डॉ.सीमा अग्रवाल 524 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 11 डॉ.सीमा अग्रवाल 16 Dec 2020 · 1 min read जान है तो जहान है.... ("कोरोना" विषय पर काव्य प्रतियोगिता हेतु) जान है तो जहान है.... न सँभले हैं हालात अभी और कुछ दिन घर में रहो ख्याल रखो अपना-अपनों का न बीच शहर में रहो संयम से रह किसी तरह... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 11 57 789 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 25 Nov 2020 · 1 min read जागो-उठो हे कमलाकांत.... जागो-उठो हे, कमला-कांत .... पाप शमित हों, ग्रह हों शांत जागो-उठो हे, कमला-कांत ! आषाढ़ शुक्ल- एकादशी चले चातुर्मास शयन को दुख-भँवर में घिर गये हम दर्शन दुर्लभ हुए नयन... Hindi · कविता 2 381 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 20 Apr 2020 · 2 min read कोरोना गीत गो कोरोना, गो कोरोना.... ये करो ना वो करो ना क्या करो और क्या करो ना आयी कैसी मनहूस घड़ी ये जां साँसत में आ रहा रोना गो कोरोना, गो... Hindi · गीत 4 10 476 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 18 Apr 2020 · 1 min read खग-मृग कुल में बात चली है.... खग-मृगकुल में बात चली है.... भाखा किसकी हाय फली है सूनी शहर की हर गली है काँप रही है दुनिया थरथर बैठा सर पर काल बली है दिन बीता अफरातफरी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 368 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 25 Oct 2018 · 1 min read कातिक पूनम की चांदनी... कातिक पूनम की चाँदनी छिटकी मदिर उन्मादिनी ढुलका रही अमृत-कलश हुई रात नशीली कासनी जुन्हाई न्हाई गुराई निशा कोमल कमनीय कामिनी देख रूप मंद-मंद मुस्काए हो आत्मविमुग्धा यामिनी पसरी अलसाई... Hindi · कविता 2 288 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 22 Oct 2018 · 1 min read जीवन इतना आसान कहाँ--- जीवन इतना आसान कहाँ--- जीवन इतना आसान कहाँ जीने लायक सामान कहाँ विचरते हैं शैतान जमीं पर मिलता अब इन्सान कहाँ मुखौटे लगे खोटे चेहरों पर सहज सरल मुस्कान कहाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 607 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 23 Apr 2018 · 1 min read आओ पुनर्निर्माण करें.... चहुँ ओर बरबादी का मंजर दिखाई देता है ! नहीं सुरक्षित अब कोई घर दिखाई देता है !! अपना या पराया कहें किसे हम और कैसे ! हर एक हाथ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 248 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 23 Apr 2018 · 1 min read आओ पुनर्निर्माण करें.... चहुँ ओर बरबादी का मंजर दिखाई देता है ! नहीं सुरक्षित अब कोई घर दिखाई देता है !! अपना या पराया कहें किसे हम और कैसे ! हर एक हाथ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 363 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 18 Apr 2018 · 1 min read जीने को ये जहान चाहिए... जीने को ये जहान चाहिए उड़ने को आसमान चाहिए रात में चाहूँ चाँद तो क्या दिन में तो दिनमान चाहिए जीवन जीवट संग जीने को सुलगता एक अरमान चाहिए जो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 304 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 10 Apr 2018 · 1 min read आरक्षण... आरक्षण के नाम पर, प्रतिभा का हो रहा हनन ! क्या यह अन्याय नहीं है, मन में करो मनन !! मन में करो मनन, ए ! कानून बनाने वालों !... Hindi · कविता 1 338 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 10 Apr 2018 · 1 min read पानी है जब तक, जीवन है.... बसता है जीवन पानी में खिलता है जीवन पानी में सूरज का गोला भी थककर पाए नव जीवन पानी में नेह-निमंत्रण पा उदधि का उतर आए चंदा भी पानी में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 507 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 7 Apr 2018 · 1 min read हुईं आज से हम-तुम समधन.... पाया हम दोनों