ओनिका सेतिया 'अनु ' Language: Hindi 1908 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 11 Next ओनिका सेतिया 'अनु ' 24 Feb 2022 · 1 min read सोच सोच में फर्क एक माता -पिता की नज़र में यदि उनकी बेटी राजकुमारी होती है, तो सास -ससुर की नज़र में उनकी वधु रानी क्यों नहीं हो सकती । क्या ही अच्छा हो... Hindi · लेख 3 2 180 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 24 Feb 2022 · 1 min read गद्दारी रहना -खाना मेरे भारत में , और गुणगान दुश्मन देश का करना । वाह खूब आता है तुम्हें जिस थाली में खाना उसी में छेद करना । Hindi · शेर 1 2 241 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 24 Feb 2022 · 1 min read वतन का अज़ार जाने क्या मेरे वतन को हो गया आजार। सिसकता है,रोताहै,तड़पता है बार-बार। ज़ख़्मी है वोह बड़ा अपनों के दिए नश्तरों से , खुदाया एक बार तो सुन लो टूटे हुए... Hindi · शेर 1 2 130 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 24 Feb 2022 · 1 min read कश्मीर : हमारे देश के सर का ताज कश्मीर मेरे वतन के सर का ताज है , काट दिए जायेंगे तुम्हारे हाथ , हाथ बढ़ा के तो देखो । छीन ली जाएगी वोह जुबां , गर मेरे वतन... Hindi · मुक्तक 1 2 343 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 23 Feb 2022 · 1 min read किराए के भक्त खुदा जाने यह सियासतदानों ने , कैसा चलन बनाया है। अपनी गिनी चुनी उपलब्धियों और तारीफों , के लिए एक मजमा बनाया हुआ है । और उस मजमें में चंद... Hindi · कविता 1 2 328 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 23 Feb 2022 · 1 min read चिकने घड़े प्रहार पर प्रहार करते है एक दूसरे पर , फिर भी घायल यह होते नहीं । शर्मसार तो होते रहते हैं नित्य प्रति अपराधों से , मगर चेतन्य फिर भी... Hindi · कविता 4 156 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 23 Feb 2022 · 1 min read संयम जरूरी है ... सदा तिल का ताड़ मत बनाया कीजिए , समस्याओं को अतिशीघ्र सुलझा लिया कीजिए । बढ़ता है जब मसला तो अजाब बन जाता है , बैर क्रोध का अचार या... Hindi · मुक्तक 2 335 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 22 Feb 2022 · 1 min read असली गुरु और नकली गुरु में अंतर सच्चे गुरु व् नकली गुरु में निम्नलिखित अंतर होता है .-- १, सच्चा गुरु दीन भाव से रहता है ,जबकि नकली गुरु अकड़े रहता है . २, सच्चा गुरु खुद... Hindi · लेख 4 4 632 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 22 Feb 2022 · 2 min read रोमन लिपि का उपयोग क्यों ? हमारी प्यारी राष्ट्र-भाषा हिंदी की पहचान और उसकी सुंदरता उसके वास्तविक रूप से ही है , देवनागरी लिपि हमारी हिंदी की आत्मा है. उसका जीवन है . अंग्रीज़ी के मशहूर... Hindi · लेख 1 2 317 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 22 Feb 2022 · 1 min read शर्म करो ... शर्म करो ... तुममें है बस इतनी क़ाबलियत , की तुम्हें बस हंगामा करना आता है,। तोड़-फोड़कर ,आगजनी कर, राष्ट्रिय संपत्ति का नुकसान करना आता है,। आरक्षण के बहाने ज़रुरतमंदों... Hindi · कविता 1 2 238 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 21 Feb 2022 · 2 min read और कालू चला गया ... पुण्यात्मा था वो , कुछ हटके था उसका आचरण । और कोई लालच नहीं , बस चंद बिस्कुट खाने को धरता था चरण । और कभी घूमते घामते , आ... Hindi · कविता 1 2 304 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 21 Feb 2022 · 1 min read गृहणी का वेतन गृहणियों को नहीं मिलता , अपनी सेवा और त्याग के बदले , वेतन कोई । पति और संतान का प्रेम , उनकी देखभाल , उनके चेहरों की मुस्कान , और... Hindi · कविता 1 303 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 21 Feb 2022 · 1 min read माता पिता का सहारा बनो .. चार पैसे क्या कमा लिए , रुतबा इतना ऊंचा हो गया ! घर में माता पिता का दखल , नागवार ,नापसंद हो गया । दो पीढ़ियों के वैचारिक भेद ,... Hindi · कविता 3 3 967 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 19 Feb 2022 · 1 min read कुपथ आजकल दूध का धुला कौन है , सब जन है कीचड़ से लथपथ । बातें करें बड़े धर्म कर्म की , मगर चलें सदैव यह कुपथ । Hindi · मुक्तक 2 191 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 19 Feb 2022 · 1 min read कपटी की संगत बड़ी दुखदाई ह्रदय परिवर्तन नहीं होता आजकल लोगों का , हां ! एक भ्रम सा जगा दिया जाता है गैरों के मन में , के हम सुधर गए ,मगर सुधरे हुए नहीं... Hindi · लेख 232 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 19 Feb 2022 · 1 min read नामुमकिन सा ख्वाब हिजाब पहनकर वजीर ए आजम , बनने की बात कर रही हो । कितनी नादान हो नामुमकिन सा ख्वाब , देख रही हो । Hindi · शेर 204 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 19 Feb 2022 · 1 min read खुदगर्जी या मजहब ! आंखों में हया नहीं , और हिजाब की बात करती हो । ऐ मशरीफ के रंग में रंगी तितलियों ! अपनी खुदगर्जी के दरम्यान मजहब को , क्यों ले आई... Hindi · शेर 168 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 19 Feb 2022 · 1 min read जमाने का हाजमा खराब है भाई !.... आज के ज़माने में शुद्ध चीजें लोगों को रास नहीं आती ।चाहे वो शुद्ध देशी घी ,हो या शुद्ध प्यार । तभी तो शुद्ध देसी खाने से लोगों का हाजमा... Hindi · लेख 1 2 521 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 18 Feb 2022 · 1 min read गृहणी भी एक मनुष्य है ... गृहणी ही करती दिखती सदा , पूरे परिवार की सेवा । मगर मजाल क्या उसे कोई , एक गिलास पानी का भी पिला दे । वही देखभाल करती रहती सबकी... Hindi · कविता 1 2 167 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 18 Feb 2022 · 1 min read गृहणियों की सेवा निर्वति कब ? गृहणियों के हिस्से में क्यों , कभी सेवा निर्विती का समय आता। सारा जीवन उसका गृहकार्य एवं , परिवार की सेवा / कर्तव्य निर्वाह में गुजर जाता । Hindi · मुक्तक 1 2 169 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 17 Feb 2022 · 1 min read संगीत की आत्मा खो गई ... संगीत को महसूस करने की जो , तबियत लोगों में थी कभी । वोह अब रह ना गई। इसीलिए संगीत की समझ भी , लोगों में न रह गई। तभी... Hindi · कविता 284 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 17 Feb 2022 · 1 min read जुबानी जंग प्रतियोगिता चुनावों में वोट पाने की ही नहीं, अपनी जुबान की धार तेज करने की भी चल रही है। कोई कितनी सीमा तक जहर उगल सकता है , ईमान से... Hindi · मुक्तक 2 3 194 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 17 Feb 2022 · 1 min read फूल पौधों से प्यार देखकर दुनिया की असलियत , उससे दिल बेजार हो गया । इसीलिए मेरे अजीज दोस्तों ! हमें फूल पौधों से प्यार हो गया । Hindi · मुक्तक 2 3 354 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 16 Feb 2022 · 1 min read यह परिवर्तन हमें रास नहीं आ रहा ... जाने क्या बात है जो , भारतीय संगीत के वृक्ष से , सभी पुराने पत्ते बारी बारी से क्यों झर रहे है ? यह आगाज तो है परिवर्तन का, मगर... Hindi · कविता 1 140 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 16 Feb 2022 · 1 min read नजरों का हिजाब हिजाब और