जगदीश लववंशी Language: Hindi 531 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 11 जगदीश लववंशी 3 Jun 2017 · 1 min read इंसानियत इंसान इंसान कहाँ गई तेरी इंसानियत, क्यो रौंद रहा, तुझसे शर्मसार कायनात, मीठे शब्दों का क्यों पड़ रहा अकाल, खो रहा संयम, स्वयं बन रहा काल, देख जरा अपनी संस्कृति... Hindi · कविता 487 Share जगदीश लववंशी 2 Jun 2017 · 1 min read मेरे आराध्य आराध्य बिना कविता अधूरी, भावों ने बना ली अब दूरी, मन नहीं जाता क्षितिज पार, उनके बिना छाया अंधकार, आराध्य ही हैं मेरी कविता, उसमे दिखती मेरी वनिता, करता हूं... Hindi · कविता 1 2 440 Share जगदीश लववंशी 28 May 2017 · 1 min read स्मृतियाँ लिखना नहीं मेरा शौक, जागना नहीं नींद रोक, मन में होती है हलचल, दिल कहता हैं पल पल, थोड़ा याद कर ले भूत, लेखनी को बना ले दूत, उठते भावो... Hindi · कविता 207 Share जगदीश लववंशी 28 May 2017 · 2 min read कृष्ण श्रीकृष्ण ।।।1।।। यादवो के सिरमौर, धारण कर मुकुट मौर, जिनके करते सब दर्शन, वो हैं धारी चक्र सुदर्शन, जब जब बने प्रभु धर्म के रक्षक, तब तब किया अधर्म का... Hindi · कविता 323 Share जगदीश लववंशी 22 May 2017 · 1 min read नशा नशा नाश की निशानी, नित्य निशा नशेड़ी नचता, नर नोचता नर, नर नीचता, नगर नगर निकलता नजराना, नजर नजर नीरस नोटंकी, नाम निपटता जीवन होता नीरस, घर परिवार टूटता, सुख... Hindi · कविता 257 Share जगदीश लववंशी 20 May 2017 · 1 min read निशा रोज आती हैं निशा, लेकर नया नशा, रोज जाती हैं निशा, देकर नई दिशा, सारे गमो को अपने में छुपा देती, सपनो में खुशियों से सजा देती, राजा को रंक... Hindi · कविता 435 Share जगदीश लववंशी 20 May 2017 · 1 min read गुरु की महिमा गुरु सेवा अति महान, ज्ञान देते सारा जीवन, भटको को दिखाते राह, नही उनकी कोई चाह, जहाँ पड़े गुरु की रज, बन जाये वो भूमि ब्रज, सारा जीवन परहित में... Hindi · कविता 658 Share जगदीश लववंशी 18 May 2017 · 1 min read प्रेयसी कितना अच्छा हैं तुम्हारा चरित्र, मन से नहीं मिटता तुम्हारा चित्र, प्यार और स्नेह कि तुम हो मूरत, कितनी भोली हैं तुम्हारी सूरत, जब मैंने तुमको देखा था , सच्चा... Hindi · कविता 373 Share जगदीश लववंशी 14 May 2017 · 1 min read मेरी माँ माँ वह शब्द हैं, जिसके आगे सभी शब्द, निःशब्द हैं । शब्द भी कम पड़ जाते हैं, जब माँ की महिमा सुनते हैं, धरा पर ममता का रूप हैं, देवी... Hindi · कविता 235 Share जगदीश लववंशी 13 May 2017 · 1 min read बदलाव पहर पहर बीता जाए, जहर जहर घुलता जाए, हो रही प्रदूषित हवाएँ, अब बिक रही दुआएँ, मन भी मैला तन भी मैला, जन हो रहा आज अकेला, छोड़ रहा साथ... Hindi · कविता 520 Share जगदीश लववंशी 4 May 