read हर पल मरते रोज हैं ****हर पल मरते रोज़ हैं**** *********************** हर पल हर दम मरते रोज़ हैं, गम पी कर भी करते मौज हैं। औरों को खुश कर देखा यहाँ, पर खुद के सिर... Hindi · कविता 84 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 22 Sep 2022 · 1 min read बारिश की फुहार बारिश की फुहार ************* बारिश की फुहार, धो डालती है, फूल,पत्ती,पेड़ों पर जमीं धूल, तरोताज़ा शुद्ध हो जाती है आबोहवा, जो काम करती है बन कर दवा, मिटा देती है... Hindi · कविता 155 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 21 Sep 2022 · 1 min read शहर में दम घुटता है **शहर में दम घुटता है** ******************** शहर में अब दम घुटता है, रहे बी.पी.घटता बढ़ता है। दफ़न हैं यादें बचपन की, पच्चपन में गम मिलता है। कभी गुजरे हम कूचों... Hindi · ग़ज़ल 1 125 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 21 Sep 2022 · 1 min read विद्या की देवी हे शारदे माँ ** विद्या देवी हे शारदे माँ ** *********************** विद्या की देवी हे शारदे माँ। विद्या का दे दान हे शारदे माँ। हम हैं अज्ञानी हम हैं नादान, शब्दों का हम... Hindi · गीत 2 119 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Sep 2022 · 1 min read बदलाव ******* बदलाव ******* ********************* यह कैसा बदलाव है भाई, शिक्षा का बुरा हाल है भाई। जो थे कन्या स्कूल बनवाये, खत्म किये कमाल है भाई। बेटी पढ़ाओ का देकर नारा,... Hindi · कविता 1 205 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 20 Sep 2022 · 1 min read प्रभु संग प्रीत लगाई **** प्रभु संग प्रीत लगाई ***** ************************** प्रभु जी मेरे तुम संग प्रीत लगाई। तेरे ही चरणों में है जन्नत समाई। धरती पर हम जैसे हैं व्यभिचारी, मैं में हैं... Hindi · गीत 1 104 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 Sep 2022 · 1 min read सुनो सखी एक बात बताऊँ सुनो सखी एक बात बताऊँ ********************** सुनो सखी एक बात बताऊँ, बात बता तुम्हें गले लगाऊँ। यह दुनिया चतुर चालाक है, सो टके की बात समझाऊँ। मौकापरस्ती में रंगे लोग... Hindi · कविता 107 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 19 Sep 2022 · 1 min read बस्तों में मिलती अब शराब है बस्तों में मिलती अब शराब है *********************** हो गई शिक्षा पद्धति खराब है, बस्तों में मिलती अब शराब है। मानक मूल्यों की गिरावटें हैं, पीने को आतुर सब तेज़ाब हैं।... Hindi · कविता 74 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 18 Sep 2022 · 1 min read नारी मंथन ****** नारी-मंथन ****** ********************* नारी चाहती सुन्दर काया। होनी चाहिए पर्स में माया। चाँद - चकोरी रंग की गौरी, कोमल जैसे सूत की डोरी, देख पुरुष ने गीत गाया। नारी... Hindi · गीत 133 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 17 Sep 2022 · 1 min read अपना शहर बेगाना हुआ * अपना शहर बेगाना हुआ * *********************** अपना शहर बेगाना हुआ, ऐसा इधर अफ़साना हुआ। जब भी मिला वो प्यारा लगा, हर वो शख़्श दीवाना हुआ। देखे हमें उनको सालों... Hindi · ग़ज़ल 70 Share सुखविंद्र सिंह मनसीरत 16 Sep 2022 · 1 min read कोई साथी पास नही *** कोई साथी पास नहीं *** *********************** कोई साथी है पास नहीं, मिलने की कोई आस नहीं। बदले - बदले अहसास यहाँ, सब हैं मालिक पर दास नहीं। बिखरे -... Hindi 127 Share Previous Page 10 Next