DR.ZAFAR AIROLI 6 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid DR.ZAFAR AIROLI 6 Nov 2018 · 1 min read पूजा की थाली तुलसी का पत्ता हैं माँ...!!! एक इबादत एक दुआ हैं माँ, मेरी सारी मन्नते मेरा ख़ुदा है माँ, हार जाती हैं जमाने भर की मुश्किले हर उलझन को आसा हैं माँ, क्यो सफ़ेद चादर तूने... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 23 778 Share DR.ZAFAR AIROLI 4 Nov 2018 · 1 min read चाँदनी नीली रात फिर उफ़ान पे है..... जो तेरा ज़िक्र मेरी जुबान पे हैं चाँदनी नीली रात फिर उफ़ान पे है .. . !!! एक बार जो वो गुलबदन गुज़रा था यां से, उसकी खुशबु कबसे मेरे... Hindi · कविता 1 1 248 Share DR.ZAFAR AIROLI 10 Nov 2018 · 1 min read सिर्फ तेरी मुस्कान को मैं लिखता रहा ... बैठ के सुबह शाम को,मैं लिखता रहा , ख़त एक अन्जान को मैं लिखता रहा . नीद कम आंख नम होने लगी , फिर भी ख्याल गुमनाम को मैं लिखता... Hindi · कविता 1 2 433 Share DR.ZAFAR AIROLI 14 Nov 2018 · 1 min read बंद होके लिफाफे में,घर आ जाया तो करो ... रश्मे ख़त कभी कभी निभाया तो करो , बंद होके लिफाफे में,घर आ जाया तो करो ... खुद ही सरका दो पह्लू ,हसीन ज़ानो से, घबरा कर फिर,दांतों तले उंगुलिया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 336 Share DR.ZAFAR AIROLI 19 Nov 2018 · 1 min read थोड़ा थोड़ा हर शख्श मे पल रहा हूँ मैं ... चिता की आग में जल रहा हूँ मै , तेरे मिलने को मचल रहा हूँ मै, एक रोज़ कभी मिली थी फ़ुलो की सेज़, जबकि रोज़ काँटों पर चल रहा... Hindi · कविता 1 1 416 Share DR.ZAFAR AIROLI 7 Dec 2018 · 1 min read शाम से दिल में सुलग रहा कोई.... शाम से दिल में सुलग रहा कोई, बुझती हुई लकड़ियों में पक रहा कोई, हज़ार बार उम्मीद दम तोड़ती रही हैं, फिरभी दस्तक पर सज रहा कोई, यू तो कबसे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 225 Share