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शाम से दिल में सुलग रहा कोई....
DR.ZAFAR AIROLI
थोड़ा थोड़ा हर शख्श मे पल रहा हूँ मैं ...
DR.ZAFAR AIROLI
बंद होके लिफाफे में,घर आ जाया तो करो ...
DR.ZAFAR AIROLI
सिर्फ तेरी मुस्कान को मैं लिखता रहा ...
DR.ZAFAR AIROLI
पूजा की थाली तुलसी का पत्ता हैं माँ...!!!
DR.ZAFAR AIROLI
चाँदनी नीली रात फिर उफ़ान पे है.....
DR.ZAFAR AIROLI