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ये बेपरवाही जंचती है मुझ पर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यूं अपनी जुल्फों को संवारा ना करो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
किस तरफ़ शोर है, किस तरफ़ हवा चली है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अब तो चरागों को भी मेरी फ़िक्र रहती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
उस बेवफ़ा से क्या कहूं
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
गुज़रे वक़्त ने छीन लिया था सब कुछ,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मुझे अब भी घर लौटने की चाहत नहीं है साकी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जिंदगी के रंगों को छू लेने की,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ज़िंदगी सौंप दी है यूं हमने तेरे हवाले,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इबादत: एक अलौकिक शक्ति
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नशा-ए-दौलत तेरा कब तक साथ निभाएगा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तस्वीरों में तुम उतनी कैद नहीं होती हो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कुछ लोग चांद निकलने की ताक में रहते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नशे की दुकान अब कहां ढूंढने जा रहे हो साकी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
चांद भी आज ख़ूब इतराया होगा यूं ख़ुद पर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इस क़दर उलझा हुआ हूं अपनी तकदीर से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
गम भुलाने के और भी तरीके रखे हैं मैंने जहन में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हर रात उजालों को ये फ़िक्र रहती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मैं हर रोज़ देखता हूं इक खूबसूरत सा सफ़र,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रात भी तन्हाई भरी काटना ऐ मेरे दोस्त,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यूं तन्हाई में भी तन्हा रहना एक कला है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
एक बूढ़ा बरगद ही अकेला रहा गया है सफ़र में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अब देख लेने दो वो मंज़िल, जी भर के साकी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
शुकून भरा पल
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"बचपन यूं बड़े मज़े से बीता"
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
यूं ही नहीं कहते हैं इस ज़िंदगी को साज-ए-ज़िंदगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
उलझन है मेरे दिल में, भरी हुई हर पल में
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ज़िंदगी के रंग थे हम, हँसते खेलते थे हम
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इश्क़ चाहत की लहरों का सफ़र है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हर-सम्त देखा तो ख़ुद को बहुत अकेला पाया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इस क़दर फंसे हुए है तेरी उलझनों में ऐ ज़िंदगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हमें ईश्वर की सदैव स्तुति करनी चाहिए, ना की प्रार्थना
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पल भर तमाशों के बीच ज़िंदगी गुजर रही है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पिता की लाडली तो हर एक बेटी होती है, पर ससुर जी की लाडली होन
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मां का लाडला तो हर एक बेटा होता है, पर सासू मां का लाडला होन
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कूच-ए-इश्क़ में मुहब्बत की कलियां बिखराते रहना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इक सांस तेरी, इक सांस मेरी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"गुरु का ज्ञान"
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इक रोज़ हम भी रुखसत हों जाएंगे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
क्यों गुजरते हुए लम्हों को यूं रोका करें हम,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
संतान को संस्कार देना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
स्त्री सबकी चुगली अपने पसंदीदा पुरुष से ज़रूर करती है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जलाना था जिस चराग़ को वो जला ना पाया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बच्चों के खुशियों के ख़ातिर भूखे पेट सोता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हम तो मर गए होते मगर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Hope in my Heart
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दिल में उत्तेजना और उम्मीदें ज़र्द हैं
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कुछ लोग कहते हैं कि मुहब्बत बस एक तरफ़ से होती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जगमगाते बच्चों की चमक दिल को भाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इश्क़ का ख़याल
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"