बुरखा पहनने से बलात्कार , रुकते है तो इसे हर महिला धारण करे । अन्यथा आदर भरी नजर बड़े बुजुर्गों के लिए , और चण्डी जैसे आंखों में... Hindi · मुक्तक 1 2 166 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 15 Feb 2022 · 2 min read कांग्रेस की ढहती इमारत ... जब इमारत के निवासी मान चुके । इसका अंजाम भी वो जान चुके । छोड़ कर जा रहे है बारी बारी सभी , जो अंधकार इसके भविष्य का देख चुके... Hindi · कविता 2 6 370 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 14 Feb 2022 · 1 min read प्रेम की देवी मधु बाला का त्रासदी पूर्ण जीवन प्रेम दिवस पर ही जन्म लिया था मधु ने , मगर प्रेम के लिए यह बाला तरसती रही । गैर तो गैर थे मगर अपनों का सहारा नहीं , किसी... Hindi · मुक्तक 205 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 14 Feb 2022 · 1 min read इकरार ए मुहोबत यूँ तो गुजरने को गुज़र जाती है ज़िदगी, मगर वोह बात कहाँ जो तेरे पहलु में है। दुनिया की मुहोबत बेशक हो साथ मगर, मगर सच्चा इकरार तो तेरे ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 166 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 14 Feb 2022 · 1 min read कोई तो है ...( प्रेम दिवस विशेष ) कोई तो है जो लगता है प्यारा, उसे जानेमन कहने को जी चाहता है। कोई है जो आँखों से दिल में समाया, उसे ही महबूब मानने को जी चाहता है।... Hindi · कविता 366 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 14 Feb 2022 · 1 min read वास्तविक प्रेम दिवस प्रेम दिवस मनाओ तो केवल अपने प्रभु के संग,जो की है तुम्हारे सच्चे मीत . प्रभु के अलावा जो भी रिश्ते है ,वोह है स्वार्थ के मीत . Hindi · कोटेशन 547 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 14 Feb 2022 · 1 min read प्रकृति प्रेम मस्त हवाओं के संग झूमो, पंछियों के संग गुनगुनाओ , पशुओं के संग अठखेलियाँ करो , बादलों के संग लुका- छिपी का खेल खेलो . Hindi · मुक्तक 306 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 14 Feb 2022 · 1 min read देश प्रेम देश रूपी शमा पर जो मिट गए , आज के दिन ज़रा उन परवानों को भी याद कर लो , देखीं होंगी ज़माने में तुमने बहुत से मुहोबतें ,ज़रा इनकी... Hindi · मुक्तक 302 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 14 Feb 2022 · 1 min read प्रेम दिवस की सार्थकता मनुष्य जीवन के आदर्श प्रेम पात्र हैं गुरु,माता पिता व स्वदेश । मेरा प्रेम दिवस समर्पित है इन तीनों को विशेष । Hindi · कोटेशन 224 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 14 Feb 2022 · 1 min read शहीदों का प्रेम दिवस मात्रभूमि पर मरने वालो का हर दिवस है प्रेम दिवस ,जीते मरते है वह जिसके लिए रात्रि - दिवस । Hindi · कोटेशन 1 168 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 14 Feb 2022 · 1 min read प्रेम दिवस पर विशेष " प्यारा देश " मेरी जान वतन , मेरा ईमान वतन , मेरा पहला और आखिरी प्यार वतन । इस प्रेम दिवस पर मेरे देश को शत शत शत नमन ।?? Hindi · मुक्तक 287 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 13 Feb 2022 · 1 min read माता पिता के आहें बद -ज़ुबानी जो करे अपने वालिदेन से , खुदा को वोह नागवार गुज़रती है, जुबां जो दर्द बयां ना करसके , मगर अश्कों के शोले कम नहीं। जिंदगी के हर... Hindi · कविता 1 157 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 13 Feb 2022 · 1 min read कानून के यह कैसे रखवाले उच्च शिक्षा प्राप्त कर कानून के रखवाले ये बने फिरते है । इंसानियत इनमें ज़रा सी भी , नहीं एक मां को इंसाफ के लिए , तड़पाते और तरसाते