Tag: कविता
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कत्ल खुलेआम
Diwakar Mahto
गुरु हो साथ तो मंजिल अधूरा हो नही सकता
Diwakar Mahto
आवाज दिल की
Diwakar Mahto
इतनी खुबसुरत हो तुम
Diwakar Mahto
उस चाँद की तलाश में
Diwakar Mahto
मांँ
Diwakar Mahto
किस्तों में सोया है हमने
Diwakar Mahto
गुरु हो साथ तो मंजिल अधूरा हो नही सकता
Diwakar Mahto
कत्ल खुलेआम
Diwakar Mahto
इतनी खुबसुरत हो तुम
Diwakar Mahto
इतनी खुबसुरत हो तुम
Diwakar Mahto
उस चाँद की तलाश में
Diwakar Mahto
मांँ
Diwakar Mahto