Minal Aggarwal 1149 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 11 Next Minal Aggarwal 29 Nov 2021 · 1 min read विकल्प मुझे भगवान के दर्शन की आस नहीं मुझे मेरे मां बाप जैसे प्यार की चाह है भगवान ढूंढने से मिल जायेंगे पर इस संसार में मां बाप सा प्यार करने... Hindi · कविता 286 Share Minal Aggarwal 29 Nov 2021 · 1 min read जिम्मेदारी का बोझ उठाने का शौक कुछ लोगों को किसी की जिम्मेदारी का बोझ अपने सिर उठाने का बेवजह ही शौक होता है कोई बोलना चाहे या न चाहे उनके पीछे वह ऐसे लगे रहते हैं... Hindi · कविता 1 1 297 Share Minal Aggarwal 29 Nov 2021 · 1 min read यह मन एक दुख का कलश यह मन एक दुख का कलश है जो भरा रहता है आंसुओं से कभी खाली नहीं होता छलक जाता है तो फिर भर जाता है दुख बन गया है जैसे... Hindi · कविता 2 1 496 Share Minal Aggarwal 28 Nov 2021 · 1 min read वह आदमी न पहले न बाद में जब कोई जिन्दा होता है उससे मिलते नहीं जब वह मर जाता है तो सबसे कहते फिरते हैं कि बहुत अच्छा आदमी था वह उनकी बहुत याद आती है झूठ... Hindi · कविता 1 1 175 Share Minal Aggarwal 28 Nov 2021 · 1 min read मुझे पहली सी तपिश नहीं देता कब से ऐ सूरज तू रोज निकलता है पर मुझे पहली सी तपिश नहीं देता तू बदल गया है या मैं कहीं गुम गई हूं कि तू मुझे हर कोने... Hindi · कविता 1 1 412 Share Minal Aggarwal 28 Nov 2021 · 1 min read दिल में तीर सी कभी तो कोई बात ऐसी करे कोई कि दिल खुश हो जाये सीधे दिल से निकली और दिल में तीर सी उतरती मासूम बातों को सुने एक अरसा बीत गया... Hindi · कविता 1 314 Share Minal Aggarwal 27 Nov 2021 · 1 min read सवाल पर सवाल सवाल पर सवाल मैं कहां से दूं इनके जवाब जब मुझे जीवन का अनुभव ही नहीं तो मैं कैसे हल करूं इससे जुड़ी पहेलियां बेहिसाब। मीनल सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार... Hindi · कविता 1 206 Share Minal Aggarwal 27 Nov 2021 · 1 min read समझ आने पर तो जीवन सरलता से कटता है नासमझी से समझ आने पर तो यह शूल सा चुभता है जीवन की आखिरी सांस तक। मीनल सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज सासनी... Hindi · कविता 1 185 Share Minal Aggarwal 27 Nov 2021 · 1 min read खुद के ही दुश्मन विष भरा होता है कुछ लोगों के मन में इतना कि अमृत की एक बूंद को रखने का भी उसमें स्थान नहीं होता ऐसे लोग जो हों खुद के ही... Hindi · कविता 353 Share Minal Aggarwal 26 Nov 2021 · 1 min read इतना बड़ा बहरूपिया जीवन को परिभाषित करना कितना कठिन कार्य है एक पल में न जाने कितने तो रूप बदलता है इतना बड़ा बहरूपिया है कि बस पूछो मत कुछ भी बताऊं कैसे... Hindi · कविता 198 Share Minal Aggarwal 26 Nov 2021 · 1 min read तन्हा नहीं गौर से देखना कभी कोई तन्हा नहीं होता चांद के साथ होती है सदैव चांदनी सूरज के साथ उसका प्रकाश आसमान के साथ बादल तो बादल के साथ उसका रंग... Hindi · कविता 1 362 Share Minal Aggarwal 26 Nov 2021 · 1 min read यादों के सायों को लेकर यादों के सायों को लेकर फिरने लगी हूं दिन भर अपने साथ साथ ताकि रात को चैन की नींद सो पाऊं थक गई तो अगली सुबह यादों का बोझ उठा... Hindi · कविता 329 Share Minal