Minal Aggarwal 1149 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 12 Next Minal Aggarwal 13 Nov 2021 · 1 min read जो जिन्दगी की राह पर जो जिन्दगी की राह पर ज्यादा तेज दौड़ते हैं ठोकर खाकर आखिर गिरते भी वही हैं। मीनल सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज सासनी गेट, आगरा रोड अलीगढ़ (उ.प्र.)... Hindi · कविता 1 1 273 Share Minal Aggarwal 12 Nov 2021 · 1 min read वह मोहब्बत ही क्या वह मोहब्बत ही क्या जहां खुद को हमेशा साबित करते रहना पड़े। मीनल सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज सासनी गेट, आगरा रोड अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001 Hindi · कविता 2 2 354 Share Minal Aggarwal 12 Nov 2021 · 1 min read कत्ल का ताल्लुक कत्ल का ताल्लुक कातिल से ही नहीं उस सारे जमाने से है जिसने उसे होते देखा ही नहीं। मीनल सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज सासनी गेट, आगरा रोड... Hindi · कविता 1 340 Share Minal Aggarwal 12 Nov 2021 · 1 min read झूठ का यह एक विशालकाय किला है झूठ का तो कभी न ढहने वाला यह एक विशालकाय किला है हरम में अपनी औरत के साथ दिन रात उसका चाहने वाला पड़ा है तो इसे भेदना तो असम्भव... Hindi · कविता 1 273 Share Minal Aggarwal 11 Nov 2021 · 1 min read इस तरह की औरतें कभी एक देवी का सजा हुआ दरबार तो कभी एक वेश्या का कोठा इस तरह की औरतें मेरी समझ से बाहर मेरी कल्पना शक्ति से परे। मीनल सुपुत्री श्री प्रमोद... Hindi · कविता 1 356 Share Minal Aggarwal 11 Nov 2021 · 1 min read याद की किश्ती मेरी याद की किश्ती मेरी यादों के दरिया में डूबने वाली है यादों की पोटली का बोझ बढ़ता ही जा रहा है अब न इसमें किसी की याद का एक पांव... Hindi · कविता 159 Share Minal Aggarwal 11 Nov 2021 · 1 min read बस जी लो किसने क्या पाया किसने क्या खोया यह पहेलियां बुझानी छोड़ो कोई हल नहीं मिल पायेंगे जिन्दगी जिसको जैसी मिली है बस जी लो जहर भी मिले पीने को तो उसे... Hindi · कविता 442 Share Minal Aggarwal 10 Nov 2021 · 1 min read अमर वह हंसते रहे हम रोते रहे सितम पर सितम सहते रहे कुछ लिखते रहे कुछ कहते रहे उम्र के बहाव में वह खाक में मिलते गये हम सोना बन निखरते... Hindi · कविता 342 Share Minal Aggarwal 10 Nov 2021 · 1 min read यह यादों की श्रृंखला किसी को याद करते करते वह भी एक याद बन गई उन्हें याद करते करते मैं भी एक याद बन जाऊंगी पर यह यादों की श्रृंखला एक रोज टूट कर... Hindi · कविता 185 Share Minal Aggarwal 10 Nov 2021 · 1 min read इस जीवन में फिर अभी यह दृश्य है अगले पल नहीं होगा आज यह जीवन है कल नहीं होगा इस जीवन में फिर क्यों न कुछ ऐसा कर जायें जीते जी किसी के काम... Hindi · कविता 163 Share Minal Aggarwal 9 Nov 2021 · 1 min read कितना कमजोर है यह आदमी नाम का जीव कितना खायेगा पेट फट जायेगा अपनी शवयात्रा में अपने शव के साथ अपने पेट से जो सारी उम्र खाया क्या उसे बांधकर भी अपने साथ ले जायेगा कितना कमजोर है... Hindi · कविता 224 Share Minal Aggarwal 9 Nov 2021 · 1 min read जीवन रूपी गाड़ी की यात्रा सब यात्रीगण कृपया इस जीवन रूपी गाड़ी में अपने अपने स्थान पर आरामपूर्वक बैठ जायें और आपस में यह विचार विमर्श करें कि