2017 · 1 min read गांधार सुता गांधार सुता गांधारी, अपनी किस्मत से हारी, भीष्म ने गांधार को जीता, छूट चला जहाँ बचपन बीता, पिता नतमस्तक कुरुओं के सम्मुख, बन महारानी कैसे दिखलाऊ मुख, मेरे सम्मान को... Hindi · कविता 535 Share जगदीश लववंशी 14 Apr 2017 · 1 min read बारिश क्याे इस बरस, रही हाे इतनी बरस, बहुत हुआ,बरसकर अब मत बरस, नही बरसती ताे तरसते, इस बरस, बरसाकर तरसा रही हाे, इस बरस, नही भूले बारिस जाे हुई पिछले... Hindi · कविता 458 Share जगदीश लववंशी 4 Apr 2017 · 1 min read श्री राम अधर्म को मिटाने, धर्म को बढ़ाने,धरा पर राम आये, रघुकुल के नायक, दशरथ के नंदन, सबके मन को भाये, चैत्र मास शुक्ल पक्ष नवमी तिथि मध्य दिवस था पावन, धरा... Hindi · कविता 264 Share जगदीश लववंशी 2 Apr 2017 · 1 min read मन व्यथित हो रहा हैं मन, विश्रान्त नही हैं तन, फैला कैसा यह भ्रम, भूल रहे हैं सब ब्रह्म, मुट्टी भर हैं यह काया, पाल रहे अनंत माया, छोड़ देता साया... Hindi · कविता 214 Share जगदीश लववंशी 25 Mar 2017 · 1 min read नव वर्ष ।।। अग्रिम बधाइयाँ, सबका हो शुभ नव वर्ष ।।। जब आम में आये बोर, हवा करने लगे अति शोर, बसंत खिलने लगे चहुँओर, खुशियों से झूम उठे भौर, जब जन... Hindi · कविता 450 Share जगदीश लववंशी 19 Mar 2017 · 1 min read जिंदगी जिंदगी धूप भी हैं, जिंदगी छावं भी हैं, खुशियों का मेला हैं, कभी विदाई की बेला हैं, बहुत यहाँ रस्मे हैं, बहुत यहाँ कसमे हैं, कोई नहीं यहाँ कम हैं,... Hindi · कविता 295 Share जगदीश लववंशी 18 Mar 2017 · 1 min read किताब वह मेरी किताब हैं, वह मेरा ख़िताब हैं, वह सबसे निराली हैं, वह हमें रबसे मिली हैं, आवाज उसकी सुरीली हैं, वह मेरी प्यारी सहेली हैं, रहता हूं उसी में... Hindi · कविता 479 Share जगदीश लववंशी 17 Mar 2017 · 1 min read बचपन की होली कहाँ हैं बचपन की वो होली, साथ खेलने वाली हमजोली, उछल कूद करनेवाली मस्ती, कहाँ गयी वो प्रेम की कस्ती, याद आते वो मिट्टी के खिलौने, प्यारे प्यारे मेरे साथी... Hindi · कविता 1k Share जगदीश लववंशी 15 Mar 2017 · 1 min read रंग गली में शोर हैं, रंगीन हर छोर हैं, नया एक दौर हैं, खिल उठा भौर हैं, हुरयारो का बरपा कहर हैं, अभी बीता एक पहर हैं, रंग में डूबा पूरा... Hindi · कविता 433 Share जगदीश लववंशी 10 Feb 2017 · 1 min read जीवन कैसा है यह जीवन, कितने है यहाँ बंधन, उलझे है यहाँ रिश्ते, सुख चैन नहीं सस्ते, क्यों बढ़ती है धड़कन, कितनी है अब अनबन, पग पग पर है संकट, हर... Hindi · कविता 488 Share जगदीश लववंशी 6 Feb 2017 · 1 min read साथ चले हम चले, साथ चले, नेकी कर,दरिया पार चले, हाैसला है इतना, कि गगन छूले, आजादी की अलख, काे हम न भूले, समय है