Aggarwal 25 Nov 2021 · 1 min read अपना घर भी अब अपना घर भी अब पराया सा लगता है भटकता रहता है मन इस घर में रहने वाला हर शख्स महज एक साया सा लगता है महफिल सी जुड़ी रहती है... Hindi · कविता 405 Share Minal Aggarwal 25 Nov 2021 · 1 min read कुछ लोग मुझे कुछ लोग मुझे हंसने ही नहीं देते रोने भी नहीं देते जीने नहीं देते पर मरने भी नहीं देते मुझसे रिश्ता तोड़ते नहीं तो जोड़ते भी नहीं मुझसे मुंह मोड़ते... Hindi · कविता 1 272 Share Minal Aggarwal 25 Nov 2021 · 1 min read गुलाब की टहनी से लिपटे गुलाब को गुलाब की टहनी से लिपटे गुलाब को कांटों का दर्द नहीं मिलना चाहिए साथ उनका बेशक मिलता रहे पर उन जैसा जीवन नहीं मिलना चाहिए ऐसा हुआ ना कभी तो... Hindi · कविता 1 662 Share Minal Aggarwal 24 Nov 2021 · 1 min read गुमनाम होने से गुमनाम होने से मुझे बचा लो कोई मुझे आवाज दो मेरा नाम लेकर मुझे प्यार से पुकारो दौलत, शोहरत, ऐशो आराम यह संसार कुछ नहीं चाहिए मुझको मैं किसी की... Hindi · कविता 203 Share Minal Aggarwal 24 Nov 2021 · 1 min read मंजिल पर किसी का अक्स है मंजिल पर किसी का अक्स है मेरा तो नहीं है मेरे पैरों के नीचे तो जमीन थी जिन रास्तों पर मैं चल रही थी वह थी क्या अब मेरा नहीं... Hindi · कविता 420 Share Minal Aggarwal 24 Nov 2021 · 1 min read दरिया और चांद रात्रि में एक दरिया एक चमकीली नीली रेखा सा शांत चित्त से बह रहा आकाश का पीला चांद उसमें तैर रहा एक फूल की छवि सा दरिया बह रहा पर... Hindi · कविता 180 Share Minal Aggarwal 23 Nov 2021 · 1 min read ईश्वर की कृपा अगला पल क्या लेकर आ रहा है हृदयाघात या कोई सौगात कोई नहीं जान सकता कोई कुछ इस विषय में नहीं बता सकता लेकिन जो कुछ भी हे मनुष्य तू... Hindi · कविता 422 Share Minal Aggarwal 23 Nov 2021 · 1 min read मन के भीतर मन के भीतर बहुत खुश है मन के बाहर कुछ खास कुछ महत्वपूर्ण कुछ बहुमूल्य नहीं मिलता सारा खजाना तो मन के भीतर दबा है इस संसार में तो पत्थर... Hindi · कविता 274 Share Minal Aggarwal 23 Nov 2021 · 1 min read आस्था का दीपक न यह दीपक कभी बुझेगा न मेरे घर में कभी अंधेरा होगा यह आस्था का दीपक है एक बार जो जल जाये तो फिर इसे बुझाना मुश्किल है। मीनल सुपुत्री... Hindi · कविता 394 Share Minal Aggarwal 22 Nov 2021 · 1 min read मेरे माधव नीला आसमान है भूरी है मिट्टी हरा है उपवन पीला है मन का बन मोर मुकुट पहन अपनी बंसी की मधुर धुन जरा सुनाओ तो मेरे माधव कि बन बन... Hindi · कविता 217 Share Minal Aggarwal 22 Nov 2021 · 1 min read एक पेड़ की डाल सा हिलाकर हे प्रभु जब मैं तुम्हारा ही एक अंश हूं तो तुम्हें यहां वहां कहां ढूंढती हूं तुम हो तो मेरे तन में मन में कण कण में याद दिला दिया... Hindi · कविता 193 Share Minal Aggarwal 22 Nov 2021 · 1 min read अपनी छाप अच्छाई करो या बुराई सब यहीं रह जानी है साथ जायेगा तू अकेला ही कुछ नेकी करेगा तो अपने से जुड़े लोगों के दिलों में अपनी छाप तो फिर जरूर... Hindi · कविता 295 Share Minal Aggarwal 21 Nov 2021 · 1 min read प्रेम का गीत मेरा क्या है मैं तो प्रेम का कोई भी गीत गुनगुनाती रहूंगी तुम्हें आकर मुझे रोकना होगा नहीं तो मैं कहीं की