उन्हें यह यात्रा कैसे पूरी करनी है... Hindi · कविता 427 Share Minal Aggarwal 9 Nov 2021 · 1 min read कोयल नहीं जानती कि वह कोयल है कोयल नहीं जानती कि वह कोयल है वह मिसरी की डली सी मीठी है शहद सी उसकी वाणी वह सुंदर है या कुरूप वह कूकती है तो मंत्रमुग्ध हो जाता... Hindi · कविता 190 Share Minal Aggarwal 8 Nov 2021 · 1 min read दिल नहीं होगा तो दिल नहीं होगा तो यह जहान एक कब्रिस्तान होगा पैदा होने से मौत तक का जिन्दगी का सफर कटेगा एक रेगिस्तान में पसरी बियाबान तन्हाई सा डोली उठनी जो होगी... Hindi · कविता 1 175 Share Minal Aggarwal 8 Nov 2021 · 1 min read मेरे न रहने पर फिर मेरे होने को कौन समझ रहा है मेरे जाने को भी कोई कुछ नहीं समझेगा मेरा जीवन होते हुए भी मुझे कोई भरपूर काम नहीं करने देते मेरे न रहने... Hindi · कविता 190 Share Minal Aggarwal 8 Nov 2021 · 1 min read तुम्हारी तपिश चाहिए तुम एक सूरज हो या सौ सूरज को मिलाकर एक सूरज हो मैं तो सूरजमुखी का आंचल लहराती बाग की मिट्टी से उगती एक खिलती कली हूं मुझे खिलने के... Hindi · कविता 181 Share Minal Aggarwal 7 Nov 2021 · 1 min read बंद कमरे के आसमान से कैद में भी जन्नत होती है गर खुदा के कैदखाने में बंद कैदी पर इनायत होती है अंधेरे में भी रोशनी दिखती है मायूसी में भी रंगीनी दिखती है बंजर... Hindi · कविता 1 203 Share Minal Aggarwal 7 Nov 2021 · 1 min read बुझने वाली है इस शमा की लौ बुझने वाली है इस शमा की लौ आगे बढ़कर बुझने से बचा ले इसे किसी रोशन दीये से मिलवाकर रोशन कर दे इसे मरने से पहले इसे कह जिन्दगी को... Hindi · कविता 1 343 Share Minal Aggarwal 7 Nov 2021 · 1 min read अपनी अपनी दुनिया में अपनी अपनी दुनिया में सब मशगूल हैं बिताये थे जो पल कभी संग हमारे प्यार भरे वह लगता है तुम नहीं कोई और थे अब जिनके साथ हो क्या उन्हें... Hindi · कविता 318 Share Minal Aggarwal 6 Nov 2021 · 1 min read प्रेम तो फिर आखिर प्रेम ही है प्रेम के भी अनगिनत अर्थ होते हैं मेरे लिए कुछ तुम्हारे लिए कुछ और ही पर प्रेम तो फिर आखिर प्रेम ही है ना जो प्रेम करने वाले का मनन... Hindi · कविता 180 Share Minal Aggarwal 6 Nov 2021 · 1 min read कांच के बर्तन से टूट रहे कांच के बर्तन से टूट रहे हैं दिल की तन्हाई में दूर से आती कोई शहनाई की धुन भी पर कानों को सुन रही है इन बेरुखी सी रुसवाइयों में... Hindi · कविता 1 375 Share Minal Aggarwal 6 Nov 2021 · 1 min read बुझा है वह दीपक बुझा है वह दीपक दुनिया वालों के लिए मुझे तो उसकी लौ अब भी जलती दिखती है गुमनामी के अंधेरे गलियारों में तुम्हें कैसे खो जाने दूंगी जब एक रोशनी... Hindi · कविता 182 Share Minal Aggarwal 5 Nov 2021 · 1 min read उस भटकते दीवाने को प्रकट हुआ छिप गया अस्त हुआ यह सूरज मेरे लिए अगली सुबह जो उगा किसी के घर की छत की दीवार के पीछे से तो दोपहर तक डटा रहा उसके... Hindi · कविता 169 Share Minal Aggarwal 5 Nov 2021 · 1 min read दरिया दिल दिल ही नहीं है सीने में और दरिया दिल बना घूमता फिरता है इस दुनिया के दरिया में इस ढोंग और दिखावे में अपना सब कुछ बह गया फिर एक... Hindi · कविता 249 Share Minal Aggarwal 5 Nov 2021 · 1 min read बस कभी दिल भरता न जाये दिल कह रहा है कोई सुन रहा है एक तरफ से