ने सम धन हुईं आज से हम-तुम समधन मैंने तुमसे और तुमने मुझ से पाया न रत्तीभर भी कम धन 'सभ्या' मिसाल है सभ्यता की मूरत ये... Hindi · कविता 2 756 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 7 Apr 2018 · 1 min read मैं तो अकेली चलती चलूंगी... मैं तो अकेली चलती चलूँगी, धुन में अपनी मंजिल की, परवाह न मुझको काँटों की, चाह न किसी बुजदिल की। छुपकर कितने ही वार करे, ओछी हरकत औ घात करे,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 616 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 7 Apr 2018 · 1 min read मैं तो अकेली चलती चलूंगी... मैं तो अकेली चलती चलूंगी, धुन में अपनी मंजिल की परवाह नहीं मुझे कांटों की, चाह न किसी बुजदिल की छुपकर कितने ही वार करे, ओछी हरकत औ घात करे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 314 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 6 Apr 2018 · 1 min read तब दर्द तो दिल को होता है .... झूठ के जब पाँव पसरते सच एक कोने में रोता है । गम खाने वाला, रात को आँसू पीकर जब सोता है । तब दर्द तो दिल को होता है... Hindi · कविता 1 281 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 30 Jul 2017 · 1 min read आई पावस ऋतु मनभावन आई पावस ऋतु मनभावन घनन-घनन-घन बरसे सावन हुलस रहा सृष्टि का कन-कन अद्भुत ये कुदरत का आँगन सूखतीं नदियाँ, ताल, सरोवर सूखी हरियाली, सूखे उपवन इतना बरसो आज तुम बदरा... Hindi · कविता 1 423 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 24 Nov 2016 · 1 min read कहाँ गए मेरे दिन वे सुनहरे.... कहाँ गए मेरे दिन वे सुनहरे ! संबंध सुखों से जब थे गहरे ! स्वच्छंद गोद में प्रकृति की, होती थीं अनगिन क्रीडाएँ ! सुख से पटी दिल की जमीं... Hindi · कविता 2 640 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 24 Nov 2016 · 1 min read तुम हो चाँद गगन के..... मनमोहक ये छवि तुम्हारी इस मन में बसा ली है ! पल पल जपता नाम तुम्हारा दिल बन गया पुजारी है ! बेवफा ना हमें तुम मानो हमें बस लगन... Hindi · कविता 1 434 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 24 Nov 2016 · 1 min read अपनी जमीं पर..... आसमां-सा ऊँचा उठकर झिलमिल सपनों में खो जाऊँ ! अपनों की ही आर्त पुकार एक बधिर वत् सुन न पाऊँ ! सागर - सी गहराई पाकर अपने सुख में डूबूँ... Hindi · कविता 1 200 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 24 Nov 2016 · 1 min read तेरी शुभ्र धवल मुसकान मेरे गम के तम पर तेरी, शुभ्र धवल मुस्कान ! चाँदनी बिखर जाती है, ज्यों अँधेरी रात में ! स्वप्न सुनहरे आ ह्रदय में, गम के बादल देते चीर !... Hindi · कविता 2 382 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 24 Nov 2016 · 1 min read तेरी- मेरी एक कहानी तेरी-मेरी एक कहानी --- विरह की देखो तोप दगी है दिल में बादल के चोट लगी है ! नेत्रमय हो गया तन सारा अश्कों की कैसी झड़ी लगी है !... Hindi · कविता 2 2 577 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 23 Nov 2016 · 1 min read तेरे बिना दिल कहीं न लागे तेरे बिना ! सुख सुख ना लागे तेरे बिना !! अब मेरा इस पर जोर कहाँ ! जाने कहाँ ये भागे तेरे बिना !! भोजन में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 531 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 23 Nov 2016 · 1 min read मन मेरे तू, सावन-सा बन... मन मेरे तू सावन-सा बन ! मृदुल मधुर भावों से अपने, कर दे जग को पावन-पावन। मन मेरे तू, सावन-सा बन ! मिट जाए चाहे तेरी हस्ती। हरी-भरी हो जग... Hindi · कविता 1 516 Share डॉ.सीमा अग्रवाल 10 Nov 2016 · 1 min read 500 और 1000 के नोट बंद होने पर - कैसी विवशता आई, खुल गयी भरी तिजोरी पाई- पाई निकल गयी जोड़ी जो चोरी- चोरी जोड़ी जो चोरी-चोरी, खुल गयी उसकी पोल मोदी जी क्या समझेंगे, गाढ़ी कमाई का मोल... Hindi · कविता 1 306 Share Previous Page 11