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हर शक्स की नजरो से गिर गए जो इस कदर
कृष्णकांत गुर्जर
💐प्रेम कौतुक-303💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*दफ्तरों में बाबू का महत्व (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
दुनिया का क्या दस्तूर बनाया, मरे तो हि अच्छा बतलाया
Anil chobisa
"रफ-कॉपी"
Dr. Kishan tandon kranti
*सड़क छोड़ो, दरवाजे बनवाओ (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
मौन
लक्ष्मी सिंह
प्रतिबद्ध मन
लक्ष्मी सिंह
-मंहगे हुए टमाटर जी
Seema gupta,Alwar
त्याग करने वाला
Buddha Prakash
*अच्छे बच्चे (बाल कविता)*
Ravi Prakash
घरौंदा इक बनाया है मुहब्बत की इबादत लिख।
आर.एस. 'प्रीतम'
तू इश्क, तू खूदा
लक्ष्मी सिंह
"भूल जाना ही बेहतर है"
Dr. Kishan tandon kranti
कुछ अलग लिखते हैं। ।।।
Tarang Shukla
तुम्हारी सब अटकलें फेल हो गई,
Mahender Singh
याद आते हैं
Chunnu Lal Gupta
मन बैठ मेरे पास पल भर,शांति से विश्राम कर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हो रही बरसात झमाझम....
डॉ. दीपक मेवाती
हर खिलते हुए फूल की कलियां मरोड़ देता है ,
कवि दीपक बवेजा
भगवान का शुक्र है आपका कोई पैगाम तो आया।
Surinder blackpen
*बादल (बाल कविता)*
Ravi Prakash
बेटियाँ
लक्ष्मी सिंह
दोहे-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
*सरस्वती जी दीजिए, छंद और रस-ज्ञान (आठ दोहे)*
Ravi Prakash
*चाहता दो वक्त रोटी ,बैठ घर पर खा सकूँ 【हिंदी गजल/ गीतिका】*
Ravi Prakash
*राम-विवाह दिवस शुभ आया : कुछ चौपाई*
Ravi Prakash
होली गीत
umesh mehra
अजब दुनियां के खेले हैं, ना तन्हा हैं ना मेले हैं।
umesh mehra
जीवन चक्र में_ पढ़ाव कई आते है।
Rajesh vyas
*आवारा कुत्तों की समस्या 【हास्य व्यंग्य】*
Ravi Prakash
Budhape ki lathi samjhi
Sakshi Tripathi
*लॉकडाउन (लघु कथा)*
Ravi Prakash
आपके आसपास
Dr.Rashmi Mishra
*वृद्ध-आश्रम : आठ दोहे*
Ravi Prakash
रोज मरते हैं
Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे
"पते की बात"
Dr. Kishan tandon kranti
💐अज्ञात के प्रति-91💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*😊 झूठी मुस्कान 😊*
प्रजापति कमलेश बाबू
निज स्वार्थ ही शत्रु है, निज स्वार्थ ही मित्र।
श्याम सरीखे
"कुएं का मेंढक" होना भी
*Author प्रणय प्रभात*
किसी को नीचा दिखाना , किसी पर हावी होना , किसी को नुकसान पह
Seema Verma
जिंदगी, क्या है?
bhandari lokesh
💐प्रेम कौतुक-418💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हाथों में गुलाब🌹🌹
Chunnu Lal Gupta
*रिटायर हो गए तो कौन, साहिब कौन चपरासी (हास्य व्यंग्य मुक्तक
Ravi Prakash
तुममें और मुझमें बस एक समानता है,
सिद्धार्थ गोरखपुरी
Ek galti har roj kar rhe hai hum,
Sakshi Tripathi
दवा की तलाश में रहा दुआ को छोड़कर,
Vishal babu (vishu)
समय बड़ा बलवान है भैया,जो न इसके साथ चले
सुरेश कुमार चतुर्वेदी