खाली हो रहा है तो दूसरी तरफ से भर रहा है भरता रहे खाली होता रहे बस ऐसे ही... Hindi · कविता 182 Share Minal Aggarwal 4 Nov 2021 · 1 min read मोहब्बत का फूल खिला है मोहब्बत का फूल खिला है सिर्फ और सिर्फ मोहब्बत करने वालों के लिए नफरत करने वालों की इस मोहब्बत के गुलशन में कोई जगह नहीं वह मोहब्बत की नगरी के... Hindi · कविता 245 Share Minal Aggarwal 4 Nov 2021 · 1 min read ऐ दीपक की लौ ऐ दीपक की लौ तू बुझ मैं तुझे जलाऊंगी जब तक यह शमा जल रही है तुझे बुझने न देगी चाहे सब कुछ खत्म हो जाये इस कायनात में मैं... Hindi · कविता 171 Share Minal Aggarwal 4 Nov 2021 · 1 min read अपने जीवन की बगिया को अपने घर को रंगों से सजाते रहो खुशबुओं से महकाते रहो रोशनियों के दीयों से जगमगाते रहो लोगों का तो काम ही है गुलशन की बहारों को हरदम उजाड़ना उन्हें... Hindi · कविता 266 Share Minal Aggarwal 3 Nov 2021 · 1 min read एक कदम प्यार का उठाते ही एक कदम प्यार का उठाते ही वह उसमें नफरत की चिंगारी दाग देती है उसमें आग लगा देती है मोहब्बत का आशियाना बस अपना बसाना चाहती है सबके साथ दूसरे... Hindi · कविता 245 Share Minal Aggarwal 3 Nov 2021 · 1 min read मोहब्बत की आस को मोहब्बत को टुकड़ा टुकड़ा कर दिया चीथड़ों में उड़ा दिया किसी ने किसी के मरने से पहले ही उसके दिल में पलती मोहब्बत की आस को जिन्दा जला दिया राख... Hindi · कविता 195 Share Minal Aggarwal 3 Nov 2021 · 1 min read अफसोस खुद के दिल में अपने किसी के मरने का गम नहीं और पूछता फिर रहा है कि कोई आया नहीं उसके पास अफसोस करने अरे खुद तो जो मरा है... Hindi · कविता 189 Share Minal Aggarwal 2 Nov 2021 · 1 min read उस कातिल से जिसने कत्ल किया वही जिसने होते देखा और वह जिसने किया और जिसे पता है कि उसने उसे होता देखा से ही बड़ी मासूमियत से पूछ रहा है कि यह... Hindi · कविता 178 Share Minal Aggarwal 2 Nov 2021 · 1 min read एक सुंदर छवि कोई बात तुम्हारे बारे में तुमसे अकेले में धीरे से कही जा सकती है लेकिन फिर मेरी इस दुनिया में एक सुंदर छवि कैसे बनेगी कि मैं तुम्हारी शुभचिंतक हूं... Hindi · कविता 848 Share Minal Aggarwal 2 Nov 2021 · 1 min read बिना किताब खोले चलो आज सामने पड़ी है कई मुद्दतों के बाद मिली है मुश्किल से हाथ लगी है इसकी इज्जत की परत दर परत धज्जियां उड़ाते हैं इसके आत्मविश्वास को डगमगाते हैं... Hindi · कविता 325 Share Minal Aggarwal 1 Nov 2021 · 1 min read मन्दिर की देहरी पर बैठी मैं एक जंगल में बने एक छोटे से मन्दिर की देहरी पर बैठी मैं एकांत में अकेली न मन्दिर के पट खुले न कोई पुजारी न ही कोई दर्शनार्थी आया न... Hindi · कविता 269 Share Minal Aggarwal 1 Nov 2021 · 1 min read मैं इस सृष्टि का ही एक अंश एक पल में एक जगह बैठी बैठी मैं लगा लेती हूं पूरे ब्रह्मांड का एक चक्कर मैं भी तो इस सृष्टि का ही एक अंश हूं पता लगा लेती मैं... Hindi · कविता 182 Share Minal Aggarwal 1 Nov 2021 · 1 min read काश मैं एक काठ का फूल होती काश मैं एक काठ का फूल होती कहीं से भी कोमल न होती कोई भूले से भी छूने की कोशिश करता मुझे तो उसपर सोते जागते हमेशा ही एक नासमझ... Hindi · कविता 450 Share Minal Aggarwal 31 Oct 2021 · 1 min read मैं एक गुलाब हूं मैं एक गुलाब