बदलाव का, दिखलाना है एकता, संगठन के... Hindi · कविता 185 Share जगदीश लववंशी 5 Feb 2017 · 1 min read घटोत्कच चलता हूँ आज रण मे, दिखलाता हूँ अपना काैशल, कैसे मारा मेरे अनुज काे, बताता हूँ अपना बल, काैन है ऐसा काैरव, जाे आज करेगा भीम पुत्र का सामना, देखूंगा... Hindi · कविता 423 Share जगदीश लववंशी 5 Feb 2017 · 1 min read सात्यिकी अर्जुन का है शिष्य वाे, कृष्ण का है दुलारा वाे, वृष्णिवंशियाे की है शान, युद्ध मे लड़कर रखा है मान, कृतवर्मा का विराेधी है प्रबल, सत्य का जिसकाे मिला है... Hindi · कविता 350 Share जगदीश लववंशी 3 Feb 2017 · 1 min read कौरव सभा था सभा मे सन्नाटा, सब थे खड़े माैन, आकर नारी की बचाये लाज काैन, कर्ण विकर्ण दाेनाे कर रहे थे विराेध, पाण्डवाे मे जाग उठा था भारी क्राेध, दुःशासन का... Hindi · कविता 234 Share जगदीश लववंशी 3 Feb 2017 · 2 min read अभिमन्यु सत्य की पताका अब पहरायेगी, अधर्मियाे का नाश हाेगा, धर्म की जय हाेगी, आज आ गया युद्ध में, वह चंद्रमा का अंशी, उम्र अभी १६ थी, वह वीर था चंद... Hindi · कविता 358 Share जगदीश लववंशी 30 Jan 2017 · 1 min read माटी अपना देश, अपनी माटी, अपनी धरा और घाटी, आती है याद सात समुदंर पार से, मिलने काे दिल करता है बचपन के यार से, यहाँ धन है दाैलत है, पर... Hindi · कविता 205 Share जगदीश लववंशी 30 Jan 2017 · 1 min read दुनियां दुनिया है एक छलनी, कब काैन किसे छल जाये, प्यार है बड़ा अनमोल, कब काैन इससे पिघल जाये, लाखाे है यहाँ जाे घूमते, प्यार का लेकर झाेला, प्यार के है... Hindi · कविता 292 Share जगदीश लववंशी 11 Jan 2017 · 1 min read बेटियां मंदिर मस्जिद टेका माथा, कर मिन्नतें सबको साधा, तब….. एक छोटी सी नन्ही कली, मेरे घर आँगन में खिली, लाई संग खुशियां हजार, जीवन में आयी नई बहार, वो हैं... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1k Share जगदीश लववंशी 11 Jan 2017 · 1 min read हिंदी.... वतन पुकारता है हिन्दी हिन्दी, हिन्दुस्तान के माथे की बिन्दी, सबसे निराली, है सबसे मीठी, सबकी प्यारी, वाे दिलाे मे बैठी, अनगिनत बाेलियाे काे समाए, प्यार से सबकाे अपना बनाए,... Hindi · कविता 251 Share जगदीश लववंशी 10 Jan 2017 · 2 min read बलराम द्वापर में जब पाप बड़ा, धरा पर भारी, आये शेष नाग ,रख रूप मनुष्य धारी, त्रेता में अनुज बनकर, तुम चले संग राम, अतुलित बाहु बल, इस युग के हों... Hindi · कविता 1k Share जगदीश लववंशी 10 Jan 2017 · 1 min read बेटियां मंदिर मस्जिद टेका माथा, कर मिन्नतें सबको साधा, तब..... एक छोटी सी नन्ही कली, मेरे घर आँगन में खिली, लाई संग खुशियां हजार, जीवन में आयी नई बहार, वो हैं... Hindi · कविता 859 Share Previous Page 11