कहीं निकल जाऊंगी तुम्हें बहुत पीछे छोड़ते हुए।... Hindi · कविता 402 Share Minal Aggarwal 21 Nov 2021 · 1 min read तुमने मुझे मेरा नाम लेकर पुकारा तुमने मुझे मेरा नाम लेकर पुकारा बहुत अच्छा लगा मैं तो उम्र के इस पड़ाव पर अपनी पहचान ही खोती जा रही थी तुमने मुझे इतनी आत्मीयता से सम्मानपूर्वक प्रेमपूर्वक... Hindi · कविता 384 Share Minal Aggarwal 21 Nov 2021 · 1 min read प्राण त्याग दूं कुछ भी तो बुरा मेरे साथ नहीं हुआ फिर भी दम से निकले जाते हैं अभी तो बस यह सब दूसरों के साथ होता देखा है सुना है महसूस किया... Hindi · कविता 358 Share Minal Aggarwal 20 Nov 2021 · 1 min read कुछ जीवन इस जीवन में लोग न जाने क्या खाते हैं क्या पीते हैं कि पत्थर के बन जाते हैं काश मेरे साथ भी ऐसा हो पाता इस दुनिया से विदा लेने से पहले मैं... Hindi · कविता 163 Share Minal Aggarwal 20 Nov 2021 · 1 min read मंजिल का पता कितनी भी जोर से क्यों न उछालो गेंद वापिस आसमान से आती तो जमीन पर ही है लाख भटक लो इस दुनिया के रास्तों, गलियों और चौराहों पर मंजिल का... Hindi · कविता 254 Share Minal Aggarwal 20 Nov 2021 · 1 min read मोहब्बत का दीया कहीं नफरत की आंधियों के चलते मेरे दिल में जलता मोहब्बत का दीया कहीं किसी रोज बुझ न जाये हे ईश्वर मैं तो तेरी ही शरण में आ रही हूं इस... Hindi · कविता 1 539 Share Minal Aggarwal 19 Nov 2021 · 1 min read उनकी सच्चाई करीब आने की कोशिश करती हूं कुछ लोगों से जुड़ने का लगातार प्रयत्न करती हूं पर अन्ततः असफल होती हूं सच तो यह है कि उनकी सच्चाई सच में बिल्कुल... Hindi · कविता 342 Share Minal Aggarwal 19 Nov 2021 · 1 min read कहने को फूलों का बाग था पर कहने को फूलों का बाग था पर उसमें एक भी फूल नहीं सब कांटे थे फूल लगता है सब पिरो दिये किसी माला में चढ़ा दिये प्रभु के चरणों में... Hindi · कविता 236 Share Minal Aggarwal 19 Nov 2021 · 1 min read कुछ लोग मरते नहीं कुछ लोग मरते नहीं उन्हें मारा जाता है यह गुनाह साबित करें तो इस मुकदमे का फैसला अपने ही अजीजों के खिलाफ जाता है सब कुछ जानते हुए भी अब... Hindi · कविता 211 Share Minal Aggarwal 18 Nov 2021 · 1 min read जो समय के साथ आ रही है वह मेरी तरफ कुछ देर ठहरेगी मेरे पास फिर वापिस जाने के लिए इस जीवन में कुछ ठहरता नहीं सब चलता रहता है बहता रहता है गतिमान... Hindi · कविता 1 534 Share Minal Aggarwal 18 Nov 2021 · 1 min read अपने ही घर सा घर तो बहुत है इस संसार में पर मेरे घर का रास्ता जुड़ता कुछ ही घरों से जहां होता मेरा स्वागत और लगता वह अपने ही घर सा बन्धन में... Hindi · कविता 225 Share Minal Aggarwal 18 Nov 2021 · 1 min read उपेक्षित मैं ही रास्ता हूं मैं ही हूं मंजिल मैं ही एक रोशन सवेरा मैं ही एक दिल में घर करता घुप अंधियारा जीवन मेरा है तो सांसे भी मेरी ही... Hindi · कविता 311 Share Minal Aggarwal 17 Nov 2021 · 1 min read घर से उठकर घर से उठकर चलती हूं भारी मन से कहीं भटकने के लिए निकलती हूं किसी से मिलने के लिए मन कुछ हल्का होता है वापिस अपने गंतव्य स्थान के लिए... Hindi · कविता 408 Share Minal Aggarwal 17 Nov 2021 · 1 min read दिन मूंद गया दिन मूंद गया मैं