हैं... Hindi · मुक्तक 240 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 13 Feb 2022 · 1 min read मां के आंसू ए जननी ! तेरी पीड़ा अब सही नहीं जाती । आंखों से बहती खून के आंसुओं की जलधार देखी नहीं जाती , अपनी बेटी के इंसाफ के लिए तेरा गिड़गिड़ाना... Hindi · कविता 1 2 203 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 13 Feb 2022 · 1 min read दुर्भाग्य की पीड़ा जा तन लागी ,वह तन जाने , दुर्भाग्य की पीड़ा , भाग्यशाली क्या जाने ? Hindi · कोटेशन 409 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 13 Feb 2022 · 1 min read दुहाई है दुहाई इंसाफ की दुहाई मात्र पीडितों के हिस्से में आई , और अमानुशो के हिस्से में रिहाई । Hindi · हाइकु 350 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 13 Feb 2022 · 1 min read इंसाफ का तराजू भारत की बेटियों का दर्द लहू बन उनकी आंखों में आ गया , इंसाफ का तराज़ू जबसे , दौलतमंदों के हाथ आ गया । Hindi · मुक्तक 337 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 11 Feb 2022 · 1 min read मूर्खता की हद यह विपक्षी दल बेवजह विरोध करते है । यूं लगता है अपना मानसिक संतुलन खो बैठे है। तभी तो स्कूल / कॉलेज में यूनिफॉर्म नहीं, मूर्ख !बिकनी पहनने की सलाह... Hindi · मुक्तक 2 373 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 11 Feb 2022 · 1 min read कूप मंडूक हिजाब पहनना है तो मदरसे में जाओ , यह स्कूल कॉलेज भारतीयों के लिए है । वोह चढ़ेंगे विकास की बुलंदियों पर , तुम कूप मंडुक रहो वही उचित है... Hindi · मुक्तक 1 191 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 11 Feb 2022 · 1 min read एकता के सुर अपनी डफली अपना राग मत बजाओ , भारतीय हो तो सच्चे भारतीय बनके दिखाओ । एक सुर में एकता के गीत गाकर , राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बन जाओ । Hindi · मुक्तक 2 3 332 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 11 Feb 2022 · 1 min read अंजाम जनता के सारे वोट हुए आप के नाम , दिल्ली भी सारी हुई अब आप के नाम , कुर्सी तो मिल गयी , अब देखते है हम , ५ साल... Hindi · मुक्तक 2 2 204 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 11 Feb 2022 · 1 min read उलझी हुई सांसे इन उलझी -उलझी सांसों से अब हमारा दम घुटता है, इन धडकनों से कह दो की खामोश हो जाएँ । Hindi · शेर 2 2 137 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 11 Feb 2022 · 1 min read तकब्बुर का अंजाम तकब्बुर के सबब सर उठाने वाले मगरूर इंसानों , ज़रा अपना भी गिरेबाँ देखलो । इस दौर-ऐ-जूनून में झुकते आये शहंशाहों के सर , तुम अपना अंजाम भी देख लो... Hindi · शेर 2 4 165 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 11 Feb 2022 · 1 min read नजर से मत गिरो पैमाने से सागर जिस तरह छलकता है कोई , किसी की नज़रों से यूँही गिरता है कोई , संभाला नहीं जाता जिनसे दामन औ ज़मीर , खुदा की नज़र में... Hindi · शेर 2 4 182 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 11 Feb 2022 · 1 min read कज़ा की राह हुनर कोई सिखा दे हमें ज़िन्दगी का , या राह ही दिखा दे क़ज़ा की . हाथ में लेकर ज़हर का प्याला , हमने तो कशमकश में सारी उम्र गुज़ार... Hindi · शेर 241 Share ओनिका सेतिया 'अनु ' 11 Feb 2022 · 1 min read सलीका मुहोबत का वोह कहते है की हमें सलीका नहीं मुहोबत का , तुममें है कितना शहूर ,ज़रा इतना बता दो । ना एहतराम करे गुलिस्तान बहार का , तो वोह भी लौट... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 245 Share Previous Page 11 Next