नवल किशोर सिंह Tag: Muktak 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid नवल किशोर सिंह 5 May 2024 · 1 min read *श्रमिक* *मुक्तक* कभी गेंती कभी रेती, कभी छेनी चलाता है। अटल गिरिराज को भी वह, सतह तक खींच लाता है। गलाकर हड्डियाँ अपनी, जगत का रूप जो गढ़ता, सजा ऐसी मिली... Hindi · Muktak · कविता 1 1 68 Share नवल किशोर सिंह 5 May 2024 · 1 min read *सम्मान* *मुक्तक* जोर-जोर से चिल्लाना भर, शब्दों में कुछ जान नहीं। बिना तथ्य की मिथ्या बातें, संदर्भों का ज्ञान नहीं। बगुला जैसे श्वेत वसन धर,धीर सभा में हंसों की, बैठ रहे... Hindi · Muktak · कविता · मुक्तक 50 Share नवल किशोर सिंह 5 May 2024 · 1 min read *मतदान करें* *मुक्तक* मातृभूमि उन्नत हो कैसे, आओ इसका संधान करें। सत्ता-लोभी, लंपट जन का, भारत-भू से अवसान करें। मत की कीमत कम मत आँकों, यह तस्वीर बदल देती है, लोकतंत्र का... Hindi · Muktak · कविता · मुक्तक 1 1 75 Share