आंख खोले अब भी खड़ी हूं अपनी गली के घर के दरवाजे पर सांझ ढलते ही न जाने मुझे किसका इंतजार होता है सूरज के डूबने... Hindi · कविता 319 Share Minal Aggarwal 17 Nov 2021 · 1 min read सूरज सांझ को पहले जाने नहीं देता था सूरज सांझ को अपने घर से अब जाने देता है चूंकि अब जान लिया है उसने कि उसे भी हर सांझ को जाना है उसका... Hindi · कविता 381 Share Minal Aggarwal 16 Nov 2021 · 1 min read लकड़ी की डाल से चिपकी एक लकड़ी का फूल थी मैं लकड़ी की डाल से चिपकी एक लकड़ी का फूल थी मैं जैसी भी थी पर खुद को पहचानती एक दर्पण में झांकती यह कोई और नहीं खुद मैं थी मैं... Hindi · कविता 310 Share Minal Aggarwal 16 Nov 2021 · 1 min read दुख की घड़ी में अपनों की जब आवश्यकता पड़ी तो सब के सब सिर पर पांव रखकर दुम दबाकर भाग खड़े हुए अब न जाने यह कहां से नये नये चेहरे नये नये रिश्ते... Hindi · कविता 1 1 203 Share Minal Aggarwal 16 Nov 2021 · 1 min read चिथड़ा आदमी की कीमत आज की तारीख में एक चिथड़े से ज्यादा कुछ नहीं फर्क बस इतना भर पड़ता है कि कोई चिथड़ा सोने के धागों से कोई चांदी के तो... Hindi · कविता 518 Share Minal Aggarwal 15 Nov 2021 · 1 min read वह कांच का एक नुकीला टुकड़ा ही है हर बात जब किसी की चुभे तो वह कांच का एक नुकीला टुकड़ा ही है जो तुम्हारी हत्या भी नहीं करता पर तुम्हें सहजता से जीने भी नहीं देता ऐसे... Hindi · कविता 178 Share Minal Aggarwal 15 Nov 2021 · 2 min read मन मन में शांति है तो मन एक मंदिर है मन में अशांति है तो मन रेगिस्तान में उठा एक बवंडर है मन किसी के मन से जुड़ा है तो प्यार... Hindi · कविता 392 Share Minal Aggarwal 15 Nov 2021 · 1 min read एक कंचे की सांस सा मोहब्बत जहर का एक प्याला है जिसने पीया उसे खुद के दिल से दूर चले जाना है मरना नहीं है मौत के झूले में झूलते झूलते जीना है जीना नहीं... Hindi · कविता 403 Share Minal Aggarwal 14 Nov 2021 · 1 min read एक हरा पत्ता आज मैं दोपहर में गुनगुनी धूप में अपने घर की छत पर चहलकदमी कर रही थी न जाने कहां से एक हरा पत्ता मेरी ही तरह तन्हा और कुछ कुछ... Hindi · कविता 1 274 Share Minal Aggarwal 14 Nov 2021 · 1 min read यह संसार आत्माओं का मेला है एक परिन्दा कहीं बैठा हुआ उड़ा उड़ता हुआ कहीं बैठा आत्मा भी उड़ती है ऐसे ही पुराना शरीर छोड़कर और बैठती है प्रवेश करती है धारण करती है नये शरीर... Hindi · कविता 360 Share Minal Aggarwal 14 Nov 2021 · 1 min read अनाथ जब जिन्दा थे अपने मां बाप को तब भी अब मर गये तो अब भी इसने अपने मां बाप को कभी पूछा ही नहीं उनकी कदर कभी करी ही नहीं... Hindi · कविता 317 Share Minal Aggarwal 13 Nov 2021 · 1 min read जो आदमी यह कहे हर बात का जीवन में अंत हो जाता है पर शुरुआत कभी नहीं होती जो आदमी यह कहे कि मैं सब कुछ सीखा सिखाया पड़ा हूं मुझे कुछ सीखने की... Hindi · कविता 1 1 178 Share Minal Aggarwal 13 Nov 2021 · 1 min read थोड़ी देर को कोई जो आता है थोड़ी देर को ही सही कोई जो आता है घर का दरवाजा खटखटाता है दिल में सो रही संवेदनाओं को जगाता है प्यार का अमृतपान सा करवाता है संजीवनी बूटी... Hindi · कविता 1 1 156 Share Previous Page 11 Next