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हम जब लोगों को नहीं देखेंगे जब उनकी नहीं सुनेंगे उनकी लेखनी
DrLakshman Jha Parimal

वक्ता का है तकाजा जरा तुम सुनो।
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ

#बड़ा_सच-
*Author प्रणय प्रभात*

2544.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti

दोहे-*
डाॅ. बिपिन पाण्डेय

कहना है तो ऐसे कहो, कोई न बोले चुप।
Yogendra Chaturwedi

प्यार का यह सिलसिला चलता रहे।
surenderpal vaidya

फूल मुरझाए के बाद दोबारा नई खिलय,
Krishna Kumar ANANT

"दो पल की जिंदगी"
Yogendra Chaturwedi

ज्ञानी मारे ज्ञान से अंग अंग भीग जाए ।
Krishna Kumar ANANT

प्रकृति भी तो शांत मुस्कुराती रहती है
ruby kumari

सीपी में रेत के भावुक कणों ने प्रवेश किया
ruby kumari

“जिंदगी की राह ”
Yogendra Chaturwedi

"दिल का हाल सुने दिल वाला"
Pushpraj Anant

2543.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti

"जियो जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti

*खुद को खुदा समझते लोग हैँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत

2542.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti

आसां है चाहना पाना मुमकिन नहीं !
Sushmita Singh

वक्त वक्त की बात है ,
Yogendra Chaturwedi

मुझे इस दुनिया ने सिखाया अदाबत करना।
Phool gufran

2541.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti

Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'

Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'

Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'

#चालबाज़ी-
*Author प्रणय प्रभात*

#दोहा-
*Author प्रणय प्रभात*

*छलने को तैयार है, छलिया यह संसार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash

"जय जवान जय किसान" - आर्टिस्ट (कुमार श्रवण)
Shravan singh

विनम्रता, सादगी और सरलता उनके व्यक्तित्व के आकर्षण थे। किसान
Shravan singh

■ मनुहार देश-हित में।
*Author प्रणय प्रभात*

"चलना और रुकना"
Dr. Kishan tandon kranti

गाँधी हमेशा जिंदा है
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)

आधुनिक भारत के कारीगर
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)

राष्ट्रपिता
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)

जी चाहता है रूठ जाऊँ मैं खुद से..
शोभा कुमारी

#निर्विवाद...
*Author प्रणय प्रभात*

*स्वच्छ गली-घर रखना सीखो (बाल कविता)*
Ravi Prakash

*कभी मिटा नहीं पाओगे गाँधी के सम्मान को*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत

“आँख के बदले आँख पूरी दुनिया को अँधा बना देगी”- गांधी जी
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय

2540.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti

अपनी इस तक़दीर पर हरपल भरोसा न करो ।
Phool gufran

"सुप्रभात "
Yogendra Chaturwedi

हाथ जिनकी तरफ बढ़ाते हैं
Phool gufran

2539.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti

■ कारण कुछ भी हो। भूल सुधार स्वागत योग्य।।
*Author प्रणय प्रभात*

इजाज़त है तुम्हें दिल मेरा अब तोड़ जाने की ।
Phool gufran

वो ख्वाबों में अब भी चमन ढूंढ़ते हैं।
Phool gufran

नीलामी हो गई अब इश्क़ के बाज़ार में मेरी ।
Phool gufran

मौत के बाज़ार में मारा गया मुझे।
Phool gufran