हूं बेहिसाब कांटों से घिरा या खुदा तुम्हें मुझे इतने कांटों की चुभन देनी थी तो इतना खूबसूरत बनाया क्यों इतना कोमल इतना शीतल इतना पावन भीतर... Hindi · कविता 1 1 211 Share Minal Aggarwal 31 Oct 2021 · 1 min read अभी से परछाइयां अभी तो हम जिन्दा हैं तन से भी मन से भी अभी से हम सब परछाइयां क्यों बने एक दूसरे से बिना बात करे एक दूसरे को बिना देखे एक... Hindi · कविता 177 Share Minal Aggarwal 31 Oct 2021 · 1 min read यह मेरे बदन की खुशबू है यह मेरे बदन की खुशबू है हो न हो तुमने चुराई है महक रहे तुम हर रात मेरे खयालों में आकर मैं कैसे लूं अपनी खोई चीज अपने ख्यालों में... Hindi · कविता 216 Share Minal Aggarwal 30 Oct 2021 · 1 min read आखिरी सलाम शमा कभी पिघल जाती है कभी एकाएक पिघलती हुई धधककर जल उठती है न जाने उम्र भर किसके लिए जली किसके लिए पिघली जाते जाते भी फिर न जाने कौन... Hindi · कविता 1 1 379 Share Minal Aggarwal 30 Oct 2021 · 1 min read मोहब्बत के सफर में कभी रात अकेली होती है तो कभी चांद के साथ रात मोहब्बत के सफर में कभी अपना एक कदम पीछे नहीं हटाती चांद बेशक उससे बचने के लिए खुद को... Hindi · कविता 1 1 408 Share Minal Aggarwal 30 Oct 2021 · 1 min read किन पापों की सजा बिना किसी ठोस कारण किसी को तकलीफ देते रहना उसे नुकसान पहुंचाते रहना उसका दर्द बढ़ाते रहना यह कहां की इंसानियत है धर्म है कर्म है ऐ इंसान तू जो... Hindi · कविता 1 1 271 Share Minal Aggarwal 29 Oct 2021 · 1 min read इस पेड़ के तने पर इस पेड़ के तने पर यह शख्स कितनी कीलें गाड़ेगा अब तो कोई स्थान ही नहीं बचा शेष कभी कोई प्रीत का या आस्था का धागा भी बांधकर देख ले... Hindi · कविता 180 Share Minal Aggarwal 29 Oct 2021 · 1 min read रंग उड़ता है धीरे धीरे रंग उड़ता है धीरे धीरे जल में घुलता है धीरेे धीरे समय रहते कुछ पता नहीं पड़ता दिल को कुछ समझ नहीं आता इन चेहरों पर लगी दो आंखों को... Hindi · कविता 197 Share Minal Aggarwal 29 Oct 2021 · 1 min read हृदय के जंगल में इस समाज में इतनी क्रूरता क्यों बढ़ती जा रही है मोहब्बत के पेड़ को नफरत की आंधी उसकी जड़ों से क्यों काट रही है टांग देते हैं लोग मारकर किसी... Hindi · कविता 1 1 234 Share Minal Aggarwal 28 Oct 2021 · 1 min read इस घर में बसती है एक देवी लौटकर आना था मेरे द्वार तो फिर मुझे तन्हा छोड़कर कहीं चले क्यों गये थे अब लगता है उजड़ गया है तुम्हारा संसार तो बहारों की ओर चले हो ले... Hindi · कविता 203 Share Minal Aggarwal 28 Oct 2021 · 1 min read आज इस कांच के बर्तन को आज मेरे हाथ से फिसलकर इस कांच के बर्तन को टूटना ही था एक न एक दिन जाने का तो सबका मुकर्रर होता है चाहे फिर वह कोई चीज हो... Hindi · कविता 193 Share Minal Aggarwal 28 Oct 2021 · 1 min read किसी फूल के किसी फूल के आकार प्रकार उसकी रंग सुगन्ध पर क्यों जाते हो उसे बस फूल समझो इतना काफी है कम से कम वह चुभता नहीं किसी कांटे सा स्पर्श देता... Hindi · कविता 185 Share Minal Aggarwal 27 Oct 2021 · 1 min read दर्द की इन्तहा यह दर्द की इन्तहा है या बस महज शुरुआत यह जानना अभी तो मुश्किल है गर सांसों के चलते बढ़ा तो कह पाने की स्थिति में होंगे कि पहले कम... Hindi · कविता 240 Share Previous Page 12 Next